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July 3, 2024

Russian foreign minister
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Russian foreign minister : एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच हुई बैठक, कई अहम मुद्दों पर लिया फैसला

Russian foreign minister : रूस भारत को अपना पुराना दोस्त मानता है. खबर है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी 8 जुलाई को रूस के दौरे पर पहुंचेंगे. जहां पर उनकी मुलाकात राष्ट्रपति पुतिन से होनी है. लेकिन इस बीच कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच मुलाकात हुई है. लावरोव से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने युद्ध क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता जाहिर की और साथ ही उनकी सुरक्षित वापसी पर भी जोर दिया. विदेश मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, राजधानी अस्ताना में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. इस मुलाकात के बारे में उन्होंने आगे बताया कि बातचीत के दौरान हमारे बीच द्विपक्षीय साझेदारी और समसामयिकी मुद्दों पर मंथन हुआ. पिछले साल दिसंबर 2023 में हमारे बीच हुई बैठक के बाद कई क्षेत्रों में प्रगति देखी गई है. विदेश मंत्री ने युद्ध के क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को शीघ्र वापस वतन लाने पर भी लावरोव से गहरी चिंता जताई. रूस ने बताया भारत को पुराना और भरोसेमंद दोस्त 1 महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थाई प्रतिनिधि वेसीली नेबेंजिया भारत से घनिष्ठ संबंध को लेकर बड़ी बात कही है. नेबेंजिया के अनुसार रूस भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी वाले संबंध कई दशकों से स्थापित कर रखा है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने भारतीय पीएम मोदी कि रूस की यात्रा को लेकर भी टिप्पणी दी. अगर पीएम मोदी रूस की यात्रा पर जाते हैं तो उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत होंगे. पीएम मोदी अगर 8 जुलाई को रूस की यात्रा पर जाते हैं तो तकरीबन 5 साल के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री रूस का दौरा करेंगे. विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के अपने समकक्ष लावरोव के साथ हुई मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दिया.  

India's Security Concerns
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India’s Security Concerns : कितने देशों के साथ भारत का सीमा पर चल रहा है तनाव

India’s Security Concerns : भारत की सीमा 7 देशों से लगती है, जिसमें से तीन देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है. दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान ऐसे हैं जिनके साथ सीमा पर कई दशकों से जबरजस्त टकराव की स्थिति बनी हुई है. भारत के कई क्षेत्रों को लेकर दोनों देश अपनी दावेदारी पेश करते हैं. जिसको लेकर युद्ध भी हो चुके हैं और लगातार सीमा पर झडपें होती रहती हैं. भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर की विवादित सीमा को साझा करता है. यह विवादित सीमा भारत के कई राज्यों से जुडी हुई है, जो जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. पाकिस्तान के साथ भारत 3323 किलोमीटर की सीमा को साझा करता है. पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में जम्मू कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं. चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा भारत की सुरक्षा की दृष्टि से सबसे व्यस्ततम सीमा रेखा है. इन सीमाओं पर कई वर्षों से तनाव बढ़ता ही जा रहा है. भारत – चीन सीमा विवाद -India- China Border Dispute कई इलाकों में विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच अभी तक पूरी तरह से सीमांकन नही हो सका है. भारत अक्साई चीन पर दावेदारी पेश करता है. 1962 के युद्ध में चीन ने इस क्षेत्र को अपने कब्जे में हासिल कर लिया था. उधर चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है. जिसको लेकर तनाव हमेशा बना रहता है. साल 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य झड़प भी हुई थी, जिसमें दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे. दोनों देशों की तरफ बढ़ते तनाव के चलते ख़बरें आती रहती हैं कि सैनिकों की संख्या को बढाया जा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर अपनी दावेदारी पेश करता है. इसके अलावा लद्दाख के 38 हजार वर्ग किलोमीटर पर चीन ने कब्जा कर रखा है. पाकिस्तान के साथ भारत का सीमा विवाद पाकिस्तान भारत का तीसरा ऐसा पड़ोसी मुल्क है जिसके साथ सबसे लंबी सीमा साझा होती है. पाकिस्तान भारत के 78 हजार किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर रखा है, जिसे पीओके के नाम से जाना जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार युद्ध लड़े जा चुके हैं. सीमा विवाद, कश्मीर समस्या, जल विवाद और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है. यही विवाद पुनः युद्ध के कारण भी बन सकते हैं. नेपाल के साथ भारत का सीमा विवाद नेपाल के मंत्रिमंडल ने ₹100 के नोट पर एक नक्शा छापने का फैसला किया था, जिसमें भारत के उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. यह विवादित क्षेत्र 372 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.

