National Doctors day 2024 : जिंदगी दबे पांव कब इतनी तेज़ी से दौड़ जाती है कि हमे पता ही नही चलता कि उम्र कब ढलान पर आ गई. ये नई नई पनपती बीमारियों की प्रभाव होता है. जब शरीर से सांस उखड़ने लगे तो डॉक्टर ही नया जीवन देने का काम करते हैं. इसलिए प्रतिवर्ष 1 जुलाई को पूरे भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (Doctors day 2024) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को हमारे जीवन में डॉक्टर्स की क्या अहमियत है इसे बताने के लिए समर्पित किया जाता है.
जब भी बीमारी हमारे शरीर से दोस्ती करने के लिए हाथ आगे बढ़ाती है तो वह डॉक्टर ही होते हैं जो इस दोस्ती का सबसे बड़ा विलेन बनकर सामने आते हैं. प्रतिदिन न जाने कितने लोगों को डॉक्टर की वजह से नया जीवन मिलता है. इसीलिए हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है. हर साल नई नई बीमारियां हमारे शरीर में घुसने की कोशिश करती हैं लेकिन डॉक्टर इन बीमारियों को बाहर निकालने का काम करते हैं. चिकित्सक दिवस को मनाकर डॉक्टर के प्रति सम्मान वक्त करने का एक तरीका है.
क्या है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का इतिहास
भारत में हर साल 1 जुलाई को मशहूर चिकित्सक और बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर बीधान चंद्र रॉय की याद में चिकित्सक दिवस को मनाया जाता है. इस दिवस को भारत के नागरिक डॉक्टर के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं. इस दिवस की नीव 1991 में रखी गई थी.
राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की इस वर्ष की यह है थीम
भारत में इस बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2024 की थीम हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स तय की गई है. यह थीम डॉक्टर के समर्पण और करुणा पर जोर देती है, जिसे वे हर दिन अपने दैनिक जीवन में अपनाते हैं.
डॉक्टर बिधान चन्द्र रॉय और महात्मा गांधी जी के बीच कैसा था सम्बन्ध
डॉक्टर बिधान बापू महात्मा गांधी के बहुत ही करीबी चिकित्सक रहे हैं. इन दोनों महानायकों के बीच एक बहुत मशहूर किस्सा रहा है. एक बार गांधी जी 1933 में अनशन कर रहे थे, जिससे लगातार उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा था. जैसे ही डॉक्टर बीधान को खबर मिलती है तो वह बापू के इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन गांधी जी दवा लेने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि उस दवा का निर्माण स्वदेशी रूप से भारत में नहीं किया गया था.