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Author name: Shivam singh

शिवम सिंह 12 साल पहले दैनिक हिंदुस्तान से होते हुए दैनिक अमर भारती,दैनिक अमर स्तम्भ,Way 2 Way,पब्लिक एप,बीपीएन टाइम्स,दैनिक जिज्ञासा कुंज,दैनिक अमृत प्रभात जिला विज्ञापन प्रभारी पब्लिक एप पूर्व में तथा वर्तमान में दैनिक अमर उजाला में

Kathua Terror Attack
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Kathua Terror Attack : आतंकी हमलों में शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लेगा देश

Kathua Terror Attack : जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमलों में सेना के पांच जवान शहीद हुए हैं। इन जवानों की शहादत से देश भर में अब आतंकियों के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है। अब इस हमले को लेकर सरकार की ओर से बड़ा बयान आया है। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने एक पोस्ट में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी शहादत का बदला लेने की बात कही है।भारत इस हमले के पीछे की बुरी ताकतों को हरा देगा। रक्षा सचिव ने आतंकियों को कड़ा संदेश दिया।कठुआ आतंकी हमले पर रक्षा सचिव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर कहा, ‘मैं कठुआ के बदनोटा में हुए आतंकवादी हमले में पांच बहादुरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं और शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सैनिकों की शहादत गहरा दुख जताया। गौर हो, 8 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। जबकि,पांच घायल जवानों को पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है। वही हमले के बाद आतंकी भाग निकले। इसके बाद सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ ही देर में आतंकियों को घेर लिया और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। पहले से ही घात लगाए आतंकियों ने सैन्य वाहन पर किया हमला वहीं, देर रात जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकी हमला कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर बिलावर तहसील की बदनोता पंचायत में हुआ।लगभग साढ़े तीन बजे सेना के दो वाहन क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। सूत्रों के अनुसार, करीब चार आतंकी वहां जैंडा नाले के पास पहाड़ी पर पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही सैन्य वाहन वहां से निकला तो आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक JCO सहित चार जवान शहीद हुए तथा पांच जवान घायल हो गए। आतंकियों पर होगा प्रहार सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सेना कमांडर के साथ आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर चर्चा की है और आने वाले दिनों में शुरू की जाने वाली कई पहलों पर बात की। लॉन्च पैड पर आतंकियों को तबाह करने और खुफिया-आधारित ऑपरेशन को अंजाम देने सहित सभी विकल्प खुले रखे गए हैं।ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसा बड़ा एक्शन हो सकता है।जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तराखंड के शहीद सैनिकों नायब सूबेदार आनंद सिंह,हवलदार कमल सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी,नायक विनोद सिंह तथा राइफलमैन आदर्श नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Bangladesh Flood
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Bangladesh Flood : बांग्लादेश में नदियों ने दिखाया अपना रौद्र रूप,बाढ़ से 8 की मौत,20 लाख से अधिक प्रभावित

