United Nations : तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर पूरी तरह से काबिज हो गया है. लेकिन उसके बावजूद भी दुनिया के किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नही दी है. अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कई बार संयुक्त राष्ट्र बैठकें कर चुका है. लेकिन अभी तक तालिबान की ओर से इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया गया था. इस बीच UN ने कतर की राजधानी दोहा में 25 देशों के साथ एक बैठक की. जिसमें इस बार तालिबान की सरकार के नेताओं ने भी हिस्सा लिया. संयुक्त राष्ट्र की इस मीटिंग में शामिल होने से पहले ही तालिबान ने शर्त रखी थी कि अफगान महिलाओं के प्रतिनिधियों को इस बैठक से बाहर रखा जाएगा. नतीजन संयुक्त राष्ट्र को तालिबान की बातों को मानना पड़ा. इसके बाद ही तालिबान ने अपने प्रतिनिधि को दोहा में हुई इस बैठक में जाने की अनुमति दी.
किस विषय पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने बुलाई बैठक
इस बैठक के आयोजन से पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट कर दिया था कि यह बैठक तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए नहीं की जा रही है. अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान के वापसी के बाद पश्चिमी देशों के साथ महिलाओं के अधिकारों पर नजर रखने वाले विश्व के कई संगठनों ने तालिबान सरकार का विरोध किया है. उधर तालिबान ने पहले ही अपनी शर्त रखी थी कि इस बैठक में महिला अधिकारों पर बात नहीं होगी. दोहा में हुई इस बैठक के दौरान अफगानिस्तान में मानवीय संकट, ड्रग तस्करी समेत और कई अन्य मुद्दों पर बातचीत हुई है.
अफ़गानिस्तान में महिलाओं की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान के सामने क्या मांग की
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में तालिबान से महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में शामिल करने का अनुरोध किया गया है. दोहा में हुई इस बैठक की अध्यक्ष रोजमेरी डिकार्लो ने मंगलवार को बताया कि तालिबान अधिकारियों को सूचित किया गया कि महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए.