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Chrome for Sale
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Chrome for Sale: क्या अब बिक जाएगा क्रोम, मुसीबत में है गूगल?

Chrome for Sale: अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की तरफ से गूगल को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बात ये है कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet)को अपना ब्राउजर क्रोम का आदेश मिल सकता है. अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने अगस्त में आए अपने फैसले में ये कहा कि गूगल ने अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाया है और भी कड़े कदम उठा सकता है कानून   इन सभी मामलों के खिलाफ अब खबर आ रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट कभी भी कोई महत्वपूर्ण फैसले की तरफ बढ़ सकता है. गूगल के खिलाफ फैसला देते हुए अगस्त में कोर्ट ने कंपनी को एंटी ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करते हुए दोषी करार दिया था साथ ही यह भी कहा था कि गूगल सर्च व एडवरटाइजमेंट मार्केट में अपनी मजबूती का दुरूपयोग कर रहा अब अलग करना होगा Android OS   रिपोर्ट की मानें तो गूगल पर मुसीबतों के बादल छटते नजर नहीं आ रहे अभी कंपनी को एक और अहम फैसला का सामना करना पड़ सकता है जिसमें उसे Android OS को अपनी दूसरी सर्विस से अलग करना होगा . अगर हम बाजार पर नजर डाले तो अभी लगभग 21 फीसदी शेयर एप्पल सफारी के है वहीं 65 फीसदी पर गूगल है जो उसे टेक्नोलॉजी बाजार में अव्वल बनाए हुए है. क्या असर होगा आपके मोबाइल पर?   अभी जब आप कोई भी स्मार्ट फोन खरीदते है तो उसमें सारी सर्विसेज प्री इंस्टॉल्ड होती हैं. मगर भविष्य में ये सुविधा बदल सकती है. गूगल आपको सर्च इंजन से मेल जोड़ सकता है हालांकि इस पर अभी फैसला आना बाकी है . जज अमन मेहता(Aman Mehta ) सुना सकते है फैसला   मौजूदा जानकारी के हिसाब से अगस्त 2025 तक उसपे फैसला सुनाया जा सकता है जिसके बाद कंपनी इसके विरुद्ध अपील करने के लिए स्वतंत्र है व इसका फैसला जज अमन मेहता सुना सकते है. डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) का सत्ता में आना भी इसपर कुछ असर डाल सकता है. क्योंकि इसपर फैसला बाइडेन (Biden)के कार्यकाल में आया मगर यह ट्रायल डोनल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी शुरू हो गया था.

UP Police Constable Bharti Result 2024
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UP Police Constable Bharti Result 2024: इस दिन यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का आएगा परिणाम

UP Police Constable Bharti Result 2024:  उत्तर प्रदेश में जब से यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल (UP Police Constable Bharti Result 2024) का परीक्षा संपन्न हुआ है, तभी से सभी की निगाहें इसके परिणाम पर है.अगर आप भी यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे है तो यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल इस परीक्षा के परिणाम को लेकर एक तजा अपडेट सामने आया है. दरअसल यूपी पुलिस की परीक्षा यूपी के छात्रों के लिए बहुत ही एहम है. इससे पहले भी यह परीक्षा सभी छात्रों ने बड़ी ही मेहनत के साथ दिया था, हालांकि पेपर लीक के कारण इसे रद्द कर दिया गया. जिसके बाद सभी छात्रों ने दुबारा परीक्षा कराने की मांग की और उत्तर प्रदेश के मुख्यम्नत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस परीक्षा को एहमियत देते हुए जल्दी ही एक्शन लिया और दुबारा परीक्षा करवाई. यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल का दुबारा परीक्षा करवाया गया. जिसमे बहुत ही सावधानी और सुरक्षा का ध्यान रखा गया. परीक्षा संपन्न होने के बाद अब सभी परीक्षार्थियों की निगाहें परिणाम पर रुकी हुई हैं. बता दें इस परीक्षा का परिणाम इसी हफ्ते कभी भी जारी किया जा सकता है. ख़बरों के मुताबिक अभी किसी भी तारीख का एलान नहीं किया गया है. ऑनलाइन देख सकते है रिजल्ट यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का परिणाम आने के बाद आप उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) की ऑफिशियल वेबसाइट uppbpb.gov.in पर ऑनलाइन रिजल्ट चेक कर सकते है. जानकारी के लिए बता दें, जो अभ्यर्थी रिजल्ट में पास हो जाएंगे, वे अगले साल तक होने वाले फिजिकल टेस्ट (PET/ PST) के लिए क्वालीफाई माने जाएंगे. बता दें, परीक्षा फॉर्म आने के बाद करीबन 48 लाख नौजवानों ने आवेदन किया था लेकिन सिर्फ 34 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने इसका एग्जाम दिया था. लिखित परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थी ही अगले साल होने वाले फिजिकल टेस्ट में भाग ले सकते है. फिजिकल टेस्ट के लिए जनरल, OBC एवं SC कैटेगरी के अभ्यर्थियों की न्यूनतम लंबाई 168 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इसके अलावा सीना बिना फुलाए 79 सेंटीमीटर एवं फुलाकर 84 सेंटीमीटर तक होना चाहिए. महिला परीक्षार्थियों को बता दें उन्हें 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ लगानी होगी. जितने भी परीक्षार्थी इन सभी टेस्ट को पूरा करते है. उनका मेडिकल टेस्ट होगा. अगर उनका मेडिकल सब सही रहता है तो उनका पूरा मेहनत और तैयारी सफल मानी जाएगी.