Bangladesh Flood : बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह बांग्लादेश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है, जिससे दो मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं,क्योंकि भारी बारिश के कारण प्रमुख नदियाँ अपने किनारों को तोड़ रही हैं।170 मिलियन लोगों वाले दक्षिण एशियाई राष्ट्र में,सैकड़ों नदियाँ हैं, जहाँ हाल के दशकों में बाढ़ की अधिक घटनाएँ हुई हैं।ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वर्षा को और अधिक अनियमित बना दिया है और हिमालय के पहाड़ों में ग्लेशियर पिघल रहे हैं। उत्तरी ग्रामीण शहर शाहजादुर के पुलिस प्रमुख सबुज राणा ने बताया कि बाढ़ के पानी में नाव पलटने से दो किशोर लड़कों की मौत हो गई। उन्होंने कहा,छोटी नाव में नौ लोग सवार थे। सात तैरकर सुरक्षित निकल गए। दो किशोर लड़के तैरना नहीं जानते थे,वे डूब गए। ब्रह्मपुत्र नदी कुछ क्षेत्रों में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही कुरीग्राम के पुलिस प्रमुख बिश्वदेव रॉय ने बताया कि बाढ़ के पानी में बिजली के तारों में नाव उलझने के बाद दो अलग-अलग बिजली के करंट लगने की घटनाओं में तीन अन्य लोगों की मौत हो गई।अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एएफपी को बताया कि देश भर में बाढ़ से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में तीन और लोगों की मौत हो गई। सरकार ने कहा कि उसने बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों के लिए सैकड़ों आश्रय स्थल खोले हैं और देश के उत्तरी क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित जिलों में भोजन और राहत भेजी है। देश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव कमरुल हसन ने एएफपी को बताया,बाढ़ से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। देश के 64 जिलों में से 17 जिले प्रभावित हुए हैं। हसन ने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर में बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है,क्योंकि बांग्लादेश की मुख्य नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र नदी कुछ क्षेत्रों में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। नौ में से आठ गांव बाढ़ के पानी में डूबे देश में सबसे अधिक प्रभावित कुरीग्राम जिला है जहां पर नौ में से आठ गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। पूरी जानकारी देते हुए स्थानीय आपदा और राहत अधिकारी अब्दुल हई ने एएफपी को बताया। जिले के एक स्थानीय पार्षद अब्दुल गफूर ने बताया,हम यहां बाढ़ के साथ जी रहे हैं। लेकिन इस साल पानी बहुत अधिक था। तीन दिनों में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर छह से आठ फीट (2-2.5 मीटर) बढ़ गया। बाढ़ के पानी ने पूरे इलाके के 80 प्रतिशत से ज़्यादा घरों को जलमग्न कर दिया है। वे लोग भोजन,खास तौर पर चावल और खाद्य तेल पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पीने के पानी का संकट है। बांग्लादेश वार्षिक ग्रीष्मकालीन मानसून के बीच में है,जो दक्षिण एशिया को उसकी वार्षिक वर्षा का 70-80 प्रतिशत देता है,साथ ही बाढ़ और भूस्खलन के कारण नियमित रूप से मौतें और विनाश भी लाता है।

Supreme Court
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Supreme Court : 6 से 12 तक की छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई

Supreme Court : 13 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को जारी एक परामर्श में कहा कि छात्राओं को कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान आवश्यक शौचालय ब्रेक लेने की अनुमति दी जानी चाहिए और सभी परीक्षा केंद्रों पर मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। ग्रीष्मावकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को पुनः खुलेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेपी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें उन्होंने स्कूलों में गरीब पृष्ठभूमि की किशोरियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया है। मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों के वितरण 5 फरवरी को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान,अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि केंद्र 10 अप्रैल, 2023 और 6 नवंबर, 2023 के आदेशों के अनुसार स्कूल जाने वाली लड़कियों को मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों के वितरण पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री एकत्र करने की प्रक्रिया में है।शीर्ष अदालत ने 6 नवंबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह देश भर के सभी सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में छात्राओं की संख्या के अनुरूप शौचालय निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल तैयार करे।एक समान प्रक्रिया पर जोर देते हुए,इसने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन वितरित करने के लिए बनाई गई नीति के बारे में भी पूछा।सुनवाई के दौरान केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि स्कूल जाने वाली लड़कियों को मुफ्त में सैनिटरी नैपकिन वितरित करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार किया गया है और उसे हितधारकों की टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए भेजा गया है।शीर्ष अदालत ने इससे पहले राज्यों को चेतावनी दी थी कि अगर वे ऐसा करने में विफल रहे तो वह कानून के बल प्रयोग का सहारा लेगी।राज्यों ने स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए मासिक धर्म स्वच्छता पर एक समान राष्ट्रीय नीति तैयार करने के लिए केंद्र को अपना जवाब नहीं दिया है। आर्थिक स्थिति में कमी और निरक्षरता असल कारण 10 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय करने तथा राष्ट्रीय नीति तैयार करने के लिए प्रासंगिक आंकड़े एकत्र करने हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। इसमें कहा गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के पास मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पर योजनाएं हैं। न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया कि वे अपनी मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन रणनीतियों और योजनाओं को, जो केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए धन की सहायता से या अपने स्वयं के संसाधनों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही हैं, चार सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालन समूह को प्रस्तुत करें। कांग्रेस नेता ठाकुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वे गरीब पृष्ठभूमि की छात्राए जो 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को शिक्षा प्राप्त करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,जो संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत उनका संवैधानिक अधिकार है। वे हैं जो मासिक धर्म और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में न तो शिक्षित हैं और न ही उनके माता-पिता ने उन्हें इसके बारे में शिक्षित किया है। याचिका में कहा गया है,आर्थिक स्थिति में कमी और निरक्षरता के कारण अस्वास्थ्यकर और अस्वास्थ्यकर व्यवहारों का प्रचलन बढ़ जाता है, जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम होते हैं, जिद्दीपन बढ़ता है और अंततः लोग स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।

