Sikki carft work in India : बिहार केवल अपने लजीज भोजन और बोलचाल के लिए ही मशहूर नहीं, बल्कि यहां की कलाकृतियां भी काफी मशहूर है। यहां पर मशहूर सिक्की आर्ट किया जाता है जो देश और दुनिया में काफी पॉपुलर है। यह एक अनोखी कला है जो प्राकृतिक घास से तैयार की जाती है। आपने देखा होगा कि दूसरी जगह पर उगने वाली घास को कोई अहमियत नहीं दी जाती है, लेकिन बिहार में इसका बेहद महत्व है। इस घास की मदद से जो कारीगरी तैयार की जाती है उसे गोल्डेन ग्रास ऑफ बिहार के नाम से जाना जाता है।
क्या है बिहार की सिक्की आर्ट
बिहार की प्राचीन परंपरा के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं जिनमें से एक सिक्की आर्ट भी है। इस आर्ट को करने के लिए सिक्की घास का इस्तेमाल किया जाता है। इस घास को लेकर सबसे खास बात तो यह है कि इसकी खेती नहीं की जाती यह आसानी से उड़ जाता है जिसका इस्तेमाल कलाकृतियां बनाने में किया जाता है। नदियों के किनारे उगने वाली यह घास तीन से चार फीट की ऊंची होती है जिसका इस्तेमाल सिल्की आर्ट बनाने के लिए किया जाता है।
पहले की जाती है प्रोसेसिंग
सिक्की घास का इस्तेमाल केवल आर्ट बनाने में ही भी बल्कि परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है। इस घास की मदद से कुछ खास दवाइयां भी बनाई जाती है। सिक्की घास का इस्तेमाल करने से पहले इसकी प्रोसेसिंग की जाती है। इसके लिए चूल्हे पर बर्तन रखकर अपनी उबाला जाता है इसके बाद पानी में घास डालकर कुछ देर के लिए छोड़ देते हैं। जब घास ठंडी हो जाती है भाप निकल जाता है तो उसे ठंडे पानी से धोया जाता है। जरूरत के अनुसार बाद में इस कलर भी किया जाता है और जब यह सुख जाता है तो इसका इस्तेमाल किया जाता है।
सिक्की घास से बनते हैं सजावट के समान
सिक्की घास से दीवार की सजावट के लिए एक से बढ़कर एक कलाकृतियां बनाई जाती है। इसके अलावा वॉल हैंगिंग, वॉल प्लेट, टेबल लैंप, कोस्टर, खिलौने, गुड़िया, डलिया, गमले आदि बनाए जाते हैं जिसे आप किसी को गिफ्ट में भी दे सकते हैं। इस घास से बनी चीजों की खास बात यह है कि यह बढ़ते समय के साथ चमकदार बने रहते हैं। बिहार की यह कला विदेश में भी धूम मचा रही है। जिस तरह से पिंक कलाकृतियों की डिमांड बढ़ रही है उस तरह से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।