100TOPNEWS

July 4, 2024

Expansion of computer networks
TECH, MORE

Expansion of computer networks : कैसे शुरु हुआ इंटरनेट का दौर, आज दुनिया भर को जोड़ने का कर रहा काम

Expansion of computer networks : जब भी कंप्यूटर नेटवर्क की बात आती है तब या सबसे पहले सामने आता है कि इंटरनेट क्या है क्योंकि इंटरनेट के बिना कंप्यूटर का कोई उद्देश्य नहीं है। प्रौद्योगिकी के इस संसार में सूचना एवं आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए इंटरनेट का सबसे पहले प्रयोग किया जाता है। आज के युग में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बच्चा रह गया हो, जहां इंटरनेट का प्रयोग नहीं हो रहा हो इंटरनेट के माध्यम से किसी भी क्षेत्र जैसे सरकारी संस्थान बैंकिंग संस्थानों में से संबंधित सूचनाओं एक आंकड़ों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है आज इंटरनेट के सर्वपरी उपयोग से ही विश्व व्यापी दूरियां कम हो गई है हजारों किलोमीटर दूर बैठा व्यक्ति भी आज हम इंटरनेट की सहायता से उसको देख सकते हैं मोबाइल फोन पर विश्व के प्रमुख इंटरनेट प्रदाता gti, mci स्प्रिट युजनेट ओर अमेरिका को ans माध्यमों को रीड की हड्डी कहा जाता है। वाइड एरिया नेटवर्क इंटरनेट का उदाहरण इंटरनेट विश्व व्यापी एवं देशव्यापी कंप्यूटर के नेटवर्क का एक जाल रूप में बढ़ा हुआ है। संसार भर में कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार कंप्यूटर नेटवर्क मुख्ता तीन प्रकार का होता है – 1 स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क 2 व्यापारिक क्षेत्र नेटवर्क 3 मेट्रो एरिया नेटवर्क इंटरनेट के विभिन्न कार्यों का वर्णन इंटरनेट की नेटवर्किंग प्रणाली में एक या एक से अधिक कंप्यूटर होते हैं जिन्हें सरवर कहा जाता है सरवर के संपूर्ण सूचनाओं एवं आंकड़ों को स्थाई रूप से संग्रहित करते हैं सरवर के माध्यम से सूचना एवं आंकड़ों को स्थानांतरण भी किया जा सकता है सरवर के रूप में मुख्ता में फ्रेम कंप्यूटर का प्रयोग होता है इंटरनेट एक एक प्रकार से अत्यधिक बलिशाली एवं गतिशील संचार के माध्यम है इंटरनेट की विश्व में शुरुआत 1969 में हुई तथा देश में सर्व प्रथम वर्ष 1990 के आसपास कंप्यूटर का प्रयोग हुआ उसे समय उसका प्रयोग केवल शिक्षक या रक्षा संबंधी कार्यों में ही किया जाता था । इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सेवाएं निम्न प्रकार से हैं। इंटरनेट द्वारा लोगों को इतनी ज्यादा सुविधा प्रदान हो चुकी है कि अब लोगों का जीवन इंटरनेट के बिना या कंप्यूटर के बिना अधूरा है लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर की अति आवश्यकता है बढ़ गई है इंटरनेट के अन्य क्षेत्र निर्मित है। जैसे – 1 ) ई मेल इसका पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक मिल है ईमेल का स्थानांतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में होता है जिस प्रकार डाक संदेश एवं पत्रों को इधर से उधर भेजता है उसी तरीके से ईमेल भी कार्य करता है । 2 ) टेलनेट यह सुविधा भौगोलिक दृष्टि से अलग-अलग स्थान पर रख अलग-अलग कंप्यूटरों के माध्यम संपर्क स्थापित करने की सुविधा प्रदान करता है। 3 ) गोफर यह सुविधा विश्व के अनेकों लाइब्रेरी तथा सर्वरों से सूचना उपलब्ध कराने का सरलतम माध्यम माना जाता है। 4 ) आर्ची यह एक सरवर का समूह है जिसके माध्यम से सूचनाओं को ढूंढा वह खोजा जा सकता है। 5 ) इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड इस बोर्ड के माध्यम से किसी समाचार अथवा सूचना को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाता है यह एक इंटरनेट द्वारा जारी समाचार सेवा है इसकी सुविधा निशुल्क दोनों प्रकार से प्रदान की जाती है। 6 ) ई कॉमर्स इस सुविधा का उपयोग दूर स्थित व्यक्तियों तथा संसाधनों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद एवं बिक्री का लेनदेन करने में किया जाता है इस सुविधा को ई-कॉमर्स कहते हैं । 7 ) ऑनलाइन संचार इस संचार के माध्यम से संदेश भेजने वाला व्यक्ति तथा संदेश प्राप्त करने वाला व्यक्ति एक समय में इंटरनेट से जुड़े जुड़े होते हैं अतः संदेश भेजने वाला व्यक्ति जो संदेश अपने कंप्यूटर में मैसेज बॉक्स में टाइप करता है वह संदेश दूसरे व्यक्ति के मॉनिटर पर प्रदर्शित होता दिखाई देता है इस प्रकार से इसे इंटरनेट सुविधा को कंप्यूटर की भाषा में चैटिंग भी कहते हैं। 8 ) ऑनलाइन बैंकिंग इंटरनेट की सहायता से कभी भी मुद्रा का लेनदेन कर सकते हैं हम इसी कारण ऑटोमेटिक लेटर मशीन का प्रचलन बढ़ गया है। 9 ) इंटरनेट पर अनेक कंपनियों के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को ममुफ्त में और डाउनलोड किया जा सकता है जैसे कि संगीत मूवी एनीमेशन गेम ग्राफ्टिंग आदि कंप्यूटर की डिस्क में संग्रहित हो जाते हैं। 10 ) इंटरनेट पर किसी भी व्यवसाय संस्था आदि की संपूर्ण जानकारी व्यवस्थित रहती है एक सीट के रूप में प्रदर्शित की जाती है जिसके बारे में हम बहुत ही आसानी से जान सकते हैं वह समझ सकते हैं इत्यादि सभी चीज इंटरनेट के द्वारा उपलब्ध हो जाती हैं।