HIV News :
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HIV News : त्रिपुरा में 828 छात्र हुए एचआईवी पॉजिटिव,47 की हुई मौत

HIV News : त्रिपुरा में HIV बिमारी ने छात्रों को जकड़ लिया है। राज्य में छात्रों में HIV के केस बढ़ते जा रहे हैं। एड्स नियंत्रण सोसाइटी (टीएसएसीएस) (Tripura State AIDS control Society, TSACS) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,त्रिपुरा में एचआईवी से 47 छात्रों की जाने जा चुकी है।साथ ही एचआईवी के रोगी राज्य में लगातार बढ़ रहे है जिस वजह से 828 छात्र HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। TSACS अधिकारी ने बताया कि अब तक 828 छात्र HIV पॉजिटिव पाए गए हैं।जिनमें से खतरनाक संक्रमण के चलते अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी हैं।TSACS ने 220 स्कूलों और 24 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के ऐसे छात्रों की खोजा है जो कि इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं।TSACS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इतना ही नहीं,प्रतिदिन हो रही जांचों में एचआईवी के पांच से सात नए मामले निकल रहे हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या पर,TSACS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,मई 2024 तक,हमने एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्रों में 8,729 लोगों को रजिस्टर किया है।एचआईवी से 5,674 लोग पीड़ित हैं,जिसमे से 4,570 पुरुष,1,103 महिलाएं है।वहीं जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन मरीजों में से केवल एक ही मरीज ट्रांसजेंडर है। किस वजह से बढ़ रहे केस राज्य में एचआईवी मामलों में बढ़ोतरी के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर भट्टाचार्जी ने नशीली दवाओं (ड्रग्स) के दुरुपयोग को जिम्मेदार ठहराया है।उन्होंने कहा, ज्यादातर मामलों में,बच्चे अच्छे परिवारों के होते हैं,जहां, माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में होते हैं और वो बच्चों की हर जिद और हर मांग को पूरा करते हैं। लेकिन बाद में माता-पिता को एहसास होता है कि उनका बच्चा नशे की गिरफ्त में आ गया है।लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती और बच्चे संक्रमित हो चुके होते हैं। एचआईवी क्या है एचआईवी का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस। एचआईवी आपके प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं को संक्रमित और नष्ट कर देता है, जिससे अन्य बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। जब एचआईवी आपके प्रतिरक्षा तंत्र को गंभीर रूप से कमजोर कर देता है, तो यह अधिग्रहित इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बन सकता है। एड्स क्या है एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। एड्स से पीड़ित लोगों में कुछ श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या बहुत कम होती है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होती है। उन्हें अतिरिक्त बीमारियाँ हो सकती हैं जो संकेत देती हैं कि वे एड्स की ओर बढ़ चुके हैं। उपचार के बिना, एचआईवी संक्रमण लगभग 10 वर्षों में एड्स में परिवर्तित हो जाता है। चूंकि एचआईवी आपके डीएनए में अपने निर्देश डालने के लिए पीछे की ओर काम करता है, इसलिए इसे रेट्रोवायरस कहा जाता है। एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है? एचआईवी और एड्स के बीच अंतर यह है कि एचआईवी एक वायरस है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। एड्स एक ऐसी स्थिति है जो एचआईवी संक्रमण के परिणामस्वरूप हो सकती है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है।अगर आप एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं तो आपको एड्स नहीं हो सकता। वायरस के प्रभाव को धीमा करने वाले उपचार की बदौलत, एचआईवी से पीड़ित हर व्यक्ति को एड्स नहीं होता। लेकिन उपचार के बिना, एचआईवी से पीड़ित लगभग सभी लोग एड्स की चपेट में आ जाएंगे।

