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MacBook air vs MacBook pro
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MacBook air vs MacBook pro : Which M3 laptop is best for you

MacBook air vs MacBook pro : Apple launches many MacBook air and MacBook pro model in the market. It can be more difficult for you to choose from, and picking the right one if you’re unsure of what you want and need. Here’s how to decide which is best for you. If you are looking for a new MacBook, you might wonder if it makes more sense to buy a MacBook Pro or a MacBook Air. the company has added more than five new MacBook configurations and retired more than three over the past 18 months. While buying MacBook, you’ll consideration of their Price, Storage capacity, display size, computing power, is must. The most recent MacBook Pro and MacBook Air models include Apple’s M3 chips, which are even more efficient and capable than the M2 chips. In this situation, think of yourself as you’re confronted with five different MacBook models, but you need to find the one that’s just right for you. So, before you decide which one to buy, let’s cover the main differences between the Pro and the Air. Difference between the MacBook Pro and Air It will not be wrong to say that , there are a multitude of differences between the MacBook Pro and the MacBook Air. The biggest differences between these two are pricing and computing power. The most affordable MacBook Pro with an M3 chip will cost more than the most affordable Air with an M3 chip. However, the Pro is more powerful. The M3 MacBook Pro models have more unified memory, longer battery life, more ports (including HDMI and SD card) . generally There are two MacBook Pro display sizes which are:14-inch and 16-inch. On the other end,The MacBook Air with an M3 processor, available in 13-inch and 15-inch configurations, is the right choice for most people who use their laptops for daily tasks like online shopping, watching YouTube, doing homework and editing family photos. For educators seeking a top-tier laptop that seamlessly integrates into their demanding schedules, the Apple MacBook Air (M3, 2024) emerges as a preeminent choice. MacBook duration of Air and Pro On average, a MacBook Pro is expected to last around 7–10 years and a MacBook Air for 5–7 years. MacBook longevity can be affected by the frequency of use, tasks performed, and the quality of care for the battery and other components.

Hemant Soren
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Hemant Soren : झारखंड के फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे सोरेन,आखिर क्यों इतनी जल्दी CM बनना चाहते हैं?

Hemant Soren : झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं।पार्टी के पुराने नेता चंपई सोरेन ने पांच महीने पहले राज्य की कमान संभाली थी,जब हेमंत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।फिलहाल चंपई ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।बता दे कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के संकेत मंगलवार को ही मिल गए थे,जब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे।हालांकि यह कदम इंडिया ब्लॉक के नेताओं के समर्थन के बाद ही उठाया गया है।वहीं बीजेपी ने हेमंत की वापसी के लिए एक सीनियर आदिवासी नेता को शीर्ष पद से हटाने के लिए झामुमो की आलोचना की है। बीजेपी ने किया तंज झारखंड बीजेपी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो ने पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठने और एक नया मुख्यमंत्री चुनने की बात की थी, लेकिन उनका असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।बता दें हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी और एक सप्ताह से भी कम समय में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी वापसी के लिए मंच तैयार कर लिया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की इतनी जल्दी क्यों? अभी भी हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का मामला चल रहा है और जांच एजेंसी का कहना है कि वह हेमंत सोरेन को राहत देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। सूत्रों के अनुसार ईडी झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करेगी।इसलिए हेमंत सोरेन जांच एजेंसी के पहले ही कोई ठोस कदम उठाना चाहते हैं। क्या चंपई को सीएम पद मजबूरी में मिला? चंपई सोरेन पार्टी के पुराने नेता हैं,लेकिन वह हेमंत सोरेन की जगह लेने के लिए सभी के पसंद नहीं थे।ये वह पार्टी है जिसने कभी परिवार के बाहर किसी को महत्वपूर्ण पद नहीं दिया,उसके लिए उस समय चंपई सोरेन को नियुक्त करना एक मजबूरी थी।हेमंत की पत्नी कल्पना,जिनका नाम तब शीर्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा था,लेकिन वह विधायक नहीं थीं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं था।हालांकि, पिछले पांच महीनों में चीजें बदल गई हैं।कल्पना ने खुद को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान जेएमएम के अभियान की कमान संभाली थी।साथ ही निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार भी किया है।अगर हेमंत को फिर से पद छोड़ना पड़ता है,तो कल्पना अब रिप्लेसमेंट के लिए पहली विकल्प होंगी। जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली में हेमंत सोरेन ने दावा किया कि बीजेपी झारखंड में विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की साजिश कर रही है।वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी उत्साहित है।पार्टी ने तीन सीटें राजमहल,दुमका और सिंहभूम जीती हैं,जबकि 2019 में सिर्फ एक सीट मिली थी।

