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US Election 2024 : बाइडेन की कमजोरी छुपाने उतरी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता हैरिस को बता रहे हैं प्रमुख दावेदार

US Election 2024 : अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन के सामने डोनाल्ड ट्रंप एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं. पिछ्ले सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप के सामने बहस में बाइडेन के निराशाजनक प्रदर्शन से डेमोक्रेटिक पार्टी के आत्मविश्वास में कमी आई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सबकुछ संतुलित दिखाने की कोशिश में लगी हुई हैं. 81 वर्षीय बाइडेन को लेकर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं कि क्या जीत के बाद वह मानसिक और शारीरिक रूप से 4 साल की सेवा देने के लिए सक्षम बने रह सकते हैं. इतना ही नहीं ये भी सवाल है कि क्या वह ट्रंप को हराने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं. वहीं पूर्व कांग्रेस सदस्य टिम रयान ने न्यूजवीक से कहा है कि 2024 में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए उपयुक्त उम्मीदवार कमला हैरिस को बनाया जाना चाहिए. टिम रियान के अलावा डेमोक्रेटिक नेता जिम क्लाईबर्न भी कमला हैरिस लो लेकर कहा, चाहे वह दूसरे स्थान पर हो या पहले, हमे उनको मजबूत करने के लिए पूर्णरूप से समर्थन देना चाहिए. राष्ट्रपति पद को लेकर हैरिस के क्या हैं विचार कई नेता कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं लेकिन अभी तक हैरिस ने बाइडेन के स्थान को लेने की कोई टिप्पणी नही की है. कमला हैरिस का कहना है कि हमने बाइडेन के नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में मात दी है, और हमे पूर्ण उम्मीद है, हम पुनः ट्रंप को हराने जा रहे हैं. अगर बाइडेन की पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करती है और अगर आगे कुछ समय के बाद बाइडेन अपने राष्ट्रपति पद को आगे सही तरीके से चलाने में सक्षम नहीं होते हैं तो हैरिस राष्ट्रपति बन जाएंगी. हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में कम लोकप्रिय रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें दूसरा उम्मीदवार माना जा रहा है. 59 वर्षीय कमला हैरिस एशियाई मूल की पहली अश्वेत महिला हैं. हैरिस का पुराना संबंध भारत से भी है. उनकी मां भारत से थीं.

UK Election Result
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UK Election Result : ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे स्टार्मर, लेबर पार्टी को मिला बहुमत

UK Election Result : ब्रिटेन चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है और लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. एग्जिट पोल मैं जैसे आंकड़े पेश किए गए थे. वैसे ही परिणाम सामने आए हैं. लेबर पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी को इस चुनाव में हराकर पूर्ण बहुमत के साथ ब्रिटेन की सत्ता में काबिज होने जा रही. स्टार्मर को जीत की बधाइयां दी जाने लगी हैं. अभी तक की वोटो की गिनती में लेबर पार्टी लगभग 378 से ज्यादा सीटों पर विजय प्राप्त कर चुकी है. ऋषि सुनक की पार्टी अभी तक केवल 92 सीट पर ही जीत दर्ज की है. 660 में से 559 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत है. इस लिहाज से लेबर पार्टी पूर्ण बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है. ऋषि सुनक ने स्टार्मर को दी बधाई समर्थकों को संबोधित करते हुए ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के आगामी प्रधानमंत्री माने जाने वाले स्टार्मर को बधाई संदेश दे चुके हैं. साथ ही ऋषि सुनक ने हार की जिम्मेदारी भी स्वीकार कर लिया है. अपने संसदीय क्षेत्र रिचमंड और नॉर्दर्न एल्टर्न में एक संबोधन के दौरान कहा कि बहुत से मेहनती उम्मीदवारों को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है और मैं उनकी हार की जिम्मेदारी लेता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान अपना 100 फ़ीसदी देने की कोशिश की. इस बार के चुनाव में महंगाई एक अहम मुद्दा रहा है. ऋषि सुना अपने किए गए कई वायदों पर खरे नहीं उतर पाए. ब्रिटेन परिवर्तन चाहता है – कीर स्टार्मर स्टार्मर ने जनता के सहयोग का आभार व्यक्त करते हुए अपने आप को पूरी जनता का नेता बताया. उन्होंने कहा कि जिन्होंने मुझे वोट दिया है और जिन्होंने वोट नहीं दिया, फिर भी मेरा कर्तव्य है कि मैं एक एक व्यक्ति की सेवा करूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जनता ने मतदान करके अपना कर्तव्य पूरा कर दिया है. अब हमारा काम करने का समय आ गया है. मैं आपकी लड़ाई हर दिन लडूंगा.

