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Lok Sabha : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया, पक्ष-विपक्ष भिड़े

Lok Sabha : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है।विपक्षी दल डीएमके, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई है,वही सत्ता पक्ष के दल भाजपा और उसके सहयोगियों ने इस विधेयक का स्वागत किया है। जेडीयू और टीडीपी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक के मुसलमान विरोध में नहीं है। लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन के लिए बिल पेश जाने के बाद चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू कहा कि बिल में किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया है। सपा सांसद अखिलेश यादव ने विधेयक में आपत्ति जताई लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है। असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक को मुसलमानों पर हमला हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को मुसलमानों पर हमला बताया है।उन्होंने ने कहा है कि ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह बिल भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों तरह का है। जेडीयू समेत एनडीए के सहयोगियों ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। बिल के विरोध में एनसीपी- एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग किया है कि वे इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या फिर इसे स्थायी समिति के पास भेज दें। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल संविधान पर एक मौलिक हमला है। इस बिल के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। उन्होंने इसे यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। यह विधेयक 18 फरवरी 2014 को राज्यसभा में पेश किया गया था। रेलवे विभाग और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं जो आठ लाख एकड़ से अधिक की संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं। यह उन्हें रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक बनाता है। विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के गठन का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व होगा। इसके अलावा, प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, वक्फ संपत्तियों से होने वाली सारी आय को दान पर खर्च करना होगा।विधेयक में प्रस्ताव है कि जिला कलेक्टर यह तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि। इसमें बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड के निर्माण का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान करता है।

Modi Government
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Modi Government : प्रॉपर्टी की बिक्री पर नई-पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था का विकल्प, वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया विधेयक

Modi Government : घर खरीदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने रियल एस्‍टेट के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) व्यवस्था में संशोधन किया है। इसमें टैक्‍सपेयर्स को इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी की कम टैक्‍स दर या इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी की ऊंची दर के बीच ऑप्‍शन चुनने की इजाजत दी गई है। 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर यह लागू होगा। इससे लोगों या हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) को दोनों योजनाओं के तहत टैक्‍स कैलकुलेशन करने और कम राशि का भुगतान करने में मदद मिल सकती है। यह व्‍यवस्‍था रियल एस्‍टेट के लिए एलटीसीजी पर पर्याप्त राहत प्रदान करती है। इस बदलाव को वित्त विधेयक 2024 में संशोधन के जरिये किया गया। बजट 2024 में हुई थी घोषणा केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्‍स से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। इनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव रियल एस्टेट लेनदेन को लेकर भी था। इन बदलावों में इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटाना और LTCG टैक्‍स को 20% से घटाकर 12.5% करना शामिल था। इंडेक्सेशन के जरिये संपत्ति की खरीद मूल्य को महंगाई के हिसाब से बढ़ाया जाता है। इससे लाभ कम होता है।इसलिए कम टैक्स देना पड़ता है।मतलब इंडेक्‍सेशन लाभ के चलते टैक्‍स लायबिलिटी कम हो जाती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पेश करते हुए संपत्ति की बिक्री से होने वाले इंडेक्सेशन लाभ को हटाने के साथ टैक्‍स को 12.5 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसे लेकर अलग-अलग तबकों में नाखुशी जताई जा रही थी। अब क्‍या बदलाव क‍िया गया सरकार ने मंगलवार को रियल एस्टेट संपत्तियों पर LTGCL टैक्‍स के मामले में करदाताओं को राहत देने का प्रस्ताव रखा गया है।संपत्ति मालिकों के पास पूंजीगत लाभ पर 20 फीसदी या 12.5 फीसदी टैक्‍स की दर में से कोई एक ऑप्‍शन चुनने का विकल्प होगा। वित्त विधेयक, 2024 में इस संशोधन का ब्योरा लोकसभा सदस्यों को द‍िया गया है। संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक, 23 जुलाई, 2024 से पहले मकान खरीदने वाला कोई व्यक्ति या हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) महंगाई के प्रभाव को शामिल (इंडेक्सेशन) किए बिना 12.5 फीसदी की नई योजना के तहत टैक्‍स देने का विकल्प चुन सकता है। कैसे लागू होगा इंडेक्‍सेशन बेन‍िफ‍िट? हाल ही में घोषित किए गए नए नियम 23 जुलाई, 2024 से लागू होने हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2001 से पहले अधिग्रहित संपत्तियों को इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता रहेगा। इसका मतलब है कि केवल हाल ही के सौदे नए नियमों के अधीन होंगे। अगर आप बताई गई तारीख से पहले कोई लेनदेन पूरा करते हैं तो वे नए नियमों से प्रभावित नहीं होंगे। बजट 2024 से पहले इंडेक्सेशन बेनिफिट ने घर के मालिकों को महंगाई के लिए संपत्ति के लागत आधार को बढ़ाने में मदद की। इससे शुद्ध लाभ और संबंधित टैक्‍स लायबिलिटी कम हो गई। हाल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई टैक्‍स व्यवस्था में काफी बदलाव किए। स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया था। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत टैक्‍स स्लैब में संशोधन किए गए थे। फ्यूचर और ऑप्‍शन (F&O) पर लागू सिक्‍योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स (एसटीटी) में बढ़ोतरी देखी गई। सिक्‍योरिटी में ऑप्‍शन की बिक्री की खात‍िर दरें ऑप्‍शन प्रीमियम के ल‍िए 0.0625% से बढ़कर 0.1% हो गई। फ्यूचर के लिए इन्‍हें 0.0125% से बढ़ाकर 0.02% कर द‍िया गया। शेयरों और स्टॉक के लिए भी एलटीसीजी टैक्‍स में समायोजन था, जो 10% से बढ़कर 12.5% हो गया।

