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Indian Company Ban Remove: अमेरिका और भारत के रिश्ते होंगे मजबूत, भारतीय कंपनियों से हटा बैन

Indian Company Ban Remove

Indian Company Ban Remove: अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय कंपनियों (Indian Companys) को बैन किया था अब यह प्रतिबंध हटा दिया गया है. शीत युद्ध के समय में तीन भारतीय कंपनियों को टारगेट किया गया था जिनमे इंडियन रेअर अर्थ्स (Indian Rare Earths), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र(IGCAR) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र शामिल है.

एडमिनिस्ट्रेशन बाइडेन ने यह फैसला लिया था. एक खबर के मुताबिक वाणिज्यिक विभाग की तरफ से यह जानकारी दी गई है. अमेरिकी प्रशासन ने जो पहल की है इससे ऊर्जा सुरक्षा की जरूरत की दिशा में विकास और विज्ञान प्रौद्योगिकी को सहयोग मिला है. अमेरिकी विदेश नीति को भी प्रोत्साहन मिला है.

देशों को मिला है लाभ (Indian Company Ban Remove)

 

अंग्रेजी प्रशासन के स्पेशल से देश को लाभ मिला है. बीआईएस का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच में शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और अनुसंधान विकास गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस तरह से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी मजबूत सहयोग मिलेगा. इस तरह से पूरे देश और दुनिया को लाभ मिलेगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग

 

उद्योग और सुरक्षा लिहाज से देखा जाए तो वाणिज्य सचिन ऐलन एफ ने कहा है कि इस तरह से यह पता चलता है कि शक्तिशाली उपकरण अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को बढ़ाने का व्यवहार एक आकार देने वाला है. इन सभी इकाइयों की मदद से जोड़ने और चीजों को हटाने में मदद मिलेगी. यह आधुनिकरण समर्थन का एक परिणाम है। इस तरह से हमारे लक्ष्य और नीति मजबूत होती है.

मिलेगा घनिष्ठ सहयोग

 

निर्यात प्रशासन की बात करें तो वाणिज्य के प्रधान सहायक सचिव मैथ्यू बोरमैन ने कहा है भारत की तीन कंपनियों से बैन हटाने पर अब संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच में लचीलेपन का संबंध होगा. खनिज और ऊर्जा से घनिष्ठ सहयोग भी मिलेगा. भारत और अमेरिका की साझेदारी राजनीतिक दिशा दिखाती हुई नजर आएगी.

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