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Author name: SunilKumaryadav

मेरा नाम सुनील कुमार यादव है। मैंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मीडिया स्टडीज में ग्रेजुएशन किया है। डिजिटल पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। स्टाइलक्रेज डॉट कॉम से होते हुए स्पोर्ट्सकीड़ा के लिए बतौर कंटेंट राइटर के रूप में कार्य कर चुका हूं। देश विदेश और स्पोर्ट्स से जुड़ी खबरों में खास रुचि है।

Nikki Haley
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Nikki Haley : बाइडेन के कार्यकाल की भविष्यवाणी को लेकर पत्रकार पर भड़क गईं निक्की हेली

Nikki Haley : अमेरिकी नेता निक्की हेली (Nikki Haley) अपने पुराने इंटरव्यू को लेकर अमेरिका के एक प्रसिद्ध पत्रकार जॉर्ज पर जमकर भड़क गईं. अमेरिकी पत्रकार ने निक्की हेली की बातों पर सवाल खड़े किए थे. जिससे अब उन्होंने पत्रकार को ही अपने निशाने पर ले लिया. निक्की हेली का कहना था कि राष्ट्रपति बाइडेन अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे और कोई मतदाता बाइडेन को अपना वोट करेगा तो उनका वोट उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को वोट करने के समान होगा. हेली ने पिछले साल एक इंटरव्यू के दौरान अपने इस विचार को पत्रकार के साथ साझा किया था. हेली को लग रहा है कि उन्होंने पिछले साल ही जो भविष्यवाणी बाइडेन के आगामी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए की थी, वह अब सही साबित हो रही है. कमला हैरिस को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए बाइडेन की पार्टी में मौजूद कई नेता भी कह चुके हैं कि कमला हैरिस को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए. अब इसी को लेकर एक बार फिर से भारतीय मूल की नेता निक्की हेली ने इंटरव्यू के पुराने क्लिप को साझा करते हुए कहा अब तो मेरी बातों पर विश्वास कीजिए. पिछले साल इंटरव्यू के दौरान जब बाइडेन के कार्यकाल को लेकर हेली ने सवाल उठाए थे. तब जॉर्ज ने हेली पर तीखी टिप्पणी की थी. उन्होंने हेली से पूछा था कि आपको कैसे पता कि बिडेन अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे. आपको किन स्रोतों से यह जानकारी मिली है. डोनाल्ड ट्रंप के सामने बाइडेन हैं कमजोर वही अभी हाल में हुए बहस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने राष्ट्रपति बाइडेन का काफी खराब प्रदर्शन रहा है. जिसको लेकर अब डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ही उनकी प्रमुख दावेदारी पर प्रश्न उठाने शुरू कर दिए हैं. खबर है कि उन्हें चुनाव से पीछे हट जाने को कह रहे हैं. हेली का मानना है कि बाइडेन को किया गया वोट अप्रत्यक्ष रूप से कमला हैरिस को जाएगा. कमला हैरिस अमेरिका की अगली राष्ट्रपति होंगी और अगर ऐसा होता है तो अमेरिका के नागरिकों को डरना चाहिए.

US Election 2024
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US Election 2024 : बाइडेन की कमजोरी छुपाने उतरी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता हैरिस को बता रहे हैं प्रमुख दावेदार

