100TOPNEWS

INDIA

Valentine's Day Gift Ideas
INDIA

Valentine’s Day Gift Ideas: वेलेंटाइन डे पर अपने पार्टनर को दें ये 6 शानदार गिफ्ट्स, हमेशा रखेगी याद

Valentine’s Day Gift Ideas: वैलेंटाइन डे (Valentine’s Day) के मौके पर आप अपने पार्टनर को तरह-तरह के गिफ्ट देकर खुश कर सकते हैं. अगर आपके बीच में लंबे समय से अनबन हो रही है और रिश्ता अच्छा नहीं चल रहा है तो यह आइडिया जरूर काम आएगा. अपने पार्टनर के लिए एक अच्छा गिफ्ट ढूंढना बहुत ही मुश्किल काम होता है. आपको इस आर्टिकल में वैलेंटाइन (Valentine’s Day Gift Ideas) गिफ्ट के कई सारे आइडिया मिल जाएंगे. इन सभी गिफ्ट्स में रोमांटिक क्लासी पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स मिलेंगे. आपके पार्टनर को इस तरह की गिफ्ट स्पेशल फील कराएंगे. गिफ्ट करने के लिए कई सारे ऑप्शंस मिल जाएंगे. आईशैडो स्टिक (Valentine’s Day Gift Ideas)   अगर आप अपने पार्टनर को वैलेंटाइन पर गिफ्ट देना चाहते हैं तो आईशैडो स्टिक दे सकते हैं. महिलाओं को मेकअप करना बहुत पसंद होता है. आईशैडो एक बहुत अच्छा ऑप्शन है. लिप टिंट   महिलाओं को लिपस्टिक बहुत पसंद होती है ऐसे में आपको लिप टिंट वाले ऑप्शन को ट्राई करना चाहिए. यह नों स्टिकी फार्मूले से भरा होता है जो लोंग लास्टिंग होता है. यह महिलाओं के डेली लुक को परफेक्ट बना देता है. वैलेंटाइन डे के मौके पर यह गिफ्ट महिलाओं के लिए बहुत अच्छा है.      View this post on Instagram            A post shared by MARS Cosmetics (@reachedmars) लाइनर   रिकोड शीश स्केच पेन लाइनर आपकी पार्टनर को बहुत पसंद आएगा. विंग लाइन महिलाओं के लोगों को परफेक्ट बना देती है. यह स्मज प्रूफ का वाटरप्रूफ होता है. इस तरह का आईलाइनर बहुत छोटा और पोर्टेबल भी होता है. ऑल इन वन   मेकअप किट महिलाओं को बहुत पसंद आता है. आपको बजट फ्रेंडली साइज वाला मेकअप किट अपनी पार्टनर को गिफ्ट करना चाहिए. टच अप के लिए मेकअप किट बहुत ही अच्छा होता है. इस मेकअप पैकेट से आपको सॉफ्ट और बोल्ड लुक भी मिलता है. परफ्यूम गिफ्ट   महिलाओं को परफ्यूम बहुत पसंद आता है वैलेंटाइन डे के मौके पर यह गिफ्ट कर सकते हैं. फ्रेगरेंस में मिडनाइट टीज, गर्ल पॉवर, वनीला रश, मिस गॉर्जियस जैसे फ्रेगरेंस लड़कियों को बहुत पसंद आते हैं. इस तरह के परफ्यूम को ज्यादातर नहीं लाइंस इस्तेमाल करना पसंद करती है. एसेंशियल ऑयल आप अपनी पार्टनर को एसेंशियल ऑयल गिफ्ट कर सकते हैं. इसमें कोई प्रॉपर्टीज होती है जो हेयर ग्रोथ के लिए बेस्ट मानी जाती है. इस तरह से बालों को मजबूत बनाया जा सकता है. इसके अलावा आप चाहे तो पार्टनर को पेंडेंट भी गिफ्ट कर सकते हैं. यह भी पढ़ें – Mahashivratri 2025: इस साल किस डेट को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि ? जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Festival List 2025
INDIA

Festival List 2025: जनवरी से लेकर दिसंबर तक इस साल पड़ रहे हैं इतने सारे खास त्यौहार, देखिए पूरी लिस्ट

