Zika Virus : देश में एक बार फिर जीका वायरस अपना पैर पसार रहा है। देश के कई इलाकों से जीका वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से जीका वायरस के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पुणे में 6 ऐसे मरीज मिले हैं जो इस वायरस से संक्रमित हैं। इन पीड़ितों में से दो महिलायें गर्भवती भी हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक जुलाई दिन सोमवार को पुणे में 46 वर्षीय एक डॉक्टर में जीका वायरस का पहला मामला पाया। इसके बाद, उनकी 15 वर्षीय बेटी भी पॉजिटिव पाई गई।हालाकि दोनों की हालत स्थिर है उनमें कोई लक्षण नहीं है। जीका वायरस बीमारी संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के भी वाहक हैं। जीका वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में पाया गया था।
पुणे नगर निगम (पीएमसी) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने बताया कि कुल 25 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12 सैंपल एरंडवाने से लिए गए थे, जिसमें दो गर्भवती महिलाओं के सैंपल शामिल थे। कुल सात सैंपल में से 12 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा, मुंधवा से 13 सैंपल लिए गए, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई।
क्या होता है जीका वायरस
एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी होती है जीका वायरस। इस वायरस के ऑर्गेनिज्म हमारे ऊतकों का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकाश संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं।
असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है।
जीका वायरस के क्या लक्षण
जीका वायरस के लक्षण एक अध्यनन के अनुसार 5 में से एक पर नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है।
गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा
जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है।
जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है।
इसके अलावा और ये भी लक्षण
जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं।
मस्तिष्क का पूरा तरह से विकास नही होता हैं।इस वायरस की वजह से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है।
इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।