Mahakumbh 2025 Controversy: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज महाकुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. देश विदेश से भक्ति महाकुंभ के इस मेले में शामिल होने आते हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं. महाकुंभ के दिनों में त्रिवेणी संगम के दौरान स्नान कर पूजा अर्चना की जाती है. इस धार्मिक माहौल के बीच अब राजनीतिक विवाद भी शुरू हो चुका है. महाकुंभ के मेले में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) की मूर्ति की वजह से यह विवाद (Mahakumbh 2025 Controversy) खड़ा हो गया है. मूर्ति को लेकर अखाड़ा परिषद की तरफ से निंदा का सामना करना पड़ा है.
महाकुंभ का क्या है पूरा मामला (Mahakumbh 2025 Controversy)
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मुलायम सिंह यादव की मूर्ति को स्थापित किया गया है. मुलायम सिंह यादव की यह मूर्ति 3 फुट की बनाई गई है और सेवा संस्थान शिविर में स्थापित किया गया है. इस मूर्ति को लेकर सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने ऐसा कहा है कि सभी श्रद्धालु मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देंगे.
प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में लगे श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान के शिविर में नेता प्रतिपक्ष श्री माता प्रसाद पांडेय जी ने नेता जी की प्रतिमा का किया अनावरण।
नेता जी अमर रहें! pic.twitter.com/hnue1glWux
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 12, 2025
अखाड़ा परिषद ने खड़ा किया विवाद
अखाड़ा परिषद की तरफ से महाकुंभ (Mahakumbh 2025 Controversy) मेले में लगे मुलायम सिंह की मूर्ति को लेकर निंदा जताई गई है. बता दें कि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने अपने जवाब में कहा है कि, “मुलायम सिंह यादव की मूर्ति इसलिए लगाई गई है क्योंकि हमें कुछ याद दिलाया जा रहा है, हमें लघुलुहान किया गया था. हम मुलायम सिंह का विरोध नहीं करते हैं वह हमारे देश के मुख्यमंत्री थे लेकिन इस मूर्ति को लगाना गलत है. इस बात को भी हर कोई जानता है कि राम मंदिर में उनका क्या योगदान था वह शुरू से ही हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी रहे हैं.”