Festival List 2025: भारत विविधताओं का देश है जहां पर कई सारे त्यौहार मनाए जाते हैं. हिंदू धर्म के त्योहारों की बात करें तो साल 2025 में कई सारे तीज त्यौहार (Festival) आने वाले हैं. इन सभी त्योहारों का विशेष महत्व होता है जो देश भर में उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. जनवरी के त्यौहार (Festival List 2025)   साल 2025 का पहला महीना जनवरी खुशियों भरा रहा था क्योंकि इस महीने में कई सारे त्यौहार आए थे. जनवरी महीने में 13 जनवरी को लोहड़ी त्योहार मनाया गया था. 14 जनवरी को पोंगल फेस्टिवल सेलिब्रेट किया गया था. 14 जनवरी को मकर संक्रांति भी मनाई गई थी. फरवरी महीने के त्यौहार   जनवरी का महीना खत्म होते ही फरवरी शुरू हो जाएगा और इस महीने में पहला त्यौहार 2 फरवरी को बसंत पंचमी पड़ रहा है. इसके बाद 2 फरवरी को सरस्वती पूजा भी है. इस महीने का सबसे बड़ा महापर्व महाशिवरात्रि है जो 26 फरवरी को मनाया जाएगा. मार्च महीने के त्यौहार   मार्च के महीने में होलिका दहन से त्यौहार की शुरुआत होगी जो 13 मार्च को मनाया जाएगा. इसके बाद 14 मार्च को होली(Holi) खेली जाएगी. 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगी. 30 मार्च को रविवार के दिन ही गुड़ी पड़वा भी मनाया जाएगा. अप्रैल महीने के त्यौहार   अप्रैल के महीने की शुरुआत होते ही 6 अप्रैल को रामनवमी का त्यौहार मनाया जाएगा यह रविवार को पड़ रहा है. इसके बाद 7 अप्रैल सोमवार के दिन चैत्र नवरात्रि का पारण होगा. 12 अप्रैल शनिवार के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जुलाई महीने के त्यौहार   जुलाई के महीने में 6 जुलाई रविवार के दिन देवशयनी एकादशी पड़ रही है. इसके बाद 10 जुलाई को गुरुवार के दिन गुरु पूर्णिमा मनाया जाएगा. 27 जुलाई को रविवार के दिन हरियाली तीज मनाई जाएगी. इसके बाद 29 जुलाई मंगलवार के दिन नाग पंचमी सेलिब्रेट किया जाएगा. अगस्त महीने के त्यौहार अगस्त के महीने में 9 तारीख शनिवार के दिन रक्षाबंधन पड़ रहा है. 12 अगस्त मंगलवार के दिन कजरी तीज मनाया जाएगा. 15 अगस्त शुक्रवार के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इसके बाद 16 अगस्त शनिवार के दिन जन्माष्टमी का त्यौहार है. 26 अगस्त मंगलवार के दिन हरितालिका तीज मनाई जाएगी. इसके बाद 27 अगस्त बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी है. सितंबर महीने के त्यौहार सितंबर के महीने में 6 सितंबर को शनिवार के दिन अनंत चतुर्दशी है. 22 सितंबर सोमवार के दिन शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएगी. इसके बाद 30 सितंबर मंगलवार के दिन दुर्गा महाअष्टमी पूजन किया जाएगा. अक्टूबर महीने के त्यौहार अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा त्यौहार पड़ रहे हैं. इस महीने में 1 अक्टूबर बुधवार के दिन दुर्गा महान नवमी पूजा होने वाली है. 2 अक्टूबर को गुरुवार के दिन दशहरा मनाया जाएगा. 2 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि पारण भी है. इसके बाद 10 अक्टूबर को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाएगा. 18 अक्टूबर शनिवार के दिन धनतेरस मनाया जाएगा. 20 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी, 21 अक्टूबर को दिवाली, 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा, 23 अक्टूबर को भाई दूज और 28 अक्टूबर को छठ पूजा मनाया जाएगा. नवंबर महीने के त्यौहार नवंबर के महीने में तीन त्यौहार पढ़ रहे हैं जिसमें से 1 नवंबर शनिवार के दिन देव उठनी एकादशी मनाई जाएगी. इसके बाद 2 नवंबर रविवार के दिन तुलसी विवाह किया जाएगा. 5 नवंबर को गंगा स्नान किया जाएगा. दिसंबर महीने के त्यौहार दिसंबर के महीने में सिर्फ एक ही त्यौहार है जो क्रिसमस है इस फेस्टिवल को पूरे देश और दुनिया के लोग धूमधाम से मनाते हैं.