UK Election Rishi Sunak 2.0
WORLD, MORE

UK Election Rishi Sunak 2.0 : कौन जीत रहा है ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का चुनाव

UK Election Rishi Sunak 2.0 : ब्रिटेन में आज यानी 4 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान जारी है. ब्रिटेन के इस चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्ष की लेबर पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर होने के अनुमान हैं. चुनाव से पहले हुए सर्वे में बताया गया है कि लेबर पार्टी को बहुमत मिल सकता है. लेबर पार्टी के नेतृत्व कि जिम्मेदारी स्टार्मर के हाथों में है. ऋषि सुनक लेबर पार्टी को मतदान न करने की अपील कर रहे हैं. ऋषि सुनक का कहना है, लेबर पार्टी टैक्स बढ़ाने का कार्य करेगी. ऋषि सुनक ब्रिटेन के अंदर बढ़ती महंगाई को रोकने का दावा करते हुए अपनी सरकार की एक बड़ी सफलता मान रहे हैं. माना जा रहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहने वाला है. उन पर पिछले चुनाव में किए गए कई वादों को पूरा न किए जाने का आरोप है. ओपिनियन पोल में कौन बन रहा है यूके का प्रधानमंत्री साल 2020 में लेबर पार्टी ज्वाइन करने वाले कीर स्टार्मर को लेकर हुए सर्वे में कहा जा रहा है कि वह ऋषि सुनक को चुनाव में हराकर अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं. लेकिन इसके पहले लगातार चार चुनाव में लेबर पार्टी हार का सामना कर चुकी है. आपको बता दें ब्रिटेन में इस चुनाव के लिए मतदान 4 जुलाई को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक जारी रहेगा. इस बार के चुनाव में आप्रवासन एक बड़ा मुद्दा है. लेबर पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी दोनों के लिए एक बड़ी मुश्किल यह कि दूसरे देशों से चोरी से आ रहे अवैध लोगों को कैसे रोकती है. कैसा होता है यूके में चुनाव भारत और ब्रिटेन के चुनाव में काफी हद तक समानता है. मतदान करने की न्यूनतम 18 वर्ष की गई है. नागरिक अपने मतदान के जरिए सांसद का चुनाव करते हैं. इस बार का मतदान कुल 650 सीटों के लिए हो रहा है. वहीं सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425 सीटें जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है. जबकि ऋषि सुनक की पार्टी को 108 सीट मिलने का अनुमान है.

