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National Handloom Day 2024
INDIA, BUSINESS

National Handloom Day 2024 : इस खास वजह से मनाया जाता है हथकरघा दिवस, बुनकरों के लिए होता है खास दिन

National Handloom Day 2024 : राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, जिसे नेशनल हैंडलूम डे भी कहते हैं, हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत को संरक्षित करना और हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करना है। भारत का हथकरघा उद्योग सदियों पुराना है और देश की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हथकरघा उद्योग के तहत बुनकरों के द्वारा बनाई गई वस्त्रों की कला और कौशल को सम्मानित करने का यह दिन विशेष महत्व रखता है। बुनाई की तकनीकें और डिज़ाइनें जो पारंपरिक रूप से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं, उनकी महत्ता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। हथकरघा वस्त्रों का उपयोग न केवल पारंपरिक परिधानों में होता है बल्कि ये आधुनिक फैशन के साथ भी जुड़े हुए हैं, जो कि हमारे समृद्ध कलात्मक इतिहास की गवाही देते हैं। यह दिन बुनकरों के मेहनत और समर्पण को मान्यता प्रदान करता है। वे अपनी कला और श्रम के माध्यम से हर वस्त्र में अपनी पहचान को उकेरते हैं। उनके द्वारा बनाई गई वस्त्र कला न केवल सौंदर्य को बढ़ाती है, बल्कि रोजगार और आजीविका के अवसर भी उत्पन्न करती है। इसलिए मनाया जाता है हथकरघा दिवस हथकरघा दिवस इस उद्योग को बढ़ावा देने और लोगों को हथकरघा वस्त्रों की विशेषताओं के प्रति जागरूक करने का प्रयास है। हथकरघा न केवल भारत की हस्तकला विरासत का एक अनमोल हिस्सा है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन के आयोजन से स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाता है और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है। इस प्रकार, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बुनकरों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने, भारतीय हस्तकला विरासत को संरक्षित करने, और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हथकरघा बुनकरों की कलाओं को प्रदर्शित किया जाता है। इसके साथ ही, लोगों को हथकरघा उत्पादों की विशेषताओं और उनके महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। इस दिन की विभिन्न गतिविधियों और समारोहों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारत की यह पुरानी और अमूल्य धरोहर संरक्षित रहे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीवित रहे।

Hariyali Teej 2024
ASTRO, INDIA

Hariyali Teej 2024 : शादीशुदा जिंदगी में चाहते हैं मिठास? जरूर करें माता पार्वती की पूजा

Hariyali Teej 2024 : हिन्दू धर्म में सावन के महीने में हरियाली तीज का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और महिलाओं के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत करती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से कठिन व्रत का पालन करती हैं। इस दिन वे निर्जला उपवास रखती हैं और दिनभर उपवास के बाद भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम और स्नेह बढ़ता है। पूजा के दौरान महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और विशेष रूप से हरियाली तीज के उपलक्ष्य में हरे रंग की सामग्री जैसे फूल और पत्ते भी अर्पित करती हैं। अगर आप हरियाली तीज के दिन अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाना चाहते हैं, और आपके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं, तो आपको इस खास अवसर पर विशेष आरती जरूर करनी चाहिए। माता पार्वती की आरती जय पार्वती माता जय पार्वती माता। ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता सदा सुखी रहता सुख संपति पाता। जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता। शिव जी की आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥ हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की आरती और पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन के व्रत और पूजा से जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आती है, जिससे जीवन और भी सुखमय हो जाता है।  

Budh Stotram
ASTRO, INDIA

Budh Stotram : कुंडली के ग्रहों को करना चाहते हैं मजबूत? बुधवार के दिन जरूर करें यह पाठ

Budh Stotram : किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं। अगर किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाए, तो उस काम में कोई बाधा नहीं आती है। गणेश जी की पूजा इतनी आसान नहीं होती है, इसमें कई बातों का ध्यान रखना होता है। आज हम आपको बुधवार को गणेश जी की पूजा के बारे में बताएंगे। इस तरह करे भगवान गणेश जी की पूजा सबसे पहले, पूजा स्थल और अपने मन को स्वच्छ करें, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ करें। गणेश जी की मूर्ति या चित्र को एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर स्थापित करें और उन्हें एक सुंदर और स्वच्छ आसन पर विराजमान करें। गणेश जी की मूर्ति को गंगा जल या स्वच्छ जल से स्नान कराएं और सिंदूर व चंदन का तिलक लगाएं। गणेश जी को लाल या सफेद फूल अर्पित करें, साथ ही दूर्वा (घास) भी अर्पित करें क्योंकि यह उन्हें विशेष प्रिय है। धूप और दीप जलाएं जिससे वातावरण शुद्ध हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। गणेश जी को मोदक, लड्डू या उनका प्रिय भोग अर्पित करें। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और गणेश जी की आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को सभी में बांटें। बुधवार के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता । धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।1।। प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम । यह विडियो भी देखें सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।2।। सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: । सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।3।। उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: । सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।4।। शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: । सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।5।। श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी । रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।6।। अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: । अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।7।। गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: । केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।8।। ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: । कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।9।। गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा । सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।। एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: । बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।11।। ।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।। मिलते है ये खास लाभ कुंडली में बुध ग्रह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हमारे बुद्धि, संवाद और व्यापार के क्षेत्र को प्रभावित करता है। यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो, तो इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हर बुधवार या नियमित रूप से बुध स्तोत्र का पाठ करके आप अपने कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बना सकते हैं। बुध स्तोत्र का 108 बार जाप करने से बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। जाप करते समय हरे रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह बुध देव को प्रसन्न करता है। बुध ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति का मानसिक संतुलन बेहतर होता है और वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सही निर्णय ले पाता है। इसके अलावा, बुध ग्रह व्यापार और संचार से संबंधित कार्यों में भी सफलता दिलाता है। इसके साथ ही, बुध ग्रह का अच्छा प्रभाव जीवन में धन-संपत्ति की वृद्धि करता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाता है। इसलिए बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से बुध स्तोत्र का पाठ करना और बुध देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।  

Mangala Gauri Vrat
ASTRO, INDIA

Mangala Gauri Vrat : मंगला गौरी व्रत पर इस पाठ को करने से सभी परेशानियों से मिलेगी मुक्ति

Mangala Gauri Vrat : मंगला गौरी व्रत सावन के महीने के हर मंगलवार को रखा जाता है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह दिन भगवान शिव और माँ पार्वती के समर्पित होता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से इस व्रत को रखती हैं ताकि उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त हो सकें। मंगला गौरी व्रत का उद्देश्य जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति करना होता है। मंगला गौरी व्रत का महत्व मंगला गौरी व्रत का महत्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए है, लेकिन अविवाहित लड़कियां भी इसे रख सकती हैं। यह माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में आए सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा करती हैं, और उनका ध्यान रखना जरूरी होता है। इस व्रत को रखने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही, महिलाएं अपनी इच्छाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी इस दिन विशेष प्रार्थना करती हैं। ॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥ शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो। अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते। शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्। भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम्॥ जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे। जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते। जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते। निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते। तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्। मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो। मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्। विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः। विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात्॥ पूजा विधि मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि को समझना आवश्यक है। इस दिन पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: फल दीया देसी घी मिठाई कपास सौलह शृंगार पान और सुपारी लौंग और इलायची फूल पंचमेवा माचिस धूप लाल वस्त्र आसन देवी माँ की प्रतिमा गंगाजल और शुद्ध जल घर पर बना भोग, जैसे गुड़ की खीर और हलवा पूजा के समय, शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करना बहुत लाभकारी माना जाता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। व्रत का समय और शुभ मुहूर्त इस साल (2024) मंगला गौरी व्रत सावन के तीसरे मंगलवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन वरीयान योग का निर्माण होगा, जो सुबह 11 बजे तक रहेगा। भगवान शिव शाम 7 बजकर 52 मिनट तक मां गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। मंगला गौरी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो न केवल महिलाएं बल्कि सभी लोग रख सकते हैं। यह व्रत जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। अगर आप भी शिव-शक्ति की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मंगला गौरी व्रत को विधि-विधान से करें और इसके साथ ही पूजा के समय शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। इस व्रत के माध्यम से आप अपनी सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और अपने जीवन में खुशियों का स्वागत कर सकते हैं।

Honor Magic 6 Pro 5G Hits India
BUSINESS, TECH

Honor Magic 6 Pro 5G Hits India : The Future of Smartphones is Here!

