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July 5, 2024

Hina Khan
INDIA

Hina Khan : कीमोथेरपी से पहले सिर के बाल हटवाए,आखिर क्यों कैंसर के इलाज में सिर के बाल हटवाने पड़ते हैं

Hina Khan : हिना खान कैंसर की जंग लड़ रही हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने बताया कि उन्हें तीसरे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है। हिना तबसे सोशल मीडिया पर अपने हेल्थ अपडेट शेयर करती रहती हैं। अब हिना खान ने एक नया वीडियो शेयर किया है। वीडियो में हिना खान अपने लंबे बाल काट रही हैं ।क्योंकि कैंसर में जब कीमोथेरेपी होती है तो बाल झड़ते हैं। इस दौरान उनकी मां भी काफी इमोशनल होती हैं। बाल झड़ने का क्या कारण है? रक्त कैंसर के कई उपचारों में बाल झड़ने की संभावना होती है, जैसे कि कीमोथेरेपी, लक्षित उपचार या रेडियोथेरेपी। ये उपचार कैंसर कोशिकाओं जैसी तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को मारने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हालाँकि, शरीर में अन्य कोशिकाएँ भी हैं जो तेज़ी से बढ़ती हैं, जिनमें बाल पैदा करने वाली कोशिकाएँ भी शामिल हैं। ये भी मर जाती हैं, लेकिन वे ठीक हो सकती हैं, जिसका मतलब है कि आपके उपचार के समाप्त होने के बाद आपके बाल आमतौर पर वापस उग आएंगे। अक्सर लोग सोचते हैं कि यदि वे कैंसर का उपचार करवाते हैं तो उनके बाल निश्चित रूप से झड़ जाएंगे, लेकिन सभी कैंसर दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में बाल झड़ना नहीं होता है, इसलिए यदि आप निश्चित नहीं हैं तो अपने उपचार दल से जांच कराएं। उपचार शुरू करने से पहले क्या पता होना चाहिए? उपचार शुरू करने से पहले बालों के झड़ने के प्रभावों को समझना आश्वस्त करने वाला हो सकता है। इससे आपको उपचार शुरू होने पर अधिक तैयार और नियंत्रण में महसूस करने में मदद मिलेगी। कई लोगों को साइड इफेक्ट के रूप में बाल झड़ने की समस्या होती है, लेकिन बाल झड़ने की मात्रा आपके द्वारा लिए जा रहे उपचार और एक व्यक्ति के रूप में आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर उपचार शुरू करने के कुछ सप्ताह बाद बालों का झड़ना शुरू हो जाता है और यह धीरे-धीरे हो सकता है या गुच्छों के रूप में निकल सकता है।  बालों के झड़ने से आपकी पलकें और भौहें भी प्रभावित हो सकती हैं। बालों से जुड़ी है इंसान की भावनाएं बालों का झड़ना एक इमोशनल फीलिंग हो सकती है, जो आपके शरीर की छवि के साथ आपके रिश्ते को बदल देता है। यह जानना ज़रूरी है कि शुरुआत में आपको यह मुश्किल या चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन यह शायद बीत जाएगा। कुछ लोगों के लिए बाल पहचान की अभिव्यक्ति हैं, चाहे वह व्यक्तिगत हो, सांस्कृतिक हो या राजनीतिक। इससे बालों का झड़ना और भी ज़्यादा परेशान करने वाला हो सकता है। समाज की प्रतिक्रिया को झेलना नही आसान अन्य लोग आपके बदले हुए रूप पर मजाक बना सकते हैं, और आपके इलाज के बारे में तरह-तरह के सवाल पूछ सकते हैं। कभी-कभी लोग आपके बालों के झड़ने से ही परेशान हो जाते हैं, और इसे छुपाना मुश्किल हो सकता है। यह कठिन हो सकता है, तब भी जब आप जानते हैं कि उनका कोई बुरा इरादा नहीं है। ज़्यादातर मामलों में, इलाज समाप्त होने के कई महीनों बाद बाल वापस उगने लगेंगे। अपने नए बालों के साथ कोमल रहें और जब तक वे फिर से उग रहे हों, तब तक हार्ड केमिकल वाले प्रोडेक्ट का यूज करने से बचें।  

Breast Cancer
INDIA

Breast Cancer : क्या टाइट, पैडेड और अंडरवायर ब्रा पहनने से होता है ब्रेस्ट कैंसर?