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Tattoo Benefits and Risks : क्या आप भी टैटू बनवाने के शौकीन हैं? तो हो जाएं सावधान

Tattoo Benefits and Risks : ऐसे तो टैटू शरीर पर आत्म-अभिव्यक्ति, कलात्मकता और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने के लिए उत्तम है। लेकिन आजकल कल यह एक ज़रूरी फैशन बन गया है और बहुत प्रचलन में हैं खासकर युवा वर्ग में इसका क्रेज दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहा है। पर क्या आप इससे होने वाले परिणामों से अवगत है। चलिए जानते हैं इसके फ़ायदे और नुकसान – फायदे * टैटू बनवाने से व्यक्ति खुद को एक अनोखे तरीके से व्यक्त कर सकता है। * टैटू को कलात्मक माना जाता है * व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों, पालतू जानवरों या जीवन साथी के साथ अपने संबंधों को व्यक्त करने के लिए टैटू बनवाते हैं * टैटू कुछ लोगों को अधिक आत्मविश्वासी और आकर्षक महसूस कराते हैं * कई लोग अपने आध्यात्मिक विचारों या कथनों को व्यक्त करने के लिए टैटू बनवाते हैं। * शरीर के कई निशान जिनका पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता, उन्हें टैटू से छिपाया जा सकता है * सौंदर्य की दृष्टि से आजकल अपने रूप-रंग को निखारने के लिए भौंहों या सौंदर्य स्थलों पर टैटू बनवाना बहुत आम बात है। नुकसान •टैटू बनवाने की प्रक्रिया में त्वचा टूट जाती है। इसका मतलब है कि इसके बाद त्वचा में संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं विकसित हो सकती हैं। •हाल ही में एक समीक्षा में पाया गया कि टैटू वाली त्वचा में त्वचा कैंसर की संख्या कम थी, और इसलिए यह संयोग प्रतीत होता है, हालांकि टैटू स्याही में पाए गए कई कार्सिनोजेन्स शरीर के अन्य हिस्सों जैसे यकृत या मूत्राशय में कैंसर से जुड़े पाए गए हैं। * टैटू बन जाने के बाद स्थायी हो जाता है, इसे पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता, कॉस्मेटिक त्वचाविज्ञान में उन्नत तकनीक में लेजर है जो लगभग 6-10 सत्रों में टैटू हटा सकता है, लेकिन हटाने के बाद हमेशा हल्का रंग रह जाता है। * कुछ स्वास्थ्य जोखिम जैसे स्याही से एलर्जी, और जीवाणु और वायरल संक्रमण (दाद, एचआईवी) बहुत आम हैं यदि उपयोग किए जाने वाले उपकरण निष्फल नहीं हैं। •एक शोध में पाया गया कि टैटू के आकार का कैंसर के जोखिम पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। •स्वीडिश समूह पर किए गए एक अवलोकनात्मक अध्ययन में पाया गया कि टैटू के कारण लिम्फोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का खतरा 21% बढ़ जाता है। * अनजाने में किया गया टैटू केलोइडल प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों के लिए केलोइड में बदल सकता है। क्या टैटू आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है? तनाव से राहत, अवसाद से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। आप सोच रहे होंगे कि एक साधारण टैटू मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव कैसे डाल सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि जब आप टैटू बनवाते हैं और टैटू बनवाते हैं, तो आपको एड्रेनालाईन और एंडोर्फिन का ऐसा अनुभव होता है जो आपको ऐसा महसूस कराता है कि आप दुनिया से बाहर हैं।  

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SCO Meeting : एससीओ की बैठक में जिनपिंग के सामने भारत ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

SCO Meeting : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस और चीन के सामने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री शहबाज़ शरीफ़ को आतंकवाद के नाम पर जमकर खरीखोटी सुनाई. कज़ाख़िस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन SCO की बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ समेत कई देशों के मुख्य प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस बैठक में भारत का नेतृत्व पीएम मोदी के चाणक्य कहे जाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया. जिन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आतंकवाद को पनाह देने के लिए जमकर लताड़ लगाई. एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन को भी याद दिलाया कि इस संगठन का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद से लड़ना है. जयशंकर ने आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अगर हमने आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया तो यह विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बनेगा. भारत के लिए आतंकवाद के मुद्दे को इस संगठन की बैठक में उठाना अच्छा मौका था. चीन भी कई बार यूनाइटेड नेशन में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बचाते हुए देखा गया है. एससीओ (SCO) की बैठक के दौरान पीएम मोदी के विचारों को रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को शरण देने वाले और उनको बचाने वाले किसी भी देश को किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश को अलग करें चीन अक्सर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बचाने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामने आ जाता है. चीन के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले सहयोग के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले देश को अलग-अलग तो किया जाना चाहिए. साथ ही उन देशों को भी बेनकाब किया जाना चाहिए जो उन देशों को बचाने के लिए सामने आते हैं. चीन पाकिस्तान को यूनाइटेड नेशन से ब्लैक लिस्ट किए जाने वाले प्रस्ताव पर कई बार अपने वीटो शक्ति का भी गलत इस्तेमाल कर चुका है.

Expansion of computer networks
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Expansion of computer networks : कैसे शुरु हुआ इंटरनेट का दौर, आज दुनिया भर को जोड़ने का कर रहा काम

Expansion of computer networks : जब भी कंप्यूटर नेटवर्क की बात आती है तब या सबसे पहले सामने आता है कि इंटरनेट क्या है क्योंकि इंटरनेट के बिना कंप्यूटर का कोई उद्देश्य नहीं है। प्रौद्योगिकी के इस संसार में सूचना एवं आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए इंटरनेट का सबसे पहले प्रयोग किया जाता है। आज के युग में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बच्चा रह गया हो, जहां इंटरनेट का प्रयोग नहीं हो रहा हो इंटरनेट के माध्यम से किसी भी क्षेत्र जैसे सरकारी संस्थान बैंकिंग संस्थानों में से संबंधित सूचनाओं एक आंकड़ों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है आज इंटरनेट के सर्वपरी उपयोग से ही विश्व व्यापी दूरियां कम हो गई है हजारों किलोमीटर दूर बैठा व्यक्ति भी आज हम इंटरनेट की सहायता से उसको देख सकते हैं मोबाइल फोन पर विश्व के प्रमुख इंटरनेट प्रदाता gti, mci स्प्रिट युजनेट ओर अमेरिका को ans माध्यमों को रीड की हड्डी कहा जाता है। वाइड एरिया नेटवर्क इंटरनेट का उदाहरण इंटरनेट विश्व व्यापी एवं देशव्यापी कंप्यूटर के नेटवर्क का एक जाल रूप में बढ़ा हुआ है। संसार भर में कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार कंप्यूटर नेटवर्क मुख्ता तीन प्रकार का होता है – 1 स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क 2 व्यापारिक क्षेत्र नेटवर्क 3 मेट्रो एरिया नेटवर्क इंटरनेट के विभिन्न कार्यों का वर्णन इंटरनेट की नेटवर्किंग प्रणाली में एक या एक से अधिक कंप्यूटर होते हैं जिन्हें सरवर कहा जाता है सरवर के संपूर्ण सूचनाओं एवं आंकड़ों को स्थाई रूप से संग्रहित करते हैं सरवर के माध्यम से सूचना एवं आंकड़ों को स्थानांतरण भी किया जा सकता है सरवर के रूप में मुख्ता में फ्रेम कंप्यूटर का प्रयोग होता है इंटरनेट एक एक प्रकार से अत्यधिक बलिशाली एवं गतिशील संचार के माध्यम है इंटरनेट की विश्व में शुरुआत 1969 में हुई तथा देश में सर्व प्रथम वर्ष 1990 के आसपास कंप्यूटर का प्रयोग हुआ उसे समय उसका प्रयोग केवल शिक्षक या रक्षा संबंधी कार्यों में ही किया जाता था । इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सेवाएं निम्न प्रकार से हैं। इंटरनेट द्वारा लोगों को इतनी ज्यादा सुविधा प्रदान हो चुकी है कि अब लोगों का जीवन इंटरनेट के बिना या कंप्यूटर के बिना अधूरा है लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर की अति आवश्यकता है बढ़ गई है इंटरनेट के अन्य क्षेत्र निर्मित है। जैसे – 1 ) ई मेल इसका पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक मिल है ईमेल का स्थानांतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में होता है जिस प्रकार डाक संदेश एवं पत्रों को इधर से उधर भेजता है उसी तरीके से ईमेल भी कार्य करता है । 2 ) टेलनेट यह सुविधा भौगोलिक दृष्टि से अलग-अलग स्थान पर रख अलग-अलग कंप्यूटरों के माध्यम संपर्क स्थापित करने की सुविधा प्रदान करता है। 3 ) गोफर यह सुविधा विश्व के अनेकों लाइब्रेरी तथा सर्वरों से सूचना उपलब्ध कराने का सरलतम माध्यम माना जाता है। 4 ) आर्ची यह एक सरवर का समूह है जिसके माध्यम से सूचनाओं को ढूंढा वह खोजा जा सकता है। 5 ) इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड इस बोर्ड के माध्यम से किसी समाचार अथवा सूचना को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाता है यह एक इंटरनेट द्वारा जारी समाचार सेवा है इसकी सुविधा निशुल्क दोनों प्रकार से प्रदान की जाती है। 6 ) ई कॉमर्स इस सुविधा का उपयोग दूर स्थित व्यक्तियों तथा संसाधनों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद एवं बिक्री का लेनदेन करने में किया जाता है इस सुविधा को ई-कॉमर्स कहते हैं । 7 ) ऑनलाइन संचार इस संचार के माध्यम से संदेश भेजने वाला व्यक्ति तथा संदेश प्राप्त करने वाला व्यक्ति एक समय में इंटरनेट से जुड़े जुड़े होते हैं अतः संदेश भेजने वाला व्यक्ति जो संदेश अपने कंप्यूटर में मैसेज बॉक्स में टाइप करता है वह संदेश दूसरे व्यक्ति के मॉनिटर पर प्रदर्शित होता दिखाई देता है इस प्रकार से इसे इंटरनेट सुविधा को कंप्यूटर की भाषा में चैटिंग भी कहते हैं। 8 ) ऑनलाइन बैंकिंग इंटरनेट की सहायता से कभी भी मुद्रा का लेनदेन कर सकते हैं हम इसी कारण ऑटोमेटिक लेटर मशीन का प्रचलन बढ़ गया है। 9 ) इंटरनेट पर अनेक कंपनियों के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को ममुफ्त में और डाउनलोड किया जा सकता है जैसे कि संगीत मूवी एनीमेशन गेम ग्राफ्टिंग आदि कंप्यूटर की डिस्क में संग्रहित हो जाते हैं। 10 ) इंटरनेट पर किसी भी व्यवसाय संस्था आदि की संपूर्ण जानकारी व्यवस्थित रहती है एक सीट के रूप में प्रदर्शित की जाती है जिसके बारे में हम बहुत ही आसानी से जान सकते हैं वह समझ सकते हैं इत्यादि सभी चीज इंटरनेट के द्वारा उपलब्ध हो जाती हैं।