Ashadha Amavasya 2024
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Ashadha Amavasya 2024 : कल करें यह आसान उपाय तुरंत मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा

Ashadha Amavasya 2024 : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में व्याप्त आर्थिक अस्थिरता से भी निजात मिलती है।इस दिन पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है और पितरों का भी तर्पण और पिंड़दान किया जाता है। कब है आषाढ़ अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार , इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई, शुक्रवार को है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। अपने पूर्वजों को तर्पण करें। गंगा स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन शुभ कार्यों की मनाही है। अमावस्या के दिन कोई भी मांगलिक कार्य जैसे- मुंडन, गृह प्रवेश और शादी जैसे कार्यों को करने से भी बचना चाहिए। कहते हैं कि अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और इस दिन यदि उनका विधि-विधान से तर्पण किया जाए तो वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं । अमावस्या के दिन ध्यान देने योग्य बातें आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजा करने के बाद दान करें। अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में जाकर नहाएं। अगर ऐसा करना आसान नहीं है, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल ड़ालकर नहा लें। चूंकि अमावस्या तिथि मुख्यतः पितरों को समर्पित होती है, इसलिए इस दिन मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. – अमावस्या के दिन नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए. इस दिन ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। करें ये उपाय पितृ दोष के उपाय इसके लिए पीपल पेड़ को जल का अर्घ्य देने से पितृ दोष दूर होता है। अगर आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करें। इसके बाद नदी या सरोवर में अंजलि यानी हथेली में काले तिल और गंगाजल लेकर तीन बार दक्षिण दिशा में मुखकर पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। गुरुड़ पुराण में निहित है कि तीन पीढ़ी के पितरों का तर्पण किया जाता है। इसके लिए तीन बार पितरों का जल का अर्घ्य दें। इस समय पितृ से सुख-समृद्धि की कामना करें। साथ ही जीवन में आने वाली बलाओं से रक्षा करने की याचना करें। आषाढ़ अमावस्या पर स्नान-ध्यान के बाद पितरों का जल का अर्घ्य दें। इस समय पितृ चालीसा, कवच और स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद पशु-पक्षी को भोजन दें। सनातन धर्म में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इसके लिए आषाढ़ अमावस्या पर पूजा-पाठ, जप-तप करने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से ही दान-पुण्य करें। दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। आप चावल, नमक, गेंहू, दूध, दही, काले तिल,वस्त्र बाकि चीजों का दान भी कर सकते हैं ।  

Swami Vivekananda death anniversary
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Swami Vivekananda death anniversary : अपने अंतिम समय में स्वामी जी ने युवाओं को क्या दी सीख

Swami Vivekananda death anniversary : स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863, कलकत्ता [अब कोलकाता] और मृत्यु आज ही के दिन 4 जुलाई, 1902, कलकत्ता के पास हुई। भारत में एक हिंदू आध्यात्मिक नेता और सुधारक के तौर पर इन्होंने देश में हुए बदलाव की नींव रखी। इन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने का प्रयास किया, यह मानते हुए कि दोनों एक दूसरे के पूरक और पूरक हैं। आज भारत में उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर याद सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने विशेषकर युवाओं के लिए उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है। उनके द्वारा बोली गई बाते आज भी युवा पीढ़ी के लिए किसी विषेश प्रेरणा से कम नहीं है । उन्होंने बताया है कि जो कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है, उसे जहर समझकर त्याग दें।” “स्वतंत्र होने का साहस करें, जहाँ तक आपके विचार आपको ले जाएँ, वहाँ तक जाने का साहस करें और उसे अपने जीवन में उतारने का साहस करें।” “हम वही हैं जो हमारे विचारों ने हमें बनाया है; इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। विवेकानंद जी ने नैतिकता की परिभाषा देते हुए बताया है कि जो स्वार्थी है वह अनैतिक है और जो निःस्वार्थ है वह नैतिक है। विवेकानंद ने यह भी देखा कि, यदि शिक्षा को संपूर्ण मानव जाति की सेवा करनी है, तो उसके सभी आयामों में, ज्ञान की खोज एक आजीवन प्रक्रिया होगी। पीएम मोदी ने किया पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और कहा कि “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं”। मोदी ने एक पोस्ट के जरिए कहा की मैं स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं। उनका गहन ज्ञान और ज्ञान की निरंतर खोज भी बहुत प्रेरक है।” उन्होंने कहा, “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।” स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था।

