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Israel-Hamas war
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Israel-Hamas war : अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति तक जारी रहेगी हमास से लड़ाई, गाजा युद्ध विराम समझौते को लेकर नेतन्याहू ने दिया बड़ा बयान

Israel-Hamas war : हमास और इजराइल के बीच जारी युद्ध (Israel-Hamas war) को नौ महीने बीत चुकें हैं, लेकिन अभी भी गाजा में बम धमाकों के शोर थमें नहीं हैं. इजराइल पर युद्ध विराम का दबाव बनाया जा रहा है. इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री का युद्ध रोकने को लेकर एक बड़ा बयान आया है. प्रधामंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा है कि गाजा में युद्ध विराम समझौते होने के बावजूद भी इजराइल को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति तक लड़ाई जारी रखने की अनुमति होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिकी योजनाओं पर फिर से बातचीत शुरू होने के उम्मीद है. मई के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने तीन चरणीय योजना को प्रस्तुत किया था, जिसमें इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क़तर और मिस्त्र के मध्यस्थता करने की बात कही गई थी. इस योजना का उद्देश्य युद्ध को समाप्त करना और गाजा में बंधक बनाये गए 120 इजराइली सेना को मुक्त कराना है. उधर हमास इजराइल के सामने झुक गया है. हमास की पहले शर्त थी कि इजराइल स्थाई रूप युद्ध विराम पर सहमत हो. उसके बाद ही वह किसी बैठक में हिस्सा लेगा और किसी समझौते पर सहमत होगा. लेकिन अब हमास के एक सूत्र ने रॉयटर्स को उसकी पहचान ना उजागर करने की शर्त पर बताया है कि अब हमास बातचीत करके हल निकालने के लिए तैयार है. अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति तक जारी रहेगी लड़ाई (Israel-Hamas war)- इजराइली प्रधानमंत्री इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने खुलकर कहा है कि किसी भी समझौते में वह तभी सहमत होंगे, जब इजराइल को उसके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लड़ाई जारी रखने की छूट दी जाएगी. युद्ध की शुरुआत में इजराइल ने अपने लक्ष्यों को परिभाषित किया था. जिसके मुताबिक हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को खत्म करना है. साथ ही बंधको को रिहा कराना शामिल है. नेतन्याहू ने यह भी कहा है कि जिस योजना पर इजराइल सहमत हुआ है, उसके मुताबिक इजराइल को (Israel-Hamas war) युद्ध के अन्य उद्देश्यों की प्राप्ति में बिना किसी परिवर्तन के बंधकों की रिहाई होगी.

Robot suicide
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Robot suicide : दक्षिण कोरिया में रोबोट ने की आत्महत्या, दुनिया की यह है पहली घटना, शुरू हो गई इस पर बहस

Robot suicide : विज्ञान दुनिया में बहुत तेजी से पैर पसार रहा है. जिस काम को करने के लिए पहले जहां कई लोगों की जरुरत होती थी, आज उस काम को रोबोट अकेले कर रहे हैं. रोबोट विज्ञान की एक अहम खोज है. रोबोट के अन्दर वैसी तकनीक विकिसित किये जाने पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, जैसी मानव का माइंड सोच सकता है. क्या रोबोट को भी थकावट लग सकती है, क्या रोबोट भी अपनी जिन्दगी से परेशान होकर आत्महत्या (Robot suicide) कर सकता है तो इसी जुडी दक्षिण कोरिया के गुमी सिटी से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. खबर के मुताबिक एक रोबोट ने आत्महत्या की है. यह रोबोट एक सिविल सेवक के रूप में कार्य करता था. यह घटना पिछले गुरूवार की है. काउन्सिल बिल्डिंग की पहली और दूसरी मंजिल के सीढ़ी के नीचे रोबोट का टूटा हुआ शरीर एक कूड़े के ढेर में मिला है. वहां पर मौजूद लोगों का कहना है कि रोबोट सीढ़ी के नीचे अजीब तरीके का व्यवहार कर रहा था. एक जगह पर काफी देर तक चक्कर लगा रहा था. और अचानक से वह सीढ़ी से नीचे गिर गया. रोबोट को लेकर दुनिया छिड़ गई है बहस यह रोबोट गुमी सिटी काउन्सिल में अगस्त 2023 से अपनी सेवाएं दे रहा था. यह मैकेनिकल हेल्पर का कार्य करता था. यह रोबोट बिना थके सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कार्य करता था. दक्षिण कोरिया में रोबोट का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स के मुताबिक हर दस दक्षिण कोरियाई कर्मचारियों के लिए एक रोबोट की व्यस्था की गई है. रोबोट की अचानक हुई मौत पर दुनिया में बहस शुरू हो गई है. प्रश्न उठने लगे हैं, क्या रोबोट थक गया था, क्या उसके ऊपर काम का ज्यादा बोझ हो गया था, जिससे उसने आत्म हत्या को चुन लिया. फिलहाल रोबोट के टूटे पार्ट्स को एकत्र करके उसका विश्लेषण किया जा रहा है. आखिर किस वजह से रोबोट की मौत (Robot suicide) हुई है, जानने की कोशिश की जा रही है.