Joe Biden vs Donald Trump
WORLD, MORE

Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में कब होगा चुनाव, किसके बीच होगा इस बार कड़ा मुकाबला

Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने होंगे. इन दोनों महारथियों के बीच एक बार फिर से जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिका के संविधान के मुताबिक कोई भी अमेरिकी नागरिक दो बार ही राष्ट्रपति नियुक्त हो सकता है. इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है. क्योंकि 68 साल बाद फिर से ऐसी स्थिति आई है कि दो कैंडिडेट लगातार दो चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रुप में मैदान में उतरेंगे. अमेरिका में कब होगा चुनाव अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव इस वर्ष के अंत में 5 नवंबर को कराया जाएगा. इसके बाद चुनाव परिणाम आने में कई दिन का वक्त लग सकता है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाली पार्टी के कैंडिडेट को 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी. अमेरिकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और साथ ही वह कम से कम 14 वर्ष से अमेरिका का मूल निवासी हो. अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्षों के लिए होता है. पिछला चुनाव 2020 में हुआ था. जिस चुनाव में बाइडेन डोनाल्ड ट्रंप को हराकर राष्ट्रपति बने थे लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक बाइडेन ने चुनाव में धोखाधड़ी करा कर उलटफेर कराया था. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 172 देशों में मतदाता की भागीदारी के लिहाज से अमेरिका 139वें स्थान पर आता है. साल 1892 में पहली बार अमेरिका के चुनाव में वोटिंग मशीन का चलन सामने आया. किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व न करने वाले इकलौते राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे. देखा जाए तो अमेरिका का चुनाव केवल अमेरिका तक ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी अहम माना जाता है. क्योंकि विश्व की राजनीति में अमेरिका महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

MacBook air vs MacBook pro
TECH, INDIA

MacBook air vs MacBook pro : Which M3 laptop is best for you

MacBook air vs MacBook pro : Apple launches many MacBook air and MacBook pro model in the market. It can be more difficult for you to choose from, and picking the right one if you’re unsure of what you want and need. Here’s how to decide which is best for you. If you are looking for a new MacBook, you might wonder if it makes more sense to buy a MacBook Pro or a MacBook Air. the company has added more than five new MacBook configurations and retired more than three over the past 18 months. While buying MacBook, you’ll consideration of their Price, Storage capacity, display size, computing power, is must. The most recent MacBook Pro and MacBook Air models include Apple’s M3 chips, which are even more efficient and capable than the M2 chips. In this situation, think of yourself as you’re confronted with five different MacBook models, but you need to find the one that’s just right for you. So, before you decide which one to buy, let’s cover the main differences between the Pro and the Air. Difference between the MacBook Pro and Air It will not be wrong to say that , there are a multitude of differences between the MacBook Pro and the MacBook Air. The biggest differences between these two are pricing and computing power. The most affordable MacBook Pro with an M3 chip will cost more than the most affordable Air with an M3 chip. However, the Pro is more powerful. The M3 MacBook Pro models have more unified memory, longer battery life, more ports (including HDMI and SD card) . generally There are two MacBook Pro display sizes which are:14-inch and 16-inch. On the other end,The MacBook Air with an M3 processor, available in 13-inch and 15-inch configurations, is the right choice for most people who use their laptops for daily tasks like online shopping, watching YouTube, doing homework and editing family photos. For educators seeking a top-tier laptop that seamlessly integrates into their demanding schedules, the Apple MacBook Air (M3, 2024) emerges as a preeminent choice. MacBook duration of Air and Pro On average, a MacBook Pro is expected to last around 7–10 years and a MacBook Air for 5–7 years. MacBook longevity can be affected by the frequency of use, tasks performed, and the quality of care for the battery and other components.

