Tomato Price: टमाटर की कीमतों में स्थिरता लाने और आम जनता को राहत देने के लिए सरकार ने नए प्रयास शुरू किए हैं. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे (Nidhi Khare) ने बताया कि पिछले साल जून में ‘टमाटर ग्रैंड चैलेंज (TGC) हैकाथॉन’ का आयोजन किया गया था. इस पहल का उद्देश्य टमाटर मूल्य श्रृंखला के अलग-अलग स्तरों पर इनोवेटिव आइडियाज को बढ़ावा देना था. इसके तहत 1376 विचार प्राप्त हुए, जिनमें से 28 नए विचारों को फाइनेंस किया गया है. इनमें टमाटर से वाइन बनाने जैसे अभिनव आइडिया शामिल हैं, जो सप्लाई चेन और प्रोसेसिंग लेवल को सुधारने में मदद करेंगे.
टमाटर की कीमतें अब स्थिर
खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें वर्तमान में 25 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो के बीच बनी हुई हैं. यह सरकार के प्रयासों का परिणाम है. टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए इन स्टार्टअप्स को फाइनेंस कर उनकी क्षमता बढ़ाई जाएगी. इससे न केवल उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर टमाटर उपलब्ध होगा, बल्कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिलेगा.
कीमतों में उतार-चढ़ाव की समस्या
साल में कम से कम 2-3 बार टमाटर की कीमतों में अचानक 100% तक की बढ़ोतरी देखी जाती है. कभी-कभी कीमतें इतनी गिर जाती हैं कि किसान नुकसान में आ जाते हैं. सचिव ने कहा कि टमाटर की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए कटाई से पहले और बाद के नुकसान को कम करने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और प्रोसेसिंग लेवल को बढ़ाने की जरूरत है.
हैकाथॉन के जरिए समाधान
शुरुआती चरण में 423 विचारों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिनमें से 28 को अंतिम रूप दिया गया. इन परियोजनाओं को सरकार ने फाइनेंस किया है. उम्मीद है कि इन उपायों से न केवल कीमतें स्थिर रहेंगी, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा. भारत में हर साल करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है, और इस पहल से टमाटर उद्योग को मजबूती मिलेगी.