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Village Poverty Report
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Village Poverty Report: गांव से गायब हो गई गरीबी, पॉवर्टी रिपोर्ट में सामने आया आंकड़ा

Village Poverty Report: ग्रामीण इलाकों में गरीबी की मार अक्सर सामने आती है. लेकिन अब यह आंकड़ा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की सरकारी सहायता का  र्यक्रम की वजह से ग्रामीण इलाकों में साल 2023 से 24 में गरीबों की दर 4.86% तक कम होगई है। एक रिसर्च के मुताबिक सामने आई रिपोर्ट में साल 2024 मार्च के महीने में यह 4.09% थी। वहीं, साल 2011 से 12 में यह 13.7% थी। होलिया साल 2023 और 24 में यह आंकड़ा 1,632 तक पहुंच गया है। किस वजह से कम हुई गरीबी (Village Poverty Report)   रिसर्च के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट (Village Poverty Report) सामने आई है जिसमें गरीबी का अनुपात देखा जा रहा है। गरीबों के अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। सरकारी सहायता की वजह से यह नतीजा सामने आया है। इसके अलावा खाद्य कीमतों(food price)में बदलाव और व्यय का प्रभाव भी देखने को मिला है। इतना ही नहीं सांख्यिकी और कार्यक्रम मंत्रालय की तरफ से भी घरेलू उपभोग व्यय सर्वे किया गया था। साल 2024 में ग्रामीण और शहरी समानता देखी जाए तो काफी कम रही है। गरीबी का अस्तित्व ना के बराबर   साल 2023 और 24 में ग्रामीण इलाकों में गरीबी में गिरावट देखी गई है। यह आकड़ा बताता है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के मामले में लोग उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। यह भी संभावना दिखाई जा रही है कि ग्रामीण और शहरी आबादी एक नया आंकड़ा बनाने वाले हैं। आने वाले साल के लिए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गरीबी दर ना के बराबर होगी। उत्तर प्रदेश और बिहार   उत्तर प्रदेश और बिहार का बुनियादी ढांचा देखा जाए तो यहां की गांव में काफी बदलाव देखने को मिला है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में आय अंतर बहुत कम हो गया है। मुद्रास्फीति उच्च आय वाले राज्यों की तुलना अगर खपत की मांग से की जाए तो यह काफी कम हो गई है। सभी राज्यों में बचत अधिक हो गया है।

Contaminated Water Side Effects
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Contaminated Water Side Effects: पीने का गंदा पानी ले रहा है लोगों की जान, बढ़ते जा रहे है आंकड़े

Contaminated Water Side Effects: आजकल साफ सुथरा पानी पीने के लिए लोग अपने घरों में RO की व्यवस्था रखते हैं. लेकिन गांव जैसे क्षेत्रों में देखा जाए तो यहां पर पानी के साफ न होने की वजह से कई तरह की समस्याएं होती है. बांदा पानी पीने की वजह से व्यक्ति के शरीर में कई तरह की बीमारियां लग जाती है. गंदा पानी पीने की वजह से हैजा, पेचिस, गले की बीमारी, टाइफाइड जैसी बीमारियां पैदा हो जाती है. भारत जैसे देश की बात करें तो यहां पर बड़ी संख्या में लोग गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं जिसका आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. गंदे पानी से प्रभावित हो रहे हैं लोग(Contaminated Water Side Effects)   भारत देश में गंदा पानी पीने की वजह से लोगों के बीमार पड़ने की संख्या बढ़ती जा रही है. जुलाई 2022 की बात करें तो इस दौरान आंकड़े बताते हैं की भारत में करीब 1.95 लाख बस्तियों में गंदा पानी पीने की वजह से बीमारी बढ़ी थी. साल 2019 की बात करें तो इस दौरान 23 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. भारत में हो रही है मौतें   भारत जैसे देश में कंपोजिट वॉटर मैनेजमेंट इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर देखा जाए तो गंदा पानी पीने की वजह से हर साल 2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. साल 2030 तक की बात करें, तो 600 मिलियन लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ सकता है. गंदे पानी की समस्या सबसे ज्यादा दिल्ली एनसीआर को प्रभावित कर रही है. क्या है गंदे पानी के साइड इफैक्ट्स   1. गंदे पानी में जो बैक्टीरिया मौजूद होते हैं वह हमारे पाचन तंत्र को इफेक्ट करते हैं। इस तरह से पेट में दर्द और उल्टी जैसी समस्या होती है.2. गंदे पानी से डायरिया और दस्त की बीमारी होती है.3. गंदे पानी से हेपिटाइटिस वायरस का खतरा बढ़ जाता है.4. गंदा पानी पीने की वजह से शिगेला बैक्टीरिया और डिसेंट्री जैसे संक्रमण की बीमारी होती है.5. गंदे पानी में हेवी मेटल मौजूद होते हैं जो हमारी किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं.6. गंदे पानी की वजह से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.

