Kharmas December 2024: यदि आप शादी-विवाह या कोई भी मांगलिक कार्य करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे जल्द निपटा लें। मार्च में खरमास (Kharmas) की शुरुआत होगी, जिसके बाद होलाष्टक का प्रभाव रहेगा. इस दौरान शुभ तिथियां नहीं मिल पाएंगी, और मांगलिक कार्यों पर रोक लगेगी. इसलिए, शुभ कार्यों को पूरा करने के लिए यह समय सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इसके बाद कई दिनों तक कोई शुभ तिथि नहीं मिलेगी.
खरमास का समय और असर
खरमास साल में दो बार लगता है, जब भगवान सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं. इस साल 14 मार्च को खरमास शुरू होगा, जो 13 अप्रैल 2024 तक रहेगा. इस दौरान विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नए मकान का निर्माण या नई दुकान का शुभारंभ जैसी मांगलिक कार्यों की मनाही रहती है. साथ ही, इस समय में वाहन की खरीदारी भी नहीं की जाती है.। 17 मार्च से होलाष्टक की शुरुआत होगी, जो 24 मार्च तक चलेगा. खरमास और होलाष्टक के दौरान जप और तप करना शुभ माना जाता है.
सूर्य से होते हैं बदलाव
सूर्य के राशि परिवर्तन से ऋतुओं में बदलाव होता है, और खरमास के दौरान हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है. सूर्य के धनु राशि में आते ही दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं, साथ ही मौसम में भी परिवर्तन होने लगता है. सूर्य का गुरु की राशि में प्रवेश मौसम में अचानक बदलाव ला सकता है, जिसके कारण खरमास के दौरान कई बार बादल, धुंध, बारिश या बर्फबारी जैसी परिस्थितियाँ बन सकती हैं. यह समय मौसम के अनचाहे बदलाव के लिए जाना जाता है.
खरमास में क्यों नहीं होते शुभ काम
खरमास के दौरान शुभ मुहूर्त नहीं रहते क्योंकि सूर्य एक प्रमुख देवता हैं, और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में उनका पूजन किया जाता है. जब सूर्य गुरु की सेवा में होते हैं, तो सूर्य की शक्ति कम हो जाती है, और साथ ही गुरु ग्रह का बल भी कमजोर पड़ता है. इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कर्मों को करने की सलाह नहीं दी जाती है. खासतौर पर विवाह के समय सूर्य और गुरु ग्रह की अच्छी स्थिति होने से विवाह सफल होने की संभावना बढ़ जाती है, जो खरमास के दौरान नहीं होती.
मकर संक्रांति पर खत्म होगा खरमास (Kharmas December 2024)
खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 तक चलेगा। पंचांग के अनुसार, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के साथ ही खरमास (Kharmas) का समापन हो जाता है. इस दिन सूर्य का मकर राशि में गोचर होना शुभ कार्यों की शुरुआत का संकेत देता है. 14 जनवरी को सूर्य मकर में प्रवेश करेंगे, और खरमास समाप्त हो जाएगा, जिससे मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त समय शुरू होगा.
खरमास में दान का महत्व (Kharmas December 2024)
खरमास के दौरान दान का विशेष महत्व है। इस समय दान करने से तीर्थ स्नान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. निष्काम भाव से किए गए व्रतों का अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं. खरमास में जरूरतमंदों, साधुजनों और दुखियों की सेवा करना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है. इसके साथ ही, घर के आसपास किसी मंदिर में पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, तेल, अबीर, गुलाल, हार-फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि दान करना भी पुण्यकारी होता है.
खरमास के दौरान अपने शुभ कार्यों को शीघ्र निपटाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बाद कई दिनों तक शुभ तिथियां नहीं मिलेंगी. दान और व्रत से पुण्य मिलना और ग्रहों की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए. इस समय का सही उपयोग करके आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.