Bangladesh Protests Live
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Bangladesh Protests Live : भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारियों को ढाका से वापस बुलवाया गया,अभी भी 30 कर्मचारी मौजूद हैं बांग्लादेश की राजधानी में

Bangladesh Protests Live : बांग्लादेश में हिंसा के बीच अंतरिम सरकार के गठन की तैयारियां चल रही हैं।नई सरकार को चलाने की जिम्मेदारी नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को दी गई है।मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बंगा भवन में हुई एक बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया।वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने भी मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए स्वीकार कर लिया है।इस बैठक में रिजर्वेशन के खिलाफ प्रोटेस्ट का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता भी शामिल हुए।इसके अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख भी बैठक में पहुंचे। इस बीच भारत ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाया है। एयर इंडिया का एक विशेष विमान भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारियों को लेकर बुधवार की सुबह दिल्ली आ गया है। हालांकि अभी भी भारतीय दूतावास में 30 कर्मचारी ढाका में हैं। बांग्लादेश से उड़ानें बहाल बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच में भारत के लिए उड़ानें बहाल हो गई है। एअर इंडिया की फ्लाइट ढाका से दिल्ली पहुंची एयर इंडिया में आए यात्रियों का कहना है कि ढाका में लोग डरे हुए हैं।अवामी लीग के नेताओं के घर फूंके जा रहे है। वहीं शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ कर भारत आ चुकी है।इसके कुछ समय पहले ही शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।फिलहाल शेख हसीना के आगे के कदम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।कि आखिर वो किस देश में रहेंगी। ढाका से दिल्ली आई एयर इंडिया की उड़ान में कई यात्रियों ने बताया कि बांग्लादेश में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और वहां पर मौजूद भारतीयों के लिए स्थिति भी अच्छी है।वही कुछ यात्रियों ने यहां तक दावा किया है कि उन लोगों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी हिंदू को निशाना बनाए जाने के बारे में नहीं सुना है। ढाका से लाए गए भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारी, केवल 30 राजनयिक बांग्लादेश में बचे ढाका से एयर इंडिया का विमान दिल्ली पहुंचा।एक यात्री ने कहा कि अब वहां सब कुछ ठीक है, कोई समस्या नहीं है। मैं यहां घूमने आया हूं। वही एक दूसरे यात्री का कहना था कि वहां की स्थिति न तो बहुत ही अच्छी है और न ही बहुत बुरी है।अंतरिम सरकार के हाथ में देश का नियंत्रण हो गया है।18 जुलाई को बांग्लादेश में युद्ध जैसा माहौल हो गया था,फिर उसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था और सेना भी तैनात कर दी गई थी।

