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Egg Prices Rise Due to Demand: अब अंडे की डिमांड से लोगों कि जेब पर पड़ेगा असर, 25 फीसदी बढ़ीं कीमत

Egg Prices Rise Due to Demand

Egg Prices Rise Due to Demand: देश में महंगाई कि मार से आम जनता परेशान है, और इसका असर अब खाने-पीने कि चीजों पर भी दिखने लगा है. तेल, सब्जियों, और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं, जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है. अब पॉल्ट्री फार्म उत्पादों की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है, जिसके कारण अंडे और मांस जैसे आम खाद्य पदार्थ लोगों कि थाली से धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं.

इन वस्तुओं की कीमतों में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी(Egg Prices Rise Due to Demand) हो गई है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए इन्हें खरीदना और भी मुश्किल हो गया है.

अंडे की कीमत बढ़ने कि वजहें(Egg Prices Rise Due to Demand)

अंडों की कीमतों(Egg Price) में बढ़ोतरी कि कई वजहें हैं। पोल्ट्री इंडस्ट्री का मानना है कि बांग्लादेश में निर्यात को इसका मुख्य कारण नहीं माना जा सकता, क्योंकि बांग्लादेश भारत के पारंपरिक निर्यात बाजारों में से नहीं है. पश्चिम बंगाल पोल्ट्री फेडरेशन का कहना है कि सर्दियों में अंडों की मांग बढ़ने, पोल्ट्री फीड की लागत में वृद्धि, और बांग्लादेश और मलेशिया जैसे देशों को किए जा रहे निर्यात की वजह से अंडे कि कीमतों में इजाफा हुआ है. ये दोनों देश निर्यात के लिहाज से भारत के लिए नए बाजार बने हैं, जिससे घरेलू कीमतों पर असर पड़ा है.

आपको बता दे कि एक फुटकर व्यापारी, का कहना है कि गर्मी के मौसम में अंडे की बिक्री काफी कम हो जाती है, लेकिन जैसे ही सर्दी शुरू होती है, अंडों कि मांग अचानक बढ़ जाती है. इस बढ़ी हुई मांग के कारण अंडों की कीमतें भी आसमान छूने लगती हैं. गर्मी में जहां अंडे की खपत कम होती है.

वहीं सर्दियों में यह बढ़ जाती है, जिससे व्यापारी मजबूर होकर अंडे की कीमतों में वृद्धि कर देते हैं. इस समय, हीरा लाल जैसे व्यापारी उबले हुए अंडे दस रुपये प्रति पीस बेच रहे हैं, जो कीमतों में बढ़ोतरी को दर्शाता है.

नवंबर और दिसंबर में बांग्लादेश और मलेशिया जैसे देशों को करीब 5 करोड़ अंडे भेजे जाने का ऑर्डर था, जिससे अंडे की कीमतों में वृद्धि हुई है. पश्चिम बंगाल पोल्ट्री फेडरेशन के महासचिव मदन मोहन मैती ने बताया कि अंडे की कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ पश्चिम बंगाल में नहीं, बल्कि पूरे देश में हुई है.

उन्होंने कहा कि इसका कारण पोल्ट्री फीड की लागत में वृद्धि है. मक्के कि कीमतों में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो 2021 में 14 रुपये प्रति किलो से बढ़कर अब 28 रुपये प्रति किलो हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि अंडों की कोई कमी नहीं है और उनकी खुदरा कीमत 7.5 रुपये प्रति पीस से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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