US Election 2024 : अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन के सामने डोनाल्ड ट्रंप एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं. पिछ्ले सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप के सामने बहस में बाइडेन के निराशाजनक प्रदर्शन से डेमोक्रेटिक पार्टी के आत्मविश्वास में कमी आई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सबकुछ संतुलित दिखाने की कोशिश में लगी हुई हैं. 81 वर्षीय बाइडेन को लेकर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं कि क्या जीत के बाद वह मानसिक और शारीरिक रूप से 4 साल की सेवा देने के लिए सक्षम बने रह सकते हैं. इतना ही नहीं ये भी सवाल है कि क्या वह ट्रंप को हराने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं. वहीं पूर्व कांग्रेस सदस्य टिम रयान ने न्यूजवीक से कहा है कि 2024 में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए उपयुक्त उम्मीदवार कमला हैरिस को बनाया जाना चाहिए. टिम रियान के अलावा डेमोक्रेटिक नेता जिम क्लाईबर्न भी कमला हैरिस लो लेकर कहा, चाहे वह दूसरे स्थान पर हो या पहले, हमे उनको मजबूत करने के लिए पूर्णरूप से समर्थन देना चाहिए. राष्ट्रपति पद को लेकर हैरिस के क्या हैं विचार कई नेता कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं लेकिन अभी तक हैरिस ने बाइडेन के स्थान को लेने की कोई टिप्पणी नही की है. कमला हैरिस का कहना है कि हमने बाइडेन के नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में मात दी है, और हमे पूर्ण उम्मीद है, हम पुनः ट्रंप को हराने जा रहे हैं. अगर बाइडेन की पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करती है और अगर आगे कुछ समय के बाद बाइडेन अपने राष्ट्रपति पद को आगे सही तरीके से चलाने में सक्षम नहीं होते हैं तो हैरिस राष्ट्रपति बन जाएंगी. हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में कम लोकप्रिय रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें दूसरा उम्मीदवार माना जा रहा है. 59 वर्षीय कमला हैरिस एशियाई मूल की पहली अश्वेत महिला हैं. हैरिस का पुराना संबंध भारत से भी है. उनकी मां भारत से थीं.

UK Election Result
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UK Election Result : ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे स्टार्मर, लेबर पार्टी को मिला बहुमत

UK Election Result : ब्रिटेन चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है और लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. एग्जिट पोल मैं जैसे आंकड़े पेश किए गए थे. वैसे ही परिणाम सामने आए हैं. लेबर पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी को इस चुनाव में हराकर पूर्ण बहुमत के साथ ब्रिटेन की सत्ता में काबिज होने जा रही. स्टार्मर को जीत की बधाइयां दी जाने लगी हैं. अभी तक की वोटो की गिनती में लेबर पार्टी लगभग 378 से ज्यादा सीटों पर विजय प्राप्त कर चुकी है. ऋषि सुनक की पार्टी अभी तक केवल 92 सीट पर ही जीत दर्ज की है. 660 में से 559 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत है. इस लिहाज से लेबर पार्टी पूर्ण बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है. ऋषि सुनक ने स्टार्मर को दी बधाई समर्थकों को संबोधित करते हुए ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के आगामी प्रधानमंत्री माने जाने वाले स्टार्मर को बधाई संदेश दे चुके हैं. साथ ही ऋषि सुनक ने हार की जिम्मेदारी भी स्वीकार कर लिया है. अपने संसदीय क्षेत्र रिचमंड और नॉर्दर्न एल्टर्न में एक संबोधन के दौरान कहा कि बहुत से मेहनती उम्मीदवारों को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है और मैं उनकी हार की जिम्मेदारी लेता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान अपना 100 फ़ीसदी देने की कोशिश की. इस बार के चुनाव में महंगाई एक अहम मुद्दा रहा है. ऋषि सुना अपने किए गए कई वायदों पर खरे नहीं उतर पाए. ब्रिटेन परिवर्तन चाहता है – कीर स्टार्मर स्टार्मर ने जनता के सहयोग का आभार व्यक्त करते हुए अपने आप को पूरी जनता का नेता बताया. उन्होंने कहा कि जिन्होंने मुझे वोट दिया है और जिन्होंने वोट नहीं दिया, फिर भी मेरा कर्तव्य है कि मैं एक एक व्यक्ति की सेवा करूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जनता ने मतदान करके अपना कर्तव्य पूरा कर दिया है. अब हमारा काम करने का समय आ गया है. मैं आपकी लड़ाई हर दिन लडूंगा.