Shravana Putrada Ekadashi 2024
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Shravana Putrada Ekadashi 2024 : नहीं हो रही है संतान, तो पुत्रदा एकादशी पर जरूर करे ये खास पाठ

Shravana Putrada Ekadashi 2024 :  सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है, और इस पवित्र समय में लोग शिवजी की पूजा-अर्चना करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। इस माह में एक महत्वपूर्ण पर्व आता है जिसे सावन पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन नवविवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है जो संतान सुख की इच्छा रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और उनके परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन महिलाएं विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करती हैं और संतान की कामना के लिए संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ अवश्य करती हैं। संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना इस व्रत का मुख्य हिस्सा माना जाता है, जिससे व्रत रखने वाली महिला के जीवन में संतान सुख की प्राप्ति होती है। व्रत के दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, फल, फूल और पंचामृत से स्नान कराकर उनकी पूजा की जाती है। व्रतधारी को दिनभर उपवास रखकर भगवान का ध्यान करना चाहिए और संतान सुख की कामना करनी चाहिए। संध्या समय भगवान की आरती और भजन-कीर्तन करना विशेष लाभकारी माना गया है। सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करना सरल नहीं होता, लेकिन इसे विधि-विधान से करने पर मनोवांछित फल अवश्य प्राप्त होते हैं। यदि आप इस व्रत से संतान सुख की प्राप्ति चाहते हैं या अपने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं, तो इस व्रत के दौरान संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत आवश्यक है। यह पाठ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने में सहायक होता है, जिससे जीवन में खुशहाली और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, यह व्रत जीवन में हर दृष्टि से कल्याणकारी साबित होता है। संतान गोपाल स्तोत्रम् श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् । यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥ अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् । नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् । पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥ पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् । देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन । देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥ यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् । अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥ श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत । गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥ भक्तकामद गोविन्द भक्तं रक्ष शुभप्रद । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ रुक्मिणीनाथ सर्वेश देहि मे तनयं सदा । भक्तमन्दार पद्माक्ष त्वामहं शरणं गत: ॥ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ वासुदेव जगद्वन्द्य श्रीपते पुरुषोत्तम । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ कंजाक्ष कमलानाथ परकारुरुणिकोत्तम । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ लक्ष्मीपते पद्मनाभ मुकुन्द मुनिवन्दित । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ कार्यकारणरूपाय वासुदेवाय ते सदा । नमामि पुत्रलाभार्थं सुखदाय बुधाय ते ॥ राजीवनेत्र श्रीराम रावणारे हरे कवे । तुभ्यं नमामि देवेश तनयं देहि मे हरे ॥ अस्माकं पुत्रलाभाय भजामि त्वां जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव रमापते ॥ श्रीमानिनीमानचोर गोपीवस्त्रापहारक । देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव जगत्पते ॥ अस्माकं पुत्रसम्प्राप्तिं कुरुष्व यदुनन्दन । रमापते वासुदेव मुकुन्द मुनिवन्दित ॥ वासुदेव सुतं देहि तनयं देहि माधव । पुत्रं मे देहि श्रीकृष्ण वत्सं देहि महाप्रभो ॥ डिम्भकं देहि श्रीकृष्ण आत्मजं देहि राघव । भक्तमन्दार मे देहि तनयं नन्दनन्दन ॥ नन्दनं देहि मे कृष्ण वासुदेव जगत्पते । कमलानाथ गोविन्द मुकुन्द मुनिवन्दित ॥ अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम । सुतं देहि श्रियं देहि श्रियं पुत्रं प्रदेहि मे ॥ यशोदास्तन्यपानज्ञं पिबन्तं यदुनन्दनम् । वन्देsहं पुत्रलाभार्थं कपिलाक्षं हरिं सदा ॥ नन्दनन्दन देवेश नन्दनं देहि मे प्रभो । रमापते वासुदेव श्रियं पुत्रं जगत्पते ॥ पुत्रं श्रियं श्रियं पुत्रं पुत्रं मे देहि माधव । अस्माकं दीनवाक्यस्य अवधारय श्रीपते ॥ गोपालडिम्भ गोविन्द वासुदेव रमापते । अस्माकं डिम्भकं देहि श्रियं देहि जगत्पते ॥ मद्वांछितफलं देहि देवकीनन्दनाच्युत । मम पुत्रार्थितं धन्यं कुरुष्व यदुनन्दन ॥ याचेsहं त्वां श्रियं पुत्रं देहि मे पुत्रसम्पदम् । भक्तचिन्तामणे राम कल्पवृक्ष महाप्रभो ॥ आत्मजं नन्दनं पुत्रं कुमारं डिम्भकं सुतम् । अर्भकं तनयं देहि सदा मे रघुनन्दन ॥ वन्दे सन्तानगोपालं माधवं भक्तकामदम् । अस्माकं पुत्रसम्प्राप्त्यै सदा गोविन्दच्युतम् ॥ ऊँकारयुक्तं गोपालं श्रीयुक्तं यदुनन्दनम् । कलींयुक्तं देवकीपुत्रं नमामि यदुनायकम् ॥ वासुदेव मुकुन्देश गोविन्द माधवाच्युत । देहि मे तनयं कृष्ण रमानाथ महाप्रभो ॥ राजीवनेत्र गोविन्द कपिलाक्ष हरे प्रभो । समस्तकाम्यवरद देहि मे तनयं सदा ॥ अब्जपद्मनिभं पद्मवृन्दरूप जगत्पते । देहि मे वरसत्पुत्रं रमानायक माधव ॥ नन्दपाल धरापाल गोविन्द यदुनन्दन । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ दासमन्दार गोविन्द मुकुन्द माधवाच्युत । गोपाल पुण्डरीकाक्ष देहि मे तनयं श्रियम् ॥ यदुनायक पद्मेश नन्दगोपवधूसुत । देहि मे तनयं कृष्ण श्रीधर प्राणनायक ॥ अस्माकं वांछितं देहि देहि पुत्रं रमापते । भगवन् कृष्ण सर्वेश वासुदेव जगत्पते ॥ रमाहृदयसम्भार सत्यभामामन:प्रिय । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ चन्द्रसूर्याक्ष गोविन्द पुण्डरीकाक्ष माधव । अस्माकं भाग्यसत्पुत्रं देहि देव जगत्पते ॥ कारुण्यरूप पद्माक्ष पद्मनाभसमर्चित । देहि मे तनयं कृष्ण देवकीनन्दनन्दन ॥ देवकीसुत श्रीनाथ वासुदेव जगत्पते । समस्तकामफलद देहि मे तनयं सदा ॥ भक्तमन्दार गम्भीर शंकराच्युत माधव । देहि मे तनयं गोपबालवत्सल श्रीपते ॥ श्रीपते वासुदेवेश देवकीप्रियनन्दन । भक्तमन्दार मे देहि तनयं जगतां प्रभो ॥ जगन्नाथ रमानाथ भूमिनाथ दयानिधे । वासुदेवेश सर्वेश देहि मे तनयं प्रभो ॥ श्रीनाथ कमलपत्राक्ष वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ दासमन्दार गोविन्द भक्तचिन्तामणे प्रभो । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ गोविन्द पुण्डरीकाक्ष रमानाथ महाप्रभो । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ श्रीनाथ कमलपत्राक्ष गोविन्द मधुसूदन । मत्पुत्रफलसिद्धयर्थं भजामि त्वां जनार्दन ॥ स्तन्यं पिबन्तं जननीमुखाम्बुजं विलोक्य मन्दस्मितमुज्ज्वलांगम् । स्पृशन्तमन्यस्तनमंगुलीभि- र्वन्दे यशोदांकगतं मुकुन्दम् ॥ याचेsहं पुत्रसन्तानं भवन्तं पद्मलोचन । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ अस्माकं पुत्रसम्पत्तेश्चिन्तयामि जगत्पते । शीघ्रं मे देहि दातव्यं भवता मुनिवन्दित ॥ वासुदेव जगन्नाथ श्रीपते पुरुषोत्तम । कुरु मां पुत्रदत्तं च कृष्ण देवेन्द्रपूजित ॥ कुरु मां पुत्रदत्तं च यशोदाप्रियनन्दन । मह्यं च पुत्रसंतानं दातव्यं भवता हरे ॥ वासुदेव जगन्नाथ गोविन्द देवकीसुत । देहि मे तनयं राम कौसल्याप्रियनन्दन ॥ पद्मपत्राक्ष गोविन्द विष्णो वामन माधव । देहि मे

Paris Olympics 2024
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Paris Olympics 2024 : अमन सेहरवात के कांस्य पदक जीतने के साथ ही भारत के पेरिस ओलंपिक में 6 पदक हुए,क्रूज को 13-5 से दी पटखनी

Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक-2024 में भारत के मेडल की संख्या अब छह हो गई है। अमन सेहरावत ने भारत की झोली में एक और ब्रॉन्ज मेडल डाला है। अमन ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ये भारत का इन खेलों में कुश्ती में पहला मेडल है। अमन का ये पहला ओलंपिक था और डेब्यू में ही वह मेडल जीतने में सफल रहे हैं। भारत के पुरुष पहलवान अमन सेहरावत ने भारत को पेरिस ओलंपिक-2024 में एक और मेडल दिलाया है। 57 किलोग्राम भारवर्ग में वह ब्रॉन्ज मेडल मैच में उतरे थे। उनके सामने थे पोर्टे रिका के डारियान टोई क्रूज। अमन को क्रूज को 13-5 से हरा दिया और इसी के साथ भारत की झोली में इन खेलों का कुल छठा मेडल डाला। विनेश फोगाट के पदक से चूकने के बाद लग रहा था कि भारत पहली बार 2008 के बाद ओलंपिक खेलों में कुश्ती में खाली लौटेगा,लेकिन अमन ने कांस्य पदक दिलवाकर भारत को कुश्ती में खाली हाथ नहीं लौटने दिया। शुरू से दिखाया दम अमन ने शुरू से ही दम दिखाया और अपने विरोधी को ज्यादा हावी नहीं होने दिया। क्रूज ने पहला अंक लिया था जब वह अमन को मैट से बाहर ले गए थे, लेकिन अमन ने तुरंत दो अंक लेकर बढ़त ले ली। क्रूज ने फिर दो अंक ले 3-2 से आगे हो गए। अमन घबराए नहीं और शांति से खेले। उन्होंने दो अंक का दाव लगाया और 4-2 की बढ़त ले ली। इसके बाद अमन ने अपने विरोधी को कोई मौका नहीं दिया और लगातार अंक बटोरे। देश को समर्पित किया मेडल अमन सेहरावत ने इस मेडल को पूरे देश के नाम कर दिया है। अमन ने पदक जीतने के बाद कहा कि वह ये मेडल अपने देश, माता-पिता को समर्पित करते हैं। अमन का ये मेडल भारतीय कुश्ती का ओलंपिक में सातवां मेडल है। भारत के लिए केडी जाधव ने साल 1952 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। इसके बाद सुशील कुमार ने बीजिंग ओलंपिक-2008 में ब्रॉन्ज, लंदन ओलंपिक-2012 में सिल्वर मेडल दिलाया। लंदन ओलंपिक में ही योगेश्वर दत्त ने भारत को ब्रॉन्ज दिलाया था। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक-2016 में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया था। टोक्यो ओलंपिक-2020 में बजरंग पूनिया ने भारत को ब्रॉन्ज और रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल दिलाया था। जाने कास्य पदक विजेता अमन सेहरावत के बारे में अमन सेहरावत का ओलंपिक तक का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा है। अमन ने बचपन में ही माता-पिता को खो दिया था। अमन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर से आते हैं। जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 11 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। पहले अमन की मां का हार्टअटैक से निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 10 साल थी। फिर लगभग एक साल बाद उनके पिता की मौत हो गई थी। अवसाद से गुजरे अमन इसके बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा सेहरावत को एक मौसी की देखभाल में छोड़ दिया गया। माता-पिता की मृत्यु के बाद अमन गंभीर अवसाद से जूझ रहे थे, ऐसे में उनके दादा मांगेराम सेहरावत ने उन्हें संभाला और इससे उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब धीरे-धीरे अमन ठीक होने लगे तो उन्होंने कुश्ती में अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया।  

