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Author name: Shivam singh

शिवम सिंह 12 साल पहले दैनिक हिंदुस्तान से होते हुए दैनिक अमर भारती,दैनिक अमर स्तम्भ,Way 2 Way,पब्लिक एप,बीपीएन टाइम्स,दैनिक जिज्ञासा कुंज,दैनिक अमृत प्रभात जिला विज्ञापन प्रभारी पब्लिक एप पूर्व में तथा वर्तमान में दैनिक अमर उजाला में

IPO Stock market today
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Stock market today : सुनहरा मौका,स्टील वायर निर्माता बंसल वायर इंडस्ट्रीज का IPO खुला,745 करोड़ रुपए के नए शेयर खुलेंगे

Stock market today : : स्टील वायर निर्माता बंसल वायर इंडस्ट्रीज अपनी पहली आईपीओ खोलने जा रही हैं।बंसल ग्रुप की तरफ से जारी हुए शेयर में कोई भी पुराने IPO शामिल नही होगा,745 करोड़ रुपए की कीमत के सभी नए शेयर जारी होगे।इन शेयरों की कीमत 243 रुपये से 256 रुपये के बीच होगी।वही न्यूनतम लॉट साइज 58 रुपए प्रति शेयर होगा।गैर-पेशेवर बाजार प्रतिभागी को कम से कम 14,848 रुपये का निवेश करना होगा। IPO को 3 जुलाई से 5 जुलाई तक के लिए खोला जाएगा। जिसमें आधारशिला निवेशक 2 जुलाई को बोली लगाएंगे।8 जुलाई को कंपनी अपने आईपीओ के आवेदकों को शेयर वितरित करेगी तथा कंपनी 10 जुलाई 2024 को सूचीबद्ध होगी। कंपनी इस धनराशि का उपयोग कर्ज चुकाने,कंपनी के दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने तथा अन्य व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए करेंगे। बंसल ग्रुप अपना नया प्लांट लगा रहा श्री लक्ष्मण बंसल के द्वारा बनाया गया बंसल ग्रुप्स एक पारिवारिक व्यवसाय है। बंसल वायर इंडस्ट्रीज स्टेनलेस स्टील और स्टील के वायर बनाने वाली कंपनी है। बंसल वायर इंडस्ट्रीज,बंसल स्टील एंड पावर लिमिटेड के द्वारा 3,000 से अधिक SKU की पेशकश की गई थी। इसमें करीब 2,000 स्टॉक कीपिंग यूनिट खुद बंसल वायर ऑफ़र करती है और उनकी सहायक कंपनी 1,500 SKU ऑफ़र करती है। कंपनी मुख्यतया हाई कार्बन स्टील वायर, माइल्ड स्टील वायर (लो कार्बन स्टील वायर) और स्टेनलेस स्टील वायर बनाती है।ये कंपनी दादरी में भी अपना एक नया प्लांट लगा रही है। क्या है फ्लोर प्राइस बंसल वायर इंडस्ट्रीज के शेयरों का फ्लोर प्राइस फेस वैल्यू का 48.60 गुना और कैप प्राइस 51.20 गुना है। इस आईपीओ में निवेशक कम से कम 58 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 58 इक्विटी शेयरों के गुणकों में बोली लगा सकते हैं। किनके लिए कितने शेयर रिजर्व बंसल वायर इंडस्ट्रीज आईपीओ ने योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए 50% शेयर आरक्षित किए हैं। इसमें गैर-संस्थागत संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए 15% और रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 35% शेयर रिजर्व हैं। बंसल ग्रुप के नाम दर्ज है देश के पहले प्राइवेट रेलवे स्टेशन का प्रबंधन वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की कुल आय वित्त वर्ष 2021 के 1,480.41 करोड़ रुपये से 28% बढ़कर 2,422.56 करोड़ रुपये हो गई,जबकि कंपनी की प्रोफिट आफ्टर tax (पीएटी) वित्त वर्ष 2021 के 40.46 करोड़ रुपये से 21.7% बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 59.93 करोड़ रुपये हो गया है। भोपाल के हबीबगंज स्टेशन,जो अभी रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से प्रसिद्ध है, भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन है।इस स्टेशन का प्रबंधन बंसल ग्रुप के द्वारा किया जाता है ।

budget 2024
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BUDGET 2024 : बजट में F&O ट्रेडिंग में बढ़ सकता है 30% तक टैक्स,निवेशकों पर बढेगा का बोझ