Breast Cancer : महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत एक गंभीर बीमारी की ओर इशारा करती है। हाल ही में मशहूर टीवी एक्ट्रेस जीना खान हेल्थ अपडेट सामने आई थी जिसमें एक्ट्रेस ने खुद इस बात की जानकारी दी थी कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। इस बीमारी में कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित ढंग से ट्यूमर का रूप लेती है। कैंसर की वजह से ब्रेस्ट में गांठ बन जाती है जिसे आसानी से महसूस किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर लोगों के मन में एक धारणा बनी हुई है जिसमें यह कहां जा रहा है कि टाइट ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जो महिलाएं अपने मन में इस धारणा को रखती है कि ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का कनेक्शन है तो अभी किसी भी तक स्टडी या रिसर्च में इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है की ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। हालांकि, रिसर्च में यह जरूर कहा गया है की टाइट या अंडरवायर ब्रा पहनने से ब्लड सरकुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता किसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बन सकता है। ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर की धारणा कितनी सही ? अधिकतर महिलाओं के मन में यह बात चलती है कि टाइट और अंडरवायर ब्रा ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। रिसर्च में भी इस बात का खंडन किया गया है की ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर का कोई कनेक्शन नहीं है। असल में ब्रेस्ट कैंसर का कारण खराब खानपान और जीवनशैली के अलावा मोटापे और जेनेटिक करण शामिल है। क्या ब्रा पहनकर सोने से होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ? ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं की मन में कई तरह के मिथक है जिनमें से एक यह भी है कि ब्रा पहनकर सोने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। बता दें कि, कोई भी रिसर्च या फिर स्टडी इस बात की पुष्टि नहीं करती है की ब्रा पहन कर सोने से ब्रेस्ट कैंसर होता है। बता दें कि, टाइट, पैडेड और अंडरवायर ब्रा पहनने से किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता यह बिल्कुल सुरक्षित है। आप अपनी कंफर्ट के हिसाब से किसी भी तरह का ब्रा पहन सकती हैं। कंफर्टेबल ब्रा पहनना है जरूरी ब्रा चाहे कैसा भी हो इसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई कनेक्शन नहीं है। हालांकि, टाइट या अंडरवायर ब्रा तार कभी-कभी बाहर आ जाते हैं जो दर्द भी देते हैं। अगर आप खराब फिट वाली ब्रा पहनती हैं तो इसमें आप अनकंफरटेबल रहती हैं इसलिए इस तरह का ब्रा ना पहने। इसके अलावा ब्रा से किसी तरह का ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है। इतना ही नहीं ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए आप अपना हेल्दी खान पान रखिए। रोजाना एक्सरसाइज कीजिए अपने वजन को नियंत्रित रखिए।

Nikki Haley
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Nikki Haley : बाइडेन के कार्यकाल की भविष्यवाणी को लेकर पत्रकार पर भड़क गईं निक्की हेली

Nikki Haley : अमेरिकी नेता निक्की हेली (Nikki Haley) अपने पुराने इंटरव्यू को लेकर अमेरिका के एक प्रसिद्ध पत्रकार जॉर्ज पर जमकर भड़क गईं. अमेरिकी पत्रकार ने निक्की हेली की बातों पर सवाल खड़े किए थे. जिससे अब उन्होंने पत्रकार को ही अपने निशाने पर ले लिया. निक्की हेली का कहना था कि राष्ट्रपति बाइडेन अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे और कोई मतदाता बाइडेन को अपना वोट करेगा तो उनका वोट उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को वोट करने के समान होगा. हेली ने पिछले साल एक इंटरव्यू के दौरान अपने इस विचार को पत्रकार के साथ साझा किया था. हेली को लग रहा है कि उन्होंने पिछले साल ही जो भविष्यवाणी बाइडेन के आगामी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए की थी, वह अब सही साबित हो रही है. कमला हैरिस को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए बाइडेन की पार्टी में मौजूद कई नेता भी कह चुके हैं कि कमला हैरिस को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए. अब इसी को लेकर एक बार फिर से भारतीय मूल की नेता निक्की हेली ने इंटरव्यू के पुराने क्लिप को साझा करते हुए कहा अब तो मेरी बातों पर विश्वास कीजिए. पिछले साल इंटरव्यू के दौरान जब बाइडेन के कार्यकाल को लेकर हेली ने सवाल उठाए थे. तब जॉर्ज ने हेली पर तीखी टिप्पणी की थी. उन्होंने हेली से पूछा था कि आपको कैसे पता कि बिडेन अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे. आपको किन स्रोतों से यह जानकारी मिली है. डोनाल्ड ट्रंप के सामने बाइडेन हैं कमजोर वही अभी हाल में हुए बहस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने राष्ट्रपति बाइडेन का काफी खराब प्रदर्शन रहा है. जिसको लेकर अब डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ही उनकी प्रमुख दावेदारी पर प्रश्न उठाने शुरू कर दिए हैं. खबर है कि उन्हें चुनाव से पीछे हट जाने को कह रहे हैं. हेली का मानना है कि बाइडेन को किया गया वोट अप्रत्यक्ष रूप से कमला हैरिस को जाएगा. कमला हैरिस अमेरिका की अगली राष्ट्रपति होंगी और अगर ऐसा होता है तो अमेरिका के नागरिकों को डरना चाहिए.

