Social Media Impact Youth Health: सोशल मीडिया(Social Media) आज हर इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. जैसे खाना, पीना और सोना हमारी दिनचर्या का हिस्सा हैं, ठीक वैसे ही सोशल मीडिया भी. लेकिन इसका बढ़ता उपयोग आज की युवा पीढ़ी के लिए वरदान कम और अभिशाप ज्यादा बनता जा रहा है. Social Media Impact on Youth अब एक गंभीर चर्चा का विषय बन चुका है.
बदलते समय के साथ बढ़ता सोशल मीडिया का क्रेज
कुछ साल पहले, सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीमित था. बारहवीं पास करने के बाद युवा अपना फेसबुक या इंस्टाग्राम अकाउंट बनाते थे और कभी-कभार अपनी बातें शेयर करते थे. लेकिन आज, चौथी क्लास के बच्चे भी Social Media Platforms पर सक्रिय हैं. न सिर्फ उनका वहां अकाउंट है, बल्कि वे अपने पोस्ट्स और फॉलोअर्स की गिनती पर भी ध्यान देते हैं.
यह बदलाव भले ही तकनीकी जागरूकता को दर्शाता हो, लेकिन इसका दूसरा पहलू चिंता का विषय है. छोटी उम्र में ही बच्चे सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों का शिकार हो रहे हैं.
सोशल मीडिया और बदलता व्यवहार
पहले जहां शिक्षक की डांट या टोक से बच्चे सीखते थे, अब वही टोकाटाकी सोशल मीडिया पर पोस्ट बनकर वायरल हो जाती है. बच्चे खुद को Gangster-like Personality के रूप में दिखाने लगते हैं. यह प्रवृत्ति न सिर्फ सामाजिक मूल्यों को प्रभावित कर रही है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही है.
मोहब्बत और सोशल मीडिया का नकारात्मक ट्रेंड
आजकल प्यार का इजहार भी सोशल मीडिया पर होता है और इसका अंजाम भी. कई युवा, रिश्तों में आई परेशानियों को सहन नहीं कर पाते और सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर Suicide Trends को बढ़ावा दे रहे हैं. यह खतरनाक चलन युवाओं की मानसिकता और उनकी Decision-Making Ability पर सवाल खड़ा करता है.
युवाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर(Social Media Impact Youth Health)
सोशल मीडिया ने युवाओं को High Blood Pressure और तनाव का मरीज बना दिया है. लगातार लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़, ट्रोलिंग और नकारात्मकता से युवाओं का आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही, उनकी प्रेशर सहने की ताकत और फैसले लेने की क्षमता भी कम हो गई है.
समाधान की जरूरत
जरूरी है कि युवा सोशल मीडिया का सही और सीमित उपयोग करें। अभिभावकों और शिक्षकों को भी बच्चों को इसका सही उपयोग सिखाना होगा। सोशल मीडिया को जीवन का हिस्सा बनाएं, लेकिन इसे अपनी जिंदगी पर हावी न होने दें। सोशल मीडिया के इस बदलते दौर में, जिम्मेदारी से इसका उपयोग ही इसे वरदान बना सकता है।