Petrol Diesel Price
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Petrol Diesel Price : 6 जुलाई को जाने अपने शहर में फ्यूल का रेट,जाने आखिर क्यों हर शहर में कम-ज्यादा रेट होता है

Petrol Diesel Price : प्रति दिन सुबह 6 बजे भारतीय तेल कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रेट के आधार पर अपने यहां पर ईधन के दाम तय करती है।इसी तरह से रोज कच्चे तेल के दाम तय होने के बाद भारतीय तेल कंपनियों द्वारा भारत में फ्यूल के दाम अपडेट लिए जाते है।आज यानी 6 जुलाई,शनिवार को भी ईधन के दाम पुनर्निर्धारित किए गए।ऐसे में आज ईंधन की कीमत में किसी तरह का कोई बदलाव राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हुआ है। जबकि अलग अलग शहरों और राज्यों में विभिन्न टैक्स के कारण फ्यूल रेट कम ज्यादा होते रहते हैं। आइए जाने किस शहर में ईंधन की कीमत कितनी है – महानगरों में पेट्रोल की कीमत (प्रति लीटर) देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 94.72 रुपये है। आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 104.21 रुपये है। कोलकाता में पेट्रोल 104.95 रुपये है। बेंगलुरु में पेट्रोल 102.84 रुपये है। चेन्नई में पेट्रोल 100.75 रुपये है। महानगरों में डीजल की कीमत (प्रति लीटर) देश की राजधानी दिल्ली में डीजल की कीमत 87.62 रुपये है। आर्थिक राजधानी मुंबई में डीजल की कीमत 92.15 रुपये है। कोलकाता में डीजल की कीमत 91.76 रुपये है। बेंगलुरु में डीजल की कीमत 88.95 रुपये है। चेन्नई में डीजल की कीमत 92.34 रुपये है। क्या है आपके शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत? शहर पेट्रोल की कीमत डीजल की कीमत नोएडा 94.66 87.76 गुड़गांव 94.90 87.76 लखनऊ 94.56 87.66 कानपुर 94.50 88.86 प्रयागराज 95.28 88.45 आगरा 94.47 87.53 वाराणसी 95.07 87.76 मथुरा 94.41 87.19 मेरठ 94.34 87.38 गाजियाबाद 94.65 87.75 गोरखपुर 94.97 88.13 पटना 106.06 92.87 जयपुर 104.85 90.32 हैदराबाद 107.41 95.65 बेंगलुरु 102.84 88.95 भुवनेश्वर 101.06 92.64 चंडीगढ़ 94.64 82.40 किस तरह से पेट्रोल और डीजल की कीमत अपने शहर में जाने भारतीय तेल कंपनियों के मोबाइल ऐप्स या ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए रोज पेट्रोल-डीजल की कीमत देख सकते हैं। SMS नंबर पर मैसेज भेजकर भी ईधन के रेट जान सकते हैं। हिंदुस्तान पेट्रोलियम के ग्राहक हैं तो 9222201122 पर HPPrice और शहर का पिन कोड SMS करके ईंधन रेट जान सकते हैं। इंडियन ऑयल कंपनी के ग्राहक हैं तो 9224992249 पर RSP और शहर का पिन कोड SMS कर सकते हैं। भारत पेट्रोलियम के ग्राहक 9223112222 पर भेजकर फ्यूल रेट जान सकते हैं। कच्चे तेल की कीमत बात करें कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों की तो यह 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गई हैं। लेटेस्ट अपडेट के अनुसार,03 जुलाई 2024 ब्रेंट क्रूड ऑयल 86.70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड 83.03 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है।