Modi 3.0
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Modi 3.0 : लोकसभा में पीएम के दो घंटे तक चले लंबे भाषण पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

Modi 3.0 : कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो घंटे लंबे लोकसभा भाषण की आलोचना करते हुए उनके कथित झूठ तथा तथ्यहीनता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि चीन,जम्मू आतंकी हमलों सहित किसानों की आय दोगुनी करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की जनता को गुमराह किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दो घंटे लंबे भाषण पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल गांधी का तीर सही जगह पर लगा है। पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए दो घंटे का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। उन्होंने आगे आपातकाल और NEET परीक्षा की पराजय के बारे में बात की। बघेल ने कहा,हिंदू धर्म अहिंसक है और पीएम मोदी लगातार झूठ बोल रहे हैं। मैंने पीएम मोदी का आज का भाषण सुना है और इससे पता चलता है कि वह पागल हो गए हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने हाथरस में भगदड़ की खबर आने के बावजूद अपना भाषण जारी रखने के लिए पीएम मोदी की निंदा करते हुए कहा कि,107 लोगों की जान चली गई, और कहा कि मुझे उम्मीद थी कि पीएम को पहले से जानकारी मिल गई होगी और वह अपना 2 घंटे और 14 मिनट लंबा बयान छोटा कर देंगे। अमेठी से कांग्रेस पार्टी के सांसद केएल शर्मा ने कहा,यह सिर्फ़ भाषण का दोहराव है, इसमें कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कुछ नहीं कहा। कांग्रेस पार्टी की सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा,आज (प्रधानमंत्री के) भाषण में जिस बात का उल्लेख होना चाहिए था।किसानों की आय दोगुनी करने पर सरकार का कोई स्पष्ट रुख नहीं है। अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पीएम अपने देश की जनता को बताने में विफल रहे हैं।अकाली दल की सांसद ने कहा,उनके भाषण का अधिकतम हिस्सा एक व्यक्ति को लक्षित था। लगभग दो घंटे तक, उन्होंने (पीएम मोदी) केवल राहुल गांधी के बारे में बात की। ऐसे मामलों में देश के बारे में कौन बात करेगा? राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के बारे में बोलते हैं और इसके विपरीत। देश के लोगों के बारे में कौन बात कर रहा है? देश बेरोजगारी, किसानों के मुद्दों और उच्च मुद्रास्फीति के बारे में उनके दृष्टिकोण के बारे में सुनना चाहता था। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा,प्रधानमंत्री ने चीन, जम्मू में आतंकवादी हमलों, आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में खामियों के बारे में कुछ नहीं कहा, और इसलिए प्रधानमंत्री के भाषण में कोई सार नहीं था।

Zika Virus
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Zika Virus ने Pune में फैलाया पैर,मिले 6 केस जिसमे से दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल

Zika Virus : देश में एक बार फिर जीका वायरस अपना पैर पसार रहा है। देश के कई इलाकों से जीका वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से जीका वायरस के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पुणे में 6 ऐसे मरीज मिले हैं जो इस वायरस से संक्रमित हैं। इन पीड़ितों में से दो महिलायें गर्भवती भी हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक जुलाई दिन सोमवार को पुणे में 46 वर्षीय एक डॉक्टर में जीका वायरस का पहला मामला पाया। इसके बाद, उनकी 15 वर्षीय बेटी भी पॉजिटिव पाई गई।हालाकि दोनों की हालत स्थिर है उनमें कोई लक्षण नहीं है। जीका वायरस बीमारी संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के भी वाहक हैं। जीका वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में पाया गया था। पुणे नगर निगम (पीएमसी) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने बताया कि कुल 25 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12 सैंपल एरंडवाने से लिए गए थे, जिसमें दो गर्भवती महिलाओं के सैंपल शामिल थे। कुल सात सैंपल में से 12 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा, मुंधवा से 13 सैंपल लिए गए, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। क्या होता है जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी होती है जीका वायरस। इस वायरस के ऑर्गेनिज्म हमारे ऊतकों का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकाश संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं। असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है। जीका वायरस के क्या लक्षण जीका वायरस के लक्षण एक अध्यनन के अनुसार 5 में से एक पर नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है। गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है। जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है। इसके अलावा और ये भी लक्षण जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं। मस्तिष्क का पूरा तरह से विकास नही होता हैं।इस वायरस की वजह से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है। इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।

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