Mahakumbh Shahi Snan 2025
INDIA

Mahakumbh Shahi Snan 2025: कब होगा महाकुंभ का आखिरी स्नान ? जानिए इस दिन का विशेष महत्त्व

Mahakumbh Shahi Snan 2025: महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आयोजन 13 जनवरी 2025 से शुरू हो चुका है जो 26 फरवरी तक जारी रहेगा. इस दौरान देश के कोने-कोने से भक्त संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं. प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन बड़े स्तर पर किया गया है. लोग महाकुंभ में लाखों करोड़ों की संख्या में पहुंच रहे हैं. सभी लोगों के लिए महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान (Mahakumbh Shahi Snan 2025) काफी खास और महत्वपूर्ण रहने वाला है. कब है आखिरी शाही स्नान (Mahakumbh Shahi Snan 2025) महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान शिवरात्रि के दिन 26 फरवरी 2025 को होने वाला है. इस दिन कुंभ मेला भी खत्म हो जाएगा। महाशिवरात्रि के त्यौहार के मौके पर ही महाकुंभ का समापन हो रहा है. महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है. महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:00 से शुरू हो रहा है और यह 27 फरवरी 2025 तक समाप्त हो जाएगा. महाकुंभ का व्रत शुभ मुहूर्त के दौरान ही करना चाहिए. यह भक्तों के लिए फलदाई होता है. स्नान दान के लिए शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि के दिन उपासक स्नान और दान भी करते हैं जिसका विशेष महत्व होता है. इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 5:09 से 5:59 पर स्नान दान कर सकते हैं. इसके बाद प्रात संध्या के समय 5:34 से 6:49 तक मुहूर्त रहेगा. अमृत काल की बात करें तो यह सुबह 7:28 से 9:00 तक रहेगा. विजय मुहूर्त की बात करें तो यह 2 वर्ष करो ना 30 मिनट से 3:15 तक रहने वाला है. शाही स्नान की तिथि महाकुंभ में कई शाही स्नान किए गए हैं। पहला शाही स्नान 13 जनवरी को किया गया था. महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हुआ था. तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी माघ अमावस्या को किया गया था और चौथा शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी के दिन हुआ था. पांचवा शाही स्नान 13 फरवरी माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था. और आने वाला आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी को होने वाला है. यह भी पढ़ें – Ram Ji Ki Puja Vidhi: आज है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ, घर पर इस तरह करें राम जी की पूजा

Mahakumbh Snan 2025
INDIA

Mahakumbh Snan 2025: महाकुंभ में इस तरह होता है लोगों का कल्याण, संत के रूप में आते हैं देव

Mahakumbh Snan 2025: महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का मेला एक बड़े स्तर पर आयोजित किया गया है जहां पर रोजाना लाखों की संख्या में लोग स्नान (Mahakumbh Snan 2025) कर रहे हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि महाकुंभ सनातनी धर्म के लोगों के लिए किस तरह कल्याणकारी हो सकता है. व्यक्ति किसी भी धर्म या संप्रदाय से क्यों ना हो महाकुंभमें स्नान के बाद सबका भला हो जाता है. कुंभ का अर्थ होता है कि एक घड़ा। बेहद मंगलकारी होता है जो जनमानस का कल्याण करता है. क्या है कुंभ का मतलब   महाकुंभ के कलश की कहानी तो आपने सुनी ही होगी जब अमृत की चार बूंद प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरी थी. ऐसे में महाकाश में बृहस्पति ग्रह राशि मंगलकारी साबित होता है. ऐसे ही कुंभ कहा जाता है. कुंभ के भाव को जन्म कल्याणकारी भाव से भी देखा जाता है. इन जगहों पर होता है कुंभ का आयोजन(Mahakumbh Snan 2025)   पुराणों में महाकुंभ का जिक्र किया गया है. महाकुंभ पर्व की स्थापना 12 की संख्या में किया गया है. इसमें से आठ देवलोक और चार मृत्यु लोक को विभाजित करता है. धरती पर रहने वाले मनुष्यों के पापों को कम करने के लिए महाकुंभ का विशेष महत्व होता है. हर 12 साल में प्रयागराज हरिद्वार उज्जैन और नासिक में कुंभ का आयोजन होता है. इस दौरान स्नान ध्यान पूजा पाठ किया जाता है. भगवान के रूप में आते हैं संत   महाकुंभ के मेले में ऐसे देव और संत आते हैं जिन्हें बार-बार नहीं देखा जाता है. कुंभ खत्म होते ही है नागा साधु अचानक से विलुप्त भी हो जाते हैं. यह ऐसे स्थान पर चले जाते हैं इसके बारे में आज तक किसी को कुछ नहीं पता होता. ऐसा माना जाता है कि यह स्वर्ग के देवगन होते हैं जो मनुष्य को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं. उनके आशीर्वाद से मनुष्य का जीवन संवर जाता है.

