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Paris Olympics 2024
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Paris Olympics 2024 : अमन सेहरवात के कांस्य पदक जीतने के साथ ही भारत के पेरिस ओलंपिक में 6 पदक हुए,क्रूज को 13-5 से दी पटखनी

Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक-2024 में भारत के मेडल की संख्या अब छह हो गई है। अमन सेहरावत ने भारत की झोली में एक और ब्रॉन्ज मेडल डाला है। अमन ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ये भारत का इन खेलों में कुश्ती में पहला मेडल है। अमन का ये पहला ओलंपिक था और डेब्यू में ही वह मेडल जीतने में सफल रहे हैं। भारत के पुरुष पहलवान अमन सेहरावत ने भारत को पेरिस ओलंपिक-2024 में एक और मेडल दिलाया है। 57 किलोग्राम भारवर्ग में वह ब्रॉन्ज मेडल मैच में उतरे थे। उनके सामने थे पोर्टे रिका के डारियान टोई क्रूज। अमन को क्रूज को 13-5 से हरा दिया और इसी के साथ भारत की झोली में इन खेलों का कुल छठा मेडल डाला। विनेश फोगाट के पदक से चूकने के बाद लग रहा था कि भारत पहली बार 2008 के बाद ओलंपिक खेलों में कुश्ती में खाली लौटेगा,लेकिन अमन ने कांस्य पदक दिलवाकर भारत को कुश्ती में खाली हाथ नहीं लौटने दिया। शुरू से दिखाया दम अमन ने शुरू से ही दम दिखाया और अपने विरोधी को ज्यादा हावी नहीं होने दिया। क्रूज ने पहला अंक लिया था जब वह अमन को मैट से बाहर ले गए थे, लेकिन अमन ने तुरंत दो अंक लेकर बढ़त ले ली। क्रूज ने फिर दो अंक ले 3-2 से आगे हो गए। अमन घबराए नहीं और शांति से खेले। उन्होंने दो अंक का दाव लगाया और 4-2 की बढ़त ले ली। इसके बाद अमन ने अपने विरोधी को कोई मौका नहीं दिया और लगातार अंक बटोरे। देश को समर्पित किया मेडल अमन सेहरावत ने इस मेडल को पूरे देश के नाम कर दिया है। अमन ने पदक जीतने के बाद कहा कि वह ये मेडल अपने देश, माता-पिता को समर्पित करते हैं। अमन का ये मेडल भारतीय कुश्ती का ओलंपिक में सातवां मेडल है। भारत के लिए केडी जाधव ने साल 1952 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। इसके बाद सुशील कुमार ने बीजिंग ओलंपिक-2008 में ब्रॉन्ज, लंदन ओलंपिक-2012 में सिल्वर मेडल दिलाया। लंदन ओलंपिक में ही योगेश्वर दत्त ने भारत को ब्रॉन्ज दिलाया था। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक-2016 में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया था। टोक्यो ओलंपिक-2020 में बजरंग पूनिया ने भारत को ब्रॉन्ज और रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल दिलाया था। जाने कास्य पदक विजेता अमन सेहरावत के बारे में अमन सेहरावत का ओलंपिक तक का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा है। अमन ने बचपन में ही माता-पिता को खो दिया था। अमन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर से आते हैं। जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 11 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। पहले अमन की मां का हार्टअटैक से निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 10 साल थी। फिर लगभग एक साल बाद उनके पिता की मौत हो गई थी। अवसाद से गुजरे अमन इसके बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा सेहरावत को एक मौसी की देखभाल में छोड़ दिया गया। माता-पिता की मृत्यु के बाद अमन गंभीर अवसाद से जूझ रहे थे, ऐसे में उनके दादा मांगेराम सेहरावत ने उन्हें संभाला और इससे उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब धीरे-धीरे अमन ठीक होने लगे तो उन्होंने कुश्ती में अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया।  

Stock Market
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Stock Market : लाल निशान पर जाकर बंद हुआ,सेंसेक्स 454 अंक गिरा