BUDGET 2024 :  बजट के आने के बाद कयास लगाई जा सकती हैं, कि जुलाई के तीसरे सप्ताह में पेश होने वाले बजट में F&O पर टैक्स बढ़ सकता है।इससे रिटेल इन्वेस्टर्स के एफएंडओ सेगमेंट के प्रति झुकाव पर अंकुश लगेगा, जो रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब बनने का लेकर ट्रेडिंग करते हैं और अपना नुकसान करा बैठते हैं। एक रिपोर्ट की माने तो वित्त मंत्रालय आगामी केंद्रीय बजट में वायदा और विकल्प (F&O) लेनदेन पर अधिक कर लगाने की योजना बना रहा है। प्रस्तावित परिवर्तनों में इन लेनदेन को ‘गैर-सट्टा व्यवसाय आय’ से ‘सट्टा आय’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत करना और उन पर संभावित रूप से TDS लगाना शामिल है।। F&O से होने वाले मुनाफे पर अब लॉटरी जीतने या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई जैसा ही 30% का फ्लैट टैक्स लग सकता है। सरकार एफएंडओ ऑप्शंस से हुई इनकम को लॉटरी या क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई मान सकती है।सरकार ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कारोबार में तेजी से बढ़ते घाटे को लेकर चिंता जताई थी। कई लोग एफएंडओ में पैसा लगा रहे हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार अब एफएंड से होने वाली कमाई को व्यापारिक आय की जगह सट्टेबाजी आय की केटेगरी में लाने पर विचार कर रही है। इसका मतलब है कि F&O से होने वाले मुनाफे पर अब लॉटरी जीतने या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई जैसा ही 30% का फ्लैट टैक्स लग सकता है। विकल्पों पर एसटीटी एक अप्रैल से पहले ही बढ़ चुका फ्यूचर्स और ऑप्शंस के कॉन्ट्रैक्ट्स की खरीद-बिक्री पर एसटीटी लगता है। अभी हाल ही में इसमें बढ़ोतरी हुई थी। 1 अप्रैल से ऑप्शंस पर एसटीटी को 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.0625 फीसदी कर दिया। अभी इक्विटी डिलीवरी पर बाय और सेल, दोनों साइट एसटीटी 0.1 फीसदी लगती है। इक्विटी इंट्रा-डे में सेल साइड पर यह 0.025 फीसदी, इक्विटी फ्यूचर्स पर यह 0.0125 प्रतिशत, इक्विटी ऑप्शंस पर 0.0625 प्रतिशत और एक्सरसाइज पर 0.125 प्रतिशत है। 20 साल पहले लाया गया था एसटीटी बाजार नियामक सेबी लगातार रिमांड दिलाता रहता है कि 10 में से 9 ट्रेडर्स को F&O में घाटा होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि एसटीटी में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे कुछ कमी आएगा। एसटीटी आज से 20 साल पहले वर्ष 2004 में आया था। स्टॉक मार्केट से जुड़े जो भी आदान प्रदान होता हैं,उसमे यह लगाया जाता है। केंद्र सरकार का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में इसे 27625 करोड़ रुपये की एसटीटी मिल सकती है।

Lok Sabha speech
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Lok Sabha speech :18 वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन 264 नवनिर्वाचित सांसद लेगे शपथ

Lok Sabha speech : 18 वीं लोकसभा का पहल सत्र 24 जून से शुरू हुआ था जिसमे 280 नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ लिया था।वही 25 जून को शेष 264 नवनिर्वाचित सांसद शपथ लेंगे फिर 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा।देखा जाए तो इस सत्र में सभी सांसदों का शपथ,लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव तथा बजट पेश होना है।वही इस सत्र के शुरू होने से पहले ही विपक्ष की तैयारियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है।इस समय मजबूत विपक्ष नीट पेपर लीक,रेल हादसों समेत कई मुद्दों पर सरकार को रोकने का प्रयास करेगी। जेपी नड्डा को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा उर्फ जेपी नड्डा नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनने पर उनके मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। जहां पर उनको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रसायन और उर्वरक मंत्रालय का भार सौपा गया है।जेपी नड्डा गुजरात राज्य से राज्यसभा के सदस्य हैं।जेपी नड्डा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं।भारतीय जनता पार्टी के सन 2019 से 2020 तक कार्यकारी अध्यक्ष तथा 2020 में पूर्ण रूप से पार्टी अध्यक्ष बने थे।मोदी सरकार के फेज टू में जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं।मोदी सरकार के फेज 3 में उनको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही साथ रसायन एवम उर्वरक मंत्रालय भी मिला हुआ है।पार्टी के द्वारा जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है।वे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का स्थान लेंगे।क्योंकि इस बार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल लोकसभा के सदस्य हैं। कौन होता है सदन का नेता राज्यसभा में सदन नेता का पद सभापति तथा उपसभापति के बाद में आता है अर्थात यह राज्यसभा में तीसरे नंबर का महत्वपूर्ण पद होता है। वैसे राज्यसभा में नेता सदन का पद प्रधानमंत्री का होता है यदि वे राज्यसभा के सदस्य हुए तो यदि वे राज्यसभा के सदस्य नही होते तो हैं तो वे अपने मंत्री मंडल से किसी मंत्री को या किसी राज्यसभा सदस्य को भी नेता सदन नियुक्त कर सकते हैं। सदन के नेता की जिम्मेदारी क्या नेता सदन का काम राज्यसभा को सही ढंग से चलाने के लिए पक्ष तथा विपक्ष के बीच सेतु का कार्य करता है।जो सदन में सत्ताधारी दल तथा विपक्षी दलों की मांगों को सदन में रखता है। नेता सदन को हमेशा राज्यसभा में बैठने के लिए पहली कुर्सी दी जाती हैं।ताकि वह पक्ष,विपक्ष,मंत्रिमंडल तथा पीठासीन अधिकारियों के टच में बना रहे। राज्यसभा के सभापति या उपसभापति नेता सदन से लगभग सभी राज्यसभा की कार्यवाही चलने के लिए सलाह लेता है।जैसे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए दिन व समय,सदन की कार्यवाही में सदस्यों के बोलने का समय आदि सदन के नेता की सलाह पर ही होता है।