Stock Market
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Stock Market : लाल निशान पर जाकर बंद हुआ,सेंसेक्स 454 अंक गिरा

Stock Market : शेयर बाजार में आज यानी गुरुवार,18 अप्रैल को लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली।सेंसेक्स 454 अंक की गिरावट के साथ 72,488 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं,Nifty में भी 103 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।ये 22,044 के स्तर पर जाकर बंद हुआ। आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में तेजी रही और 7 में गिरावट देखने को मिली।भारती एयरटेल ने सबसे ज्यादा गेन किया। ये 3.97% से बढ़कर 1265 रुपए पर जाकर बंद हुआ। वहीं सबसे ज्यादा 3.05% की गिरावट नेस्ले में रही। ये 2469 रुपए पर बंद हुआ। बेबी फूड में ज्यादा शुगर की रिपोर्ट से गिरा नेस्ले बेबी फूड में ज्यादा शुगर होने की खबरों के कारण नेस्ले का शेयर गिरा है। ज्यूरिख स्थित पब्लिक आई एंड इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में कहा है नेस्ले एशिया-अफ्रीका में बेचे जाने वाले फूड में से 1 सर्विंग में 4 ग्राम शुगर मिलाती है। हालांकि नेस्ले ने अपनी सफाई में कहा है कि बेबी फूड में सभी जरूरी न्यूट्रीशन का सही मात्रा में इस्तेमाल करते हैं। अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम प्रोडक्ट की न्यूट्रीशन प्रोफाइल की बेहतरी के लिए R&D करते रहे हैं। FMCG और हेल्थकेयर के शेयर सबसे ज्यादा गिरे आज हेल्थकेयर और FMCG शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही। निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स 1.75% की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं FMCG में 1.08% की गिरावट रही। बैंक और ऑटो इंडेक्स में भी करीब 1% की गिरावट रही। मीडिया में 0.77% की तेजी रही। गुरुवार के कारोबारी दिन सेंसेक्स 454.69 अंक या 0.62%गिरकर 72,488.99 स्तर पर बंद हुआ है। वहीं,Nifty 152.05 अंक या 0.69% गिरने के बाद 21,995.85 के स्तर पर बंद हुआ है। सुबह हरे निशान पर खुला था बाजार गुरुवार के कारोबारी दिन शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। हरे निशान के साथ खुलने की यह इस हफ्ते की पहली अच्छी शुरुआत रही। बीते दिन 17 अप्रैल 2024 को बाजार रामनवमी के मौके पर बंद था। इससे पहले लगातार दिन से मार्केट लाल निशान पर बंद हो रहा था आज सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 271.72 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 73215.40 स्तर पर था। वहीं,Nifty 104.60 अंक या 0.47 की तेजी के साथ 22,252.50 स्तर देखा गया। कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.29 प्रतिशत चढ़कर 87.54 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 4,468.09 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़ा रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से ऊपर उठा और 12 पैसे से बढ़कर 83.49 पर पहुंचा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई ग्रीनबैक के मुकाबले 83.51 पर खुली। बाद में शुरुआती कारोबार में यह 83.49 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 12 पैसे की बढ़ोतरी दर्शाता है। मंगलवार को रुपया चार सप्ताह में दूसरी बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे गिरकर 83.61 के निचले स्तर पर पहुंच गया था।

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NCPCR : एनसीपीसीआर ने कहा कि राज्य सरकारें बच्चों को शारीरिक दंड और भेदभाव पर सख्ती से रोक लगाए,बाल संरक्षण कानून हर हाल में लागू किए जाए