Honor Magic 6 Pro 5G Hits India : Features Snapdragon 8 Gen 3 SoC and 108-Megapixel Periscope Camera Honor Magic 6 Pro 5G Launched in India : Price, Specifications, and Availability When : The Honor Magic 6 Pro 5G was launched in India on Friday, August 2. Who : Honor, a leading global smartphone manufacturer, has introduced its flagship model, the Honor Magic 6 Pro 5G. What : The new smartphone runs on Qualcomm’s Snapdragon 8 Gen 3 SoC and has some top-tier specs. Among these is a 6.8-inch LTPO display, a triple rear camera setup removing its center camera for the 180-megapixel periscope sensor, and adding a 50-megapixel front camera. A 5,600mAh battery powers the device, complemented by both wired and wireless charging. What is more, it carries an IP68-rated build, indicating pretty great dust- and water-resistance. Why : Launching the market in India includes phones with good demand proportions among high-performance phones with good camera features and batter life robustness. How : The Honor Magic 6 Pro 5G is packed with bleeding-edge flagship specifications and features for the ultimate user experience. The device runs on the company’s MagicOS 8.0 interface based on Android 14 for a fluent yet intuitive user experience. The smartphone has a 6.8-inch quad-curved display with full-HD+ resolutions and an adaptive refresh rate reaching 1 to 120 Hz, realizing a maximum HDR brightness of 5,000 nits. It is powered by a 4nm Snapdragon 8 Gen 3 SoC with 12 gigabytes of RAM and 512 internal storage. The setup on the rear includes a 2.5x periscope telephoto camera with 180MP and OIS support, a 50MP HDR camera with variable aperture, and a 50MP ultra-wide-angle AF camera. For selfies, the front gets a 50MP wide-angle sensor with 3D depth-sensing technology. Specs  Display : 6.8-inch full-HD+ (1,280×2,800 pixels) quad-curved LTPO Processor : Snapdragon 8 Gen 3 Rear Cameras : Triple setup, which includes a 180-megapixel periscope sensor, a 50-megapixel HDR camera, and a 50-megapixel ultra-wide angle camera Front Camera : 50-megapixel sensor Battery : 5,600mAh/80W wired/66W wireless charging OS : MagicOS 8.0 based on Android 14 Connectivity : 5G, Wi-Fi, Bluetooth, GPS/ AGPS, Galileo, GLONASS, Beidou, OTG, USB Type-C Other Features COLOUR : Black and Epi Green Sale DATE : Available starting from 12:00 am on August 15 across Amazon, Explorehonor.com, and mainline stores Additional Information : There are no-cost EMI options for the Honor Magic 6 Pro 5G starting at Rs 7,500 for a period of 12 months. The company confirmed, through HonorTech, that there wouldn’t be any price drop in the coming 180 days for the device. This device is the first in the world to test five DXOMARK Gold labels—at the rear and selfie camera, battery performance, display, and audio experience. This supports fast charging technology, which has the potential to go from zero to 100% full within as little time as 40 minutes, supported through the use of the chip called Honor E1 power enhancement. Also, the chip provides extra use in low-temperature situations.

Bone Immersion after death
ASTRO, INDIA

Asthi Visarjan : अंतिम संस्कार के बाद आख़िर क्यों लाते हैं घर वापस अस्थियां, ये हैं बड़ी सच्चाई