US News
WORLD, MORE

US News : कमरा साफ करने को कहा तो अमरीकी छात्र ने अपनी मां की कर दी हत्या

US News : दुनिया में मां और बेटे का रिश्ता सबसे पवित्र और सुरक्षित माना जाता है लेकिन अमेरिका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. एक 20 वर्षीय छात्र के ऊपर अपनी ही मां की हत्या का आरोप लगाया गया है. एक बहुत ही मामूली सी बात को लेकर लड़के का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने अपनी मां के गले को दबा कर हत्या कर दिया. हत्या के बाद छात्र ने स्वयं ही पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पुलिस को इसकी सूचना दी. इस छात्र की मां ने उससे कमरा साफ करने और नौकरी की तलाश करने को कहा था, जिस पर लड़के का गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपनी मां की हत्या कर दी. छात्र ने हत्या करके खुद को किया आत्मसमर्पण मां बेटे में कहा सुनी के दौरान बात बिगड़ गई और बेटे ने मां के गले को दबा दिया. मां बेहोश हो गई और बेटे को लगा कि मां मर चुकी है. उसने फौरन 911 पर कॉल करके अपने घर में एक मृत व्यक्ति की सूचना दी. WGNTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस पहुंची तो लड़के ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया और कथित तौर पर उसने अपराध को कबूल कर लिया. जब पुलिस घर में दाखिल हुई तो उन्होंने 43 वर्षीय उसकी मां शैनेल बंर्स को बेहोशी की हालत में पाया. उनकी गर्दन पर गंभीर चोट होने के निशान मिले. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन दो दिनों के बाद उनकी सांसे थम गई और मृत्यु हो गई. यह मामला जब अदालत में पहुंचा तो अदालत के दस्तावेजों के अनुसार मौत दम घुटने से हुई है लेकिन इसे हाथ से गला घोंटने से हुई हत्या ही माना जायेगा. महिला शिकागो में स्थित एक विश्वविद्यालय में सहायक उपाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थी. खबर के मुताबिक छात्र की मानसिक स्थिति खराब होने की जानकारी सामने आई है.

Hemant Soren
INDIA, MORE

Hemant Soren : झारखंड के फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे सोरेन,आखिर क्यों इतनी जल्दी CM बनना चाहते हैं?

Hemant Soren : झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं।पार्टी के पुराने नेता चंपई सोरेन ने पांच महीने पहले राज्य की कमान संभाली थी,जब हेमंत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।फिलहाल चंपई ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।बता दे कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के संकेत मंगलवार को ही मिल गए थे,जब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे।हालांकि यह कदम इंडिया ब्लॉक के नेताओं के समर्थन के बाद ही उठाया गया है।वहीं बीजेपी ने हेमंत की वापसी के लिए एक सीनियर आदिवासी नेता को शीर्ष पद से हटाने के लिए झामुमो की आलोचना की है। बीजेपी ने किया तंज झारखंड बीजेपी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो ने पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठने और एक नया मुख्यमंत्री चुनने की बात की थी, लेकिन उनका असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।बता दें हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी और एक सप्ताह से भी कम समय में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी वापसी के लिए मंच तैयार कर लिया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की इतनी जल्दी क्यों? अभी भी हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का मामला चल रहा है और जांच एजेंसी का कहना है कि वह हेमंत सोरेन को राहत देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। सूत्रों के अनुसार ईडी झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करेगी।इसलिए हेमंत सोरेन जांच एजेंसी के पहले ही कोई ठोस कदम उठाना चाहते हैं। क्या चंपई को सीएम पद मजबूरी में मिला? चंपई सोरेन पार्टी के पुराने नेता हैं,लेकिन वह हेमंत सोरेन की जगह लेने के लिए सभी के पसंद नहीं थे।ये वह पार्टी है जिसने कभी परिवार के बाहर किसी को महत्वपूर्ण पद नहीं दिया,उसके लिए उस समय चंपई सोरेन को नियुक्त करना एक मजबूरी थी।हेमंत की पत्नी कल्पना,जिनका नाम तब शीर्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा था,लेकिन वह विधायक नहीं थीं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं था।हालांकि, पिछले पांच महीनों में चीजें बदल गई हैं।कल्पना ने खुद को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान जेएमएम के अभियान की कमान संभाली थी।साथ ही निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार भी किया है।अगर हेमंत को फिर से पद छोड़ना पड़ता है,तो कल्पना अब रिप्लेसमेंट के लिए पहली विकल्प होंगी। जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली में हेमंत सोरेन ने दावा किया कि बीजेपी झारखंड में विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की साजिश कर रही है।वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी उत्साहित है।पार्टी ने तीन सीटें राजमहल,दुमका और सिंहभूम जीती हैं,जबकि 2019 में सिर्फ एक सीट मिली थी।

Ashadha Amavasya 2024
INDIA, ASTRO

Ashadha Amavasya 2024 : कल करें यह आसान उपाय तुरंत मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा

Ashadha Amavasya 2024 : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में व्याप्त आर्थिक अस्थिरता से भी निजात मिलती है।इस दिन पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है और पितरों का भी तर्पण और पिंड़दान किया जाता है। कब है आषाढ़ अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार , इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई, शुक्रवार को है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। अपने पूर्वजों को तर्पण करें। गंगा स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन शुभ कार्यों की मनाही है। अमावस्या के दिन कोई भी मांगलिक कार्य जैसे- मुंडन, गृह प्रवेश और शादी जैसे कार्यों को करने से भी बचना चाहिए। कहते हैं कि अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और इस दिन यदि उनका विधि-विधान से तर्पण किया जाए तो वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं । अमावस्या के दिन ध्यान देने योग्य बातें आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजा करने के बाद दान करें। अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में जाकर नहाएं। अगर ऐसा करना आसान नहीं है, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल ड़ालकर नहा लें। चूंकि अमावस्या तिथि मुख्यतः पितरों को समर्पित होती है, इसलिए इस दिन मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. – अमावस्या के दिन नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए. इस दिन ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। करें ये उपाय पितृ दोष के उपाय इसके लिए पीपल पेड़ को जल का अर्घ्य देने से पितृ दोष दूर होता है। अगर आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करें। इसके बाद नदी या सरोवर में अंजलि यानी हथेली में काले तिल और गंगाजल लेकर तीन बार दक्षिण दिशा में मुखकर पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। गुरुड़ पुराण में निहित है कि तीन पीढ़ी के पितरों का तर्पण किया जाता है। इसके लिए तीन बार पितरों का जल का अर्घ्य दें। इस समय पितृ से सुख-समृद्धि की कामना करें। साथ ही जीवन में आने वाली बलाओं से रक्षा करने की याचना करें। आषाढ़ अमावस्या पर स्नान-ध्यान के बाद पितरों का जल का अर्घ्य दें। इस समय पितृ चालीसा, कवच और स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद पशु-पक्षी को भोजन दें। सनातन धर्म में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इसके लिए आषाढ़ अमावस्या पर पूजा-पाठ, जप-तप करने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से ही दान-पुण्य करें। दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। आप चावल, नमक, गेंहू, दूध, दही, काले तिल,वस्त्र बाकि चीजों का दान भी कर सकते हैं ।  

Swami Vivekananda death anniversary
INDIA, MORE

Swami Vivekananda death anniversary : अपने अंतिम समय में स्वामी जी ने युवाओं को क्या दी सीख

Swami Vivekananda death anniversary : स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863, कलकत्ता [अब कोलकाता] और मृत्यु आज ही के दिन 4 जुलाई, 1902, कलकत्ता के पास हुई। भारत में एक हिंदू आध्यात्मिक नेता और सुधारक के तौर पर इन्होंने देश में हुए बदलाव की नींव रखी। इन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने का प्रयास किया, यह मानते हुए कि दोनों एक दूसरे के पूरक और पूरक हैं। आज भारत में उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर याद सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने विशेषकर युवाओं के लिए उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है। उनके द्वारा बोली गई बाते आज भी युवा पीढ़ी के लिए किसी विषेश प्रेरणा से कम नहीं है । उन्होंने बताया है कि जो कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है, उसे जहर समझकर त्याग दें।” “स्वतंत्र होने का साहस करें, जहाँ तक आपके विचार आपको ले जाएँ, वहाँ तक जाने का साहस करें और उसे अपने जीवन में उतारने का साहस करें।” “हम वही हैं जो हमारे विचारों ने हमें बनाया है; इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। विवेकानंद जी ने नैतिकता की परिभाषा देते हुए बताया है कि जो स्वार्थी है वह अनैतिक है और जो निःस्वार्थ है वह नैतिक है। विवेकानंद ने यह भी देखा कि, यदि शिक्षा को संपूर्ण मानव जाति की सेवा करनी है, तो उसके सभी आयामों में, ज्ञान की खोज एक आजीवन प्रक्रिया होगी। पीएम मोदी ने किया पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और कहा कि “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं”। मोदी ने एक पोस्ट के जरिए कहा की मैं स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं। उनका गहन ज्ञान और ज्ञान की निरंतर खोज भी बहुत प्रेरक है।” उन्होंने कहा, “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।” स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था।