Mountain Snowfall Effect on Delhi
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Mountain Snowfall Effect on Delhi: पहाड़ों में जब होती है बर्फबारी, तो दिल्ली में क्यों बढ़ जाती है ठंड, जानिए कारण

Mountain Snowfall Effect on Delhi: सर्दियों का मौसम अब शुरू हो चुका है पहाड़ों में बर्फबारी(Snowfall) भी होना शुरू हो गई है. पहाड़ों पर जैसे-जैसे तापमान गिरता है वैसे-वैसे ठंड पड़ने लग जाती है. 12 दिसंबर को यह तापमान न्यूनतम 4.5 डिग्री सेल्सियस पर था. इस तरह से तापमान गिरने के साथ ही पहाड़ों पर बर्फबारी और आसपास के इलाकों में सर्दी बढ़ने लग जाती है. आज हम बात करेंगे कि जब पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो इसका असर दिल्ली पर कैसे पड़ता है. जब पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होती है तो दिल्ली का तापमान गिरने लग जाता है. कई बार लोगों के मन में यह सवाल होता है कि इसके पीछे आखिर कौन सा साइंस है. पहाड़ों की बर्फबारी का असर (Mountain Snowfall Effect on Delhi)   आपने देखा होगा कि पहाड़ ऊंचाइयों पर होते हैं। इस वजह से वहां पर बर्फबारी होती रहती है ऊंचाई पर होने के कारण यहां का तापमान गिरने लग जाता है और ठंड बढ़ जाती है. पहाड़ी इलाकों में ठंडी हवाएं बहुत जल्दी चलने लग जाती है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने की वजह से दिल्ली जैसे दूसरे राज्यों में ठंड बढ़ जाती है. आसपास क्यों बढ़ जाती है ठंड ?   पहाड़ों पर चलने वाली ठंडी हवाओं को सेट लहर के नाम से जाना जाता है. यह शीत लहर मैदानी क्षेत्र की तरफ तेजी से बढ़ती है जिसकी वजह से पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ दिल्ली जैसे राज्यों में तापमान गिरने पर सर्दी होने लगती है. जब पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो वातावरण में हवा का प्रेशर कम हो जाता है. इस वजह से आसपास के राज्यों में तापमान गिर जाता है और इसकी वजह से ठंड बढ़ती है. दिल्ली पर कैसा होता है असर   पहाड़ों पर पड़ने वाली बर्फबारी का अगर सिर्फ दिल्ली पर असर देखा जाए तो यह एक भौगोलिक स्थिति होती है। पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी दिल्ली को ज्यादा प्रभावित करती है. बर्फबारी की वजह से ठंडी हवाएं उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ चलती है इस तरफ दिल्ली राज्य मौजूद है.  यही वजह है कि उत्तर दिशा यानी दिल्ली जैसे राज्य में सर्दी पड़ जाती है.