NCPCR : 8 अगस्त को एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्कूलों में त्योहार मनाने के दौरान बच्चों को शारीरिक दंड देने और भेदभाव रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करे। यह आदेश उन अनेक रिपोर्ट के बाद में आया है जिनमें स्कुली बच्चों खासकर छात्राओं को रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों के दौरान राखी,तिलक या मेहंदी लगाने जैसी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं की वजह से उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। देश के सभी स्कूल शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिवों को लिखे गए पत्र में राष्ट्रीय एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य रूप से आने वाले त्योहारों को देखते हुए बाल संरक्षण कानूनों के सख्त पालन की आवश्यकता पर बल दिया। लेटर में विद्यालयों के द्वारा छात्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया।जिसकी वजह से अक्सर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न होते है। एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने कहा कि यह निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम की धारा 17 के विपरीत है। कानूनगो ने पत्र में कहा, “चूंकि त्यौहार नजदीक आ रहे हैं, इसलिए संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने तथा यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि स्कूलों में ऐसी कोई प्रथा न अपनाई जाए, जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े।” जाने आयोग के बारे में एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा एवम सुरक्षा के लिए सन 2005 की धारा 3 के तहत देश में गठित किया गया एक वैधानिक निकाय है। आयोग को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्‍सो ) अधिनियम, 2012; किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने का भी अधिकार है । सीपीसीआर (बाल अधिकार संरक्षण आयोग )अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत निर्धारित कार्यों में से आयोग को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए मौजूदा समय में लागू किसी भी कानून के द्वारा या उसके तहत प्रदान की गई सुरक्षा की जांच और समीक्षा करना और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपायों की सिफारिश करने का कार्य सौंपा गया है।आयोग के पास सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 और नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत मुकदमे की सुनवाई करने वाली दीवानी अदालत की शक्तियां भी हैं।

Sawan 2024
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Sawan 2024 : सावन में नहीं खा रहे हैं प्याज लहसुन, तो ट्राई करें ये टेस्टी डिशेज

Sawan 2024 : सावन का महीना पवित्र माना जाता है और इस दौरान सात्विक खाया जाता है। इस दौरान आप भी बिना प्याज लहसुन वाला खाना खा रहे हैं तो आपको कुछ खास डिशेज के बारे में जान लेना चाहिए। आप इन सभी डिशेज को बिना प्याज और लहसुन के बना सकते हैं। सावन के पूरे महीने में शिव भक्त भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं। अगर आप भी सोमवार का व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की आराधना में लगे हुए हैं तो आपको भी इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को बिना लहसुन प्याज का खाना पसंद नहीं आता। ऐसे लोगों के लिए कुछ खास डिशेज बताए गए हैं जो बिना लहसुन प्याज के स्वादिष्ट लगते हैं। बेसन की सब्जी बेसन की सब्जी एक राजस्थानी डिश है जिसमें स्पाइसी ग्रेवी को अच्छी तरह से पकाया जाता है। यह बिना प्याज लहसुन के बनाई जाती है और काफी स्वादिष्ट होती है। आप चाहे तो इस सब्जी को सिर्फ गरम मसाले के साथ बना सकते हैं और चावल के साथ खा सकते हैं। सावन के महीने में आप अपने सात्विक भोजन में इस रेसिपी को भी शामिल कर लीजिए। दही भिंडी अगर आप सावन के महीने में व्रत रख रहे हैं तो आपको दही भिंडी जैसी स्वादिष्ट डिश एक बार चख लेनी चाहिए। इस दिशा को बनाने के लिए लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसे बनाने के लिए भिंडी को फ्राई कर लिया जाता है और मसाला बनकर तैयार किया जाता है। आप इस सब्जी को चावल या फिर रोटी के साथ खा सकते हैं। इस रेसिपी को आप सिर्फ सावन के महीने में ही नहीं बाकी दिनों में भी ट्राई कर सकते हैं। आलू गोभी अगर आपने भी सावन के महीने का व्रत रखा हुआ है, तो आपको लहसुन प्याज से हटकर आलू गोभी की सब्जी तरी करनी चाहिए। यह सब्जी आलू और गोभी की मदद से बनाई जाती है जो काफी स्पाइसी और मसालेदार होता है। इसे बनाने के लिए लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आप इस सब्जी को बनाने के लिए धनिया पाउडर जरा लाल मिर्च पाउडर गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। दाल तड़का दाल तड़का हर किसी को बहुत पसंद होता है लेकिन आप सोच रहे होंगे कि बिना लहसुन प्याज के याद तड़का कैसा लगेगा। हम आपको बता दे की दाल तड़का को बनाने के लिए आपको लहसुन प्याज की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप दाल में तड़का लगाने के लिए हींग जीरा मिर्च गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको दाल तड़का चावल या रोटी के साथ खाना चाहिए यह काफी स्वादिष्ट लगेगा। शाही पनीर शाही पनीर की बात आती है तो लोग तरह-तरह के मसले का इस्तेमाल करने के बारे में सोचते हैं ताकि सब्जी स्वादिष्ट बने। अगर आप सावन के महीने में सात्विक भोजन कर रहे हैं तो आपको इसमें प्याज लहसुन से परहेज करना होगा। शाही पनीर को बनाने के लिए आपको इसकी क्रीमी ग्रेवी बना लेनी चाहिए इसके बाद आपको लहसुन प्याज की बिलकुल जरुरत नहीं पड़ेगी। शाही पनीर की ग्रेवी में आपको टमाटर दही क्रीम और नारियल का दूध मिला लेना चाहिए। इस तरह से आप इस स्वादिष्ट डिश को पूरे मजे के साथ खा सकते हैं।