Happy Teej 2024
ASTRO, INDIA

Happy Teej 2024 : Simple Homemade Snacks to Celebrate the Festival

Happy Teej 2024 : One such vibrant and joyous festival is Teej, which heralds the arrival of the monsoon in India and Nepal. It’s a time for feasting, fasting, and celebrating with loved ones. Much as the act of fasting is central to Teej, this festival is also associated with the preparation and serving of a wide range of delicacies. As the year 2024 ushers in Teej, here are a host of delicious and easy-to-make snacks you can prepare at home to make the occasion all that special. Ghewar Essentially, this is a very traditional sweet, disk-shaped in appearance, made with wheat flour, ghee, and sugar syrup and is usually garnished with almond slivers. This traditional dessert from Rajasthan serves exclusively during Teej. It may appear a bit difficult to prepare at home; however, a little practice can help you master this delicate dish. Mix flour, ghee, and water to have a batter for the same. Deep-fry the batter in ghee until a lacey texture forms, then coat it in sugar syrup and sprinkle with nuts for finishing touches. Besan Ladoo Besan Ladoo is an easy and mouthwatering dessert that requires just gram flour, ghee, and sugar. For these, for instance, roast the gram flour in ghee until it turns golden brown and has a raised smell of nuts. Add the cardamom powder and sugar to the mixture. Then, shape into small balls. These ladoos are a favorite among children and adults alike but are really very easy to be made. Samosa Samosas are one of the all-time Indian snacks and an integral part of Teej celebrations. Spicy potato fillings boost the flavor of the crispy pastry pockets, making them too good to resist. To prepare samosas, first make a dough with flour, oil, and water, then fill it with boiled potatoes, peas, and spices; deep-fry the samosas until golden brown and enjoy with mint chutney, hot. Kachori Kachoris are another perfect Teej snack, those deep-fried pastries stuffed with a spicy lentil mixture. Soak the lentils and grind them with the spices for the filling. Then, encase it within a dough of wheat flour and water, fry crispy, and enjoy with any chutney of your choice. Malpua Malpua is a pancake sweet dessert that is exemplary during festivals. To make the malpua, prepare a batter with flour, milk, and sugar. Fry them until it turns golden brown in color. Dip the malpuas in sugar syrup after frying and serve warm, sprinkled with chopped nuts. Bring Home these Easy-to-Make Snacks with Family and Friends during Teej 2024. These homemade treats will add fun and flavor to the celebrations, making them even more memorable.

Nag Panchami
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Nag Panchami 2024 : Date, Shubh Muhurat, and Significance Explained

Nag Panchami 2024 : Nag Panchami is one of the major festivals of Hindus connected with the worship of serpent deity gods, predominantly followed by women everywhere in India. This festival holds a great amount of religious significance for many devotees who pray for blessings from the snake deities, which have a special mention in Hindu mythology. According to Drik Panchang, the day of Nag Panchami falls on the Shukla Paksha Panchami in the holy month of Sawan. Significance of Nag Panchami The Hindus celebrate Nag Panchami with great reverence, believing that any puja or offering made to snakes will reach their serpent gods. Therefore, live snakes are usually worshipped on that day, serving as the representatives of those divine beings. Serpent gods, or Nagas, in Hinduism are worshiped for two major reasons, protection and divinity. Among hundreds of snake deities, twelve are more worshipped during the puja of Nag Panchami: Ananta, Vasuki, Shesha, Padma, Kambala, Karkotaka, Ashvatara, Dhritarashtra, Shankhapala, Kaliya, Takshaka, and Pingala. The epic Mahabharata also contains the relevance of the festival. Out of vengeance, following his father’s death due to snakebite, the legendary King Janamejaya, Parikshit’s son, launched a yajna to exterminate all of them. This yajna was done very powerfully, and it reached a point where it was going to destroy all the snakes. At this point, the intervention of Sage Astika, one of the wisest and most learned sages, stopped the yajna and saved the snakes from becoming extinct. It is said that this yajna was finally stopped on Panchami Tithi, and so it is celebrated as Nag Panchami. This story brings out the basic tenets of the festival: forgiveness, protection of all life, and the sanctity of life. Nag Panchami: Puja Rituals The rituals associated with Nag Panchami are deeply symbolic and are performed with a lot of devotion. Devotees start the day by getting up early, preferably before sunrise, and then take a purifying bath. After cleaning themselves, they prepare for the worship of the snake god, along with Lord Shiva to whom serpents are otherwise significantly related in Hindu mythology. In this puja, one offers fruits, flowers, sweets, and milk to the Nag Devta, the serpent god. All this offering is done to show respect to these serpent deities and to satisfy them. Moreover, offering milk is very auspicious and considered to please the serpents by satisfying their hunger. More importantly, Nag Panchami becomes special for all those who have Kaalsarp Dosh or any other astrological affliction regarding the planets Rahu and Ketu in their horoscope. According to popular beliefs, it is performed to alleviate the fallacies of these planetary positions with the puja of Nag Devta, which will ensure peace and prosperity in the devotee’s life. Nag Panchami is much more than a worship day; it serves as a channelized thinking process, reflecting upon the peaceful coexistence between man and nature. Serpent god worship by their devotees makes them realize respect for these creatures—powerful and mysterious yet playing their role in the cosmic scheme of things. Through the rituals and stories associated with Nag Panchami, one remembers balance, protection, and reverential preservation of all living beings. With the festival drawing closer, the beginning of such holy rituals would be started by these devotees. Praying to the serpent deity for keeping them and their families in good health would become the requisite spirit. The Nag Panchami observance remains one of the integral traditions within the Hindu culture and reflects deep spiritual bonding between man and nature.  