Bangladesh Flood
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Bangladesh Flood : बांग्लादेश में नदियों ने दिखाया अपना रौद्र रूप,बाढ़ से 8 की मौत,20 लाख से अधिक प्रभावित

Bangladesh Flood : बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह बांग्लादेश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है, जिससे दो मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं,क्योंकि भारी बारिश के कारण प्रमुख नदियाँ अपने किनारों को तोड़ रही हैं।170 मिलियन लोगों वाले दक्षिण एशियाई राष्ट्र में,सैकड़ों नदियाँ हैं, जहाँ हाल के दशकों में बाढ़ की अधिक घटनाएँ हुई हैं।ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वर्षा को और अधिक अनियमित बना दिया है और हिमालय के पहाड़ों में ग्लेशियर पिघल रहे हैं। उत्तरी ग्रामीण शहर शाहजादुर के पुलिस प्रमुख सबुज राणा ने बताया कि बाढ़ के पानी में नाव पलटने से दो किशोर लड़कों की मौत हो गई। उन्होंने कहा,छोटी नाव में नौ लोग सवार थे। सात तैरकर सुरक्षित निकल गए। दो किशोर लड़के तैरना नहीं जानते थे,वे डूब गए। ब्रह्मपुत्र नदी कुछ क्षेत्रों में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही कुरीग्राम के पुलिस प्रमुख बिश्वदेव रॉय ने बताया कि बाढ़ के पानी में बिजली के तारों में नाव उलझने के बाद दो अलग-अलग बिजली के करंट लगने की घटनाओं में तीन अन्य लोगों की मौत हो गई।अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एएफपी को बताया कि देश भर में बाढ़ से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में तीन और लोगों की मौत हो गई। सरकार ने कहा कि उसने बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों के लिए सैकड़ों आश्रय स्थल खोले हैं और देश के उत्तरी क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित जिलों में भोजन और राहत भेजी है। देश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव कमरुल हसन ने एएफपी को बताया,बाढ़ से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। देश के 64 जिलों में से 17 जिले प्रभावित हुए हैं। हसन ने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर में बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है,क्योंकि बांग्लादेश की मुख्य नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र नदी कुछ क्षेत्रों में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। नौ में से आठ गांव बाढ़ के पानी में डूबे देश में सबसे अधिक प्रभावित कुरीग्राम जिला है जहां पर नौ में से आठ गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। पूरी जानकारी देते हुए स्थानीय आपदा और राहत अधिकारी अब्दुल हई ने एएफपी को बताया। जिले के एक स्थानीय पार्षद अब्दुल गफूर ने बताया,हम यहां बाढ़ के साथ जी रहे हैं। लेकिन इस साल पानी बहुत अधिक था। तीन दिनों में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर छह से आठ फीट (2-2.5 मीटर) बढ़ गया। बाढ़ के पानी ने पूरे इलाके के 80 प्रतिशत से ज़्यादा घरों को जलमग्न कर दिया है। वे लोग भोजन,खास तौर पर चावल और खाद्य तेल पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पीने के पानी का संकट है। बांग्लादेश वार्षिक ग्रीष्मकालीन मानसून के बीच में है,जो दक्षिण एशिया को उसकी वार्षिक वर्षा का 70-80 प्रतिशत देता है,साथ ही बाढ़ और भूस्खलन के कारण नियमित रूप से मौतें और विनाश भी लाता है।

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NATO Meeting : नाटो के 75 वर्ष पूरे होने पर बुलाई गई बैठक, अमेरिकी चुनाव और यूक्रेन होंगे चर्चा के मुख्य फोकस में