Mokshada Ekadashi 2024
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Mokshada Ekadashi 2024: आज है दिसंबर की पहली मोक्षदा एकादशी, भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ेगा बुरा प्रभाव

Mokshada Ekadashi 2024: आज है मोक्षदा एकादशी(Mokshada Ekadashi) जो दिसंबर महीने कि पहली एकादशी है. यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है और इसे विशेष रूप से आत्मिक उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति के पाप कर्मों का नाश होता है. इस दिन का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि महाभारत की रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जो आज भी हर व्यक्ति के जीवन के लिए एक अमूल्य धरोहर है. इस एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जो गीता के महत्व को दर्शाता है. मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके व्रत को विशेष पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है. मोक्षदा एकादशी का महत्व और व्रत कथा मोक्षदा एकादशी का सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह न केवल घर-परिवार के उद्धार के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत परिवार की सुख-समृद्धि और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. आपको बता दे कि पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा वैखानस को सपना आया कि उनके पिता नरक में यातनाएं झेल रहे हैं. राजा ने पर्वत महात्मा से अपने पिता की मुक्ति का उपाय पूछा. महात्मा ने उन्हें मोक्षदा एकादशी(Mokshada Ekadashi) का व्रत करने की सलाह दी. राजा ने विधिपूर्वक व्रत किया और इसके प्रभाव से उनके पिता को मोक्ष प्राप्त हुआ। इसके साथ ही राजा को भी आशीर्वाद मिला और उनका जीवन सुखमय हो गया. Mokshada Ekadashi 2024 के दिन करें ये काम मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें. पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी कि प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को पीले फूल, अक्षत, और चंदन अर्पित करें. व्रत कथा का पाठ करें और साथ ही विष्णु चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. इस दिन जरूरतमंदों को दान करना बेहद शुभ माना जाता है. Mokshada Ekadashi 2024 के दिन भूलकर भी न करें ये काम मोक्षदा एकादशी के दिन तामसिक आहार जैसे प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. चावल और चावल से बनी चीजें खाना भी वर्जित होता है. इस दिन किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचें और अपशब्दों का प्रयोग न करें.  इसके अलावा, साधु महात्माओं को अपने घर से खाली हाथ न जाने दें, उन्हें दान देने का विशेष महत्व है. इस दिन किये गए अच्छे कर्मों से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है

Premanand Ji Maharaj
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Premanand Ji Maharaj: वृंदावन से किन चीजों को नहीं लाना चाहिए घर, प्रेमानंद जी महाराज ने बताई वजह

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन (Vrindavan) जाने वाले व्यक्ति वहां की बहुत सारी चीजों को खरीदना पसंद करते हैं. खासकर यहां की मूर्तियां और दूसरे तरह की चीजों को घर ले जाते हैं. वृंदावन से लोगों की इतनी गहरी आस्था है कि यहां भक्त बड़ी संख्या में आते हैं. बांके बिहारी की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. जो भी इस मंदिर में दर्शन करने आता है खाली हाथ नहीं लौटता है. वृंदावन की धरती पर आना सौभाग्य प्राप्त करने के बराबर है. भक्तों के लिए एक बड़ा तप इंतजार और कृष्ण के प्रति प्रेम वृंदावन लेकर आता है. वृंदावन से ना ले जाएंगे ये चीजें वृंदावन जैसी पवित्र धरती पर कई ऋषि मुनियों ने घोर तप किया है यहां पर ऐसे कई स्थान भी मौजूद है जहां ऋषि मुनि का निवास स्थान है. वृंदावन केवल कृष्ण की ही नगरी नहीं बल्कि पशु पक्षी घास पौधा कीड़ा चींटी आदि भी बसे हुए हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने वृंदावन से कई चीजों को घर ना ले जाने की बात कही है जिसमें तुलसी घास पेड़ पौधे मिट्टी आदि जैसी चीज शामिल है. महाराज के मुताबिक जब हम इन चीजों को वृंदावन से कहीं दूसरे जगह पर लेकर जाते हैं तो यह किसी अपराध से काम नहीं माना जाता है. घोर तप से बना है वृंदावन प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) बताते हैं कि अगर आप वृंदावन से कुछ ले जाना ही चाहते हैं तो चंदन रंग पंचमी जैसी चीज ले जा सकते हैं. इसके अलावा वृक्ष लता जीव तुलसी आदि जैसी चीजों को कभी भूलकर भी अपने साथ नहीं ले जाना चाहिए. वृंदावन में यह सारी चीज तब के कारण पैदा हुई है और इसे दूसरे स्थान पर ले जाना एक बड़ा अपराध माना जाएगा. लोगों को पता नहीं होता है और वह अनजाने में ही इन चीजों को अपने साथ घर ले जाते हैं इस वजह से उन्हें पाप का भोगी भी बनना पड़ता है. वृंदावन में इन चीजों की उत्पत्ति के लिए ऋषि मुनियों ने घोर तप और इंतजार किया ऐसे में इन्हें अपने घर ले जाना नुकसानदायक हो सकता है.