National Handloom Day 2024
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National Handloom Day 2024 : इस खास वजह से मनाया जाता है हथकरघा दिवस, बुनकरों के लिए होता है खास दिन

National Handloom Day 2024 : राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, जिसे नेशनल हैंडलूम डे भी कहते हैं, हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत को संरक्षित करना और हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करना है। भारत का हथकरघा उद्योग सदियों पुराना है और देश की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हथकरघा उद्योग के तहत बुनकरों के द्वारा बनाई गई वस्त्रों की कला और कौशल को सम्मानित करने का यह दिन विशेष महत्व रखता है। बुनाई की तकनीकें और डिज़ाइनें जो पारंपरिक रूप से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं, उनकी महत्ता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। हथकरघा वस्त्रों का उपयोग न केवल पारंपरिक परिधानों में होता है बल्कि ये आधुनिक फैशन के साथ भी जुड़े हुए हैं, जो कि हमारे समृद्ध कलात्मक इतिहास की गवाही देते हैं। यह दिन बुनकरों के मेहनत और समर्पण को मान्यता प्रदान करता है। वे अपनी कला और श्रम के माध्यम से हर वस्त्र में अपनी पहचान को उकेरते हैं। उनके द्वारा बनाई गई वस्त्र कला न केवल सौंदर्य को बढ़ाती है, बल्कि रोजगार और आजीविका के अवसर भी उत्पन्न करती है। इसलिए मनाया जाता है हथकरघा दिवस हथकरघा दिवस इस उद्योग को बढ़ावा देने और लोगों को हथकरघा वस्त्रों की विशेषताओं के प्रति जागरूक करने का प्रयास है। हथकरघा न केवल भारत की हस्तकला विरासत का एक अनमोल हिस्सा है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन के आयोजन से स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाता है और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है। इस प्रकार, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बुनकरों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने, भारतीय हस्तकला विरासत को संरक्षित करने, और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हथकरघा बुनकरों की कलाओं को प्रदर्शित किया जाता है। इसके साथ ही, लोगों को हथकरघा उत्पादों की विशेषताओं और उनके महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। इस दिन की विभिन्न गतिविधियों और समारोहों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारत की यह पुरानी और अमूल्य धरोहर संरक्षित रहे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीवित रहे।

Hariyali Teej 2024
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Hariyali Teej 2024 : शादीशुदा जिंदगी में चाहते हैं मिठास? जरूर करें माता पार्वती की पूजा

Hariyali Teej 2024 : हिन्दू धर्म में सावन के महीने में हरियाली तीज का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और महिलाओं के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत करती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से कठिन व्रत का पालन करती हैं। इस दिन वे निर्जला उपवास रखती हैं और दिनभर उपवास के बाद भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम और स्नेह बढ़ता है। पूजा के दौरान महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और विशेष रूप से हरियाली तीज के उपलक्ष्य में हरे रंग की सामग्री जैसे फूल और पत्ते भी अर्पित करती हैं। अगर आप हरियाली तीज के दिन अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाना चाहते हैं, और आपके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं, तो आपको इस खास अवसर पर विशेष आरती जरूर करनी चाहिए। माता पार्वती की आरती जय पार्वती माता जय पार्वती माता। ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता सदा सुखी रहता सुख संपति पाता। जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता। शिव जी की आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥ हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की आरती और पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन के व्रत और पूजा से जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आती है, जिससे जीवन और भी सुखमय हो जाता है।  