NATO Meeting :  सोवियत संघ के खिलाफ सामूहिक रूप से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गठित नाटो (Nato meeting) ने अपने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं. नाटो संगठन का गठन 1949 में किया गया था. नाटो के 75वी वर्षगांठ पर इसके सदस्य देशों के साथ एक शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया है. इस शिखर सम्मलेन के जरिये नाटो की मजबूती को दुनिया के सामने प्रदर्शित किये जाने की कोशिश की जा रही है. इस संगठन के केंद्र में अमेरिका बैठा है और अमेरिका में इसी साल 5 नवम्बर को राष्ट्रपति का चुनाव भी होना है. नाटो को पूर्ण समर्थन देने वाले बाइडेन इस बार के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के आगे कमजोर दिख रहे हैं. वहीं ट्रंप ने अपने पिछले राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान नाटो को अमेरिका के लिए एक आर्थिक बोझ बताया था. अमेरिका ही नाटो को सबसे अधिक आर्थिक मदद देता है. इस मंगलवार से तीन दिनों के लिए राष्ट्रपति बाइडेन अपने चुनावी अभियान से इतर नाटो के शिखर सम्मलेन का नेतृत्व करेंगे. इस सम्मलेन में नाटो के 32 देश भाग लेंगे साथ ही कई अन्य देशों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रण भेजा गया है. जिसमें खासतौर वह देश होंगे जो चीन की बढ़ती ताकतों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. राष्ट्रपति बाइडेन ने नाटो की बैठक में ऑस्ट्रेलिया जापान न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया को शामिल होने आग्रह किया है. NATO रूस के आगे हो गया है बेबस एक यूरोपीय अधिकारी के मुताबिक नाटो की बैठक में माहौल पहले की तुलना फीका हो गया है. क्योकिं रूस ने नाटो समर्थित यूक्रेन को युद्ध के मैदान में पीछे धकेल दिया है. रूस कई प्रतिबंधों के बावजूद भी आज बिलकुल राहत की स्थिति में है. इतना ही नहीं अधिकारी का यह भी कहना है कि यह बैठक बहुत सटीक समय में हो रही है. यह अच्छा समय और ख़राब समय दोनो है. अच्छा इसलिए क्योकिं यह बैठक रूस के बढ़ते दबदबे को कम करने पर मंथन करेगी. वहीं इस बैठक के लिए उपयुक्त समय ना होने के पीछे अमेरिका का चुनाव है. अतीत में पुतिन की प्रशंशा कर चुके डोनाल्ड ट्रंप इस बार के चुनाव में बढ़त पर नजर आ रहे हैं.

US Presidential Election 2024
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US Presidential Election 2024 : बाइडेन के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर व्हाइट हाउस ने किया बड़ा खुलासा

US Presidential Election 2024 : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2024) को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी में लगातार उथल पुथल देखने को मिल रही है. ऐसी खबरों का सिलसिला रुक नहीं रहा है जिनमें 81 वर्षीय राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर बताया जा रहा है कि वह अब अपने आगामी कार्यकाल की सेवा देने में सक्षम नहीं होंगे. जिस पर अब व्हाइट हाउस के प्रवक्ता की ओर से इन अफवाहों को लेकर टिप्पणी की गई है. ट्रंप की बढ़त से पार्टी के अन्दर घबराहट पिछले सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप और बाइडेन के बीच एक डिबेट हुई थी. जिस डिबेट में ट्रंप ने बाइडेन को हरा दिया था. जिससे डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्दर भी चिंता बढ़ गई थी. खबरे थी कि ट्रंप की बढ़त से पार्टी के अन्दर घबराहट के चलते चर्चाएं शुरू हो गई हैं और उम्मीदवार की भी खोज की जा रही है. न्यूयार्क टाइम्स और सीएनएन के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने एक प्रमुख सहयोगी से कहा है कि यदि वह अमेरिकी जनता को सीघ्र यह विश्वास नहीं दिला पाते कि इस पद के कार्यों के निर्वहन के लिए वह बिलकुल सक्षम है तो इससे उनका आगामी चुनाव में जीतना मुश्किल हो जायेगा. क्या बाइडेन बने रहेंगे राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार राष्ट्रपति बाइडेन की उम्मीदवारी को लेकर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जीन पियरे जो अमेरिकी राजनीति सलाहकार हैं, उनकी ओर स्पष्टीकरण आया है. उन्होंने इन सभी रिपोर्ट्स को ख़ारिज कर दिया है. और जोर देकर बताया है कि पार्टी के अन्दर बाइडेन का नामांकन वापस लेने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने आगे बाताया कि वह राष्ट्रपति के चुनाव में जीत दर्ज करने की रेस बने हुए हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उच्च नेताओं के साथ भी एक आपातकालीन बैठक हुई है. जिसमें सभी गवर्नरों ने बाइडेन को समर्थन देने की बात कही है. राष्ट्रपति बाइडेन भी इस बात का स्वीकार कर चुके हैं कि ट्रंप के सामने बहस में कमजोर पड़ गये थे. इसी साल 5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव होना है.

