PNG Gas Price: मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में आज से पाइपलाइन के माध्यम से सप्लाई की जा रही रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि हो गई है, जिससे किचन में खाना पकाना महंगा हो गया है. महानगर गैस लिमिटेड, जो शहर में पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की सप्लाई करती है, ने शुक्रवार से पीएनजी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा कर दिया है. इस बढ़ोतरी के बाद, मुंबईवासियों को अब पहले से ज्यादा खर्च करना होगा, जिससे घरेलू बजट पर दबाव पड़ सकता है. यह बढ़ोतरी गैस उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनका अधिकांश खर्च रसोई गैस पर निर्भर करता है.
इतनी हुई कीमत
शुक्रवार को हुए दामों की बढ़ोतरी के बाद मुंबई में एक किलोग्राम PNG की कीमत अब 77 रुपये तक पहुंच गई है. यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों के बाद जनता पहले ही महंगाई से परेशान है. पीएनजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी कंपनी द्वारा लागत कम करने के उद्देश्य से की गई बताई जा रही है, लेकिन इसके बाद आम लोगों के लिए रसोई गैस की कीमत और भी बढ़ गई है. इससे न केवल गृहिणियों को परेशानी हो रही है, बल्कि इससे जुड़े अन्य घरेलू खर्चों पर भी असर पड़ सकता है. इस कीमत में वृद्धि से मुंबईवासियों के घरेलू बजट पर और अधिक दबाव बन गया है.
अक्टूबर में भी गैस की कीमतों में कटौती की गई थी, जब केंद्र सरकार ने एमजीएल के घरेलू एपीएम गैस आवंटन में कमी की थी. इस फैसले पर CGD (सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन) खिलाड़ियों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इससे उनकी प्रॉफिटेबिलिटी पर असर पड़ेगा. अब नवंबर में गैस आवंटन में एक और कटौती की गई है, जिससे स्पॉट या आयातित एलएनजी जैसे महंगे विकल्पों पर निर्भरता बढ़ गई है. इस बदलाव से कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ेगा और ग्राहकों को भी संभावित मूल्य वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है.
पीएनजी या पाइप्ड नेचुरल गैस, प्राकृतिक गैस का एक रूप है जिसे भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से सीधे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है. यह एक स्वच्छ-जलने वाला ईंधन है, जो मुख्य रूप से मीथेन से बना होता है. इसे पारंपरिक ईंधनों के मुकाबले अधिक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह कम प्रदूषण उत्पन्न करता है. लेकिन, अब बढ़ती कीमतों और लागत में वृद्धि के कारण, यह स्वच्छ ऊर्जा विकल्प भी लोगों के लिए महंगा हो सकता है, जो खासकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है.