Stock Market : शेयर बाजार में आज यानी गुरुवार,18 अप्रैल को लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली।सेंसेक्स 454 अंक की गिरावट के साथ 72,488 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं,Nifty में भी 103 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।ये 22,044 के स्तर पर जाकर बंद हुआ। आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में तेजी रही और 7 में गिरावट देखने को मिली।भारती एयरटेल ने सबसे ज्यादा गेन किया। ये 3.97% से बढ़कर 1265 रुपए पर जाकर बंद हुआ। वहीं सबसे ज्यादा 3.05% की गिरावट नेस्ले में रही। ये 2469 रुपए पर बंद हुआ। बेबी फूड में ज्यादा शुगर की रिपोर्ट से गिरा नेस्ले बेबी फूड में ज्यादा शुगर होने की खबरों के कारण नेस्ले का शेयर गिरा है। ज्यूरिख स्थित पब्लिक आई एंड इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में कहा है नेस्ले एशिया-अफ्रीका में बेचे जाने वाले फूड में से 1 सर्विंग में 4 ग्राम शुगर मिलाती है। हालांकि नेस्ले ने अपनी सफाई में कहा है कि बेबी फूड में सभी जरूरी न्यूट्रीशन का सही मात्रा में इस्तेमाल करते हैं। अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम प्रोडक्ट की न्यूट्रीशन प्रोफाइल की बेहतरी के लिए R&D करते रहे हैं। FMCG और हेल्थकेयर के शेयर सबसे ज्यादा गिरे आज हेल्थकेयर और FMCG शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही। निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स 1.75% की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं FMCG में 1.08% की गिरावट रही। बैंक और ऑटो इंडेक्स में भी करीब 1% की गिरावट रही। मीडिया में 0.77% की तेजी रही। गुरुवार के कारोबारी दिन सेंसेक्स 454.69 अंक या 0.62%गिरकर 72,488.99 स्तर पर बंद हुआ है। वहीं,Nifty 152.05 अंक या 0.69% गिरने के बाद 21,995.85 के स्तर पर बंद हुआ है। सुबह हरे निशान पर खुला था बाजार गुरुवार के कारोबारी दिन शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। हरे निशान के साथ खुलने की यह इस हफ्ते की पहली अच्छी शुरुआत रही। बीते दिन 17 अप्रैल 2024 को बाजार रामनवमी के मौके पर बंद था। इससे पहले लगातार दिन से मार्केट लाल निशान पर बंद हो रहा था आज सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 271.72 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 73215.40 स्तर पर था। वहीं,Nifty 104.60 अंक या 0.47 की तेजी के साथ 22,252.50 स्तर देखा गया। कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.29 प्रतिशत चढ़कर 87.54 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 4,468.09 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़ा रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से ऊपर उठा और 12 पैसे से बढ़कर 83.49 पर पहुंचा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई ग्रीनबैक के मुकाबले 83.51 पर खुली। बाद में शुरुआती कारोबार में यह 83.49 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 12 पैसे की बढ़ोतरी दर्शाता है। मंगलवार को रुपया चार सप्ताह में दूसरी बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे गिरकर 83.61 के निचले स्तर पर पहुंच गया था।

NCPCR
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NCPCR : एनसीपीसीआर ने कहा कि राज्य सरकारें बच्चों को शारीरिक दंड और भेदभाव पर सख्ती से रोक लगाए,बाल संरक्षण कानून हर हाल में लागू किए जाए

NCPCR : 8 अगस्त को एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्कूलों में त्योहार मनाने के दौरान बच्चों को शारीरिक दंड देने और भेदभाव रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करे। यह आदेश उन अनेक रिपोर्ट के बाद में आया है जिनमें स्कुली बच्चों खासकर छात्राओं को रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों के दौरान राखी,तिलक या मेहंदी लगाने जैसी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं की वजह से उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। देश के सभी स्कूल शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिवों को लिखे गए पत्र में राष्ट्रीय एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य रूप से आने वाले त्योहारों को देखते हुए बाल संरक्षण कानूनों के सख्त पालन की आवश्यकता पर बल दिया। लेटर में विद्यालयों के द्वारा छात्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया।जिसकी वजह से अक्सर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न होते है। एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने कहा कि यह निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम की धारा 17 के विपरीत है। कानूनगो ने पत्र में कहा, “चूंकि त्यौहार नजदीक आ रहे हैं, इसलिए संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने तथा यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि स्कूलों में ऐसी कोई प्रथा न अपनाई जाए, जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े।” जाने आयोग के बारे में एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा एवम सुरक्षा के लिए सन 2005 की धारा 3 के तहत देश में गठित किया गया एक वैधानिक निकाय है। आयोग को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्‍सो ) अधिनियम, 2012; किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने का भी अधिकार है । सीपीसीआर (बाल अधिकार संरक्षण आयोग )अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत निर्धारित कार्यों में से आयोग को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए मौजूदा समय में लागू किसी भी कानून के द्वारा या उसके तहत प्रदान की गई सुरक्षा की जांच और समीक्षा करना और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपायों की सिफारिश करने का कार्य सौंपा गया है।आयोग के पास सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 और नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत मुकदमे की सुनवाई करने वाली दीवानी अदालत की शक्तियां भी हैं।