Kanishka Narayan
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UK Election 2024 : लेबर पार्टी से सांसद चुने गये कनिष्क नारायण की जीत से क्यों खुश हो रहा है भारत

UK Election 2024 : ब्रिटेन में हुए आम चुनाव (UK Election 2024) में एक तरफ जहां भारतीय मूल के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की हार से भारतीयों के दिल में थोड़ी मायूसी तो जरुर हो रही है लेकिन दूसरी तरफ इस बार भारतीयों का दबदबा जरुर बढ़ा है. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार के चुनाव में ब्रिटेन में जीते ऐसे सांसदों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिनकी मूल जड़े भारत से जुडी हुई हैं. लेबर पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले कनिष्क नारायण उनमें से एक हैं जो भारत में पैदा हुए, जिनके माता-पिता दोनों भारतीय हैं. कनिष्क नारायण का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा भी यहीं से ही प्राप्त की थी. बिहार के लाल की जीत पर है मुजफ्फरपुर में ख़ुशी का माहौल लगभग डेढ़ दशक के बाद ब्रिटेन की हुकूमत में लेबर पार्टी का आगमन हुआ है. कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री बन गये हैं. लेबर पार्टी के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर के 33 वर्षीय कनिष्क नारायण ने भी शानदार जीत दर्ज की है. जिसको लेकर उनके पैतृक निवास में माहौल खुशनुमा हो गया है. इस ख़ुशी के अवसर पर मुजफ्फरपुर में स्थित श्री कृष्ण विधि महाविद्यालय के निदेशक जयंत कुमार जो कनिष्क के चाचा हैं, उन्होंने कहा है कि हमारे परिसर, हमारे गाँव में ख़ुशी का माहौल है. लोगों ने यहाँ कनिष्क के बचपन को देखा है. कनिष्क के पिता का नाम संतोष और माता का नाम चेतना है. दोनों ही पेशे से वकील हैं. कनिष्क की 12 साल की उम्र में दोनों कार्डिफ चले गये थे. कनिष्क नारायण ने ब्रिटेन की सिविल सेवा से अपने करियर की शुरुआत करी थी. राजनीति में दिलचस्पी होने के चलते उन्होंने सिविल सेवा को छोड़कर लेबर पार्टी में शामिल हो गये. भतीजे की इस शानदार जीत पर उनके चाचा ने कहा है कि हम हमारे लिए भारत के बाहर ब्रिटेन दूसरा घर जैसा है और मैंने भी अपनी शिक्षा के समय 4 साल वहीं बिताए हैं.

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Ram Mandir : अमेरिका में इंडिया डे परेड के मौके पर दिखेगी राम मंदिर की 18 फीट लंबी झलक, 150000 लोग होंगे शामिल