Village Poverty Report
INDIA

Village Poverty Report: गांव से गायब हो गई गरीबी, पॉवर्टी रिपोर्ट में सामने आया आंकड़ा

Village Poverty Report: ग्रामीण इलाकों में गरीबी की मार अक्सर सामने आती है. लेकिन अब यह आंकड़ा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की सरकारी सहायता का  र्यक्रम की वजह से ग्रामीण इलाकों में साल 2023 से 24 में गरीबों की दर 4.86% तक कम होगई है। एक रिसर्च के मुताबिक सामने आई रिपोर्ट में साल 2024 मार्च के महीने में यह 4.09% थी। वहीं, साल 2011 से 12 में यह 13.7% थी। होलिया साल 2023 और 24 में यह आंकड़ा 1,632 तक पहुंच गया है। किस वजह से कम हुई गरीबी (Village Poverty Report)   रिसर्च के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट (Village Poverty Report) सामने आई है जिसमें गरीबी का अनुपात देखा जा रहा है। गरीबों के अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। सरकारी सहायता की वजह से यह नतीजा सामने आया है। इसके अलावा खाद्य कीमतों(food price)में बदलाव और व्यय का प्रभाव भी देखने को मिला है। इतना ही नहीं सांख्यिकी और कार्यक्रम मंत्रालय की तरफ से भी घरेलू उपभोग व्यय सर्वे किया गया था। साल 2024 में ग्रामीण और शहरी समानता देखी जाए तो काफी कम रही है। गरीबी का अस्तित्व ना के बराबर   साल 2023 और 24 में ग्रामीण इलाकों में गरीबी में गिरावट देखी गई है। यह आकड़ा बताता है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के मामले में लोग उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। यह भी संभावना दिखाई जा रही है कि ग्रामीण और शहरी आबादी एक नया आंकड़ा बनाने वाले हैं। आने वाले साल के लिए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गरीबी दर ना के बराबर होगी। उत्तर प्रदेश और बिहार   उत्तर प्रदेश और बिहार का बुनियादी ढांचा देखा जाए तो यहां की गांव में काफी बदलाव देखने को मिला है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में आय अंतर बहुत कम हो गया है। मुद्रास्फीति उच्च आय वाले राज्यों की तुलना अगर खपत की मांग से की जाए तो यह काफी कम हो गई है। सभी राज्यों में बचत अधिक हो गया है।

Contaminated Water Side Effects
HEALTH, INDIA

Contaminated Water Side Effects: पीने का गंदा पानी ले रहा है लोगों की जान, बढ़ते जा रहे है आंकड़े

