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Indians Deported From US: इस देश ने भारत के 104 प्रवासियों को अपने देश से निकला, जानिए क्या है कारण

Indians Deported From US

Indians Deported From US: अमेरिका से निर्वासित किए गए 100 से ज्यादा भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर बुधवार दोपहर अमृतसर पहुंच गया. जानकारी के मुताबिक, विमान से उतरे लोगों में 104 भारतीय शामिल हैं. इनमें 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे हैं. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 लोग पंजाब के निवासी बताए जा रहे हैं.

पंजाब पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच विमान श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. यह विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था. द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निर्वासित लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने लाखों रुपये खर्च करके डंकी रूट अपनाकर या अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश किया था.

पंजाब सरकार के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भारतीयों को निर्वासित करने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले इन व्यक्तियों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास प्रदान किया जाना चाहिए था. धालीवाल ने कहा कि ये वे भारतीय हैं जिन्होंने वर्क परमिट पर अमेरिका में प्रवेश किया था.

उन्होंने कहा कि वर्क परमिट की अवधि समाप्त होने पर वे अवैध आप्रवासी बन गए। धालीवाल ने कहा कि अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) से उनकी मुलाकात की योजना है, जिनसे वह अमेरिका में रह रहे पंजाबियों की चिंता और हितों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने पंजाबियों से अपील की कि वे अवैध तरीकों से विदेश यात्रा न करें.

डंकी रूट के ट्रैवल एजेंटों को खोजेगी पंजाब पुलिस (Indians Deported From US)

सूत्रों के अनुसार पंजाब पुलिस निर्वासित व्यक्तियों से पूछताछ कर सकती है,जिससे कि उन अवैध ट्रैवल एजेंटों को जाना जा सके, जिन्होंने उन्हें डंकी रूट और ऐसे अन्य अवैध चैनलों के माध्यम से मोटी रकम वसूल कर विदेश भेजा था.

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि सरकार निर्वासित व्यक्तियों के साथ सामान्य व्यवहार करेगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर किसी की आपराधिक पृष्ठभूमि है, तो उसकी जांच की जाएगी और जहां आवश्यक हो, उचित कार्रवाई की जाएगी. हमें उनकी पहचान और उनके खिलाफ किसी आपराधिक मामले के बारे में पता नहीं है,लेकिन हम केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में हैं.

डंकी रूट क्या है?

 

गैर कानूनी तरीकों से विदेश जाने के लिए जो तरीके अपनाए जाते है उसे डंकी रूट (Donkey Route)
कहते हैं. वैसे जो डंकी(Donkey) शब्द है वह पंजाबी भाषा के डुंकी से आया हुआ है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है. सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है. इसमें खराब मौसम, भूख,बीमारी,दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है. इस रूट से विदेश यात्रा करने वालों को मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है। यह रकम लाखों में होती है.

दिसंबर 2023 में डंकी रूट तब हाईलाईट हुआ था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक जहाज से मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था. इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था.  2024 के फरवरी माह में एक न्यूज एजेंसी ने डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

रिपोर्ट के मुताबिक,जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं. वहां से उन्हें वेनेजुएला,निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे लैटिन अमेरिका के कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है. वहां इन लोगों को हैंडलर की ओर से यह भी बताया जाता है कि सीमा पार करते समय पकड़े जाने पर कैसे उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का दावा किया जाए.

क्या डंकी रूट से यात्रा हो जाएगी बंद

 

एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार निर्वासित व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त करने और अवैध प्रवास को रोकने के लिए एक अभियान शुरू करने की उम्मीद कर रही है. नाम न बताने की शर्त पर एक ट्रैवल एजेंट ने कहा कि पिछले दो महीनों से,जब से सबको पता चला है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को निर्वासित करेंगे, इस तरह की गतिविधि में काफी कमी आई है क्योंकि एजेंट इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि उनके ग्राहक अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे या नहीं, लेकिन गतिविधि पूरी तरह से बंद नहीं हुई है.

उसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य ट्रैवल एजेंट ने कहा कि डंकी रूट से यात्रा करने के लिए कुछ समय पहले फीस भी बढ़ गई है. कोई भी व्यक्ति अमेरिका पहुंचने के लिए 45-50 लाख रुपये का भुगतान कर सकता है, जबकि वहां पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है.

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