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SCO Meeting : एससीओ की बैठक में जिनपिंग के सामने भारत ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

SCO Meeting : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस और चीन के सामने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री शहबाज़ शरीफ़ को आतंकवाद के नाम पर जमकर खरीखोटी सुनाई. कज़ाख़िस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन SCO की बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ समेत कई देशों के मुख्य प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस बैठक में भारत का नेतृत्व पीएम मोदी के चाणक्य कहे जाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया. जिन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आतंकवाद को पनाह देने के लिए जमकर लताड़ लगाई. एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन को भी याद दिलाया कि इस संगठन का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद से लड़ना है. जयशंकर ने आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अगर हमने आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया तो यह विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बनेगा. भारत के लिए आतंकवाद के मुद्दे को इस संगठन की बैठक में उठाना अच्छा मौका था. चीन भी कई बार यूनाइटेड नेशन में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बचाते हुए देखा गया है. एससीओ (SCO) की बैठक के दौरान पीएम मोदी के विचारों को रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को शरण देने वाले और उनको बचाने वाले किसी भी देश को किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश को अलग करें चीन अक्सर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बचाने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामने आ जाता है. चीन के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले सहयोग के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले देश को अलग-अलग तो किया जाना चाहिए. साथ ही उन देशों को भी बेनकाब किया जाना चाहिए जो उन देशों को बचाने के लिए सामने आते हैं. चीन पाकिस्तान को यूनाइटेड नेशन से ब्लैक लिस्ट किए जाने वाले प्रस्ताव पर कई बार अपने वीटो शक्ति का भी गलत इस्तेमाल कर चुका है.

UK Election Rishi Sunak 2.0
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UK Election Rishi Sunak 2.0 : कौन जीत रहा है ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का चुनाव

UK Election Rishi Sunak 2.0 : ब्रिटेन में आज यानी 4 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान जारी है. ब्रिटेन के इस चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्ष की लेबर पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर होने के अनुमान हैं. चुनाव से पहले हुए सर्वे में बताया गया है कि लेबर पार्टी को बहुमत मिल सकता है. लेबर पार्टी के नेतृत्व कि जिम्मेदारी स्टार्मर के हाथों में है. ऋषि सुनक लेबर पार्टी को मतदान न करने की अपील कर रहे हैं. ऋषि सुनक का कहना है, लेबर पार्टी टैक्स बढ़ाने का कार्य करेगी. ऋषि सुनक ब्रिटेन के अंदर बढ़ती महंगाई को रोकने का दावा करते हुए अपनी सरकार की एक बड़ी सफलता मान रहे हैं. माना जा रहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहने वाला है. उन पर पिछले चुनाव में किए गए कई वादों को पूरा न किए जाने का आरोप है. ओपिनियन पोल में कौन बन रहा है यूके का प्रधानमंत्री साल 2020 में लेबर पार्टी ज्वाइन करने वाले कीर स्टार्मर को लेकर हुए सर्वे में कहा जा रहा है कि वह ऋषि सुनक को चुनाव में हराकर अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं. लेकिन इसके पहले लगातार चार चुनाव में लेबर पार्टी हार का सामना कर चुकी है. आपको बता दें ब्रिटेन में इस चुनाव के लिए मतदान 4 जुलाई को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक जारी रहेगा. इस बार के चुनाव में आप्रवासन एक बड़ा मुद्दा है. लेबर पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी दोनों के लिए एक बड़ी मुश्किल यह कि दूसरे देशों से चोरी से आ रहे अवैध लोगों को कैसे रोकती है. कैसा होता है यूके में चुनाव भारत और ब्रिटेन के चुनाव में काफी हद तक समानता है. मतदान करने की न्यूनतम 18 वर्ष की गई है. नागरिक अपने मतदान के जरिए सांसद का चुनाव करते हैं. इस बार का मतदान कुल 650 सीटों के लिए हो रहा है. वहीं सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425 सीटें जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है. जबकि ऋषि सुनक की पार्टी को 108 सीट मिलने का अनुमान है.

