SpaDeX Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी की ISRO ने बड़ी सफलता हासिल की है. स्पेडेक्स मिशन (SpaDex Mission) के जरिए अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट डोटिंग का फोर्थ ट्रायल सक्सेसफुल रहा है. इस मिशन को लेकर इसरो की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि वैज्ञानिकों का प्रयास सफल रहा है और कामयाबी मिली है. इस मिशन में कामयाबी पाने वाला भारत चौथा देश बन गया है. यह भविष्य में चलाई जाने वाले मानव मिशन और इंटर प्लेनेटरी मिशन में काम आएगा.
क्या है डोटिंग प्रोसेस
1. डॉटिंग प्रक्रिया में ऐसा होता है की दो सैटेलाइट एक दूसरे के पास आते हैं और एक साथ जुड़ जाते हैं.
2. यह एक कठोर प्रक्रिया है जिसमें अंतरिक्ष अभियानों का इस्तेमाल किया जाता है.
3. इसका यह मकसद है कि दो उपग्रहों को एक साथ जोड़ा जाए और डाटा शेयर किया जाए. इसके अलावा पावर सोर्सेस को जोड़ना और मिशन को अंजाम देना.
4. स्पेस डोटिंग के समय अंतरिक्ष यान को दूसरे यह के पास ले जाते हैं और इस तरीके से जोड़ना होता है ताकि कोई नुकसान का सामना न करना पड़े.
क्या होता है स्पेडेक्स मिशन(SpaDeX Mission)
1. इस मिशन में दो सैटेलाइट होते हैं जिसमें से पहले चेसर और दूसरा टारगेट होता है.
2. चेसर सैटेलाइट टारगेट को टारगेट को पकड़ के डोटिंग इन करता है.
3. सैटेलाइट का वजन 220 किलो का होता है.
4. इस तरह के सैटेलाइट को रोके पीएसएलवी के जरिए लॉन्च किया जाता है.
5. इसरो की तरफ से 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से रात 10:00 बजे लॉन्च किया गया था.
इस दिन की गई थी कोशिश
12 जनवरी को इसरो ने यह जानकारी दी थी की स्पेस डोटिंग एक्सपेरिमेंट प्रोजेक्ट लक्ष्य के करीब पहुंचकर मिशन पूरा नहीं कर पाया था. दोनों सेटेलाइट की दूरी 15 मीटर से 3 मीटर तक लाने की कोशिश सक्सेसफुल नहीं हो पाई थी. यह एक दूसरे से दूर हो गए थे. 12 जनवरी को तीसरी कोशिश की गई थी.