Delhi Bomb Blast News: भारत सरकार ने 28 नवंबर को लोकसभा में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को मिली फर्जी बम ब्लास्ट (Bomb Blast) धमकियों के आंकड़े साझा किए. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 से 14 नवंबर 2024 तक कुल 1,148 फर्जी Bomb Blast धमकियां कॉल और मैसेज के जरिए प्राप्त हुई हैं. इनमें से 2024 में ही धमकियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा गया है, जहां सिर्फ 11 महीनों में 999 धमकियां दर्ज की गईं.
आपको बता दे कि इन धमकियों ने न केवल उड़ानों के संचालन में बाधाएं पैदा कीं बल्कि यात्रियों के बीच चिंता का माहौल भी बना दिया. हालांकि, सरकार ने जांच के बाद इन सभी धमकियों को अफवाह करार दिया. लगातार बढ़ रही इन फर्जी धमकियों के कारण सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है. ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि हवाई यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
ये है पूरा मामला ?
भारत में फर्जी बम धमकियों की घटनाओं ने हवाई यात्रा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री ने 28 नवंबर को लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त 2022 से 14 नवंबर 2024 तक कुल 1,148 फर्जी बम धमकियां दर्ज की गई हैं। ये धमकियां कॉल और मैसेज के जरिए प्राप्त हुईं, जिनमें से अकेले 2024 में ही 999 धमकियां दर्ज की गईं.
लगातार बढ़ रही इन घटनाओं के कारण न केवल उड़ान संचालन में बाधाएं आ रही हैं, बल्कि यात्रियों को भी अपनी मंजिल तक समय पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धमकी मिलने के बाद हर बार सुरक्षा जांच प्रक्रिया को कड़ा करना पड़ता है, जिससे उड़ानों में देरी होती है. ये फर्जी धमकियां न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी करती हैं, बल्कि यात्रियों और एयरलाइन कर्मियों के लिए मानसिक तनाव का कारण भी बनती हैं.
फर्जी Bomb धमकियों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की है. जनवरी 2024 से अब तक 256 एफआईआर दर्ज की गईं और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. विशेष रूप से 14 अक्टूबर से 14 नवंबर 2024 के बीच, केवल एक महीने में 163 एफआईआर दर्ज हुईं, जो कि मामलों में तेजी से वृद्धि को दर्शाता है. ये आंकड़े दिखाते हैं कि सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन फर्जी धमकियों से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने और जिम्मेदार व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं.