संयम बनाए रखें
उधारी के मामले में सबसे पहले आपको शांत और संयमित रहना होगा. बातचीत करते समय अपने गुस्से को नियंत्रण में रखें और विनम्रता से अपनी बात रखें. कई बार लोग परिस्थितियों के कारण उधारी भूल जाते हैं, इसलिए उन्हें याद दिलाना जरूरी होता है.
समय सीमा तय करें
उधारी देने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आप सामने वाले से यह तय कर लें कि पैसे या सामान को कब तक लौटाना है. इससे किसी भी गलतफहमी को टाला जा सकता है और वह व्यक्ति समय पर उधारी चुका सकेगा.
सामने वाले की स्थिति समझें
अगर लगातार याद दिलाने के बावजूद भी उधारी नहीं लौटाई जा रही है, तो सामने वाले की आर्थिक स्थिति को समझने की कोशिश करें. हो सकता है वह कठिनाई में हो, और ऐसे में आप किस्तों में उधारी की वापसी का प्रस्ताव दे सकते हैं.
लिखित समझौता करें
अगर उधारी की राशि बड़ी है, तो इसे लिखित रूप में दर्ज कराना बेहतर होगा. इससे आपको कानूनी सुरक्षा मिलती है और सामने वाला व्यक्ति भी यह समझता है कि आप इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं.
कानूनी उपाय अपनाएं
अगर सभी प्रयासों के बावजूद उधारी वापस नहीं मिल रही है, तो कानूनी कार्रवाई का विचार करें. यह कदम तब उठाएं जब स्थिति आपके हाथ से बाहर हो और उधारी की वसूली में कोई अन्य तरीका कारगर न हो.