Asthi Visarjan : हमारे सनातन धर्म में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसके बाद कई क्रिया-कर्म और परंपराएँ निभाई जाती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है अस्थि विसर्जन। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चिता जलने के बाद अस्थियों को क्यों इकट्ठा किया जाता है और उन्हें घर वापस क्यों लाया जाता है? अगर नहीं, तो आइए आज हम आपको सनातन धर्म की इस विशेष परंपरा के बारे में बताते हैं। अस्थियाँ इकट्ठा करने की परंपरा हमारे सनातन धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं, जिनमें से अंतिम संस्कार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका उल्लेख मुख्य रूप से गरुड़ पुराण में किया गया है। गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है, जिसमें जन्म और मृत्यु से संबंधित समय के बारे में विस्तार से बताया गया है। व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद उसकी अस्थियों को इकट्ठा करने की परंपरा है। गरुड़ पुराण के अनुसार, अस्थियों को इकट्ठा करने का कार्य मृत्यु के तीसरे, सातवें और नौवें दिन किया जाता है। इसके बाद, दस दिनों के भीतर गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र नदी में अस्थियों का विसर्जन किया जाता है। अस्थियाँ इकट्ठा करने का महत्व गरुड़ पुराण के अनुसार, मृतक के अंतिम संस्कार के तीसरे दिन अस्थियों को इकट्ठा करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि मंत्रों के जप की मदद से अस्थियों में तेज तत्वों की संयुक्त तरंगों का संक्रमण तीन दिनों तक रहता है। इस समयावधि के भीतर अस्थियों को इकट्ठा करके उनका विसर्जन करना जरूरी माना जाता है। अस्थि विसर्जन का महत्व सनातन धर्म में अस्थि विसर्जन को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है। जब आत्मा शरीर छोड़कर नए जीवन में चली जाती है, तो शरीर को पांच तत्वों में विलीन करने के लिए दाह संस्कार किया जाता है। अस्थियों को नदी में विसर्जित करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इंसान संसार से मुक्त हो जाए और आत्मा की शांति प्राप्त हो। पवित्र नदियों में अस्थि विसर्जन अस्थि विसर्जन के लिए गंगा नदी को सबसे पवित्र माना जाता है। गंगा नदी के अलावा नर्मदा नदी, गोदावरी नदी, कृष्णा नदी, और ब्रह्मपुत्र नदी आदि में भी अस्थियों का विसर्जन किया जा सकता है। इन पवित्र नदियों में अस्थियों का विसर्जन करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पवित्रता का आभास होता है। अस्थि विसर्जन की वैज्ञानिक मान्यता अस्थि विसर्जन की परंपरा के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी छिपे होते हैं। जब अस्थियों को पवित्र नदियों में विसर्जित किया जाता है, तो पानी में घुलने वाले मिनरल्स और तत्व जल को शुद्ध और समृद्ध बनाते हैं। इसके अलावा, अस्थियों में मौजूद कैल्शियम और अन्य तत्व नदी के पानी में घुलकर पर्यावरण को भी लाभ पहुँचाते हैं। समाज में अस्थि विसर्जन का प्रभाव अस्थि विसर्जन की यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एकता और सामंजस्य का भी प्रतीक है। जब किसी परिवार के सदस्य की अस्थियाँ विसर्जित की जाती हैं, तो यह एक प्रकार से समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का तरीका होता है। इसके अलावा, यह परंपरा समाज को एकजुट करती है और सभी को एक दूसरे के दुःख और सुख में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है।

Wayanad landslide
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Wayanad landslide : Allu Arjun ने बढ़ाया मदद का हाथ, दान किए पूरे 25 लाख

Wayanad landslide : सबके दिलों पर राज करने वाले अल्लू अर्जुन ने एक बार फिर से कई लोगों का दिल जीत लिया है। वायनाड में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते एक बड़ा लैंडस्लाइड हुआ है, जिसमें अब तक कई लोगों के मारे जाने की ख़बर आई है। वहीं, कई लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं और अभी तक रेस्क्यू टीम का सर्च ऑपरेशन जारी है। ऐसे में सुपरस्टार मोहनलाल ने हाल ही में वायनाड में फंसे लोगों के लिए 3 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है, ताकि लोगों को राहत मिल सके। अब रविवार को ‘पुष्पा’ के एक्टर अल्लू अर्जुन ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अल्लू अर्जुन ने इस दान की जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से साझा की है। उन्होंने लिखा, “मैं वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन से बहुत दुखी हूं। केरल ने मुझे हमेशा बहुत प्यार दिया है और मैं पुनर्वास के काम में मदद के लिए केरल सीएम रिलीफ फंड में 25 लाख रुपये दान करके अपना योगदान देना चाहता हूं।” अल्लू अर्जुन की इस उदारता को उनके फैंस और समाज के अन्य हिस्सों में काफी सराहना मिल रही है। यह पहली बार नहीं है जब अल्लू अर्जुन ने किसी प्राकृतिक आपदा के समय सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है। वह अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को लेकर हमेशा सजग रहते हैं और इस बार भी उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। केरल में हुई इस भूस्खलन की घटना ने राज्य के कई हिस्सों को प्रभावित किया है, जिससे वहां की जनता को भारी नुकसान हुआ है। इस प्रकार की घटनाओं में पीड़ितों को पुनर्वास की आवश्यकता होती है, जिसमें सरकार और समाज दोनों की मदद की जरूरत होती है। अल्लू अर्जुन द्वारा दिया गया यह दान पुनर्वास के कामों में महत्वपूर्ण योगदान देगा और प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने में मदद करेगा। इस पोस्ट के बाद, अल्लू अर्जुन के फैंस ने उनकी इस पहल की सराहना करते हुए कई सकारात्मक टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने अल्लू अर्जुन की इस मानवता भरी पहल को प्रेरणादायक बताया और उन्हें धन्यवाद दिया। फैंस ने यह भी उम्मीद जताई कि अन्य लोग भी इस तरह की घटनाओं में सहायता के लिए आगे आएंगे और जरूरतमंदों की मदद करेंगे। अल्लू अर्जुन का यह कदम न केवल केरल के लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें याद दिलाता है कि हम सब मिलकर ही किसी भी आपदा का सामना कर सकते हैं और एक-दूसरे की मदद करके समाज को बेहतर बना सकते हैं।  