Sawan 2024
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Sawan 2024 : सावन में नहीं खा रहे हैं प्याज लहसुन, तो ट्राई करें ये टेस्टी डिशेज

Sawan 2024 : सावन का महीना पवित्र माना जाता है और इस दौरान सात्विक खाया जाता है। इस दौरान आप भी बिना प्याज लहसुन वाला खाना खा रहे हैं तो आपको कुछ खास डिशेज के बारे में जान लेना चाहिए। आप इन सभी डिशेज को बिना प्याज और लहसुन के बना सकते हैं। सावन के पूरे महीने में शिव भक्त भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं। अगर आप भी सोमवार का व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की आराधना में लगे हुए हैं तो आपको भी इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को बिना लहसुन प्याज का खाना पसंद नहीं आता। ऐसे लोगों के लिए कुछ खास डिशेज बताए गए हैं जो बिना लहसुन प्याज के स्वादिष्ट लगते हैं। बेसन की सब्जी बेसन की सब्जी एक राजस्थानी डिश है जिसमें स्पाइसी ग्रेवी को अच्छी तरह से पकाया जाता है। यह बिना प्याज लहसुन के बनाई जाती है और काफी स्वादिष्ट होती है। आप चाहे तो इस सब्जी को सिर्फ गरम मसाले के साथ बना सकते हैं और चावल के साथ खा सकते हैं। सावन के महीने में आप अपने सात्विक भोजन में इस रेसिपी को भी शामिल कर लीजिए। दही भिंडी अगर आप सावन के महीने में व्रत रख रहे हैं तो आपको दही भिंडी जैसी स्वादिष्ट डिश एक बार चख लेनी चाहिए। इस दिशा को बनाने के लिए लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसे बनाने के लिए भिंडी को फ्राई कर लिया जाता है और मसाला बनकर तैयार किया जाता है। आप इस सब्जी को चावल या फिर रोटी के साथ खा सकते हैं। इस रेसिपी को आप सिर्फ सावन के महीने में ही नहीं बाकी दिनों में भी ट्राई कर सकते हैं। आलू गोभी अगर आपने भी सावन के महीने का व्रत रखा हुआ है, तो आपको लहसुन प्याज से हटकर आलू गोभी की सब्जी तरी करनी चाहिए। यह सब्जी आलू और गोभी की मदद से बनाई जाती है जो काफी स्पाइसी और मसालेदार होता है। इसे बनाने के लिए लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आप इस सब्जी को बनाने के लिए धनिया पाउडर जरा लाल मिर्च पाउडर गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। दाल तड़का दाल तड़का हर किसी को बहुत पसंद होता है लेकिन आप सोच रहे होंगे कि बिना लहसुन प्याज के याद तड़का कैसा लगेगा। हम आपको बता दे की दाल तड़का को बनाने के लिए आपको लहसुन प्याज की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप दाल में तड़का लगाने के लिए हींग जीरा मिर्च गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको दाल तड़का चावल या रोटी के साथ खाना चाहिए यह काफी स्वादिष्ट लगेगा। शाही पनीर शाही पनीर की बात आती है तो लोग तरह-तरह के मसले का इस्तेमाल करने के बारे में सोचते हैं ताकि सब्जी स्वादिष्ट बने। अगर आप सावन के महीने में सात्विक भोजन कर रहे हैं तो आपको इसमें प्याज लहसुन से परहेज करना होगा। शाही पनीर को बनाने के लिए आपको इसकी क्रीमी ग्रेवी बना लेनी चाहिए इसके बाद आपको लहसुन प्याज की बिलकुल जरुरत नहीं पड़ेगी। शाही पनीर की ग्रेवी में आपको टमाटर दही क्रीम और नारियल का दूध मिला लेना चाहिए। इस तरह से आप इस स्वादिष्ट डिश को पूरे मजे के साथ खा सकते हैं।