Aditya L1 mission Update
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Aditya L1 Mission Update : जल्द पूरा करेगा अपना मिशन पहले बिंदु को किया पार

Aditya L1 Mission Update : आदित्य-एल1 मिशन लैग्रैंजियन बिंदु एल1 पर एक भारतीय सौर वेधशाला है, जिसे 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था और इसे 6 जनवरी, 2024 को अपने लक्षित हेलो कक्षा में स्थापित किया गया था। हेलो कक्षा में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को एल1 बिंदु के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगते हैं। ‘178 दिनों में’: इसरो के आदित्य-एल1 ने लैग्रेंज पॉइंट-1 के चारों ओर पहली Halo orbit पूरी की है। पहली हेलो कक्षा पूरी हुई भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान ने सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, इसकी घोषणा इसरो ने मंगलवार को की। प्रक्षेपण और कक्षा में प्रवेश 2 सितंबर, 2023 को प्रक्षेपित आदित्य-एल1 मिशन 6 जनवरी, 2024 को अपनी लक्षित हेलो कक्षा में प्रवेश कर गया, जो लैग्रेंजियन बिंदु एल1 पर भारत की सौर वेधशाला के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। परिक्रमा अवधि इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को अपनी हेलो कक्षा में एलआई बिंदु के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगते हैं। कक्षा को बनाए रखना हेलो ऑर्बिट में यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यान को कई तरह की परेशान करने वाली ताकतों का सामना करना पड़ता है, जिससे वह अपने लक्षित पथ से भटक सकता है। इसरो ने कक्षा को बनाए रखने के लिए 22 फरवरी और 7 जून को स्टेशन-कीपिंग युद्धाभ्यास किया। तीसरा स्टेशन-कीपिंग पैंतरेबाज़ी मंगलवार को किए गए तीसरे स्टेशन-कीपिंग पैंतरेबाज़ी ने सुनिश्चित किया कि अंतरिक्ष यान L1 के आसपास दूसरी हेलो कक्षा में अपनी यात्रा जारी रखे, जैसा कि इसरो ने पुष्टि की है। जटिल गतिशीलता इसरो ने बताया कि सूर्य-पृथ्वी L1 लैग्रेंजियन बिंदु के चारों ओर आदित्य एलआई की यात्रा में अंतरिक्ष यान के प्रक्षेप पथ को सटीक रूप से निर्धारित करने और सटीक कक्षा युद्धाभ्यास की योजना बनाने के लिए जटिल गतिशील मॉडलिंग शामिल है। अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर इसरो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस सफल युद्धाभ्यास ने आदित्य-एल1 मिशन के लिए यूआरएससी-इसरो में विकसित अत्याधुनिक उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर को प्रमाणित किया है। अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्व यह उपलब्धि जटिल अंतरिक्ष मिशनों के प्रबंधन और चुनौतीपूर्ण कक्षीय वातावरण में अंतरिक्ष यान के प्रक्षेप पथ पर सटीक नियंत्रण सुनिश्चित करने में इसरो की क्षमता को प्रदर्शित करती है।

US Election 2024
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US Election 2024 : बाइडेन की कमजोरी छुपाने उतरी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता हैरिस को बता रहे हैं प्रमुख दावेदार