Joe Biden vs Donald Trump
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Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में कब होगा चुनाव, किसके बीच होगा इस बार कड़ा मुकाबला

Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने होंगे. इन दोनों महारथियों के बीच एक बार फिर से जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिका के संविधान के मुताबिक कोई भी अमेरिकी नागरिक दो बार ही राष्ट्रपति नियुक्त हो सकता है. इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है. क्योंकि 68 साल बाद फिर से ऐसी स्थिति आई है कि दो कैंडिडेट लगातार दो चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रुप में मैदान में उतरेंगे. अमेरिका में कब होगा चुनाव अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव इस वर्ष के अंत में 5 नवंबर को कराया जाएगा. इसके बाद चुनाव परिणाम आने में कई दिन का वक्त लग सकता है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाली पार्टी के कैंडिडेट को 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी. अमेरिकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और साथ ही वह कम से कम 14 वर्ष से अमेरिका का मूल निवासी हो. अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्षों के लिए होता है. पिछला चुनाव 2020 में हुआ था. जिस चुनाव में बाइडेन डोनाल्ड ट्रंप को हराकर राष्ट्रपति बने थे लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक बाइडेन ने चुनाव में धोखाधड़ी करा कर उलटफेर कराया था. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 172 देशों में मतदाता की भागीदारी के लिहाज से अमेरिका 139वें स्थान पर आता है. साल 1892 में पहली बार अमेरिका के चुनाव में वोटिंग मशीन का चलन सामने आया. किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व न करने वाले इकलौते राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे. देखा जाए तो अमेरिका का चुनाव केवल अमेरिका तक ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी अहम माना जाता है. क्योंकि विश्व की राजनीति में अमेरिका महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

US News
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US News : कमरा साफ करने को कहा तो अमरीकी छात्र ने अपनी मां की कर दी हत्या

US News : दुनिया में मां और बेटे का रिश्ता सबसे पवित्र और सुरक्षित माना जाता है लेकिन अमेरिका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. एक 20 वर्षीय छात्र के ऊपर अपनी ही मां की हत्या का आरोप लगाया गया है. एक बहुत ही मामूली सी बात को लेकर लड़के का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने अपनी मां के गले को दबा कर हत्या कर दिया. हत्या के बाद छात्र ने स्वयं ही पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पुलिस को इसकी सूचना दी. इस छात्र की मां ने उससे कमरा साफ करने और नौकरी की तलाश करने को कहा था, जिस पर लड़के का गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपनी मां की हत्या कर दी. छात्र ने हत्या करके खुद को किया आत्मसमर्पण मां बेटे में कहा सुनी के दौरान बात बिगड़ गई और बेटे ने मां के गले को दबा दिया. मां बेहोश हो गई और बेटे को लगा कि मां मर चुकी है. उसने फौरन 911 पर कॉल करके अपने घर में एक मृत व्यक्ति की सूचना दी. WGNTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस पहुंची तो लड़के ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया और कथित तौर पर उसने अपराध को कबूल कर लिया. जब पुलिस घर में दाखिल हुई तो उन्होंने 43 वर्षीय उसकी मां शैनेल बंर्स को बेहोशी की हालत में पाया. उनकी गर्दन पर गंभीर चोट होने के निशान मिले. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन दो दिनों के बाद उनकी सांसे थम गई और मृत्यु हो गई. यह मामला जब अदालत में पहुंचा तो अदालत के दस्तावेजों के अनुसार मौत दम घुटने से हुई है लेकिन इसे हाथ से गला घोंटने से हुई हत्या ही माना जायेगा. महिला शिकागो में स्थित एक विश्वविद्यालय में सहायक उपाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थी. खबर के मुताबिक छात्र की मानसिक स्थिति खराब होने की जानकारी सामने आई है.

