Village Poverty Report: ग्रामीण इलाकों में गरीबी की मार अक्सर सामने आती है. लेकिन अब यह आंकड़ा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की सरकारी सहायता का र्यक्रम की वजह से ग्रामीण इलाकों में साल 2023 से 24 में गरीबों की दर 4.86% तक कम होगई है। एक रिसर्च के मुताबिक सामने आई रिपोर्ट में साल 2024 मार्च के महीने में यह 4.09% थी। वहीं, साल 2011 से 12 में यह 13.7% थी। होलिया साल 2023 और 24 में यह आंकड़ा 1,632 तक पहुंच गया है।
किस वजह से कम हुई गरीबी (Village Poverty Report)
रिसर्च के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट (Village Poverty Report) सामने आई है जिसमें गरीबी का अनुपात देखा जा रहा है। गरीबों के अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। सरकारी सहायता की वजह से यह नतीजा सामने आया है। इसके अलावा खाद्य कीमतों(food price)में बदलाव और व्यय का प्रभाव भी देखने को मिला है। इतना ही नहीं सांख्यिकी और कार्यक्रम मंत्रालय की तरफ से भी घरेलू उपभोग व्यय सर्वे किया गया था। साल 2024 में ग्रामीण और शहरी समानता देखी जाए तो काफी कम रही है।
गरीबी का अस्तित्व ना के बराबर
साल 2023 और 24 में ग्रामीण इलाकों में गरीबी में गिरावट देखी गई है। यह आकड़ा बताता है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के मामले में लोग उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। यह भी संभावना दिखाई जा रही है कि ग्रामीण और शहरी आबादी एक नया आंकड़ा बनाने वाले हैं। आने वाले साल के लिए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गरीबी दर ना के बराबर होगी।
उत्तर प्रदेश और बिहार
उत्तर प्रदेश और बिहार का बुनियादी ढांचा देखा जाए तो यहां की गांव में काफी बदलाव देखने को मिला है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में आय अंतर बहुत कम हो गया है। मुद्रास्फीति उच्च आय वाले राज्यों की तुलना अगर खपत की मांग से की जाए तो यह काफी कम हो गई है। सभी राज्यों में बचत अधिक हो गया है।