Contaminated Water Side Effects: आजकल साफ सुथरा पानी पीने के लिए लोग अपने घरों में RO की व्यवस्था रखते हैं. लेकिन गांव जैसे क्षेत्रों में देखा जाए तो यहां पर पानी के साफ न होने की वजह से कई तरह की समस्याएं होती है. बांदा पानी पीने की वजह से व्यक्ति के शरीर में कई तरह की बीमारियां लग जाती है. गंदा पानी पीने की वजह से हैजा, पेचिस, गले की बीमारी, टाइफाइड जैसी बीमारियां पैदा हो जाती है. भारत जैसे देश की बात करें तो यहां पर बड़ी संख्या में लोग गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं जिसका आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. गंदे पानी से प्रभावित हो रहे हैं लोग(Contaminated Water Side Effects)   भारत देश में गंदा पानी पीने की वजह से लोगों के बीमार पड़ने की संख्या बढ़ती जा रही है. जुलाई 2022 की बात करें तो इस दौरान आंकड़े बताते हैं की भारत में करीब 1.95 लाख बस्तियों में गंदा पानी पीने की वजह से बीमारी बढ़ी थी. साल 2019 की बात करें तो इस दौरान 23 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. भारत में हो रही है मौतें   भारत जैसे देश में कंपोजिट वॉटर मैनेजमेंट इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर देखा जाए तो गंदा पानी पीने की वजह से हर साल 2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. साल 2030 तक की बात करें, तो 600 मिलियन लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ सकता है. गंदे पानी की समस्या सबसे ज्यादा दिल्ली एनसीआर को प्रभावित कर रही है. क्या है गंदे पानी के साइड इफैक्ट्स   1. गंदे पानी में जो बैक्टीरिया मौजूद होते हैं वह हमारे पाचन तंत्र को इफेक्ट करते हैं। इस तरह से पेट में दर्द और उल्टी जैसी समस्या होती है.2. गंदे पानी से डायरिया और दस्त की बीमारी होती है.3. गंदे पानी से हेपिटाइटिस वायरस का खतरा बढ़ जाता है.4. गंदा पानी पीने की वजह से शिगेला बैक्टीरिया और डिसेंट्री जैसे संक्रमण की बीमारी होती है.5. गंदे पानी में हेवी मेटल मौजूद होते हैं जो हमारी किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं.6. गंदे पानी की वजह से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.

Mountain Snowfall Effect on Delhi
INDIA

Mountain Snowfall Effect on Delhi: पहाड़ों में जब होती है बर्फबारी, तो दिल्ली में क्यों बढ़ जाती है ठंड, जानिए कारण

Mountain Snowfall Effect on Delhi: सर्दियों का मौसम अब शुरू हो चुका है पहाड़ों में बर्फबारी(Snowfall) भी होना शुरू हो गई है. पहाड़ों पर जैसे-जैसे तापमान गिरता है वैसे-वैसे ठंड पड़ने लग जाती है. 12 दिसंबर को यह तापमान न्यूनतम 4.5 डिग्री सेल्सियस पर था. इस तरह से तापमान गिरने के साथ ही पहाड़ों पर बर्फबारी और आसपास के इलाकों में सर्दी बढ़ने लग जाती है. आज हम बात करेंगे कि जब पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो इसका असर दिल्ली पर कैसे पड़ता है. जब पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होती है तो दिल्ली का तापमान गिरने लग जाता है. कई बार लोगों के मन में यह सवाल होता है कि इसके पीछे आखिर कौन सा साइंस है. पहाड़ों की बर्फबारी का असर (Mountain Snowfall Effect on Delhi)   आपने देखा होगा कि पहाड़ ऊंचाइयों पर होते हैं। इस वजह से वहां पर बर्फबारी होती रहती है ऊंचाई पर होने के कारण यहां का तापमान गिरने लग जाता है और ठंड बढ़ जाती है. पहाड़ी इलाकों में ठंडी हवाएं बहुत जल्दी चलने लग जाती है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने की वजह से दिल्ली जैसे दूसरे राज्यों में ठंड बढ़ जाती है. आसपास क्यों बढ़ जाती है ठंड ?   पहाड़ों पर चलने वाली ठंडी हवाओं को सेट लहर के नाम से जाना जाता है. यह शीत लहर मैदानी क्षेत्र की तरफ तेजी से बढ़ती है जिसकी वजह से पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ दिल्ली जैसे राज्यों में तापमान गिरने पर सर्दी होने लगती है. जब पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो वातावरण में हवा का प्रेशर कम हो जाता है. इस वजह से आसपास के राज्यों में तापमान गिर जाता है और इसकी वजह से ठंड बढ़ती है. दिल्ली पर कैसा होता है असर   पहाड़ों पर पड़ने वाली बर्फबारी का अगर सिर्फ दिल्ली पर असर देखा जाए तो यह एक भौगोलिक स्थिति होती है। पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी दिल्ली को ज्यादा प्रभावित करती है. बर्फबारी की वजह से ठंडी हवाएं उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ चलती है इस तरफ दिल्ली राज्य मौजूद है.  यही वजह है कि उत्तर दिशा यानी दिल्ली जैसे राज्य में सर्दी पड़ जाती है.

