Lok Sabha speech : 18 वीं लोकसभा का पहल सत्र 24 जून से शुरू हुआ था जिसमे 280 नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ लिया था।वही 25 जून को शेष 264 नवनिर्वाचित सांसद शपथ लेंगे फिर 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा।देखा जाए तो इस सत्र में सभी सांसदों का शपथ,लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव तथा बजट पेश होना है।वही इस सत्र के शुरू होने से पहले ही विपक्ष की तैयारियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है।इस समय मजबूत विपक्ष नीट पेपर लीक,रेल हादसों समेत कई मुद्दों पर सरकार को रोकने का प्रयास करेगी।
जेपी नड्डा को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा उर्फ जेपी नड्डा नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनने पर उनके मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। जहां पर उनको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रसायन और उर्वरक मंत्रालय का भार सौपा गया है।जेपी नड्डा गुजरात राज्य से राज्यसभा के सदस्य हैं।जेपी नड्डा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं।भारतीय जनता पार्टी के सन 2019 से 2020 तक कार्यकारी अध्यक्ष तथा 2020 में पूर्ण रूप से पार्टी अध्यक्ष बने थे।मोदी सरकार के फेज टू में जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं।मोदी सरकार के फेज 3 में उनको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही साथ रसायन एवम उर्वरक मंत्रालय भी मिला हुआ है।पार्टी के द्वारा जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है।वे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का स्थान लेंगे।क्योंकि इस बार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल लोकसभा के सदस्य हैं।
कौन होता है सदन का नेता
राज्यसभा में सदन नेता का पद सभापति तथा उपसभापति के बाद में आता है अर्थात यह राज्यसभा में तीसरे नंबर का महत्वपूर्ण पद होता है। वैसे राज्यसभा में नेता सदन का पद प्रधानमंत्री का होता है यदि वे राज्यसभा के सदस्य हुए तो यदि वे राज्यसभा के सदस्य नही होते तो हैं तो वे अपने मंत्री मंडल से किसी मंत्री को या किसी राज्यसभा सदस्य को भी नेता सदन नियुक्त कर सकते हैं।
सदन के नेता की जिम्मेदारी क्या
नेता सदन का काम राज्यसभा को सही ढंग से चलाने के लिए पक्ष तथा विपक्ष के बीच सेतु का कार्य करता है।जो सदन में सत्ताधारी दल तथा विपक्षी दलों की मांगों को सदन में रखता है। नेता सदन को हमेशा राज्यसभा में बैठने के लिए पहली कुर्सी दी जाती हैं।ताकि वह पक्ष,विपक्ष,मंत्रिमंडल तथा पीठासीन अधिकारियों के टच में बना रहे। राज्यसभा के सभापति या उपसभापति नेता सदन से लगभग सभी राज्यसभा की कार्यवाही चलने के लिए सलाह लेता है।जैसे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए दिन व समय,सदन की कार्यवाही में सदस्यों के बोलने का समय आदि सदन के नेता की सलाह पर ही होता है।