US Election 2024 : अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन के सामने डोनाल्ड ट्रंप एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं. पिछ्ले सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप के सामने बहस में बाइडेन के निराशाजनक प्रदर्शन से डेमोक्रेटिक पार्टी के आत्मविश्वास में कमी आई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सबकुछ संतुलित दिखाने की कोशिश में लगी हुई हैं. 81 वर्षीय बाइडेन को लेकर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं कि क्या जीत के बाद वह मानसिक और शारीरिक रूप से 4 साल की सेवा देने के लिए सक्षम बने रह सकते हैं. इतना ही नहीं ये भी सवाल है कि क्या वह ट्रंप को हराने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं. वहीं पूर्व कांग्रेस सदस्य टिम रयान ने न्यूजवीक से कहा है कि 2024 में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए उपयुक्त उम्मीदवार कमला हैरिस को बनाया जाना चाहिए. टिम रियान के अलावा डेमोक्रेटिक नेता जिम क्लाईबर्न भी कमला हैरिस लो लेकर कहा, चाहे वह दूसरे स्थान पर हो या पहले, हमे उनको मजबूत करने के लिए पूर्णरूप से समर्थन देना चाहिए. राष्ट्रपति पद को लेकर हैरिस के क्या हैं विचार कई नेता कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं लेकिन अभी तक हैरिस ने बाइडेन के स्थान को लेने की कोई टिप्पणी नही की है. कमला हैरिस का कहना है कि हमने बाइडेन के नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में मात दी है, और हमे पूर्ण उम्मीद है, हम पुनः ट्रंप को हराने जा रहे हैं. अगर बाइडेन की पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करती है और अगर आगे कुछ समय के बाद बाइडेन अपने राष्ट्रपति पद को आगे सही तरीके से चलाने में सक्षम नहीं होते हैं तो हैरिस राष्ट्रपति बन जाएंगी. हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में कम लोकप्रिय रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें दूसरा उम्मीदवार माना जा रहा है. 59 वर्षीय कमला हैरिस एशियाई मूल की पहली अश्वेत महिला हैं. हैरिस का पुराना संबंध भारत से भी है. उनकी मां भारत से थीं.

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UK Election Result : ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे स्टार्मर, लेबर पार्टी को मिला बहुमत

UK Election Result : ब्रिटेन चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है और लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. एग्जिट पोल मैं जैसे आंकड़े पेश किए गए थे. वैसे ही परिणाम सामने आए हैं. लेबर पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी को इस चुनाव में हराकर पूर्ण बहुमत के साथ ब्रिटेन की सत्ता में काबिज होने जा रही. स्टार्मर को जीत की बधाइयां दी जाने लगी हैं. अभी तक की वोटो की गिनती में लेबर पार्टी लगभग 378 से ज्यादा सीटों पर विजय प्राप्त कर चुकी है. ऋषि सुनक की पार्टी अभी तक केवल 92 सीट पर ही जीत दर्ज की है. 660 में से 559 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत है. इस लिहाज से लेबर पार्टी पूर्ण बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है. ऋषि सुनक ने स्टार्मर को दी बधाई समर्थकों को संबोधित करते हुए ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के आगामी प्रधानमंत्री माने जाने वाले स्टार्मर को बधाई संदेश दे चुके हैं. साथ ही ऋषि सुनक ने हार की जिम्मेदारी भी स्वीकार कर लिया है. अपने संसदीय क्षेत्र रिचमंड और नॉर्दर्न एल्टर्न में एक संबोधन के दौरान कहा कि बहुत से मेहनती उम्मीदवारों को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है और मैं उनकी हार की जिम्मेदारी लेता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान अपना 100 फ़ीसदी देने की कोशिश की. इस बार के चुनाव में महंगाई एक अहम मुद्दा रहा है. ऋषि सुना अपने किए गए कई वायदों पर खरे नहीं उतर पाए. ब्रिटेन परिवर्तन चाहता है – कीर स्टार्मर स्टार्मर ने जनता के सहयोग का आभार व्यक्त करते हुए अपने आप को पूरी जनता का नेता बताया. उन्होंने कहा कि जिन्होंने मुझे वोट दिया है और जिन्होंने वोट नहीं दिया, फिर भी मेरा कर्तव्य है कि मैं एक एक व्यक्ति की सेवा करूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जनता ने मतदान करके अपना कर्तव्य पूरा कर दिया है. अब हमारा काम करने का समय आ गया है. मैं आपकी लड़ाई हर दिन लडूंगा.