Ram Mandir : भारत के स्वतंत्रता दिवस के बाद 18 अगस्त को न्यूयॉर्क में इंडिया डे परेड का आयोजन किया जायेगा. जिसमें राम मंदिर की प्रतिकृति प्रदर्शित की जाएगी. जो हूबहू राम मंदिर जैसी होगी. अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए यह बहुत ही खास अवसर होगा. इस अवसर में न्यूयॉर्क के इर्द गिर्द रह रहे लगभग 150000 लोग इंडिया डे परेड के दौरान एकत्रित होते हैं. मंदिर की विशाल प्रतिकृति की देखेगी झलक खबर है कि मंदिर की प्रतिकृति बहुत विशाल होगी जो 18 फीट लम्बी, 9 फीट चौड़ी, और 8 फीट की उचाई वाली होगी. अमेरिका में यह पहला ऐसा अवसर होगा जब राम मंदिर की झलकी को दिखाया जाएगा. अमेरिका में भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 42वे न्यूयॉर्क इंडिया डे परेड का आयोजन किया जाएगा. खास तौर पर इंडिया डे परेड भारत की आजादी को ही समर्पित है और भारत के बाहर स्वतंत्रता का किसी देश में यह सबसे बड़ा आयोजन है. इस आयोजन में भारत की ओर से भी कई बड़े चेहरे शामिल होते हैं. पिछली बार इसके आयोजन में रविशंकर समेत कई अभिनेता और अभिनेत्री शामिल हुए. इंडिया डे परेड के अवसर पर कई कार्यक्रम इंडिया के नाम पर दूसरे मुल्क में आयोजित किया जाने वाले इंडिया डे परेड का संचालन फेडरेशन ऑफ इंडिया एसोसिएशन के द्वारा किया जायेगा. इस मौके पर अमेरिकी और भारतीय समुदायों की संस्कृति और विविधता को लोगो के सामने पेश किया जायेगा. राम मंदिर से जुड़ा एक आयोजन अभी हाल ही में अमेरिका में किया गया था. विश्व हिन्दू परिषद अमेरिका ने हाल ही में राम मंदिर रथ की यात्रा निकाली थी. यह रथ यात्रा 60 दिनों के सफर में अमेरिका के 48 राज्यों से होते हुए 851 मंदिरों में गई. बता दें, इसी साल के शुरुआत में भारत के अयोध्या में 22 जनवरी को पीएम मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी.  

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Dalai lama birthday : बौद्ध भिक्षुओं ने शिमला के दोर्जे ड्रैक मठ में दलाई लामा का 89वां जन्मदिन मनाय

Dalai lama birthday :  तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने 14वें दलाई लामा के 89वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए शनिवार सुबह शिमला के दोरजे ड्रैक मठ में प्रार्थना की। आध्यात्मिक नेता की दुनिया भर में तिब्बती समुदाय द्वारा प्रशंसा की जाती है, और यह अवसर भारत और विदेशों में निर्वासित तिब्बतियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। समाचार एजेंसी ANI ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, “तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने 14वें दलाई लामा के 89वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए शिमला के दोर्जे ड्रैक मठ में सुबह-सुबह प्रार्थना की।” इस विशेष अवसर पर भिक्षुओं ने अपने आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा की लंबी उम्र और कल्याण के लिए प्रार्थना की। मठ में समारोह शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए भक्ति, सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में कार्य करता था। हिमाचल प्रदेश तिब्बती बौद्धों के लिए एक पवित्र भूमि के रूप में जाना जाता है। यह राज्य बड़ी संख्या में तिब्बती आबादी का भी घर है और यहां कई मठ और पवित्र स्थल हैं। यह तिब्बती बौद्ध धर्म का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। हाल ही में, दलाई लामा की न्यूयॉर्क के एक शीर्ष अस्पताल में सफल घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई और वह तेजी से ठीक हो रहे हैं और चलने में सक्षम हैं, जैसा कि IANS ने बताया है। “परम पावन तेजी से ठीक हो रहे हैं और चलने में सक्षम हैं। जल्द ही, वह बेहतर वातावरण वाले स्थान पर चले जाएंगे। चिंता की कोई बात नहीं है,” चिकित्सकों – त्सेतन डी सदुतशांग और त्सेवांग तामदीन ने कहा। इस बीच, दुनिया भर के तिब्बती और आध्यात्मिक नेता के अनुयायी भी विशेष अवसर का जश्न मनाने के लिए धर्मशाला में एकत्र हो रहे हैं। इस मौके को सेलिब्रेट करने की तैयारियां जोरों पर हैं। तिब्बती आध्यात्मिक जीवन के प्रतीकात्मक केंद्र, मुख्य तिब्बती मंदिर, त्सुगलाग्खांग में एक आधिकारिक समारोह होने वाला है। यह दलाई लामा की भलाई और लंबी उम्र के लिए समर्पित प्रार्थनाओं और समारोहों की मेजबानी करेगा। 14वें दलाई लामा, तेनज़िन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तरपूर्वी तिब्बत के ताक्तसेर, अमदो में हुआ था। इसके बाद वह 1959 में भारत आये और तब से धर्मशाला में रह रहे हैं। वह तिब्बती बौद्ध धर्म में एक प्रमुख व्यक्ति और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं। दलाई लामा को अहिंसा, अंतरधार्मिक संवाद और तिब्बती संस्कृति के संरक्षण की वकालत के लिए जाना जाता है। वीडियो और फोटो

