पटना | बिहार चुनाव 2025 की राजनीतिक गरमाहट बढ़ी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। इसी क्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आजतक से खास बातचीत में तेजस्वी यादव के घोषणापत्र और “जंगलराज” के आरोपों पर तीखा पलटवार किया।
सम्राट चौधरी का बयान: “बिहार को अंधेरे से उजाले की ओर लाया”
सम्राट चौधरी ने बातचीत में कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले वर्षों में बिहार को “अंधेरे से उजाले” की ओर ले जाने का काम किया है। उन्होंने कहा —
“तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी सिर्फ वादे करते हैं, जबकि एनडीए ने ज़मीन पर काम किया है। बिहार में आज सड़कों, बिजली, शिक्षा और सुरक्षा की स्थिति पहले से कहीं बेहतर है।”
तेजस्वी यादव के घोषणापत्र पर निशाना
उपमुख्यमंत्री ने राजद के घोषणापत्र को “जुमलों का पुलिंदा” बताते हुए कहा कि जनता अब “खाली वादों” से भ्रमित नहीं होगी।
उनके अनुसार —
“घोषणापत्र में जो बातें कही जा रही हैं, वे उन्हीं की सरकारों में सबसे अधिक उपेक्षित रहीं। राजद ने बिहार को जंगलराज की ओर धकेला था, हमने उस दौर को खत्म किया।”
‘जंगलराज’ बनाम ‘सुशासन’ की बहस फिर हुई तेज
बिहार की राजनीति में एक बार फिर “जंगलराज बनाम सुशासन” की बहस लौट आई है।
- तेजस्वी यादव लगातार एनडीए सरकार को बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर घेर रहे हैं।
- वहीं सम्राट चौधरी और एनडीए नेता विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था में सुधार को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मुद्दा इस बार के चुनाव में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
एनडीए की उपलब्धियाँ: सम्राट चौधरी की गिनती
सम्राट चौधरी ने बिहार में एनडीए सरकार के दौरान हुई प्रमुख उपलब्धियाँ गिनाईं:
- गाँव-गाँव तक बिजली और सड़क का विस्तार
- महिलाओं की सुरक्षा और स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए सशक्तिकरण
- शिक्षा सुधार और बेरोजगारी घटाने के प्रयास
- बिहार को निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम
राजनीतिक माहौल और जनता की प्रतिक्रिया
बिहार में चुनावी माहौल तेज़ है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपने-अपने एजेंडे के साथ जनता के बीच हैं।
सम्राट चौधरी का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि एनडीए इस बार विकास बनाम जंगलराज की पुरानी थीम पर ही चुनावी रणनीति बनाएगा।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
जहाँ एक ओर तेजस्वी यादव “बदलाव” की बात कर रहे हैं, वहीं सम्राट चौधरी और एनडीए “विकास” के नाम पर वोट मांगने की तैयारी में हैं।
अब देखना होगा कि जनता किस पर भरोसा जताती है — ‘जंगलराज’ के आरोपों पर या ‘सुशासन’ के दावों पर।