Bharatiya Nyaya Sanhita
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Bharatiya Nyaya Sanhita : नए कानून के तहत पहला मुकदमा दिल्ली में दर्ज,जानें किसने दर्ज करवाया

Bharatiya Nyaya Sanhita : भारतीय न्याय संहिता 2023 आज से यानी की एक जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू हो चुकी हैं।जो कि कई सालों पहले बने कानून की जगह लेगा। नए कानून के लागू होते ही आज सोमवार की सुबह पहला मुकदमा दिल्ली राज्य के कमला मार्केट थाने के उपनिरीक्षक कार्तिक मीणा ने एक रेहड़ी दुकानदार के ऊपर लिखवाया है। एसआई कार्तिक मीणा के अनुसार वह अपने क्षेत्र नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे डीलक्स शौचालय के पास पहुंचे तो एक व्यक्ति आम रास्ते में अपनी दुकान खुले हुए था जिसमे वह पानी,बीड़ी,सिगरेट आदि रखे हुए था जिस वजह से लोगों को वहां से निकले में दिक्कत हो रही थी।जिसको देखकर उपनिरीक्षक ने रेहड़ी वाले को आम रास्ते से दुकान हटाने के कहा तो दुकानदार ने अपनी मजबूरी बताकर वहां से चला गया।इसके बाद SI ने थाने में आकर आरोपी रेहड़ी के ऊपर केस फाइन किया।आरोपी रेहड़ी वाले का नाम पंकज कुमार है जो कि बिहार राज्य के बाढ़ निवासी हैं। एक जुलाई से देशभर में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगे जो आईपीसी,सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगे। अब क्या होगा नया कानून  FIR,जांच और सुनवाई के लिए अनिवार्य समय-सीमा तय की गई है।अब सुनवाई के 45 दिनों के भीतर फ़ैसला देना होगा, शिकायत के तीन दिन के भीतर FIR दर्ज करनी होगी। FIR अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के माध्यम से दर्ज की जाएगी।ये प्रोग्राम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के तहत काम करता है।सीसीटीएनएस में एक-एक बेहतर अपग्रेड किया गया है,अब भारत के लोगों को किसी भी पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं है वे E -FIR करवा सकते हैं और नए कानून के अनुसार देश के किसी भी कोने से बैठकर E -FIR कर सकता है।वही प्रथम दृष्टया मामला किसी भी थाने से दर्ज किया जा सकता है चाहे वह मामला उस थाना क्षेत्र में आता हो या न आता हो। पहले केवल 15 दिन की पुलिस रिमांड दी जा सकती थी। लेकिन अब 60 या 90 दिन तक दी जा सकती है।अब नए कानून के अनुसार भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को ख़तरे में डालने वाले कृत्य को एक नए अपराध की श्रेणी में रखा गया है।इस तरह के अपराध को जो पहले राजद्रोह था उसको हटा दिया गया है ।इसमें किस तरह की सज़ा दी जा सकती है, इसकी विस्तृत परिभाषा दी गई है। कौन से कानून में हुआ बदलाव छोटे संगठित अपराधों समेत सभी संगठित अपराध में तीन साल की सज़ा का प्रवाधान है।इससे पहले राज्यों के पास इसे लेकर अलग-अलग क़ानून थे। वही अब शादी का झूठा वादा करके सेक्स करने पर इस अपराध को जघन्य अपराध मानते हुए दस साल की सजा दी जाएगी। व्याभिचार और धारा 377, जिसका इस्तेमाल समलैंगिक यौन संबंधों पर मुक़दमा चलाने के लिए किया जाता था,इसे अब हटा दिया गया है।लेकिन कर्नाटक सरकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि 377 को पूरी तरह हटाना सही नहीं है,क्योंकि इस धारा का प्रयोग अप्राकृतिक सेक्स जैसे अपराधों में किया जाता रहा है। नए कानून के अनुसार अब किसी भी तरह की जांच पड़ताल में फॉरेंसिक साक्ष्य जरूरी हो गया है। सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग, जैसे खोज और बरामदगी की रिकॉर्डिंग, सभी पूछताछ और सुनवाई ऑनलाइन मोड में करना। नए कानून के अनुसार दया याचिका केवल आरोपी ही दाखिल कर सकता है।जबकि पहले गैर सरकारी संस्था भी कर सकती थी।  

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