Saudi Arabia News : सऊदी अरब (Saudi Arabia) एक ऐसा देश है, जहां गलती करनी पर माफ़ी मिलने की कोई गुंजाइश नहीं है. उसी देश में एक शिक्षक को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई है. 47 वर्षीय शिक्षक का नाम असद अल गामदी है. उन्होंने 2022 में अपने पोस्ट के जरिये विजन 2030 सुधार एजेंडे से सम्बन्धित प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए आलोचना की थी. साथ ही इस विवादित पोस्ट में क्राउन प्रिंस के ऊपर भी टिप्पणी की थी. इसके चलते शिक्षक को नवम्बर 2022 में उनके घर से ही, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. अब लगभग 18 महीने के बाद सऊदी अरब की विशेष अदालत की ओर से फैसला आया है. इस अदालत की स्थापना सऊदी अरब में आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए किया गया था. इसी अदालत के द्वारा शिक्षक को दोषी ठहराते हुए 29 मई को 20 साल की सजा सुनाई है.
HRW का कहना है, शिक्षक अपनी बातों को शांतिपूर्ण तरीके से सोशल मीडिया पर रख रहा था. उसके बावजूद भी उन्हें 20 साल की सजा मिली है. अदालत की जाँच के अनुसार शिक्षक पर झूठी खबर फैलाने का आरोप लगा है.
शिक्षक का परिवार पहले भी उठाता रहा है क्राउन प्रिंस के खिलाफ आवाजें
असद अल गामदी से पहले उनके बड़े भाई मोहम्मद भी अपनी आवाजें उठाते रहे हैं. मोहम्मद पर भी इसी तरह के आरोप लगाये जाने का मामला सामने आ चुका है. मोहम्मद को तो वहां के कोर्ट ने फ़ासी की सजा सुनाई थी. HRW का इस पूरे मामले को लेकर कहना है, शिक्षक असद अल गामदी को दी गई सजा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक बड़ी कार्यवाही है. HRW के मुताबिक सऊदी की विशेष अदालत ने इस पूरे मामले में शिक्षक के खिलाफ सबूत के तौर पर केवल सोशल मीडिया पोस्ट का उपयोग किया है. इसी के आधार पर इतनी बड़ी सजा तय की गई है. ख़बरों के अनुसार कहा जा रहा है कि शिक्षक ने अपनी पोस्ट में भ्रष्टाचार और मानवाधिकार के ऊपर सवाल खड़े किये थे.