Hina Khan
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Hina Khan : कीमोथेरपी से पहले सिर के बाल हटवाए,आखिर क्यों कैंसर के इलाज में सिर के बाल हटवाने पड़ते हैं

Hina Khan : हिना खान कैंसर की जंग लड़ रही हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने बताया कि उन्हें तीसरे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है। हिना तबसे सोशल मीडिया पर अपने हेल्थ अपडेट शेयर करती रहती हैं। अब हिना खान ने एक नया वीडियो शेयर किया है। वीडियो में हिना खान अपने लंबे बाल काट रही हैं ।क्योंकि कैंसर में जब कीमोथेरेपी होती है तो बाल झड़ते हैं। इस दौरान उनकी मां भी काफी इमोशनल होती हैं। बाल झड़ने का क्या कारण है? रक्त कैंसर के कई उपचारों में बाल झड़ने की संभावना होती है, जैसे कि कीमोथेरेपी, लक्षित उपचार या रेडियोथेरेपी। ये उपचार कैंसर कोशिकाओं जैसी तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को मारने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हालाँकि, शरीर में अन्य कोशिकाएँ भी हैं जो तेज़ी से बढ़ती हैं, जिनमें बाल पैदा करने वाली कोशिकाएँ भी शामिल हैं। ये भी मर जाती हैं, लेकिन वे ठीक हो सकती हैं, जिसका मतलब है कि आपके उपचार के समाप्त होने के बाद आपके बाल आमतौर पर वापस उग आएंगे। अक्सर लोग सोचते हैं कि यदि वे कैंसर का उपचार करवाते हैं तो उनके बाल निश्चित रूप से झड़ जाएंगे, लेकिन सभी कैंसर दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में बाल झड़ना नहीं होता है, इसलिए यदि आप निश्चित नहीं हैं तो अपने उपचार दल से जांच कराएं। उपचार शुरू करने से पहले क्या पता होना चाहिए? उपचार शुरू करने से पहले बालों के झड़ने के प्रभावों को समझना आश्वस्त करने वाला हो सकता है। इससे आपको उपचार शुरू होने पर अधिक तैयार और नियंत्रण में महसूस करने में मदद मिलेगी। कई लोगों को साइड इफेक्ट के रूप में बाल झड़ने की समस्या होती है, लेकिन बाल झड़ने की मात्रा आपके द्वारा लिए जा रहे उपचार और एक व्यक्ति के रूप में आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर उपचार शुरू करने के कुछ सप्ताह बाद बालों का झड़ना शुरू हो जाता है और यह धीरे-धीरे हो सकता है या गुच्छों के रूप में निकल सकता है।  बालों के झड़ने से आपकी पलकें और भौहें भी प्रभावित हो सकती हैं। बालों से जुड़ी है इंसान की भावनाएं बालों का झड़ना एक इमोशनल फीलिंग हो सकती है, जो आपके शरीर की छवि के साथ आपके रिश्ते को बदल देता है। यह जानना ज़रूरी है कि शुरुआत में आपको यह मुश्किल या चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन यह शायद बीत जाएगा। कुछ लोगों के लिए बाल पहचान की अभिव्यक्ति हैं, चाहे वह व्यक्तिगत हो, सांस्कृतिक हो या राजनीतिक। इससे बालों का झड़ना और भी ज़्यादा परेशान करने वाला हो सकता है। समाज की प्रतिक्रिया को झेलना नही आसान अन्य लोग आपके बदले हुए रूप पर मजाक बना सकते हैं, और आपके इलाज के बारे में तरह-तरह के सवाल पूछ सकते हैं। कभी-कभी लोग आपके बालों के झड़ने से ही परेशान हो जाते हैं, और इसे छुपाना मुश्किल हो सकता है। यह कठिन हो सकता है, तब भी जब आप जानते हैं कि उनका कोई बुरा इरादा नहीं है। ज़्यादातर मामलों में, इलाज समाप्त होने के कई महीनों बाद बाल वापस उगने लगेंगे। अपने नए बालों के साथ कोमल रहें और जब तक वे फिर से उग रहे हों, तब तक हार्ड केमिकल वाले प्रोडेक्ट का यूज करने से बचें।  