Mokshada Ekadashi 2024
INDIA

Mokshada Ekadashi 2024: आज है दिसंबर की पहली मोक्षदा एकादशी, भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ेगा बुरा प्रभाव

Mokshada Ekadashi 2024: आज है मोक्षदा एकादशी(Mokshada Ekadashi) जो दिसंबर महीने कि पहली एकादशी है. यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है और इसे विशेष रूप से आत्मिक उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति के पाप कर्मों का नाश होता है. इस दिन का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि महाभारत की रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जो आज भी हर व्यक्ति के जीवन के लिए एक अमूल्य धरोहर है. इस एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जो गीता के महत्व को दर्शाता है. मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके व्रत को विशेष पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है. मोक्षदा एकादशी का महत्व और व्रत कथा मोक्षदा एकादशी का सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह न केवल घर-परिवार के उद्धार के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत परिवार की सुख-समृद्धि और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. आपको बता दे कि पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा वैखानस को सपना आया कि उनके पिता नरक में यातनाएं झेल रहे हैं. राजा ने पर्वत महात्मा से अपने पिता की मुक्ति का उपाय पूछा. महात्मा ने उन्हें मोक्षदा एकादशी(Mokshada Ekadashi) का व्रत करने की सलाह दी. राजा ने विधिपूर्वक व्रत किया और इसके प्रभाव से उनके पिता को मोक्ष प्राप्त हुआ। इसके साथ ही राजा को भी आशीर्वाद मिला और उनका जीवन सुखमय हो गया. Mokshada Ekadashi 2024 के दिन करें ये काम मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें. पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी कि प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को पीले फूल, अक्षत, और चंदन अर्पित करें. व्रत कथा का पाठ करें और साथ ही विष्णु चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. इस दिन जरूरतमंदों को दान करना बेहद शुभ माना जाता है. Mokshada Ekadashi 2024 के दिन भूलकर भी न करें ये काम मोक्षदा एकादशी के दिन तामसिक आहार जैसे प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. चावल और चावल से बनी चीजें खाना भी वर्जित होता है. इस दिन किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचें और अपशब्दों का प्रयोग न करें.  इसके अलावा, साधु महात्माओं को अपने घर से खाली हाथ न जाने दें, उन्हें दान देने का विशेष महत्व है. इस दिन किये गए अच्छे कर्मों से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है

Premanand Ji Maharaj
INDIA

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन से किन चीजों को नहीं लाना चाहिए घर, प्रेमानंद जी महाराज ने बताई वजह

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन (Vrindavan) जाने वाले व्यक्ति वहां की बहुत सारी चीजों को खरीदना पसंद करते हैं. खासकर यहां की मूर्तियां और दूसरे तरह की चीजों को घर ले जाते हैं. वृंदावन से लोगों की इतनी गहरी आस्था है कि यहां भक्त बड़ी संख्या में आते हैं. बांके बिहारी की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. जो भी इस मंदिर में दर्शन करने आता है खाली हाथ नहीं लौटता है. वृंदावन की धरती पर आना सौभाग्य प्राप्त करने के बराबर है. भक्तों के लिए एक बड़ा तप इंतजार और कृष्ण के प्रति प्रेम वृंदावन लेकर आता है. वृंदावन से ना ले जाएंगे ये चीजें वृंदावन जैसी पवित्र धरती पर कई ऋषि मुनियों ने घोर तप किया है यहां पर ऐसे कई स्थान भी मौजूद है जहां ऋषि मुनि का निवास स्थान है. वृंदावन केवल कृष्ण की ही नगरी नहीं बल्कि पशु पक्षी घास पौधा कीड़ा चींटी आदि भी बसे हुए हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने वृंदावन से कई चीजों को घर ना ले जाने की बात कही है जिसमें तुलसी घास पेड़ पौधे मिट्टी आदि जैसी चीज शामिल है. महाराज के मुताबिक जब हम इन चीजों को वृंदावन से कहीं दूसरे जगह पर लेकर जाते हैं तो यह किसी अपराध से काम नहीं माना जाता है. घोर तप से बना है वृंदावन प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) बताते हैं कि अगर आप वृंदावन से कुछ ले जाना ही चाहते हैं तो चंदन रंग पंचमी जैसी चीज ले जा सकते हैं. इसके अलावा वृक्ष लता जीव तुलसी आदि जैसी चीजों को कभी भूलकर भी अपने साथ नहीं ले जाना चाहिए. वृंदावन में यह सारी चीज तब के कारण पैदा हुई है और इसे दूसरे स्थान पर ले जाना एक बड़ा अपराध माना जाएगा. लोगों को पता नहीं होता है और वह अनजाने में ही इन चीजों को अपने साथ घर ले जाते हैं इस वजह से उन्हें पाप का भोगी भी बनना पड़ता है. वृंदावन में इन चीजों की उत्पत्ति के लिए ऋषि मुनियों ने घोर तप और इंतजार किया ऐसे में इन्हें अपने घर ले जाना नुकसानदायक हो सकता है.