sunita Williams
WORLD, MORE

Life lessons from astronaut sunita Williams

Who is Sunita Williams? Sunita Williams (born September 19, 1965 in Euclid, Ohio) is the second woman of Indian origin to go to space through the US space agency NASA. She hails from Ahmedabad, Gujarat, India. She has set a world record of staying in space for 127 days as a female astronaut. Her father Deepak Pandey is a doctor in America. She was Selected in US Space Agency ‘NASA'(1998) Her role in various missions has been glorified by all. She was the part of mission STS 116, Expedition 14, Expedition 15, STS 117, Soyuz TMA-05M, Expedition 32, Expedition 33, and successfully achieved them. Sunita Lyn Williams is an American astronaut, United States Navy officer, and former record holder for most spacewalks by a woman (seven) and most spacewalk time for a woman (50 hours, 40 minutes). Here are some best life lessons by her to lead a wonderful life: Self believe •Believe in yourself and never let anyone else opinion define your worth or limit your potential. Be limitless •The only limits in life are the one you impose on yourself. Break free from those limitations and soar high . Learn from failure •Failure is not the end , it’s just a stepping stone towards success. Learn from your mistakes and keep moving forward. Dream big •According to her, always dream big and work hard to achieve your goals. Surround yourself with positive people. Accept the challenges •Your life is a journey not a destination, so enjoy each process and accept the challenges that come your way. Work hard towards your goals •According to her, hard work beats talent that’s why stay dedicated towards your work and be consistent until you get them. Gain more knowledge •The more knowledge you gain the more you will be confident. So dream big and achieve great things with courage and confidence. Follow your passion •Find your passion and persui it unstoppably. When you do what you love, success will naturally come to your place.  

US independence day 2024
WORLD, MORE

US independence day 2024 : अमेरिका को कब और कैसे मिली आजादी, किस देश ने किया था गुलाम

US independence day 2024 : अमेरिका को आज दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के रूप में पहचाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की तरह अमेरिका भी ब्रिटेन की गुलामी की जंजीरों में कई सालों तक जकड़ा रहा. आखिर कैसे अमेरिका को आजादी मिली, अमेरिका कब आजाद हुआ? ब्रिटेन दुनिया के लगभग जिन 80 देश पर अपनी हुकूमत चलाई उन देशों में अमेरिका भी शामिल रहा था. भारत की तरह अमेरिका पर भी कई सालों तक ब्रिटेन ने शासन किया. आज गुलामी के इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते हैं तो जानकर एक बार आश्चर्य होता है कि क्या दुनिया का महा शक्तिशाली देश अमेरिका जो अपनी उंगलियों पर किसी भी देश को नचा सकता है वह भी कभी ब्रिटिश का गुलाम था. अमेरिका कब हुआ आजाद 1607 में अमेरिका के अंदर ब्रिटेन ने पहली बार अपने कदम रखे थे. कुछ ही वर्षों में अमेरिका पर ब्रिटेन के साम्राज्य का वर्चस्व कायम हो गया. लाखों लोगों की लड़ाइयां, हजारों जानें गवाने के बाद 4 जुलाई 1776 को अमेरिका ने ब्रिटिश साम्राज्य से अपनी आजादी हासिल करने का ऐलान कर दिया. लेकिन आजादी की लड़ाई अमेरिका 1783 तक लड़ता रहा. यही वजह है कि अमेरिका हर साल 4 जुलाई को अपनी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानता है. इस वर्ष अमेरिका 4 जुलाई को अपना 248 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. अमेरिका कैसे हुआ था गुलाम अमेरिका की गुलामी को लेकर कहा जाता है कि क्रिस्टोफर कोलंबस जब भारत की यात्रा करने के लिए यूरोप से प्रस्थान किया था, तब क्रिस्टोफर अपने रास्ते से भटक गया और गलती से अमेरिका जा पहुंचा. उसे एक नए देश के बारे में पता चला इसके बाद कोलंबस ने अपने लोगों को इसकी सूचना दी. अंग्रेजों की आदत थी, जहां पर उन्हें संभावनाएं दिखाई दी, उन्होंने उसको अपना गुलाम बना लिया. अमेरिका में कैसे मनाया जाता है आजादी दिवस स्वतंत्रता दिवस पर पूरे अमेरिका में अवकाश होता है. अमेरिकी राष्ट्रपति और वहां की फर्स्ट लेडी व्हाइट हाउस से देश के नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की मुबारकबाद पेश करते हैं. अमेरिका अपने स्वतंत्रता दिवस पर परेड का आयोजन करता है. परेड के दौरान अमेरिका की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है. 4 जुलाई के शाम के वक्त आतिशबाजी की जाती है. अमेरिका वासी एक दूसरे को बधाई संदेश देते हैं. आजादी हासिल करने के लिए अमेरिका ने कितने वर्षों तक किया संघर्ष ब्रिटिश अमेरिका में 1607 में अपने पैर जमाने की शुरुआत कर दी थी. 1776 में अमेरिका अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर देता है. लेकिन 1783 तक अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के जंग जारी रहती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है, आजादी के लिए लगभग 25000 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

error: Content is protected !!
Scroll to Top