Hemant Soren
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Hemant Soren : झारखंड के फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे सोरेन,आखिर क्यों इतनी जल्दी CM बनना चाहते हैं?

Hemant Soren : झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं।पार्टी के पुराने नेता चंपई सोरेन ने पांच महीने पहले राज्य की कमान संभाली थी,जब हेमंत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।फिलहाल चंपई ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।बता दे कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के संकेत मंगलवार को ही मिल गए थे,जब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे।हालांकि यह कदम इंडिया ब्लॉक के नेताओं के समर्थन के बाद ही उठाया गया है।वहीं बीजेपी ने हेमंत की वापसी के लिए एक सीनियर आदिवासी नेता को शीर्ष पद से हटाने के लिए झामुमो की आलोचना की है। बीजेपी ने किया तंज झारखंड बीजेपी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो ने पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठने और एक नया मुख्यमंत्री चुनने की बात की थी, लेकिन उनका असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।बता दें हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी और एक सप्ताह से भी कम समय में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी वापसी के लिए मंच तैयार कर लिया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की इतनी जल्दी क्यों? अभी भी हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का मामला चल रहा है और जांच एजेंसी का कहना है कि वह हेमंत सोरेन को राहत देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। सूत्रों के अनुसार ईडी झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करेगी।इसलिए हेमंत सोरेन जांच एजेंसी के पहले ही कोई ठोस कदम उठाना चाहते हैं। क्या चंपई को सीएम पद मजबूरी में मिला? चंपई सोरेन पार्टी के पुराने नेता हैं,लेकिन वह हेमंत सोरेन की जगह लेने के लिए सभी के पसंद नहीं थे।ये वह पार्टी है जिसने कभी परिवार के बाहर किसी को महत्वपूर्ण पद नहीं दिया,उसके लिए उस समय चंपई सोरेन को नियुक्त करना एक मजबूरी थी।हेमंत की पत्नी कल्पना,जिनका नाम तब शीर्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा था,लेकिन वह विधायक नहीं थीं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं था।हालांकि, पिछले पांच महीनों में चीजें बदल गई हैं।कल्पना ने खुद को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान जेएमएम के अभियान की कमान संभाली थी।साथ ही निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार भी किया है।अगर हेमंत को फिर से पद छोड़ना पड़ता है,तो कल्पना अब रिप्लेसमेंट के लिए पहली विकल्प होंगी। जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली में हेमंत सोरेन ने दावा किया कि बीजेपी झारखंड में विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की साजिश कर रही है।वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी उत्साहित है।पार्टी ने तीन सीटें राजमहल,दुमका और सिंहभूम जीती हैं,जबकि 2019 में सिर्फ एक सीट मिली थी।

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Koo : पीली रंग की छोटी चिड़िया जैसे दिखने वाला भारत का अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हुआ बंद, बंद होने की वजह क्या है ?