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Koo : पीली रंग की छोटी चिड़िया जैसे दिखने वाला भारत का अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हुआ बंद, बंद होने की वजह क्या है ?

Koo : माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter (अब X) को टक्कर देने के लिए देसी ऐप Koo को यूजर्स के लिए लाया गया था।चार साल पहला आया Koo App लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आया।इसलिए कंपनी ने Koo ऐप को बंद करने का फैसला लिया है। 2020 में लॉन्च हुआ कू ऐप पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी जो यूजर्स के लिए 10 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध थी।अब तक इस ऐप को 60 मिलियन यानी 6 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।KOO को बनाने वालों ने ‘अभिव्यक्ति को लोकतांत्रिक बनाने’ और लोगों को उनकी स्थानीय भाषाओं में बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए ‘बहुत मन से’ बनाया गया था। KOO को लेकर लिंक्डइन पर पोस्ट KOO के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिड़वाटका ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा, कि हमने कई लोगों से बातचीत किया उनमें से कुछ ने ऐप को चालू रखना चाहते थे,लेकिन सोशल मीडिया ऐप चालू रखने के लिए तकनीकी सेवाओं की लागत बहुत अधिक है,और हमें यह कठिन फैसला लेना पड़ा। KOO में मुश्किल समय सितंबर 2022 में शुरू हुआ था जब कंपनी ने पहली बार करीब 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। फरवरी 2023 में सह-संस्थापक बिड़वाटका ने कर्मचारियों को चेतावनी दी कि और छंटनी होने वाली है। 21 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स जब ट्विटर और भारत सरकार के बीच रिश्ते बिगड़े थे तब कू के मंथली एक्टिव यूजर्स अगला की संख्या 94 लाख के पार चली गई थी।2020 में अप्रमेर लेख राधाकृष्ण और मयंक बिड़वाटका द्वारा स्थापित यह 10 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी। ऐप का लोगो एक पीले रंग की छोटी चिड़िया थी।जिसके लॉन्च होने के बाद से इसे लगभग छह करोड़ बार डाउनलोड किया गया था।इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट के प्रवक्ता ने दावा किया कि KOO के पास लगभग 21 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स और लगभग एक करोड़ मासिक सक्रिय यूजर्स थे।उन्होंने यह भी दावा किया कि सोशल साइट्स में प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 9,000 से अधिक वीआईपी हैं। बाजार का मूड और फंडिंग में नरमी KOO का सपना अधूरा रह गया कू का अंतिम मूल्यांकन 27.4 करोड़ डॉलर था,जब इसने श्री वन फोर कैपिटल समेत निवेशकों से 6.6 करोड़ डॉलर से अधिक जुटाए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 से ही KOO नई पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा था, जिसके बाद इसने कई प्लैटफॉर्म के साथ विलय की संभावना तलाशी, लेकिन कही पर कोई भी बातचीत सफल नहीं हुई। लिंक्डइन पोस्ट में संस्थापकों ने कहा,सोशल मीडिया संभवतः सबसे कठिन कंपनियों में से एक है,भले ही सभी संसाधन उपलब्ध हों, क्योंकि मुनाफे के बारे में सोचने से पहले आपको यूजर्स को एक महत्वपूर्ण पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत होती है। इस सपने को साकार करने के लिए हमें पांच से छह साल की आक्रामक, दीर्घकालिक और धैर्यवान पूंजी ऐप पर पढ़ें आवश्यकता थी। उन्होंने कहा,दुर्भाग्य से बाजार का मूड और फंडिंग में नरमी ने हम पर भारी असर डाला।KOO आसानी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल सकता था और भारत को एक वैश्विक ब्रांड दे सकता था जो वास्तव में भारत में बना था।