Kalki Jayanti 2024
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Kalki Jayanti 2024 : आज मनाई जा रही है कल्कि जयंती, जानिए क्या है पूजा मुहूर्त और विधि

Kalki Jayanti 2024 : हिंदू धर्म में कल्कि जयंती का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु के दसवें स्वरूप कल्कि की पूजा करने का विधान होता है। हर साल यह पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तारीख 10 अगस्त यानी कि आज के दिन पड़ रही है। कल्कि जयंती के मान्यता के अनुसार इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान की पूजा की जाती है जिससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। सावन का महीना बहुत पवित्र होता है इस महीने में पूजा पाठ के लिए यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। सावन के महीने में कई त्यौहार आते हैं जो हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है यह पूजा भगवान विष्णु को समर्पित है और पूरी पवित्रता के साथ इसे करना चाहिए। कल्कि जयंती की मान्यता आज सभी लोग कल की जयंती मना रहे हैं। सावन के महीने में पढ़ने वाला यह दिन बहुत ही पवित्रता के साथ मनाया जाता है। इस दिन को लेकर कई सारी मान्यता होती है जिसके बारे में नीचे बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ती है। आज 10 अगस्त को देर रात 3:14 पर या शुभ मुहूर्त पड़ रहा है इसका समापन 11 अगस्त की सुबह 5:44 पर होने वाला है। कल्कि जयंती की पूजा विधि कल्कि जयंती की पूजा करने के लिए आपको सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद आपको पूरी श्रद्धा के साथ इस दिन व्रत करके संकल्प लेना है। इसके बाद आपको एक विधि बनानी है और उसे पर भगवान विष्णु की तस्वीर की स्थापना करनी है। अब आपको भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाना है और फूलों की माला पहनी है। इसके बाद आपको वैदिक मित्रों का जाप करना है। इतना करने के बाद आपको तुलसी पत्र के साथ पंचामृत समर्पित करना है। इस दिन पूजा पाठ करने के बाद दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। कल्कि जयंती के दिन ब्राह्मणों को भोजन करने के साथ-साथ वस्त्र और उपयोगी वस्तुओं को दान किया जाता है जो लोग जरूरतमंद होते हैं उन्हें भोजन करना चाहिए और अगले दिन प्रसाद से व्रत को खोलना चाहिए। इस पूजा को करते समय आपको गलती करने से बचना चाहिए। भगवान विष्णु के नाम से इस दिन दान दक्षिणा करना शुभ माना जाता है। आप अपनी इच्छा अनुसार जो दान कर सकते हैं वह लोगों में वितरित कर दीजिए।

Dashrath Krit Shani Stotra
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Dashrath Krit Shani Stotra : इस तरह करें शनि देव की पूजा, मिनटों में चमकेगी फूटी किस्मत

Dashrath Krit Shani Stotra : शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा की जाती है इस पूजा को करने को लेकर कई तरह की विधि विधान होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन छाया पुत्र की पूजा मनोभाव से की जाती है इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं शनिदेव की कृपा आपके परिवार पर बनी रहती हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि देव की दशा सही नहीं चल रही है उन्हें शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। सनातन धर्म की बात करें तो शनि देव की पूजा का विशेष महत्व शनिवार को माना जाता है। इसे लेकर कहा जाता है कि रवि पुत्र की पूजा करने से भाग या खुल जाता है। शनि देव की पूजा करने के लिए आपको रोजाना सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इतना ही नहीं शनि देव की पूजा करते समय वैदिक मित्रों का जब भी जरूरी है। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आपको शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। आप आजीवन जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से दूर रहते हैं। शनि देव की पूजा करने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है और शनि की वक्र दृष्टि आप पर नहीं पड़ती। इसके अलावा किसी भी क्षेत्र में आपको सफलता हासिल होती है। शनि स्त्रोत का पाठ नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥ नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:। त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:॥ प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे । एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:॥ दशरथ उवाच: प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् । अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥ ।।शनि देव आरती।। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ।। जय-जय ।। श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ।। जय-जय ।। क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी । मुक्तन की माला गले शोभित बलिहार ।। जय-जय ।। मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी । लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ।। जय-जय ।। देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी । विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ।। जय-जय ।। नियम से होती है शनि देव की पूजा शनि देव की पूजा करते समय आपको नियमों का पालन करना होता है। आपको रोजाना सुबह उठकर स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा करनी है। पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना है इसके बाद आपको शाम को सरसों तेल का दीपक दिखाना चाहिए। शनिवार के दिन आपको काले कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। ध्यान रहे की शनिदेव की पूजा विधि करते समय आपको पवित्रता का खूब ध्यान रखना है। शनिवार के दिन दानकुनी का भी विशेष महत्व होता है।  