UK Election Results 2024 Highlights
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UK Election Results 2024 : यूके के नए पीएम स्टार्मर के मंत्रिमंडल में किसे मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

UK Election Results 2024 : 14 साल के बाद ब्रिटेन की सत्ता से कंजर्वेटिव पार्टी बाहर हो चुकी है और ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी की जीत के साथ स्टार्मर नए प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्य शुरू कर दिया है. स्टार्मर अपने कैबिनेट की घोषणा भी कर दी है. जिनकी कैबिनेट में भारतीय मूल के नेताओं को भी शामिल किया गया है. ब्रिटेन की पहली महिला वित्त मंत्री रेचल रीव्स को ब्रिटेन का वित्त विभाग सौंपा गया है और वह ब्रिटेन की पहली महिला वित्त मंत्री बन गईं हैं. रेचल की उम्र 45 वर्ष है.डेविड लैमी को ब्रिटेन का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. डेविड लैमी चुनावी नतीजे के पहले ही लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम में भारत के साथ अपने दोस्ताना संबंध रखने की बात कह चुके हैं. उन्होंने कहा था अगर इस बार चुनाव में लेबर पार्टी सत्ता में काबिज होती है तो वह अपने कार्यकाल के शुरुआती महीने में सबसे पहले भारत का रुख करेंगे. लेबर पार्टी ने एंजेला रेनर को उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. इसके अलावा उन्हें आवास और समुदायों के मंत्री की भी जिम्मेदारी दी गई है. भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के विगन संसदीय क्षेत्र से शानदार जीत दर्ज करने वाली भारतीय मूल की लीसा नंदा को तीन विभागों की जिम्मेदारी सौंप गई है और उन्हें संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री नियुक्त किया गया है. लीसा ने अपने विपक्षी को बड़े अंतराल से मात दी है. लीसा 2020 में लेबर पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी उम्मीदवारी पेश कर चुकी हैं. ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में इस बार स्टार्मर की सरकार में भारतीय मूल के सांसदों की संख्या लगभग दो गुनी हो गई है. ब्रिटेन में हुए इस बार आम चुनाव में भले ही भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश न कर पाए हो लेकिन भारतीय मूल के नेताओं की संख्या काफी बढ़ गई है. बहुमत से कहीं ज्यादा लेबर पार्टी 412 सीटों को जीतकर सरकार बनाने में सफल हो गई है.

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8 जुलाई को रूस और Austria के दौरे पर जाएंगे भारत के PM Modi, विदेश मंत्रालय ने की आधिकारिक पुष्टि

पिछले कई दिनों से पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर लगातार खबरें तूल पकड़ रही थी जिस पर विदेश मंत्रालय ने मोहर लगा दी है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए बताया कि PM Modi भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 8 से 9 जुलाई तक रूस की यात्रा करेंगे. जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर समीक्षा की जाएगी. रूस के दौरे के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी Austria पहुचेंगे. पिछले 4 दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा नहीं किया है. 41 वर्षों के बाद मोदी भारत ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो उसे देश की यात्रा करेंगे. गहरे होते संबंध में संवाद स्थापित करने का एक मजबूत तंत्र कोविड और तेजी से बदलती वैश्विक भू राजनीति के चलते पिछले 5 वर्षों से पीएम मोदी ने रूस की यात्रा नहीं की. उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस पहुंचे थे. भारत और रूस के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंध में संवाद स्थापित करने का एक मजबूत तंत्र माना जाता है. अब तक दोनों देशों के बीच 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया जा चुका है. भारत और रूस के बीच पिछला सम्मेलन 2021 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसका नेतृत्व पीएम मोदी कर रहे थे और इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति पुतिन भारत के दौरे पर आए थे.रूस के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को लेकर भारत ने यूक्रेन पर हमले की एक बार भी निंदा नही की है. पहली बार ऑस्ट्रिया के दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक सूचना देते हुए कहा है कि 41 वर्षों में किसी प्रधानमंत्री का यह पहला ऑस्ट्रिया दौरा होगा. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर से मुलाकात करेंगे और साथ ही ऑस्ट्रिया चांसलर के साथ भी बैठक करेगें. इसके अलावा ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं के साथ पीएम मोदी मीटिंग करेंगे.  

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