Kalki Jayanti 2024
ASTRO, INDIA

Kalki Jayanti 2024 : आज मनाई जा रही है कल्कि जयंती, जानिए क्या है पूजा मुहूर्त और विधि

Kalki Jayanti 2024 : हिंदू धर्म में कल्कि जयंती का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु के दसवें स्वरूप कल्कि की पूजा करने का विधान होता है। हर साल यह पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तारीख 10 अगस्त यानी कि आज के दिन पड़ रही है। कल्कि जयंती के मान्यता के अनुसार इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान की पूजा की जाती है जिससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। सावन का महीना बहुत पवित्र होता है इस महीने में पूजा पाठ के लिए यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। सावन के महीने में कई त्यौहार आते हैं जो हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है यह पूजा भगवान विष्णु को समर्पित है और पूरी पवित्रता के साथ इसे करना चाहिए। कल्कि जयंती की मान्यता आज सभी लोग कल की जयंती मना रहे हैं। सावन के महीने में पढ़ने वाला यह दिन बहुत ही पवित्रता के साथ मनाया जाता है। इस दिन को लेकर कई सारी मान्यता होती है जिसके बारे में नीचे बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ती है। आज 10 अगस्त को देर रात 3:14 पर या शुभ मुहूर्त पड़ रहा है इसका समापन 11 अगस्त की सुबह 5:44 पर होने वाला है। कल्कि जयंती की पूजा विधि कल्कि जयंती की पूजा करने के लिए आपको सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद आपको पूरी श्रद्धा के साथ इस दिन व्रत करके संकल्प लेना है। इसके बाद आपको एक विधि बनानी है और उसे पर भगवान विष्णु की तस्वीर की स्थापना करनी है। अब आपको भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाना है और फूलों की माला पहनी है। इसके बाद आपको वैदिक मित्रों का जाप करना है। इतना करने के बाद आपको तुलसी पत्र के साथ पंचामृत समर्पित करना है। इस दिन पूजा पाठ करने के बाद दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। कल्कि जयंती के दिन ब्राह्मणों को भोजन करने के साथ-साथ वस्त्र और उपयोगी वस्तुओं को दान किया जाता है जो लोग जरूरतमंद होते हैं उन्हें भोजन करना चाहिए और अगले दिन प्रसाद से व्रत को खोलना चाहिए। इस पूजा को करते समय आपको गलती करने से बचना चाहिए। भगवान विष्णु के नाम से इस दिन दान दक्षिणा करना शुभ माना जाता है। आप अपनी इच्छा अनुसार जो दान कर सकते हैं वह लोगों में वितरित कर दीजिए।

Dashrath Krit Shani Stotra
ASTRO, INDIA

Dashrath Krit Shani Stotra : इस तरह करें शनि देव की पूजा, मिनटों में चमकेगी फूटी किस्मत

Dashrath Krit Shani Stotra : शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा की जाती है इस पूजा को करने को लेकर कई तरह की विधि विधान होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन छाया पुत्र की पूजा मनोभाव से की जाती है इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं शनिदेव की कृपा आपके परिवार पर बनी रहती हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि देव की दशा सही नहीं चल रही है उन्हें शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। सनातन धर्म की बात करें तो शनि देव की पूजा का विशेष महत्व शनिवार को माना जाता है। इसे लेकर कहा जाता है कि रवि पुत्र की पूजा करने से भाग या खुल जाता है। शनि देव की पूजा करने के लिए आपको रोजाना सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इतना ही नहीं शनि देव की पूजा करते समय वैदिक मित्रों का जब भी जरूरी है। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आपको शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। आप आजीवन जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से दूर रहते हैं। शनि देव की पूजा करने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है और शनि की वक्र दृष्टि आप पर नहीं पड़ती। इसके अलावा किसी भी क्षेत्र में आपको सफलता हासिल होती है। शनि स्त्रोत का पाठ नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥ नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:। त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:॥ प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे । एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:॥ दशरथ उवाच: प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् । अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥ ।।शनि देव आरती।। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ।। जय-जय ।। श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ।। जय-जय ।। क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी । मुक्तन की माला गले शोभित बलिहार ।। जय-जय ।। मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी । लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ।। जय-जय ।। देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी । विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ।। जय-जय ।। नियम से होती है शनि देव की पूजा शनि देव की पूजा करते समय आपको नियमों का पालन करना होता है। आपको रोजाना सुबह उठकर स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा करनी है। पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना है इसके बाद आपको शाम को सरसों तेल का दीपक दिखाना चाहिए। शनिवार के दिन आपको काले कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। ध्यान रहे की शनिदेव की पूजा विधि करते समय आपको पवित्रता का खूब ध्यान रखना है। शनिवार के दिन दानकुनी का भी विशेष महत्व होता है।  