Russian foreign minister
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Russian foreign minister : एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच हुई बैठक, कई अहम मुद्दों पर लिया फैसला

Russian foreign minister : रूस भारत को अपना पुराना दोस्त मानता है. खबर है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी 8 जुलाई को रूस के दौरे पर पहुंचेंगे. जहां पर उनकी मुलाकात राष्ट्रपति पुतिन से होनी है. लेकिन इस बीच कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के बीच मुलाकात हुई है. लावरोव से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने युद्ध क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता जाहिर की और साथ ही उनकी सुरक्षित वापसी पर भी जोर दिया. विदेश मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, राजधानी अस्ताना में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. इस मुलाकात के बारे में उन्होंने आगे बताया कि बातचीत के दौरान हमारे बीच द्विपक्षीय साझेदारी और समसामयिकी मुद्दों पर मंथन हुआ. पिछले साल दिसंबर 2023 में हमारे बीच हुई बैठक के बाद कई क्षेत्रों में प्रगति देखी गई है. विदेश मंत्री ने युद्ध के क्षेत्र में फसे भारतीय नागरिकों को शीघ्र वापस वतन लाने पर भी लावरोव से गहरी चिंता जताई. रूस ने बताया भारत को पुराना और भरोसेमंद दोस्त 1 महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थाई प्रतिनिधि वेसीली नेबेंजिया भारत से घनिष्ठ संबंध को लेकर बड़ी बात कही है. नेबेंजिया के अनुसार रूस भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी वाले संबंध कई दशकों से स्थापित कर रखा है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने भारतीय पीएम मोदी कि रूस की यात्रा को लेकर भी टिप्पणी दी. अगर पीएम मोदी रूस की यात्रा पर जाते हैं तो उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत होंगे. पीएम मोदी अगर 8 जुलाई को रूस की यात्रा पर जाते हैं तो तकरीबन 5 साल के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री रूस का दौरा करेंगे. विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के अपने समकक्ष लावरोव के साथ हुई मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दिया.  

India's Security Concerns
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India’s Security Concerns : कितने देशों के साथ भारत का सीमा पर चल रहा है तनाव

India’s Security Concerns : भारत की सीमा 7 देशों से लगती है, जिसमें से तीन देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है. दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान ऐसे हैं जिनके साथ सीमा पर कई दशकों से जबरजस्त टकराव की स्थिति बनी हुई है. भारत के कई क्षेत्रों को लेकर दोनों देश अपनी दावेदारी पेश करते हैं. जिसको लेकर युद्ध भी हो चुके हैं और लगातार सीमा पर झडपें होती रहती हैं. भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर की विवादित सीमा को साझा करता है. यह विवादित सीमा भारत के कई राज्यों से जुडी हुई है, जो जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. पाकिस्तान के साथ भारत 3323 किलोमीटर की सीमा को साझा करता है. पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में जम्मू कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं. चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा भारत की सुरक्षा की दृष्टि से सबसे व्यस्ततम सीमा रेखा है. इन सीमाओं पर कई वर्षों से तनाव बढ़ता ही जा रहा है. भारत – चीन सीमा विवाद -India- China Border Dispute कई इलाकों में विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच अभी तक पूरी तरह से सीमांकन नही हो सका है. भारत अक्साई चीन पर दावेदारी पेश करता है. 1962 के युद्ध में चीन ने इस क्षेत्र को अपने कब्जे में हासिल कर लिया था. उधर चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है. जिसको लेकर तनाव हमेशा बना रहता है. साल 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य झड़प भी हुई थी, जिसमें दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे. दोनों देशों की तरफ बढ़ते तनाव के चलते ख़बरें आती रहती हैं कि सैनिकों की संख्या को बढाया जा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर अपनी दावेदारी पेश करता है. इसके अलावा लद्दाख के 38 हजार वर्ग किलोमीटर पर चीन ने कब्जा कर रखा है. पाकिस्तान के साथ भारत का सीमा विवाद पाकिस्तान भारत का तीसरा ऐसा पड़ोसी मुल्क है जिसके साथ सबसे लंबी सीमा साझा होती है. पाकिस्तान भारत के 78 हजार किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर रखा है, जिसे पीओके के नाम से जाना जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार युद्ध लड़े जा चुके हैं. सीमा विवाद, कश्मीर समस्या, जल विवाद और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है. यही विवाद पुनः युद्ध के कारण भी बन सकते हैं. नेपाल के साथ भारत का सीमा विवाद नेपाल के मंत्रिमंडल ने ₹100 के नोट पर एक नक्शा छापने का फैसला किया था, जिसमें भारत के उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. यह विवादित क्षेत्र 372 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.