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Motorola Edge 50 vs OnePlus Nord 4 : इस रक्षाबंधन पर 30,000 रुपये से कम कीमत में खरीदें यह सुपर डिस्प्ले वाला स्मार्टफोन

Motorola Edge 50 vs OnePlus Nord 4 : इस रक्षाबंधन पर अगर आप 30,000 रुपये से कम कीमत में एक बेहतरीन स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो Motorola Edge 50 और OnePlus Nord 4 आपके लिए दो बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। दोनों स्मार्टफोन्स में कई समान विशेषताएँ हैं, लेकिन साथ ही कुछ खासियत भी हैं जो इन्हें अलग बनाती हैं। यहां एक तुलना की गई है ताकि आप अपने बजट और जरूरत के अनुसार सही विकल्प चुन सकें। डिस्प्ले Motorola Edge 50: इसमें 6.6 इंच की 1.5K P-OLED डिस्प्ले है। यह डिस्प्ले 120 हर्ट्ज के रिफ्रेश रेट और 1600 निट्स की पीक ब्राइटनेस को सपोर्ट करती है। डिस्प्ले को गोरिल्ला ग्लास 5 से प्रोटेक्ट किया गया है, जो इसे खरोंच और टेम्पर से सुरक्षित करता है। OnePlus Nord 4: इसमें 6.74 इंच की 1.5K कर्व्ड AMOLED डिस्प्ले है। यह डिस्प्ले 120 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट और 2150 निट्स की पीक ब्राइटनेस के साथ आती है। इसका कर्व्ड डिज़ाइन और उच्च ब्राइटनेस इसे अधिक इमर्सिव बनाते हैं। परफॉर्मेंस और प्रोसेसर Motorola Edge 50: इसमें Snapdragon 7 Gen 1 AE चिपसेट लगा है, जिसे 8GB रैम और 256GB स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है। यह चिपसेट मल्टीटास्किंग और गेमिंग के लिए सक्षम है। OnePlus Nord 4: इसमें Snapdragon 7+ Gen 3 प्रोसेसर है, जिसे 16GB रैम और 512GB स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है। इस प्रोसेसर की अधिक क्षमता इसे उच्च प्रदर्शन और भारी उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है। कैमरा सेटअप Motorola Edge 50: इसमें ट्रिपल कैमरा यूनिट है, जिसमें 50MP प्राइमरी OIS कैमरा, 13MP अल्ट्रावाइड लेंस, और 10MP टेलीफोटो सेंसर शामिल हैं। सेल्फी के लिए 32MP का कैमरा है। OnePlus Nord 4: इसमें 50MP और 8MP का डुअल कैमरा सेटअप है। सेल्फी के लिए 16MP का कैमरा है। बैटरी और चार्जिंग Motorola Edge 50: इसमें 5000mAh की बैटरी है, जो 68 वॉट फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। OnePlus Nord 4: इसमें 5500mAh की बैटरी है, जो 100 वॉट फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। कीमत Motorola Edge 50: इसकी कीमत 25,999 रुपये से शुरू होती है। OnePlus Nord 4: इसकी कीमत 29,999 रुपये से शुरू होती है। दोनों स्मार्टफोन्स की अपनी-अपनी खासियतें हैं। Motorola Edge 50 की कीमत थोड़ी कम है और इसमें अच्छा कैमरा सेटअप है, जबकि OnePlus Nord 4 की डिस्प्ले, प्रोसेसर और बैटरी चार्जिंग फीचर्स इसे अधिक आकर्षक बनाते हैं। आपके बजट और प्राथमिकताओं के आधार पर, आप इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं।  