Neeraj Chopra
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Neeraj Chopra : चोट की वजह से गोल्ड से चूके Neeraj Chopra?जेवलिन थ्रोअर के पिता ने किया दावा

Neeraj Chopra : Neeraj Chopra ट्रैक एंड फील्ड में दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। सन् 1900 में एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीतने वाले नॉर्मन प्रिचर्ड ब्रिटिश मूल के थे। प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले ही उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी और वह सभी की उम्मीदों पर खरे उतरे। टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज ने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, पाकिस्तान के अरशद नदीम 84.62 मीटर के थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहे थे। हालांकि, पेरिस में नदीम ने शानदार वापसी करते हुए 92. 97 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया। वहीं, नीरज ने इस दौरान पांच फाउल किए। मुकाबले के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह चोट के डर से उतना जोर भी नहीं लगा पाते हैं। फाइनल के दौरान भी उनके दिमाग में यही चल रहा था। नीरज पिछले कुछ वर्षों से ग्रोइन की समस्या से जूझ रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान नीरज को बाहर होना पड़ा था। वहीं, इस साल उन्हें एडक्टर की समस्या ने भी काफी परेशान किया। इस साल उन्होंने सिर्फ तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। नीरज चोपड़ा के सीने का दर्द रहा हावी दरअसल, नीरज चोपड़ा के पिता सतीश कुमार ने बताया कि हम प्रेशर नहीं कह सकते हैं। सभी का अपना दिन होता है वो दिन अरशद का था। 12 देश इस पदक की लड़ाई में थे, जिसमें से पाकिस्तान के अरशद का दिन था, जिन्होंने इसलिए ये मैच जीता। लगातार हम दूसरे देशों को टक्कर दे रहे है, जो काफी अच्छी बात है। नीरज चोपड़ा के पिता ने कहा कि दूसरे ओलंपिक में भी हम जेवलिन थ्रो में मेडल जीत पाए, काफी अच्छा रहा। सभी एथलीट वहां पूरी तैयारी के साथ गए थे और मुझे लगता है प्रेशर का दर्द ही उन पर भारी रहा। नीरज की मां ने कहा,” बहुत-बहुत बधाई आज।सभी बच्चे मेहनत करते हैं। रजत पदक में ही खुशी हैं।हमारे लिए रजत पदक भी स्वर्ण पदक जैसा है। नीरज पिछले कुछ वर्षों से ग्रोइन स्ट्रेन (पेट का निचला हिस्सा और जननांग के आसपास जांघों की मांसपेशियां) की समस्या से जूझ रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान नीरज को बाहर होना पड़ा था। वहीं, इस साल उन्हें एडक्टर (जांघों से जोड़ने वाली मांसपेशियां) की समस्या ने भी काफी परेशान किया। इस साल उन्होंने सिर्फ तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। नीरज ने मुकाबले के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने इस चोट के साथ पहले ही 89.94 मीटर (2022 में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ) फेंका है। जब मैं फेंकता हूं, तो मैं हमेशा अपनी चोट पर लगभग 50 प्रतिशत ध्यान केंद्रित करता था। हमें ज्यादातर तकनीक पर ध्यान देना होता है, लेकिन इस चोट के साथ यह मेरे लिए वाकई मुश्किल है। डॉक्टरों ने मुझे पिछले साल सर्जरी करवाने के लिए कहा था। खीच रहा हूं अभी तक (मैं अब तक खुद को खींच रहा हूं)। तब से उपचार चल रहे हैं। लेकिन हमें एक बड़ा फैसला लेना होगा।”