Modi 3.0
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Modi 3.0 : लोकसभा में पीएम के दो घंटे तक चले लंबे भाषण पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

Modi 3.0 : कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो घंटे लंबे लोकसभा भाषण की आलोचना करते हुए उनके कथित झूठ तथा तथ्यहीनता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि चीन,जम्मू आतंकी हमलों सहित किसानों की आय दोगुनी करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की जनता को गुमराह किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दो घंटे लंबे भाषण पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल गांधी का तीर सही जगह पर लगा है। पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए दो घंटे का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। उन्होंने आगे आपातकाल और NEET परीक्षा की पराजय के बारे में बात की। बघेल ने कहा,हिंदू धर्म अहिंसक है और पीएम मोदी लगातार झूठ बोल रहे हैं। मैंने पीएम मोदी का आज का भाषण सुना है और इससे पता चलता है कि वह पागल हो गए हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने हाथरस में भगदड़ की खबर आने के बावजूद अपना भाषण जारी रखने के लिए पीएम मोदी की निंदा करते हुए कहा कि,107 लोगों की जान चली गई, और कहा कि मुझे उम्मीद थी कि पीएम को पहले से जानकारी मिल गई होगी और वह अपना 2 घंटे और 14 मिनट लंबा बयान छोटा कर देंगे। अमेठी से कांग्रेस पार्टी के सांसद केएल शर्मा ने कहा,यह सिर्फ़ भाषण का दोहराव है, इसमें कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कुछ नहीं कहा। कांग्रेस पार्टी की सहयोगी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा,आज (प्रधानमंत्री के) भाषण में जिस बात का उल्लेख होना चाहिए था।किसानों की आय दोगुनी करने पर सरकार का कोई स्पष्ट रुख नहीं है। अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पीएम अपने देश की जनता को बताने में विफल रहे हैं।अकाली दल की सांसद ने कहा,उनके भाषण का अधिकतम हिस्सा एक व्यक्ति को लक्षित था। लगभग दो घंटे तक, उन्होंने (पीएम मोदी) केवल राहुल गांधी के बारे में बात की। ऐसे मामलों में देश के बारे में कौन बात करेगा? राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के बारे में बोलते हैं और इसके विपरीत। देश के लोगों के बारे में कौन बात कर रहा है? देश बेरोजगारी, किसानों के मुद्दों और उच्च मुद्रास्फीति के बारे में उनके दृष्टिकोण के बारे में सुनना चाहता था। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा,प्रधानमंत्री ने चीन, जम्मू में आतंकवादी हमलों, आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में खामियों के बारे में कुछ नहीं कहा, और इसलिए प्रधानमंत्री के भाषण में कोई सार नहीं था।

Zika Virus
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Zika Virus ने Pune में फैलाया पैर,मिले 6 केस जिसमे से दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल

Zika Virus : देश में एक बार फिर जीका वायरस अपना पैर पसार रहा है। देश के कई इलाकों से जीका वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से जीका वायरस के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पुणे में 6 ऐसे मरीज मिले हैं जो इस वायरस से संक्रमित हैं। इन पीड़ितों में से दो महिलायें गर्भवती भी हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक जुलाई दिन सोमवार को पुणे में 46 वर्षीय एक डॉक्टर में जीका वायरस का पहला मामला पाया। इसके बाद, उनकी 15 वर्षीय बेटी भी पॉजिटिव पाई गई।हालाकि दोनों की हालत स्थिर है उनमें कोई लक्षण नहीं है। जीका वायरस बीमारी संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के भी वाहक हैं। जीका वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में पाया गया था। पुणे नगर निगम (पीएमसी) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने बताया कि कुल 25 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12 सैंपल एरंडवाने से लिए गए थे, जिसमें दो गर्भवती महिलाओं के सैंपल शामिल थे। कुल सात सैंपल में से 12 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा, मुंधवा से 13 सैंपल लिए गए, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। क्या होता है जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी होती है जीका वायरस। इस वायरस के ऑर्गेनिज्म हमारे ऊतकों का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकाश संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं। असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है। जीका वायरस के क्या लक्षण जीका वायरस के लक्षण एक अध्यनन के अनुसार 5 में से एक पर नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है। गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है। जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है। इसके अलावा और ये भी लक्षण जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं। मस्तिष्क का पूरा तरह से विकास नही होता हैं।इस वायरस की वजह से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है। इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।

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Best Places to Visit in Monsoon to Make Your Eyes Bliss

Hey! Dear travellers out there , Monsoon has arrived and it is the best time to vacate your holidays and get a lifetime experience in India. It will surely leave you stunned. The mountains and the hill stations are fully covered with the lush greenery, the lakes are overflowing with the sparkling water inside it and the heavenly waterfall sceneries can surely make you fall in love with the beauty and the heritage of India. so what are waiting for -pack your bag now and set out to enjoy this from the front . Don’t wait to visit the best destination in india with your family,this monsoon. Best places to visit in monsoon in India If you are confused about where to start exploring the beauty of India’s monsoon. Here are the lists of all the places that must be in your bucket list: 1) Darjeeling , West Bengal Do you want to see the Himalayas closely during your trip? If yes then Darjeeling can be the best option for you . Darjeeling is known as “The Queen of Himalayas “. It is the best place to be during monsoon. It’s tea garden and the insane view can melt your heart to be there for lifetime. The cool weather and mountain,and the greenery around there add cherry to the charm . It is kid’s favourite holiday destination. We’re sure your family going to love it, and enjoy their stay at the fullest. 2) Lonavala, Maharashtra Just 86 km far from Mumbai, lonavala is weekend destination for every mumbaikar. It can be yours too. The best time to visit is June to September, during monsoon season, when surroundings come alive in beautiful lush greenery, and the lakes get filled up to the brim with the rain. Lonavala is a romantic ecape from the chaotic noise of city life. The mesmerizing waterfall and famous khandala hills and monkey points attract the visitors here. 3) Goa , Goa Goa is not all about beaches .The bustling Party Capital of India, Goa is one destination that all of us surely dream of visiting at least once in our lifetime. The church , fort beside beaches and amidst greenery are main attraction here. You can explore the Dudhsagar falls discover the charm of Aguada fort. Parra road ,baga beach ,lavish resorts are worth to visit once and again. 4) Mount Abu , Rajasthan If you want to experience the seren music of rain then mount Abu can be the place for you to have the best monsoon memories .Serving as a source of comfort from the sultry dessert climate of Rajasthan, Mount Abu, the state’s only hill station stands at a height of 1722 metres above sea level, and is embraced by lush green hills of the Aravalli range. Places to visit in Mount Abu include waterfalls, lakes, forests, temples and scenic spots for sightseeing. Standing at 1722 m above the sea, Mount Abu is the only hill station in Rajasthan. 5) Wayanad, Kerala Wayanad is known as ‘God’s own country’,Kerala. Wayanad hosts a three day monsoon festival known as splash. If you are looking lush tea garden or intrested in trekking in Wayanad during rainy season, then we are sure you will not be disappointed at all. There is no doubt that Wayanad is one of the best hill stations and a picture-perfect place to visit during monsoons in South India. 6) Laddakh, Jammu and Kashmir Ladakh is famous for its snow-glaciers, high-altitude trekking routes, magnificent mountain peaks, stunning lakes, and scenic beauty. The region is also rich in Buddhist culture and history. In Ladakh, you can see many ancient and rich Buddhist monasteries. Ladakh Festival takes place from 17th to 27th September every . It’s a spectacle of a show and a must visit! This cold desert of India is sure on the list of many travelers and it truly lives up to its expectations. With its numerous mountain passes, sparkling lakes with crystal clear water surrounded by snow-covered mighty mountains, it is simply magical. This place is a must visit in summers and post-monsoons as the roads are clear for travel unlike in winters. This is one of the best places to visit in monsoon in India for couples. Attractions: Ladakh Festival Tour, Stroll around the Pangong lake which rightly means long, narrow, enchanted lake in Tibetan, play with snow at Changla pass, and seek blessings at the Thiksey monastery. Plan your bike trip as soon as possible to enjoy the beauty of Laddakh this monsoon.  

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