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Tattoo Benefits and Risks : क्या आप भी टैटू बनवाने के शौकीन हैं? तो हो जाएं सावधान

Tattoo Benefits and Risks : ऐसे तो टैटू शरीर पर आत्म-अभिव्यक्ति, कलात्मकता और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने के लिए उत्तम है। लेकिन आजकल कल यह एक ज़रूरी फैशन बन गया है और बहुत प्रचलन में हैं खासकर युवा वर्ग में इसका क्रेज दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहा है। पर क्या आप इससे होने वाले परिणामों से अवगत है। चलिए जानते हैं इसके फ़ायदे और नुकसान – फायदे * टैटू बनवाने से व्यक्ति खुद को एक अनोखे तरीके से व्यक्त कर सकता है। * टैटू को कलात्मक माना जाता है * व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों, पालतू जानवरों या जीवन साथी के साथ अपने संबंधों को व्यक्त करने के लिए टैटू बनवाते हैं * टैटू कुछ लोगों को अधिक आत्मविश्वासी और आकर्षक महसूस कराते हैं * कई लोग अपने आध्यात्मिक विचारों या कथनों को व्यक्त करने के लिए टैटू बनवाते हैं। * शरीर के कई निशान जिनका पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता, उन्हें टैटू से छिपाया जा सकता है * सौंदर्य की दृष्टि से आजकल अपने रूप-रंग को निखारने के लिए भौंहों या सौंदर्य स्थलों पर टैटू बनवाना बहुत आम बात है। नुकसान •टैटू बनवाने की प्रक्रिया में त्वचा टूट जाती है। इसका मतलब है कि इसके बाद त्वचा में संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं विकसित हो सकती हैं। •हाल ही में एक समीक्षा में पाया गया कि टैटू वाली त्वचा में त्वचा कैंसर की संख्या कम थी, और इसलिए यह संयोग प्रतीत होता है, हालांकि टैटू स्याही में पाए गए कई कार्सिनोजेन्स शरीर के अन्य हिस्सों जैसे यकृत या मूत्राशय में कैंसर से जुड़े पाए गए हैं। * टैटू बन जाने के बाद स्थायी हो जाता है, इसे पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता, कॉस्मेटिक त्वचाविज्ञान में उन्नत तकनीक में लेजर है जो लगभग 6-10 सत्रों में टैटू हटा सकता है, लेकिन हटाने के बाद हमेशा हल्का रंग रह जाता है। * कुछ स्वास्थ्य जोखिम जैसे स्याही से एलर्जी, और जीवाणु और वायरल संक्रमण (दाद, एचआईवी) बहुत आम हैं यदि उपयोग किए जाने वाले उपकरण निष्फल नहीं हैं। •एक शोध में पाया गया कि टैटू के आकार का कैंसर के जोखिम पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। •स्वीडिश समूह पर किए गए एक अवलोकनात्मक अध्ययन में पाया गया कि टैटू के कारण लिम्फोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का खतरा 21% बढ़ जाता है। * अनजाने में किया गया टैटू केलोइडल प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों के लिए केलोइड में बदल सकता है। क्या टैटू आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है? तनाव से राहत, अवसाद से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। आप सोच रहे होंगे कि एक साधारण टैटू मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव कैसे डाल सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि जब आप टैटू बनवाते हैं और टैटू बनवाते हैं, तो आपको एड्रेनालाईन और एंडोर्फिन का ऐसा अनुभव होता है जो आपको ऐसा महसूस कराता है कि आप दुनिया से बाहर हैं।  

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SCO Meeting : एससीओ की बैठक में जिनपिंग के सामने भारत ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

SCO Meeting : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस और चीन के सामने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री शहबाज़ शरीफ़ को आतंकवाद के नाम पर जमकर खरीखोटी सुनाई. कज़ाख़िस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन SCO की बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ समेत कई देशों के मुख्य प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस बैठक में भारत का नेतृत्व पीएम मोदी के चाणक्य कहे जाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया. जिन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आतंकवाद को पनाह देने के लिए जमकर लताड़ लगाई. एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन को भी याद दिलाया कि इस संगठन का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद से लड़ना है. जयशंकर ने आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अगर हमने आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया तो यह विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बनेगा. भारत के लिए आतंकवाद के मुद्दे को इस संगठन की बैठक में उठाना अच्छा मौका था. चीन भी कई बार यूनाइटेड नेशन में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बचाते हुए देखा गया है. एससीओ (SCO) की बैठक के दौरान पीएम मोदी के विचारों को रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को शरण देने वाले और उनको बचाने वाले किसी भी देश को किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश को अलग करें चीन अक्सर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बचाने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामने आ जाता है. चीन के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले सहयोग के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले देश को अलग-अलग तो किया जाना चाहिए. साथ ही उन देशों को भी बेनकाब किया जाना चाहिए जो उन देशों को बचाने के लिए सामने आते हैं. चीन पाकिस्तान को यूनाइटेड नेशन से ब्लैक लिस्ट किए जाने वाले प्रस्ताव पर कई बार अपने वीटो शक्ति का भी गलत इस्तेमाल कर चुका है.

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