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Lok Sabha : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया, पक्ष-विपक्ष भिड़े

Lok Sabha : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है।विपक्षी दल डीएमके, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई है,वही सत्ता पक्ष के दल भाजपा और उसके सहयोगियों ने इस विधेयक का स्वागत किया है। जेडीयू और टीडीपी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक के मुसलमान विरोध में नहीं है। लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल पेश जाने के बाद चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू कहा कि बिल में किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया है। सपा सांसद अखिलेश यादव ने विधेयक में आपत्ति जताई लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है। असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक को मुसलमानों पर हमला हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को मुसलमानों पर हमला बताया है।उन्होंने ने कहा है कि ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह बिल भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों तरह का है। जेडीयू समेत एनडीए के सहयोगियों ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। बिल के विरोध में एनसीपी- एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग किया है कि वे इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या फिर इसे स्थायी समिति के पास भेज दें। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल संविधान पर एक मौलिक हमला है। इस बिल के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। उन्होंने इसे यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। यह विधेयक 18 फरवरी 2014 को राज्यसभा में पेश किया गया था। रेलवे विभाग और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं जो आठ लाख एकड़ से अधिक की संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं। यह उन्हें रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक बनाता है। विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के गठन का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व होगा। इसके अलावा, प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, वक्फ संपत्तियों से होने वाली सारी आय को दान पर खर्च करना होगा।विधेयक में प्रस्ताव है कि जिला कलेक्टर यह तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि। इसमें बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड के निर्माण का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान करता है।

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Modi Government : प्रॉपर्टी की बिक्री पर नई-पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था का विकल्प, वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया विधेयक

Modi Government : घर खरीदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने रियल एस्‍टेट के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) व्यवस्था में संशोधन किया है। इसमें टैक्‍सपेयर्स को इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी की कम टैक्‍स दर या इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी की ऊंची दर के बीच ऑप्‍शन चुनने की इजाजत दी गई है। 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर यह लागू होगा। इससे लोगों या हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) को दोनों योजनाओं के तहत टैक्‍स कैलकुलेशन करने और कम राशि का भुगतान करने में मदद मिल सकती है। यह व्‍यवस्‍था रियल एस्‍टेट के लिए एलटीसीजी पर पर्याप्त राहत प्रदान करती है। इस बदलाव को वित्त विधेयक 2024 में संशोधन के जरिये किया गया। बजट 2024 में हुई थी घोषणा केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्‍स से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। इनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव रियल एस्टेट लेनदेन को लेकर भी था। इन बदलावों में इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटाना और LTCG टैक्‍स को 20% से घटाकर 12.5% करना शामिल था। इंडेक्सेशन के जरिये संपत्ति की खरीद मूल्य को महंगाई के हिसाब से बढ़ाया जाता है। इससे लाभ कम होता है।इसलिए कम टैक्स देना पड़ता है।मतलब इंडेक्‍सेशन लाभ के चलते टैक्‍स लायबिलिटी कम हो जाती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पेश करते हुए संपत्ति की बिक्री से होने वाले इंडेक्सेशन लाभ को हटाने के साथ टैक्‍स को 12.5 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसे लेकर अलग-अलग तबकों में नाखुशी जताई जा रही थी। अब क्‍या बदलाव क‍िया गया सरकार ने मंगलवार को रियल एस्टेट संपत्तियों पर LTGCL टैक्‍स के मामले में करदाताओं को राहत देने का प्रस्ताव रखा गया है।संपत्ति मालिकों के पास पूंजीगत लाभ पर 20 फीसदी या 12.5 फीसदी टैक्‍स की दर में से कोई एक ऑप्‍शन चुनने का विकल्प होगा। वित्त विधेयक, 2024 में इस संशोधन का ब्योरा लोकसभा सदस्यों को द‍िया गया है। संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक, 23 जुलाई, 2024 से पहले मकान खरीदने वाला कोई व्यक्ति या हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) महंगाई के प्रभाव को शामिल (इंडेक्सेशन) किए बिना 12.5 फीसदी की नई योजना के तहत टैक्‍स देने का विकल्प चुन सकता है। कैसे लागू होगा इंडेक्‍सेशन बेन‍िफ‍िट? हाल ही में घोषित किए गए नए नियम 23 जुलाई, 2024 से लागू होने हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2001 से पहले अधिग्रहित संपत्तियों को इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता रहेगा। इसका मतलब है कि केवल हाल ही के सौदे नए नियमों के अधीन होंगे। अगर आप बताई गई तारीख से पहले कोई लेनदेन पूरा करते हैं तो वे नए नियमों से प्रभावित नहीं होंगे। बजट 2024 से पहले इंडेक्सेशन बेनिफिट ने घर के मालिकों को महंगाई के लिए संपत्ति के लागत आधार को बढ़ाने में मदद की। इससे शुद्ध लाभ और संबंधित टैक्‍स लायबिलिटी कम हो गई। हाल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई टैक्‍स व्यवस्था में काफी बदलाव किए। स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया था। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत टैक्‍स स्लैब में संशोधन किए गए थे। फ्यूचर और ऑप्‍शन (F&O) पर लागू सिक्‍योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स (एसटीटी) में बढ़ोतरी देखी गई। सिक्‍योरिटी में ऑप्‍शन की बिक्री की खात‍िर दरें ऑप्‍शन प्रीमियम के ल‍िए 0.0625% से बढ़कर 0.1% हो गई। फ्यूचर के लिए इन्‍हें 0.0125% से बढ़ाकर 0.02% कर द‍िया गया। शेयरों और स्टॉक के लिए भी एलटीसीजी टैक्‍स में समायोजन था, जो 10% से बढ़कर 12.5% हो गया।