UK Election Rishi Sunak 2.0
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UK Election Rishi Sunak 2.0 : कौन जीत रहा है ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का चुनाव

UK Election Rishi Sunak 2.0 : ब्रिटेन में आज यानी 4 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान जारी है. ब्रिटेन के इस चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्ष की लेबर पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर होने के अनुमान हैं. चुनाव से पहले हुए सर्वे में बताया गया है कि लेबर पार्टी को बहुमत मिल सकता है. लेबर पार्टी के नेतृत्व कि जिम्मेदारी स्टार्मर के हाथों में है. ऋषि सुनक लेबर पार्टी को मतदान न करने की अपील कर रहे हैं. ऋषि सुनक का कहना है, लेबर पार्टी टैक्स बढ़ाने का कार्य करेगी. ऋषि सुनक ब्रिटेन के अंदर बढ़ती महंगाई को रोकने का दावा करते हुए अपनी सरकार की एक बड़ी सफलता मान रहे हैं. माना जा रहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहने वाला है. उन पर पिछले चुनाव में किए गए कई वादों को पूरा न किए जाने का आरोप है. ओपिनियन पोल में कौन बन रहा है यूके का प्रधानमंत्री साल 2020 में लेबर पार्टी ज्वाइन करने वाले कीर स्टार्मर को लेकर हुए सर्वे में कहा जा रहा है कि वह ऋषि सुनक को चुनाव में हराकर अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं. लेकिन इसके पहले लगातार चार चुनाव में लेबर पार्टी हार का सामना कर चुकी है. आपको बता दें ब्रिटेन में इस चुनाव के लिए मतदान 4 जुलाई को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक जारी रहेगा. इस बार के चुनाव में आप्रवासन एक बड़ा मुद्दा है. लेबर पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी दोनों के लिए एक बड़ी मुश्किल यह कि दूसरे देशों से चोरी से आ रहे अवैध लोगों को कैसे रोकती है. कैसा होता है यूके में चुनाव भारत और ब्रिटेन के चुनाव में काफी हद तक समानता है. मतदान करने की न्यूनतम 18 वर्ष की गई है. नागरिक अपने मतदान के जरिए सांसद का चुनाव करते हैं. इस बार का मतदान कुल 650 सीटों के लिए हो रहा है. वहीं सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425 सीटें जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है. जबकि ऋषि सुनक की पार्टी को 108 सीट मिलने का अनुमान है.

