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Hariyali Teej 2024 : शादीशुदा जिंदगी में चाहते हैं मिठास? जरूर करें माता पार्वती की पूजा

Hariyali Teej 2024

Hariyali Teej 2024 : हिन्दू धर्म में सावन के महीने में हरियाली तीज का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और महिलाओं के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत करती हैं।

हरियाली तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से कठिन व्रत का पालन करती हैं। इस दिन वे निर्जला उपवास रखती हैं और दिनभर उपवास के बाद भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम और स्नेह बढ़ता है। पूजा के दौरान महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और विशेष रूप से हरियाली तीज के उपलक्ष्य में हरे रंग की सामग्री जैसे फूल और पत्ते भी अर्पित करती हैं। अगर आप हरियाली तीज के दिन अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाना चाहते हैं, और आपके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं, तो आपको इस खास अवसर पर विशेष आरती जरूर करनी चाहिए।

माता पार्वती की आरती

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा

देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता

सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

देवन अरज करत हम चित को लाता

गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।

जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

शिव जी की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की आरती और पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन के व्रत और पूजा से जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आती है, जिससे जीवन और भी सुखमय हो जाता है।

 

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