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US independence day 2024 : अमेरिका को कब और कैसे मिली आजादी, किस देश ने किया था गुलाम

US independence day 2024 : अमेरिका को आज दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के रूप में पहचाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की तरह अमेरिका भी ब्रिटेन की गुलामी की जंजीरों में कई सालों तक जकड़ा रहा. आखिर कैसे अमेरिका को आजादी मिली, अमेरिका कब आजाद हुआ? ब्रिटेन दुनिया के लगभग जिन 80 देश पर अपनी हुकूमत चलाई उन देशों में अमेरिका भी शामिल रहा था. भारत की तरह अमेरिका पर भी कई सालों तक ब्रिटेन ने शासन किया. आज गुलामी के इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते हैं तो जानकर एक बार आश्चर्य होता है कि क्या दुनिया का महा शक्तिशाली देश अमेरिका जो अपनी उंगलियों पर किसी भी देश को नचा सकता है वह भी कभी ब्रिटिश का गुलाम था. अमेरिका कब हुआ आजाद 1607 में अमेरिका के अंदर ब्रिटेन ने पहली बार अपने कदम रखे थे. कुछ ही वर्षों में अमेरिका पर ब्रिटेन के साम्राज्य का वर्चस्व कायम हो गया. लाखों लोगों की लड़ाइयां, हजारों जानें गवाने के बाद 4 जुलाई 1776 को अमेरिका ने ब्रिटिश साम्राज्य से अपनी आजादी हासिल करने का ऐलान कर दिया. लेकिन आजादी की लड़ाई अमेरिका 1783 तक लड़ता रहा. यही वजह है कि अमेरिका हर साल 4 जुलाई को अपनी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानता है. इस वर्ष अमेरिका 4 जुलाई को अपना 248 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. अमेरिका कैसे हुआ था गुलाम अमेरिका की गुलामी को लेकर कहा जाता है कि क्रिस्टोफर कोलंबस जब भारत की यात्रा करने के लिए यूरोप से प्रस्थान किया था, तब क्रिस्टोफर अपने रास्ते से भटक गया और गलती से अमेरिका जा पहुंचा. उसे एक नए देश के बारे में पता चला इसके बाद कोलंबस ने अपने लोगों को इसकी सूचना दी. अंग्रेजों की आदत थी, जहां पर उन्हें संभावनाएं दिखाई दी, उन्होंने उसको अपना गुलाम बना लिया. अमेरिका में कैसे मनाया जाता है आजादी दिवस स्वतंत्रता दिवस पर पूरे अमेरिका में अवकाश होता है. अमेरिकी राष्ट्रपति और वहां की फर्स्ट लेडी व्हाइट हाउस से देश के नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की मुबारकबाद पेश करते हैं. अमेरिका अपने स्वतंत्रता दिवस पर परेड का आयोजन करता है. परेड के दौरान अमेरिका की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है. 4 जुलाई के शाम के वक्त आतिशबाजी की जाती है. अमेरिका वासी एक दूसरे को बधाई संदेश देते हैं. आजादी हासिल करने के लिए अमेरिका ने कितने वर्षों तक किया संघर्ष ब्रिटिश अमेरिका में 1607 में अपने पैर जमाने की शुरुआत कर दी थी. 1776 में अमेरिका अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर देता है. लेकिन 1783 तक अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के जंग जारी रहती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है, आजादी के लिए लगभग 25000 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

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Russian foreign minister : एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच हुई बैठक, कई अहम मुद्दों पर लिया फैसला