Budh Stotram
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Budh Stotram : कुंडली के ग्रहों को करना चाहते हैं मजबूत? बुधवार के दिन जरूर करें यह पाठ

Budh Stotram : किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं। अगर किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाए, तो उस काम में कोई बाधा नहीं आती है। गणेश जी की पूजा इतनी आसान नहीं होती है, इसमें कई बातों का ध्यान रखना होता है। आज हम आपको बुधवार को गणेश जी की पूजा के बारे में बताएंगे। इस तरह करे भगवान गणेश जी की पूजा सबसे पहले, पूजा स्थल और अपने मन को स्वच्छ करें, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ करें। गणेश जी की मूर्ति या चित्र को एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर स्थापित करें और उन्हें एक सुंदर और स्वच्छ आसन पर विराजमान करें। गणेश जी की मूर्ति को गंगा जल या स्वच्छ जल से स्नान कराएं और सिंदूर व चंदन का तिलक लगाएं। गणेश जी को लाल या सफेद फूल अर्पित करें, साथ ही दूर्वा (घास) भी अर्पित करें क्योंकि यह उन्हें विशेष प्रिय है। धूप और दीप जलाएं जिससे वातावरण शुद्ध हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। गणेश जी को मोदक, लड्डू या उनका प्रिय भोग अर्पित करें। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और गणेश जी की आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को सभी में बांटें। बुधवार के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता । धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।1।। प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम । यह विडियो भी देखें सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।2।। सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: । सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।3।। उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: । सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।4।। शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: । सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।5।। श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी । रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।6।। अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: । अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।7।। गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: । केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।8।। ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: । कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।9।। गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा । सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।। एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: । बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।11।। ।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।। मिलते है ये खास लाभ कुंडली में बुध ग्रह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हमारे बुद्धि, संवाद और व्यापार के क्षेत्र को प्रभावित करता है। यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो, तो इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हर बुधवार या नियमित रूप से बुध स्तोत्र का पाठ करके आप अपने कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बना सकते हैं। बुध स्तोत्र का 108 बार जाप करने से बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। जाप करते समय हरे रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह बुध देव को प्रसन्न करता है। बुध ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति का मानसिक संतुलन बेहतर होता है और वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सही निर्णय ले पाता है। इसके अलावा, बुध ग्रह व्यापार और संचार से संबंधित कार्यों में भी सफलता दिलाता है। इसके साथ ही, बुध ग्रह का अच्छा प्रभाव जीवन में धन-संपत्ति की वृद्धि करता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाता है। इसलिए बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से बुध स्तोत्र का पाठ करना और बुध देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।  

Mangala Gauri Vrat
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Mangala Gauri Vrat : मंगला गौरी व्रत पर इस पाठ को करने से सभी परेशानियों से मिलेगी मुक्ति

Mangala Gauri Vrat : मंगला गौरी व्रत सावन के महीने के हर मंगलवार को रखा जाता है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह दिन भगवान शिव और माँ पार्वती के समर्पित होता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से इस व्रत को रखती हैं ताकि उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त हो सकें। मंगला गौरी व्रत का उद्देश्य जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति करना होता है। मंगला गौरी व्रत का महत्व मंगला गौरी व्रत का महत्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए है, लेकिन अविवाहित लड़कियां भी इसे रख सकती हैं। यह माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में आए सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा करती हैं, और उनका ध्यान रखना जरूरी होता है। इस व्रत को रखने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही, महिलाएं अपनी इच्छाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी इस दिन विशेष प्रार्थना करती हैं। ॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥ शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो। अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते। शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्। भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम्॥ जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे। जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते। जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते। निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते। तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्। मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो। मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्। विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः। विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात्॥ पूजा विधि मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि को समझना आवश्यक है। इस दिन पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: फल दीया देसी घी मिठाई कपास सौलह शृंगार पान और सुपारी लौंग और इलायची फूल पंचमेवा माचिस धूप लाल वस्त्र आसन देवी माँ की प्रतिमा गंगाजल और शुद्ध जल घर पर बना भोग, जैसे गुड़ की खीर और हलवा पूजा के समय, शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करना बहुत लाभकारी माना जाता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। व्रत का समय और शुभ मुहूर्त इस साल (2024) मंगला गौरी व्रत सावन के तीसरे मंगलवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन वरीयान योग का निर्माण होगा, जो सुबह 11 बजे तक रहेगा। भगवान शिव शाम 7 बजकर 52 मिनट तक मां गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। मंगला गौरी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो न केवल महिलाएं बल्कि सभी लोग रख सकते हैं। यह व्रत जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। अगर आप भी शिव-शक्ति की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मंगला गौरी व्रत को विधि-विधान से करें और इसके साथ ही पूजा के समय शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। इस व्रत के माध्यम से आप अपनी सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और अपने जीवन में खुशियों का स्वागत कर सकते हैं।