Koo : माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter (अब X) को टक्कर देने के लिए देसी ऐप Koo को यूजर्स के लिए लाया गया था।चार साल पहला आया Koo App लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आया।इसलिए कंपनी ने Koo ऐप को बंद करने का फैसला लिया है। 2020 में लॉन्च हुआ कू ऐप पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी जो यूजर्स के लिए 10 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध थी।अब तक इस ऐप को 60 मिलियन यानी 6 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।KOO को बनाने वालों ने ‘अभिव्यक्ति को लोकतांत्रिक बनाने’ और लोगों को उनकी स्थानीय भाषाओं में बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए ‘बहुत मन से’ बनाया गया था। KOO को लेकर लिंक्डइन पर पोस्ट KOO के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिड़वाटका ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा, कि हमने कई लोगों से बातचीत किया उनमें से कुछ ने ऐप को चालू रखना चाहते थे,लेकिन सोशल मीडिया ऐप चालू रखने के लिए तकनीकी सेवाओं की लागत बहुत अधिक है,और हमें यह कठिन फैसला लेना पड़ा। KOO में मुश्किल समय सितंबर 2022 में शुरू हुआ था जब कंपनी ने पहली बार करीब 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। फरवरी 2023 में सह-संस्थापक बिड़वाटका ने कर्मचारियों को चेतावनी दी कि और छंटनी होने वाली है। 21 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स जब ट्विटर और भारत सरकार के बीच रिश्ते बिगड़े थे तब कू के मंथली एक्टिव यूजर्स अगला की संख्या 94 लाख के पार चली गई थी।2020 में अप्रमेर लेख राधाकृष्ण और मयंक बिड़वाटका द्वारा स्थापित यह 10 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी। ऐप का लोगो एक पीले रंग की छोटी चिड़िया थी।जिसके लॉन्च होने के बाद से इसे लगभग छह करोड़ बार डाउनलोड किया गया था।इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट के प्रवक्ता ने दावा किया कि KOO के पास लगभग 21 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स और लगभग एक करोड़ मासिक सक्रिय यूजर्स थे।उन्होंने यह भी दावा किया कि सोशल साइट्स में प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 9,000 से अधिक वीआईपी हैं। बाजार का मूड और फंडिंग में नरमी KOO का सपना अधूरा रह गया कू का अंतिम मूल्यांकन 27.4 करोड़ डॉलर था,जब इसने श्री वन फोर कैपिटल समेत निवेशकों से 6.6 करोड़ डॉलर से अधिक जुटाए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 से ही KOO नई पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा था, जिसके बाद इसने कई प्लैटफॉर्म के साथ विलय की संभावना तलाशी, लेकिन कही पर कोई भी बातचीत सफल नहीं हुई। लिंक्डइन पोस्ट में संस्थापकों ने कहा,सोशल मीडिया संभवतः सबसे कठिन कंपनियों में से एक है,भले ही सभी संसाधन उपलब्ध हों, क्योंकि मुनाफे के बारे में सोचने से पहले आपको यूजर्स को एक महत्वपूर्ण पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत होती है। इस सपने को साकार करने के लिए हमें पांच से छह साल की आक्रामक, दीर्घकालिक और धैर्यवान पूंजी ऐप पर पढ़ें आवश्यकता थी। उन्होंने कहा,दुर्भाग्य से बाजार का मूड और फंडिंग में नरमी ने हम पर भारी असर डाला।KOO आसानी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल सकता था और भारत को एक वैश्विक ब्रांड दे सकता था जो वास्तव में भारत में बना था।

Modi 3.0
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Modi 3.0 : लोकसभा में पीएम के दो घंटे तक चले लंबे भाषण पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