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Bangladesh Protests Live : भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारियों को ढाका से वापस बुलवाया गया,अभी भी 30 कर्मचारी मौजूद हैं बांग्लादेश की राजधानी में

Bangladesh Protests Live : बांग्लादेश में हिंसा के बीच अंतरिम सरकार के गठन की तैयारियां चल रही हैं।नई सरकार को चलाने की जिम्मेदारी नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को दी गई है।मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बंगा भवन में हुई एक बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया।वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने भी मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए स्वीकार कर लिया है।इस बैठक में रिजर्वेशन के खिलाफ प्रोटेस्ट का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता भी शामिल हुए।इसके अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख भी बैठक में पहुंचे। इस बीच भारत ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाया है। एयर इंडिया का एक विशेष विमान भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारियों को लेकर बुधवार की सुबह दिल्ली आ गया है। हालांकि अभी भी भारतीय दूतावास में 30 कर्मचारी ढाका में हैं। बांग्लादेश से उड़ानें बहाल बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच में भारत के लिए उड़ानें बहाल हो गई है। एअर इंडिया की फ्लाइट ढाका से दिल्ली पहुंची एयर इंडिया में आए यात्रियों का कहना है कि ढाका में लोग डरे हुए हैं।अवामी लीग के नेताओं के घर फूंके जा रहे है। वहीं शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ कर भारत आ चुकी है।इसके कुछ समय पहले ही शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।फिलहाल शेख हसीना के आगे के कदम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।कि आखिर वो किस देश में रहेंगी। ढाका से दिल्ली आई एयर इंडिया की उड़ान में कई यात्रियों ने बताया कि बांग्लादेश में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और वहां पर मौजूद भारतीयों के लिए स्थिति भी अच्छी है।वही कुछ यात्रियों ने यहां तक दावा किया है कि उन लोगों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी हिंदू को निशाना बनाए जाने के बारे में नहीं सुना है। ढाका से लाए गए भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारी, केवल 30 राजनयिक बांग्लादेश में बचे ढाका से एयर इंडिया का विमान दिल्ली पहुंचा।एक यात्री ने कहा कि अब वहां सब कुछ ठीक है, कोई समस्या नहीं है। मैं यहां घूमने आया हूं। वही एक दूसरे यात्री का कहना था कि वहां की स्थिति न तो बहुत ही अच्छी है और न ही बहुत बुरी है।अंतरिम सरकार के हाथ में देश का नियंत्रण हो गया है।18 जुलाई को बांग्लादेश में युद्ध जैसा माहौल हो गया था,फिर उसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था और सेना भी तैनात कर दी गई थी।

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