Gulab Jamun Name History
INDIA

Gulab Jamun Name History: Gulab और Jamun से दूर, फिर भी क्यों पड़ा नाम ‘गुलाब जामुन’? जानें दिलचस्प कहानी

Gulab Jamun Name History: जब भी भारतीय मिठाइयों की बात होती है, तो गुलाब जामुन(Gulab jamun) का नाम जरूर आता है. यह मिठाई न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि भारतीय खानपान का भी एक अहम हिस्सा है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस मिठाई में न तो गुलाब होता है और न ही जामुन, फिर भी इसका नाम गुलाब जामुन क्यों पड़ा?गुलाब जामुन, एक ऐसी मिठाई है जो भारतीय मिठाइयों का अभिन्न हिस्सा मानी जाती है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसमें न तो गुलाब होता है और न ही जामुन. तो फिर इसका नाम गुलाब जामुन क्यों पड़ा? इस सवाल का जवाब एक दिलचस्प कहानी में छिपा हुआ है. दरअसल, गुलाब शब्द फारसी भाषा से लिया गया है, जहां ‘गुल’ का मतलब होता है फूल और ‘आब’ का अर्थ होता है पानी, यानी गुलाब का शाब्दिक अर्थ है ‘फूलों का पानी(flower water)’. जब गुलाब जामुन तैयार किया जाता है, तो इसे गुलाब जल मिलाई हुई चाशनी में डुबोया जाता है, यही वजह है कि इसे ‘गुलाब(Rose)’ नाम मिला. गुलाब जल का मीठा और खुशबूदार स्वाद मिठाई को एक खास पहचान देता है, और इसीलिए इसे गुलाब से जोड़ा गया.वहीं, बात करें जामुन की, तो गुलाब जामुन का आकार जामुन के फल के आकार से मिलता-जुलता है. गोल, छोटा और ताजगी से भरपूर होने के कारण इसे ‘जामुन’ नाम मिला. इस मिठाई का नाम इस तरह से उसकी बनावट और चाशनी के स्वाद से प्रेरित होकर रखा गया है. गुलाब जामुन का नाम न सिर्फ इसकी मिठास को दर्शाता है, बल्कि यह इस मिठाई की सौंदर्य और स्वाद की खूबसूरती को भी बखूबी बयां करता है. यही कारण है कि गुलाब जामुन आज भी भारतीय व्यंजनों की सबसे प्रिय मिठाई बनी हुई है. गुलाब जामुन भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है. यह न केवल भारतीय मिठाइयों का अहम हिस्सा है, बल्कि त्योहारों, शादियों और अन्य खास मौकों पर इसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है. इसकी मीठी चाशनी और गोल आकार के कारण यह हर उम्र के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है. मिठाई के शौकीन इस स्वादिष्ट व्यंजन को हमेशा पसंद करते हैं, और यह भारतीय खाने की संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है.गुलाब जामुन का नाम भले ही गुलाब और जामुन से जुड़ा हुआ हो, लेकिन इसका इन दोनों से कोई सीधा संबंध नहीं है. यह मिठाई भारतीय और पाकिस्तानी व्यंजनों में अपनी अलग पहचान बना चुकी है और यह लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बसी हुई है. इसकी मीठास और खास स्वाद के कारण यह आज भी सबसे प्रिय और पसंदीदा मिठाई बनी हुई है.

Scroll to Top