Modi 3.0 : कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो घंटे लंबे लोकसभा भाषण की आलोचना करते हुए उनके कथित झूठ तथा तथ्यहीनता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि चीन,जम्मू आतंकी हमलों सहित किसानों की आय दोगुनी करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की जनता को गुमराह किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दो घंटे लंबे भाषण पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल गांधी का तीर सही जगह पर लगा है। पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए दो घंटे का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। उन्होंने आगे आपातकाल और NEET परीक्षा की पराजय के बारे में बात की। बघेल ने कहा,हिंदू धर्म अहिंसक है और पीएम मोदी लगातार झूठ बोल रहे हैं। मैंने पीएम मोदी का आज का भाषण सुना है और इससे पता चलता है कि वह पागल हो गए हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने हाथरस में भगदड़ की खबर आने के बावजूद अपना भाषण जारी रखने के लिए पीएम मोदी की निंदा करते हुए कहा कि,107 लोगों की जान चली गई, और कहा कि मुझे उम्मीद थी कि पीएम को पहले से जानकारी मिल गई होगी और वह अपना 2 घंटे और 14 मिनट लंबा बयान छोटा कर देंगे। अमेठी से कांग्रेस पार्टी के सांसद केएल शर्मा ने कहा,यह सिर्फ़ भाषण का दोहराव है, इसमें कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कुछ नहीं कहा। कांग्रेस पार्टी की सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा,आज (प्रधानमंत्री के) भाषण में जिस बात का उल्लेख होना चाहिए था।किसानों की आय दोगुनी करने पर सरकार का कोई स्पष्ट रुख नहीं है। अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पीएम अपने देश की जनता को बताने में विफल रहे हैं।अकाली दल की सांसद ने कहा,उनके भाषण का अधिकतम हिस्सा एक व्यक्ति को लक्षित था। लगभग दो घंटे तक, उन्होंने (पीएम मोदी) केवल राहुल गांधी के बारे में बात की। ऐसे मामलों में देश के बारे में कौन बात करेगा? राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के बारे में बोलते हैं और इसके विपरीत। देश के लोगों के बारे में कौन बात कर रहा है? देश बेरोजगारी, किसानों के मुद्दों और उच्च मुद्रास्फीति के बारे में उनके दृष्टिकोण के बारे में सुनना चाहता था। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा,प्रधानमंत्री ने चीन, जम्मू में आतंकवादी हमलों, आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में खामियों के बारे में कुछ नहीं कहा, और इसलिए प्रधानमंत्री के भाषण में कोई सार नहीं था।

Zika Virus
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Zika Virus ने Pune में फैलाया पैर,मिले 6 केस जिसमे से दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल

Zika Virus : देश में एक बार फिर जीका वायरस अपना पैर पसार रहा है। देश के कई इलाकों से जीका वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से जीका वायरस के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पुणे में 6 ऐसे मरीज मिले हैं जो इस वायरस से संक्रमित हैं। इन पीड़ितों में से दो महिलायें गर्भवती भी हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक जुलाई दिन सोमवार को पुणे में 46 वर्षीय एक डॉक्टर में जीका वायरस का पहला मामला पाया। इसके बाद, उनकी 15 वर्षीय बेटी भी पॉजिटिव पाई गई।हालाकि दोनों की हालत स्थिर है उनमें कोई लक्षण नहीं है। जीका वायरस बीमारी संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के भी वाहक हैं। जीका वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में पाया गया था। पुणे नगर निगम (पीएमसी) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने बताया कि कुल 25 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12 सैंपल एरंडवाने से लिए गए थे, जिसमें दो गर्भवती महिलाओं के सैंपल शामिल थे। कुल सात सैंपल में से 12 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा, मुंधवा से 13 सैंपल लिए गए, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। क्या होता है जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी होती है जीका वायरस। इस वायरस के ऑर्गेनिज्म हमारे ऊतकों का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकाश संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं। असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है। जीका वायरस के क्या लक्षण जीका वायरस के लक्षण एक अध्यनन के अनुसार 5 में से एक पर नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है। गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है। जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है। इसके अलावा और ये भी लक्षण जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं। मस्तिष्क का पूरा तरह से विकास नही होता हैं।इस वायरस की वजह से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है। इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।

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