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Developed India : अगर भारत को बनाना है विकसित देश, तो इन चुनौतियों का करना होगा सामना

Developed India : हमारे भारत को अगर 2047 तक एक विकसित देश की श्रेणी में लाना है तो कई कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। विश्व बैंक का मानना है कि विकसित देश बनने की राह कठिन है क्योंकि भारत जैसे विकासशील देशों के लिए पिछले 2-3 दशकों में हुई प्रगति की रफ्तार को बनाए रखना मुश्किल होगा। विकास की रफ्तार बनाए रखना चुनौतीपूर्ण पिछले 50 वर्षों के दौरान दुनिया के हर देश की विकास यात्रा का आकलन करने के बाद, विश्व बैंक की नई वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2024 कहती है कि वैश्विक माहौल इस तरह का बना है कि विकासशील देशों के मध्य आय वर्ग वाले जाल में फंसने की संभावना है। मध्य आय वर्ग में फंसे देशों की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, कई देश लगातार विकास करते हुए एक बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां उनकी प्रति व्यक्ति GDP अमेरिका के 10% के करीब है, जो फिलहाल लगभग 8,000 डॉलर है। विश्व बैंक इसे मध्य आय वर्ग की श्रेणी में रखता है। सिर्फ 34 देश ही मध्यम आय वर्ग से ऊपर उठकर उच्च आय वर्ग में शामिल हुए हैं। इनमें से अधिकांश देशों को यह सफलता यूरोपीय संघ में शामिल होने या कच्चे तेल के भंडार से कमाई करने के कारण मिली है। उच्च आय वर्ग में पहुंचने की कठिनाई विश्व बैंक के मुताबिक, 1,136 डॉलर से 13,885 डॉलर प्रति व्यक्ति GDP को मध्यम आय वर्ग वाले देशों में रखा जाता है। वर्ष 1990 के बाद से अभी तक सिर्फ 34 देश ऐसे हैं जिन्होंने मध्यम आय वर्ग से ऊपर उठकर उच्च आय वर्ग में स्थान प्राप्त किया है। लेकिन इन 34 देशों में से अधिकांश ने यूरोपीय संघ में शामिल होकर या कच्चे तेल के भंडार से कमाई करके यह सफलता हासिल की है। विकासशील देशों की समस्याएं इन देशों में अब कई तरह की समस्याएं हैं जैसे जनसंख्या में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या, विकसित देशों की बदलती आर्थिक नीतियां और संरक्षणवाद का बढ़ावा। इसके अलावा, ऊर्जा के उपभोग के तरीकों में बदलाव भी इन देशों पर दबाव बना रहे हैं। पहले के मुकाबले आज विकासशील देशों के लिए विकसित देश बनना अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। गरीबी दूर करने के प्रयास – विश्व बैंक का मानना है कि दुनिया से गरीबी दूर करने का लक्ष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि इन मध्य आय वर्ग वाले देशों में कितनी प्रगति होती है। ये देश अभी भी विकास की पुरानी अवधारणा पर निर्भर हैं। इनमें से ज्यादातर देशों ने निवेश बढ़ाकर विकास करने की राह चुनी है जबकि कुछ देशों ने समय से पहले ही प्रौद्योगिकी पर बहुत ज्यादा ध्यान और निवेश किया है। – अब इन देशों को नई सोच अपनाने की जरूरत है। पहले इन्हें निवेश करना और बढ़ाना होगा और इसके बाद प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा। खास तौर पर बाहर से प्रौद्योगिकी और निवेश लाने पर ध्यान देना होगा। इसके बाद, तीसरे चरण में इन देशों को निवेश, प्रौद्योगिकी और अन्वेषण के बीच सामंजस्य बनाना होगा। – इन देशों के पास गलती करने की गुंजाइश नहीं है। इन्हें अपने विकास के स्तर के आधार पर उपरोक्त सुझावों को अपनाना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, निदेशक सोमिक वी लाल का कहना है कि जो देश सुधार करने और उदारवादी रवैया अपनाने में अपनी जनता को थोड़ी कठिनाई से बचाना चाहेंगे, वे भावी विकास यात्रा से अलग रह जाएंगे।

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