Joe Biden vs Donald Trump
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Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में कब होगा चुनाव, किसके बीच होगा इस बार कड़ा मुकाबला

Joe Biden vs Donald Trump : अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने होंगे. इन दोनों महारथियों के बीच एक बार फिर से जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिका के संविधान के मुताबिक कोई भी अमेरिकी नागरिक दो बार ही राष्ट्रपति नियुक्त हो सकता है. इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है. क्योंकि 68 साल बाद फिर से ऐसी स्थिति आई है कि दो कैंडिडेट लगातार दो चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रुप में मैदान में उतरेंगे. अमेरिका में कब होगा चुनाव अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव इस वर्ष के अंत में 5 नवंबर को कराया जाएगा. इसके बाद चुनाव परिणाम आने में कई दिन का वक्त लग सकता है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाली पार्टी के कैंडिडेट को 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी. अमेरिकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और साथ ही वह कम से कम 14 वर्ष से अमेरिका का मूल निवासी हो. अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्षों के लिए होता है. पिछला चुनाव 2020 में हुआ था. जिस चुनाव में बाइडेन डोनाल्ड ट्रंप को हराकर राष्ट्रपति बने थे लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक बाइडेन ने चुनाव में धोखाधड़ी करा कर उलटफेर कराया था. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 172 देशों में मतदाता की भागीदारी के लिहाज से अमेरिका 139वें स्थान पर आता है. साल 1892 में पहली बार अमेरिका के चुनाव में वोटिंग मशीन का चलन सामने आया. किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व न करने वाले इकलौते राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे. देखा जाए तो अमेरिका का चुनाव केवल अमेरिका तक ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी अहम माना जाता है. क्योंकि विश्व की राजनीति में अमेरिका महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

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US News : कमरा साफ करने को कहा तो अमरीकी छात्र ने अपनी मां की कर दी हत्या

US News : दुनिया में मां और बेटे का रिश्ता सबसे पवित्र और सुरक्षित माना जाता है लेकिन अमेरिका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. एक 20 वर्षीय छात्र के ऊपर अपनी ही मां की हत्या का आरोप लगाया गया है. एक बहुत ही मामूली सी बात को लेकर लड़के का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने अपनी मां के गले को दबा कर हत्या कर दिया. हत्या के बाद छात्र ने स्वयं ही पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पुलिस को इसकी सूचना दी. इस छात्र की मां ने उससे कमरा साफ करने और नौकरी की तलाश करने को कहा था, जिस पर लड़के का गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपनी मां की हत्या कर दी. छात्र ने हत्या करके खुद को किया आत्मसमर्पण मां बेटे में कहा सुनी के दौरान बात बिगड़ गई और बेटे ने मां के गले को दबा दिया. मां बेहोश हो गई और बेटे को लगा कि मां मर चुकी है. उसने फौरन 911 पर कॉल करके अपने घर में एक मृत व्यक्ति की सूचना दी. WGNTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस पहुंची तो लड़के ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया और कथित तौर पर उसने अपराध को कबूल कर लिया. जब पुलिस घर में दाखिल हुई तो उन्होंने 43 वर्षीय उसकी मां शैनेल बंर्स को बेहोशी की हालत में पाया. उनकी गर्दन पर गंभीर चोट होने के निशान मिले. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन दो दिनों के बाद उनकी सांसे थम गई और मृत्यु हो गई. यह मामला जब अदालत में पहुंचा तो अदालत के दस्तावेजों के अनुसार मौत दम घुटने से हुई है लेकिन इसे हाथ से गला घोंटने से हुई हत्या ही माना जायेगा. महिला शिकागो में स्थित एक विश्वविद्यालय में सहायक उपाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थी. खबर के मुताबिक छात्र की मानसिक स्थिति खराब होने की जानकारी सामने आई है.

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Hemant Soren : झारखंड के फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे सोरेन,आखिर क्यों इतनी जल्दी CM बनना चाहते हैं?

Hemant Soren : झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं।पार्टी के पुराने नेता चंपई सोरेन ने पांच महीने पहले राज्य की कमान संभाली थी,जब हेमंत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।फिलहाल चंपई ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।बता दे कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के संकेत मंगलवार को ही मिल गए थे,जब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे।हालांकि यह कदम इंडिया ब्लॉक के नेताओं के समर्थन के बाद ही उठाया गया है।वहीं बीजेपी ने हेमंत की वापसी के लिए एक सीनियर आदिवासी नेता को शीर्ष पद से हटाने के लिए झामुमो की आलोचना की है। बीजेपी ने किया तंज झारखंड बीजेपी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो ने पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठने और एक नया मुख्यमंत्री चुनने की बात की थी, लेकिन उनका असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।बता दें हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी और एक सप्ताह से भी कम समय में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी वापसी के लिए मंच तैयार कर लिया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की इतनी जल्दी क्यों? अभी भी हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का मामला चल रहा है और जांच एजेंसी का कहना है कि वह हेमंत सोरेन को राहत देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। सूत्रों के अनुसार ईडी झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करेगी।इसलिए हेमंत सोरेन जांच एजेंसी के पहले ही कोई ठोस कदम उठाना चाहते हैं। क्या चंपई को सीएम पद मजबूरी में मिला? चंपई सोरेन पार्टी के पुराने नेता हैं,लेकिन वह हेमंत सोरेन की जगह लेने के लिए सभी के पसंद नहीं थे।ये वह पार्टी है जिसने कभी परिवार के बाहर किसी को महत्वपूर्ण पद नहीं दिया,उसके लिए उस समय चंपई सोरेन को नियुक्त करना एक मजबूरी थी।हेमंत की पत्नी कल्पना,जिनका नाम तब शीर्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा था,लेकिन वह विधायक नहीं थीं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं था।हालांकि, पिछले पांच महीनों में चीजें बदल गई हैं।कल्पना ने खुद को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान जेएमएम के अभियान की कमान संभाली थी।साथ ही निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार भी किया है।अगर हेमंत को फिर से पद छोड़ना पड़ता है,तो कल्पना अब रिप्लेसमेंट के लिए पहली विकल्प होंगी। जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली में हेमंत सोरेन ने दावा किया कि बीजेपी झारखंड में विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की साजिश कर रही है।वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी उत्साहित है।पार्टी ने तीन सीटें राजमहल,दुमका और सिंहभूम जीती हैं,जबकि 2019 में सिर्फ एक सीट मिली थी।

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Swami Vivekananda death anniversary : अपने अंतिम समय में स्वामी जी ने युवाओं को क्या दी सीख

Swami Vivekananda death anniversary : स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863, कलकत्ता [अब कोलकाता] और मृत्यु आज ही के दिन 4 जुलाई, 1902, कलकत्ता के पास हुई। भारत में एक हिंदू आध्यात्मिक नेता और सुधारक के तौर पर इन्होंने देश में हुए बदलाव की नींव रखी। इन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने का प्रयास किया, यह मानते हुए कि दोनों एक दूसरे के पूरक और पूरक हैं। आज भारत में उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर याद सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने विशेषकर युवाओं के लिए उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है। उनके द्वारा बोली गई बाते आज भी युवा पीढ़ी के लिए किसी विषेश प्रेरणा से कम नहीं है । उन्होंने बताया है कि जो कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है, उसे जहर समझकर त्याग दें।” “स्वतंत्र होने का साहस करें, जहाँ तक आपके विचार आपको ले जाएँ, वहाँ तक जाने का साहस करें और उसे अपने जीवन में उतारने का साहस करें।” “हम वही हैं जो हमारे विचारों ने हमें बनाया है; इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। विवेकानंद जी ने नैतिकता की परिभाषा देते हुए बताया है कि जो स्वार्थी है वह अनैतिक है और जो निःस्वार्थ है वह नैतिक है। विवेकानंद ने यह भी देखा कि, यदि शिक्षा को संपूर्ण मानव जाति की सेवा करनी है, तो उसके सभी आयामों में, ज्ञान की खोज एक आजीवन प्रक्रिया होगी। पीएम मोदी ने किया पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और कहा कि “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं”। मोदी ने एक पोस्ट के जरिए कहा की मैं स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं। उनका गहन ज्ञान और ज्ञान की निरंतर खोज भी बहुत प्रेरक है।” उन्होंने कहा, “हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।” स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था।

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