Gulab Jamun Name History
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Gulab Jamun Name History: Gulab और Jamun से दूर, फिर भी क्यों पड़ा नाम ‘गुलाब जामुन’? जानें दिलचस्प कहानी

Gulab Jamun Name History: जब भी भारतीय मिठाइयों की बात होती है, तो गुलाब जामुन(Gulab jamun) का नाम जरूर आता है. यह मिठाई न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि भारतीय खानपान का भी एक अहम हिस्सा है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस मिठाई में न तो गुलाब होता है और न ही जामुन, फिर भी इसका नाम गुलाब जामुन क्यों पड़ा?गुलाब जामुन, एक ऐसी मिठाई है जो भारतीय मिठाइयों का अभिन्न हिस्सा मानी जाती है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसमें न तो गुलाब होता है और न ही जामुन. तो फिर इसका नाम गुलाब जामुन क्यों पड़ा? इस सवाल का जवाब एक दिलचस्प कहानी में छिपा हुआ है. दरअसल, गुलाब शब्द फारसी भाषा से लिया गया है, जहां ‘गुल’ का मतलब होता है फूल और ‘आब’ का अर्थ होता है पानी, यानी गुलाब का शाब्दिक अर्थ है ‘फूलों का पानी(flower water)’. जब गुलाब जामुन तैयार किया जाता है, तो इसे गुलाब जल मिलाई हुई चाशनी में डुबोया जाता है, यही वजह है कि इसे ‘गुलाब(Rose)’ नाम मिला. गुलाब जल का मीठा और खुशबूदार स्वाद मिठाई को एक खास पहचान देता है, और इसीलिए इसे गुलाब से जोड़ा गया.वहीं, बात करें जामुन की, तो गुलाब जामुन का आकार जामुन के फल के आकार से मिलता-जुलता है. गोल, छोटा और ताजगी से भरपूर होने के कारण इसे ‘जामुन’ नाम मिला. इस मिठाई का नाम इस तरह से उसकी बनावट और चाशनी के स्वाद से प्रेरित होकर रखा गया है. गुलाब जामुन का नाम न सिर्फ इसकी मिठास को दर्शाता है, बल्कि यह इस मिठाई की सौंदर्य और स्वाद की खूबसूरती को भी बखूबी बयां करता है. यही कारण है कि गुलाब जामुन आज भी भारतीय व्यंजनों की सबसे प्रिय मिठाई बनी हुई है. गुलाब जामुन भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है. यह न केवल भारतीय मिठाइयों का अहम हिस्सा है, बल्कि त्योहारों, शादियों और अन्य खास मौकों पर इसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है. इसकी मीठी चाशनी और गोल आकार के कारण यह हर उम्र के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है. मिठाई के शौकीन इस स्वादिष्ट व्यंजन को हमेशा पसंद करते हैं, और यह भारतीय खाने की संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है.गुलाब जामुन का नाम भले ही गुलाब और जामुन से जुड़ा हुआ हो, लेकिन इसका इन दोनों से कोई सीधा संबंध नहीं है. यह मिठाई भारतीय और पाकिस्तानी व्यंजनों में अपनी अलग पहचान बना चुकी है और यह लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बसी हुई है. इसकी मीठास और खास स्वाद के कारण यह आज भी सबसे प्रिय और पसंदीदा मिठाई बनी हुई है.

Pension update
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Pension update: अगर नहीं करेंगे ये काम तो बंद हो जाएगी पेंशन आना

Pension update: सरकार ने पेंशनधारकों(Pensioners) के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया है. उन्हें भविष्य तक लागतार इसका लाभ लेने के लिए उन्हें ये जमा करना जरूरी है साथ ही इसको जमा करने की अंतिम तिथि नजदीक आ चुकी है.   सिर्फ नौ दिन का है समय अगर अपने इसे अभी तक इसे जमा नहीं कराया तो जल्दी करने क्योंकि इसकी अंतिम तिथि 9 दिन बाद मतलब 1 नवम्बर 2024 ही है. इसे जमा न करने पर आपको मिलने वाला पेंशन योजना का लाभ बंद हो सकता है. 80 वर्ष से अधिक के सीनियर सिटिजन इसे 30 नवम्बर तक जमा कर सकेंगे. नवम्बर है बेहद खास नवम्बर का महीना पेंशनधारकों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस महीने में डॉक्यूमेंटेशन पूरे होने से वह 1 साल तक बिना किसी परेशानी के इसका लाभ उठा सकते है. यह सर्टिफिकेट एक साल के लिए वैलिड होता है। इसीलिए ये अनिवार्य है कि इसे समय पर जमा कराया जाए. उम्र के लिए है अलग अलग अंतिम तिथि सुपर सीनियर सिटिजन इसे 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच कभी भी जमा कर सकते है वहीं 60 साल से ऊपर के सीनियर सिटिजन इसे 1 नवंबर से 30 नवंबर तक जमा कर सकेंगे. क्या होगा नुकसान ? इसे जमा न करने पर दिसंबर के महीने से सीनियर सिटिजन को पेंशन मिलना बंद हो जाएगी. हालांकि अगर बाद में सर्टिफिकेट जमा करते है तो सिस्टम में अपडेट होने के बाद उसके अगले महीने पेंशन मिलना शुरू हो सकती है. मगर तीन साल या उससे ज्यादा अपडेट न होने पर CPAO की सक्षम ऑथोरिटी की मंजूरी के बाद ही पेंशन मिल सकेगी.

Chrome for Sale
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Chrome for Sale: क्या अब बिक जाएगा क्रोम, मुसीबत में है गूगल?

Chrome for Sale: अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की तरफ से गूगल को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बात ये है कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet)को अपना ब्राउजर क्रोम का आदेश मिल सकता है. अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने अगस्त में आए अपने फैसले में ये कहा कि गूगल ने अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाया है और भी कड़े कदम उठा सकता है कानून   इन सभी मामलों के खिलाफ अब खबर आ रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट कभी भी कोई महत्वपूर्ण फैसले की तरफ बढ़ सकता है. गूगल के खिलाफ फैसला देते हुए अगस्त में कोर्ट ने कंपनी को एंटी ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करते हुए दोषी करार दिया था साथ ही यह भी कहा था कि गूगल सर्च व एडवरटाइजमेंट मार्केट में अपनी मजबूती का दुरूपयोग कर रहा अब अलग करना होगा Android OS   रिपोर्ट की मानें तो गूगल पर मुसीबतों के बादल छटते नजर नहीं आ रहे अभी कंपनी को एक और अहम फैसला का सामना करना पड़ सकता है जिसमें उसे Android OS को अपनी दूसरी सर्विस से अलग करना होगा . अगर हम बाजार पर नजर डाले तो अभी लगभग 21 फीसदी शेयर एप्पल सफारी के है वहीं 65 फीसदी पर गूगल है जो उसे टेक्नोलॉजी बाजार में अव्वल बनाए हुए है. क्या असर होगा आपके मोबाइल पर?   अभी जब आप कोई भी स्मार्ट फोन खरीदते है तो उसमें सारी सर्विसेज प्री इंस्टॉल्ड होती हैं. मगर भविष्य में ये सुविधा बदल सकती है. गूगल आपको सर्च इंजन से मेल जोड़ सकता है हालांकि इस पर अभी फैसला आना बाकी है . जज अमन मेहता(Aman Mehta ) सुना सकते है फैसला   मौजूदा जानकारी के हिसाब से अगस्त 2025 तक उसपे फैसला सुनाया जा सकता है जिसके बाद कंपनी इसके विरुद्ध अपील करने के लिए स्वतंत्र है व इसका फैसला जज अमन मेहता सुना सकते है. डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) का सत्ता में आना भी इसपर कुछ असर डाल सकता है. क्योंकि इसपर फैसला बाइडेन (Biden)के कार्यकाल में आया मगर यह ट्रायल डोनल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी शुरू हो गया था.

UP Police Constable Bharti Result 2024
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UP Police Constable Bharti Result 2024: इस दिन यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का आएगा परिणाम

UP Police Constable Bharti Result 2024:  उत्तर प्रदेश में जब से यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल (UP Police Constable Bharti Result 2024) का परीक्षा संपन्न हुआ है, तभी से सभी की निगाहें इसके परिणाम पर है.अगर आप भी यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे है तो यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल इस परीक्षा के परिणाम को लेकर एक तजा अपडेट सामने आया है. दरअसल यूपी पुलिस की परीक्षा यूपी के छात्रों के लिए बहुत ही एहम है. इससे पहले भी यह परीक्षा सभी छात्रों ने बड़ी ही मेहनत के साथ दिया था, हालांकि पेपर लीक के कारण इसे रद्द कर दिया गया. जिसके बाद सभी छात्रों ने दुबारा परीक्षा कराने की मांग की और उत्तर प्रदेश के मुख्यम्नत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस परीक्षा को एहमियत देते हुए जल्दी ही एक्शन लिया और दुबारा परीक्षा करवाई. यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल का दुबारा परीक्षा करवाया गया. जिसमे बहुत ही सावधानी और सुरक्षा का ध्यान रखा गया. परीक्षा संपन्न होने के बाद अब सभी परीक्षार्थियों की निगाहें परिणाम पर रुकी हुई हैं. बता दें इस परीक्षा का परिणाम इसी हफ्ते कभी भी जारी किया जा सकता है. ख़बरों के मुताबिक अभी किसी भी तारीख का एलान नहीं किया गया है. ऑनलाइन देख सकते है रिजल्ट यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का परिणाम आने के बाद आप उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) की ऑफिशियल वेबसाइट uppbpb.gov.in पर ऑनलाइन रिजल्ट चेक कर सकते है. जानकारी के लिए बता दें, जो अभ्यर्थी रिजल्ट में पास हो जाएंगे, वे अगले साल तक होने वाले फिजिकल टेस्ट (PET/ PST) के लिए क्वालीफाई माने जाएंगे. बता दें, परीक्षा फॉर्म आने के बाद करीबन 48 लाख नौजवानों ने आवेदन किया था लेकिन सिर्फ 34 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने इसका एग्जाम दिया था. लिखित परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थी ही अगले साल होने वाले फिजिकल टेस्ट में भाग ले सकते है. फिजिकल टेस्ट के लिए जनरल, OBC एवं SC कैटेगरी के अभ्यर्थियों की न्यूनतम लंबाई 168 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इसके अलावा सीना बिना फुलाए 79 सेंटीमीटर एवं फुलाकर 84 सेंटीमीटर तक होना चाहिए. महिला परीक्षार्थियों को बता दें उन्हें 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ लगानी होगी. जितने भी परीक्षार्थी इन सभी टेस्ट को पूरा करते है. उनका मेडिकल टेस्ट होगा. अगर उनका मेडिकल सब सही रहता है तो उनका पूरा मेहनत और तैयारी सफल मानी जाएगी.

Shravana Putrada Ekadashi 2024
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Shravana Putrada Ekadashi 2024 : नहीं हो रही है संतान, तो पुत्रदा एकादशी पर जरूर करे ये खास पाठ

Shravana Putrada Ekadashi 2024 :  सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है, और इस पवित्र समय में लोग शिवजी की पूजा-अर्चना करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। इस माह में एक महत्वपूर्ण पर्व आता है जिसे सावन पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन नवविवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है जो संतान सुख की इच्छा रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और उनके परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन महिलाएं विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करती हैं और संतान की कामना के लिए संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ अवश्य करती हैं। संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना इस व्रत का मुख्य हिस्सा माना जाता है, जिससे व्रत रखने वाली महिला के जीवन में संतान सुख की प्राप्ति होती है। व्रत के दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, फल, फूल और पंचामृत से स्नान कराकर उनकी पूजा की जाती है। व्रतधारी को दिनभर उपवास रखकर भगवान का ध्यान करना चाहिए और संतान सुख की कामना करनी चाहिए। संध्या समय भगवान की आरती और भजन-कीर्तन करना विशेष लाभकारी माना गया है। सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करना सरल नहीं होता, लेकिन इसे विधि-विधान से करने पर मनोवांछित फल अवश्य प्राप्त होते हैं। यदि आप इस व्रत से संतान सुख की प्राप्ति चाहते हैं या अपने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं, तो इस व्रत के दौरान संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत आवश्यक है। यह पाठ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने में सहायक होता है, जिससे जीवन में खुशहाली और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, यह व्रत जीवन में हर दृष्टि से कल्याणकारी साबित होता है। संतान गोपाल स्तोत्रम् श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् । यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥ अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् । नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् । पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥ पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् । देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन । देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥ यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् । अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥ श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत । गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥ भक्तकामद गोविन्द भक्तं रक्ष शुभप्रद । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ रुक्मिणीनाथ सर्वेश देहि मे तनयं सदा । भक्तमन्दार पद्माक्ष त्वामहं शरणं गत: ॥ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ वासुदेव जगद्वन्द्य श्रीपते पुरुषोत्तम । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ कंजाक्ष कमलानाथ परकारुरुणिकोत्तम । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ लक्ष्मीपते पद्मनाभ मुकुन्द मुनिवन्दित । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ कार्यकारणरूपाय वासुदेवाय ते सदा । नमामि पुत्रलाभार्थं सुखदाय बुधाय ते ॥ राजीवनेत्र श्रीराम रावणारे हरे कवे । तुभ्यं नमामि देवेश तनयं देहि मे हरे ॥ अस्माकं पुत्रलाभाय भजामि त्वां जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव रमापते ॥ श्रीमानिनीमानचोर गोपीवस्त्रापहारक । देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव जगत्पते ॥ अस्माकं पुत्रसम्प्राप्तिं कुरुष्व यदुनन्दन । रमापते वासुदेव मुकुन्द मुनिवन्दित ॥ वासुदेव सुतं देहि तनयं देहि माधव । पुत्रं मे देहि श्रीकृष्ण वत्सं देहि महाप्रभो ॥ डिम्भकं देहि श्रीकृष्ण आत्मजं देहि राघव । भक्तमन्दार मे देहि तनयं नन्दनन्दन ॥ नन्दनं देहि मे कृष्ण वासुदेव जगत्पते । कमलानाथ गोविन्द मुकुन्द मुनिवन्दित ॥ अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम । सुतं देहि श्रियं देहि श्रियं पुत्रं प्रदेहि मे ॥ यशोदास्तन्यपानज्ञं पिबन्तं यदुनन्दनम् । वन्देsहं पुत्रलाभार्थं कपिलाक्षं हरिं सदा ॥ नन्दनन्दन देवेश नन्दनं देहि मे प्रभो । रमापते वासुदेव श्रियं पुत्रं जगत्पते ॥ पुत्रं श्रियं श्रियं पुत्रं पुत्रं मे देहि माधव । अस्माकं दीनवाक्यस्य अवधारय श्रीपते ॥ गोपालडिम्भ गोविन्द वासुदेव रमापते । अस्माकं डिम्भकं देहि श्रियं देहि जगत्पते ॥ मद्वांछितफलं देहि देवकीनन्दनाच्युत । मम पुत्रार्थितं धन्यं कुरुष्व यदुनन्दन ॥ याचेsहं त्वां श्रियं पुत्रं देहि मे पुत्रसम्पदम् । भक्तचिन्तामणे राम कल्पवृक्ष महाप्रभो ॥ आत्मजं नन्दनं पुत्रं कुमारं डिम्भकं सुतम् । अर्भकं तनयं देहि सदा मे रघुनन्दन ॥ वन्दे सन्तानगोपालं माधवं भक्तकामदम् । अस्माकं पुत्रसम्प्राप्त्यै सदा गोविन्दच्युतम् ॥ ऊँकारयुक्तं गोपालं श्रीयुक्तं यदुनन्दनम् । कलींयुक्तं देवकीपुत्रं नमामि यदुनायकम् ॥ वासुदेव मुकुन्देश गोविन्द माधवाच्युत । देहि मे तनयं कृष्ण रमानाथ महाप्रभो ॥ राजीवनेत्र गोविन्द कपिलाक्ष हरे प्रभो । समस्तकाम्यवरद देहि मे तनयं सदा ॥ अब्जपद्मनिभं पद्मवृन्दरूप जगत्पते । देहि मे वरसत्पुत्रं रमानायक माधव ॥ नन्दपाल धरापाल गोविन्द यदुनन्दन । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ दासमन्दार गोविन्द मुकुन्द माधवाच्युत । गोपाल पुण्डरीकाक्ष देहि मे तनयं श्रियम् ॥ यदुनायक पद्मेश नन्दगोपवधूसुत । देहि मे तनयं कृष्ण श्रीधर प्राणनायक ॥ अस्माकं वांछितं देहि देहि पुत्रं रमापते । भगवन् कृष्ण सर्वेश वासुदेव जगत्पते ॥ रमाहृदयसम्भार सत्यभामामन:प्रिय । देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥ चन्द्रसूर्याक्ष गोविन्द पुण्डरीकाक्ष माधव । अस्माकं भाग्यसत्पुत्रं देहि देव जगत्पते ॥ कारुण्यरूप पद्माक्ष पद्मनाभसमर्चित । देहि मे तनयं कृष्ण देवकीनन्दनन्दन ॥ देवकीसुत श्रीनाथ वासुदेव जगत्पते । समस्तकामफलद देहि मे तनयं सदा ॥ भक्तमन्दार गम्भीर शंकराच्युत माधव । देहि मे तनयं गोपबालवत्सल श्रीपते ॥ श्रीपते वासुदेवेश देवकीप्रियनन्दन । भक्तमन्दार मे देहि तनयं जगतां प्रभो ॥ जगन्नाथ रमानाथ भूमिनाथ दयानिधे । वासुदेवेश सर्वेश देहि मे तनयं प्रभो ॥ श्रीनाथ कमलपत्राक्ष वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ दासमन्दार गोविन्द भक्तचिन्तामणे प्रभो । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ गोविन्द पुण्डरीकाक्ष रमानाथ महाप्रभो । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ श्रीनाथ कमलपत्राक्ष गोविन्द मधुसूदन । मत्पुत्रफलसिद्धयर्थं भजामि त्वां जनार्दन ॥ स्तन्यं पिबन्तं जननीमुखाम्बुजं विलोक्य मन्दस्मितमुज्ज्वलांगम् । स्पृशन्तमन्यस्तनमंगुलीभि- र्वन्दे यशोदांकगतं मुकुन्दम् ॥ याचेsहं पुत्रसन्तानं भवन्तं पद्मलोचन । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ अस्माकं पुत्रसम्पत्तेश्चिन्तयामि जगत्पते । शीघ्रं मे देहि दातव्यं भवता मुनिवन्दित ॥ वासुदेव जगन्नाथ श्रीपते पुरुषोत्तम । कुरु मां पुत्रदत्तं च कृष्ण देवेन्द्रपूजित ॥ कुरु मां पुत्रदत्तं च यशोदाप्रियनन्दन । मह्यं च पुत्रसंतानं दातव्यं भवता हरे ॥ वासुदेव जगन्नाथ गोविन्द देवकीसुत । देहि मे तनयं राम कौसल्याप्रियनन्दन ॥ पद्मपत्राक्ष गोविन्द विष्णो वामन माधव । देहि मे

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