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Travel Ideas : दोस्तों के साथ करना चाहते हैं सैर-सपाटा, तो घूमने के लिए बेस्ट है ये जगहें

Travel Ideas : रिलेशनशिप की बात करें तो दोस्ती का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता है जो कभी नहीं टूटता है इस रिश्ते में काफी मौज मस्ती होती है हंसी मजाक होता है जो बड़े से बड़े तनाव को भी कम कर देता है। अगर आप भी रोजाना की लाइफस्टाइल से बोर हो गए हैं तो रिलैक्स करने के लिए अपने दोस्तों के साथ भारत के कुछ जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। दोस्तों के साथ घूमने पर इन जगह ऑन का मजा और भी ज्यादा दुगना हो जाएगा। अगर आप लंबे समय से अपने दोस्तों से नहीं मिले हैं तो यह जगह आपके लिए बेस्ट साबित होगी। खास बात तो यह है कि वीकेंड के मौके पर आप अपने दोस्तों के साथ यादगार पल बिता सकते हैं। आगरा आगरा घूमने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है यह दिल्ली के पास मौजूद है। आप चाहे तो अपने दोस्तों के ग्रुप के साथ आगरा को एक्सप्लोर कर सकते हैं। आगरा में सबसे फेमस ताजमहल है आप यहां की हर एक जगह को देख सकते हैं। इसके अलावा मुगल गार्डन और पुराना किला के बारे में तो आपने सुना ही होगा यह भी यहां की फेमस जगह है। अगर आप एक बजट फ्रेंडली ट्रिप प्लान करना चाहते हैं तो आगरा आपके लिए बहुत अच्छी जगह है। उदयपुर राजस्थान का उदयपुर एक ऐतिहासिक जगह है मानसून के समय में यहां की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। अगर आप भी अपने दोस्तों के साथ फ्रेंडशिप डे के मौके पर किसी खास जगह पर घूमना चाहते हैं तो उदयपुर का प्लान बना दीजिए। आप अपने दोस्तों के साथ राजस्थान को एक्सप्लोर कर सकते हैं। उदयपुर की बात करें तो यहां पर घूमने के लिए झील हरियाली मंदिर सिटी पैलेस मोती महल शीश महल आदि शामिल है। दोस्तों के साथ आपका यह ट्रिप यादगार हो जाएगा। महाबलेश्वर महाबलेश्वर घूमने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है यह मुंबई के पास स्थित है। आप अपने दोस्तों के साथ महाबलेश्वर जैसी खूबसूरत जगह को एक्सप्लोरर कर सकते हैं। अगर आप एक नेचर लवर है तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है। वहीं, अगर मानसून के समय में इस जगह की बात करें तो यहां की सुंदरता कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप थोड़े बहुत पैसे खर्च करके इस जगह की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो पैसा वसूल होगा। मनाली मनाली एक फेमस जगह है अगर घूमने फिरने का ख्याल आता है तो मनाली का नाम सबसे पहले आता है। आप अपने दोस्तों के साथ बिजी लाइफस्टाइल से थोड़ा सा समय निकालकर वीकेंड पर मनाली घूमने जा सकते हैं। अगर आप एक्टिविटी लवर है तो यहां पर आप तरह-तरह की एक्टिविटीज कर सकते हैं दोस्तों के साथ आपका यह मूमेंट बहुत खास होने वाला है। आजकल लोग काम के प्रेशर के साथ इतना बिजी रहते हैं कि खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते आपके पास एक अच्छा मौका है जब आप दोस्तों के साथ इस पल को इंजॉय कर सकते हो।

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