Russian foreign minister : रूस भारत को अपना पुराना दोस्त मानता है. खबर है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी 8 जुलाई को रूस के दौरे पर पहुंचेंगे. जहां पर उनकी मुलाकात राष्ट्रपति पुतिन से होनी है. लेकिन इस बीच कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच मुलाकात हुई है. लावरोव से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने युद्ध क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता जाहिर की और साथ ही उनकी सुरक्षित वापसी पर भी जोर दिया. विदेश मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, राजधानी अस्ताना में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. इस मुलाकात के बारे में उन्होंने आगे बताया कि बातचीत के दौरान हमारे बीच द्विपक्षीय साझेदारी और समसामयिकी मुद्दों पर मंथन हुआ. पिछले साल दिसंबर 2023 में हमारे बीच हुई बैठक के बाद कई क्षेत्रों में प्रगति देखी गई है. विदेश मंत्री ने युद्ध के क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को शीघ्र वापस वतन लाने पर भी लावरोव से गहरी चिंता जताई. रूस ने बताया भारत को पुराना और भरोसेमंद दोस्त 1 महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थाई प्रतिनिधि वेसीली नेबेंजिया भारत से घनिष्ठ संबंध को लेकर बड़ी बात कही है. नेबेंजिया के अनुसार रूस भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी वाले संबंध कई दशकों से स्थापित कर रखा है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने भारतीय पीएम मोदी कि रूस की यात्रा को लेकर भी टिप्पणी दी. अगर पीएम मोदी रूस की यात्रा पर जाते हैं तो उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत होंगे. पीएम मोदी अगर 8 जुलाई को रूस की यात्रा पर जाते हैं तो तकरीबन 5 साल के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री रूस का दौरा करेंगे. विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के अपने समकक्ष लावरोव के साथ हुई मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दिया.  

India's Security Concerns
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India’s Security Concerns : कितने देशों के साथ भारत का सीमा पर चल रहा है तनाव

India’s Security Concerns : भारत की सीमा 7 देशों से लगती है, जिसमें से तीन देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है. दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान ऐसे हैं जिनके साथ सीमा पर कई दशकों से जबरजस्त टकराव की स्थिति बनी हुई है. भारत के कई क्षेत्रों को लेकर दोनों देश अपनी दावेदारी पेश करते हैं. जिसको लेकर युद्ध भी हो चुके हैं और लगातार सीमा पर झडपें होती रहती हैं. भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर की विवादित सीमा को साझा करता है. यह विवादित सीमा भारत के कई राज्यों से जुडी हुई है, जो जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. पाकिस्तान के साथ भारत 3323 किलोमीटर की सीमा को साझा करता है. पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में जम्मू कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं. चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा भारत की सुरक्षा की दृष्टि से सबसे व्यस्ततम सीमा रेखा है. इन सीमाओं पर कई वर्षों से तनाव बढ़ता ही जा रहा है. भारत – चीन सीमा विवाद -India- China Border Dispute कई इलाकों में विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच अभी तक पूरी तरह से सीमांकन नही हो सका है. भारत अक्साई चीन पर दावेदारी पेश करता है. 1962 के युद्ध में चीन ने इस क्षेत्र को अपने कब्जे में हासिल कर लिया था. उधर चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है. जिसको लेकर तनाव हमेशा बना रहता है. साल 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य झड़प भी हुई थी, जिसमें दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे. दोनों देशों की तरफ बढ़ते तनाव के चलते ख़बरें आती रहती हैं कि सैनिकों की संख्या को बढाया जा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर अपनी दावेदारी पेश करता है. इसके अलावा लद्दाख के 38 हजार वर्ग किलोमीटर पर चीन ने कब्जा कर रखा है. पाकिस्तान के साथ भारत का सीमा विवाद पाकिस्तान भारत का तीसरा ऐसा पड़ोसी मुल्क है जिसके साथ सबसे लंबी सीमा साझा होती है. पाकिस्तान भारत के 78 हजार किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर रखा है, जिसे पीओके के नाम से जाना जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार युद्ध लड़े जा चुके हैं. सीमा विवाद, कश्मीर समस्या, जल विवाद और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है. यही विवाद पुनः युद्ध के कारण भी बन सकते हैं. नेपाल के साथ भारत का सीमा विवाद नेपाल के मंत्रिमंडल ने ₹100 के नोट पर एक नक्शा छापने का फैसला किया था, जिसमें भारत के उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. यह विवादित क्षेत्र 372 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.

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