Neeraj Chopra
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Neeraj Chopra : चोट की वजह से गोल्ड से चूके Neeraj Chopra?जेवलिन थ्रोअर के पिता ने किया दावा

Neeraj Chopra : Neeraj Chopra ट्रैक एंड फील्ड में दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। सन् 1900 में एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीतने वाले नॉर्मन प्रिचर्ड ब्रिटिश मूल के थे। प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले ही उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी और वह सभी की उम्मीदों पर खरे उतरे। टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज ने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, पाकिस्तान के अरशद नदीम 84.62 मीटर के थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहे थे। हालांकि, पेरिस में नदीम ने शानदार वापसी करते हुए 92. 97 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया। वहीं, नीरज ने इस दौरान पांच फाउल किए। मुकाबले के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह चोट के डर से उतना जोर भी नहीं लगा पाते हैं। फाइनल के दौरान भी उनके दिमाग में यही चल रहा था। नीरज पिछले कुछ वर्षों से ग्रोइन की समस्या से जूझ रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान नीरज को बाहर होना पड़ा था। वहीं, इस साल उन्हें एडक्टर की समस्या ने भी काफी परेशान किया। इस साल उन्होंने सिर्फ तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। नीरज चोपड़ा के सीने का दर्द रहा हावी दरअसल, नीरज चोपड़ा के पिता सतीश कुमार ने बताया कि हम प्रेशर नहीं कह सकते हैं। सभी का अपना दिन होता है वो दिन अरशद का था। 12 देश इस पदक की लड़ाई में थे, जिसमें से पाकिस्तान के अरशद का दिन था, जिन्होंने इसलिए ये मैच जीता। लगातार हम दूसरे देशों को टक्कर दे रहे है, जो काफी अच्छी बात है। नीरज चोपड़ा के पिता ने कहा कि दूसरे ओलंपिक में भी हम जेवलिन थ्रो में मेडल जीत पाए, काफी अच्छा रहा। सभी एथलीट वहां पूरी तैयारी के साथ गए थे और मुझे लगता है प्रेशर का दर्द ही उन पर भारी रहा। नीरज की मां ने कहा,” बहुत-बहुत बधाई आज।सभी बच्चे मेहनत करते हैं। रजत पदक में ही खुशी हैं।हमारे लिए रजत पदक भी स्वर्ण पदक जैसा है। नीरज पिछले कुछ वर्षों से ग्रोइन स्ट्रेन (पेट का निचला हिस्सा और जननांग के आसपास जांघों की मांसपेशियां) की समस्या से जूझ रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान नीरज को बाहर होना पड़ा था। वहीं, इस साल उन्हें एडक्टर (जांघों से जोड़ने वाली मांसपेशियां) की समस्या ने भी काफी परेशान किया। इस साल उन्होंने सिर्फ तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। नीरज ने मुकाबले के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने इस चोट के साथ पहले ही 89.94 मीटर (2022 में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ) फेंका है। जब मैं फेंकता हूं, तो मैं हमेशा अपनी चोट पर लगभग 50 प्रतिशत ध्यान केंद्रित करता था। हमें ज्यादातर तकनीक पर ध्यान देना होता है, लेकिन इस चोट के साथ यह मेरे लिए वाकई मुश्किल है। डॉक्टरों ने मुझे पिछले साल सर्जरी करवाने के लिए कहा था। खीच रहा हूं अभी तक (मैं अब तक खुद को खींच रहा हूं)। तब से उपचार चल रहे हैं। लेकिन हमें एक बड़ा फैसला लेना होगा।”

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